Kasam Shayari In Hindi : कसम से बहुत सताते हो तुम,अक्सर बिना आवाज, बिना दस्तक, दबे पाँव,मेरे ख्यालों में चले आते हो तुम… हम तुम्हे कभी खोना नहीं चाहते,कसम खुदा की तुम्हारे सिवा,हम किसी और के होना नहीं चाहते…
नासमझ तो ये दिल है जो उस वक़्त तेरे साथ जब तू मायूस ~ थी और आज भी जब तू मेरा दिल दुखाकर खुश है।
उसूलों पर चलती है अपनी दुनिया,जो वफादार नही वो अपना यार नही.
वो जिसे नींद कहा करते है सब चैन की, ~ तेरे जाने के बाद कभी आँख में उतरी ही नहीं
जिनके पास जिंदगी में देने के लिये,मोहब्बत के सिवा कुछ नही होता है,उन्हें जिंदगी में दर्द के सिवा कुछ नही मिलता है.
हमने खोया इतना कुछ कि पाना ना आया,प्यार कर तो लिया हमने पर जताना न आया;आ गए थे तुम इस दिल में पहली नज़र में ही,बस हमें ही आपके दिल में समाना न आया.
इस🌍 दुनिया में 🤨कुछ ऐसा😁 हो चमत्कार,🌟हर😁 इन्सान के❤️ हृदय से मिट❌ जाएँ अहंकार.🔥🔥🔥
अगर तू 👧 पत्थर है तो फिर, मेरा 👦 ठोकर खाना 💔 जरूरी है..
किनारों से मुझे ऐ नाख़ुदा दूर ही रखना.. ~ वहाँ ले कर चलो, तूफ़ान जहां से उठने वाला हैं।
बता किस कोने में, सुखाऊँ तेरी यादें, बरसात बाहर भी है, और भीतर भी है
किसी🤨 के पैरो 🤟में गिरकर कामयाबी✊ पाने के बदले,😯अपने पैरो🤨 पर चलकर कुछ😟 बनने की ठान लो👍👍
ज़ुबान😏 कड़वी ही👍 सही मगर साफ़ 😜रखता हुं.कौन, 😯कहाँ, कब🤨 बदल गया सबका👍 हिसाब रखता हूँ.💯💯💯
वो भला पेच निकालेंगे मिरी क़िस्मत के ~ अपने बालों के तो बल उन से निकाले न गए
अजीब तरह से गुजर रही ज़िन्दगी अपनी, दिलों पे राज किया फिर भी मोहब्बत को तरस रहे है !
उसे भुला दे मगर इंतज़ार बाकी रख ~ हिसाब साफ़ न कर कुछ हिसाब बाकी रख…
समन्दर 😍 भी हैरान था, हमें डूबते देखकर 😀 की कैसा शख्स है किसी को 😰 पुकारा तक नही..!!
फिर गए आप मेरे कूचे से, ~ दो कदम पर गरीब-खाना था
मेरी पहली पाठशाला,मेरी पहली दोस्त,मेरी खुशी का पता,मेरी बीमारी में मेरा पहला दवाखाना,मेरी माँ के पास हर समस्या का हल है।Love you mom 😘😘
वो खुद भूखी रह लेगी।लेकिन अपने हिस्से की रोटी भीअपने बच्चों में बांट देगी।ऐसी होती है माँ
आँख भर आई किसी से जो मुलाक़ात हुई ~ ख़ुश्क मौसम था मगर टूट के बरसात हुई!!!
मरज़-ए-इश्क़ जिसे हो उसे क्या याद रहे ~ न दवा याद रहे और न दुआ याद रहे
ये कैसी मोहब्बत है की मै किस खुमार में हूँ, वो आके जा चुकी है मै अब भी इंतजार मे हूँ
लोग कहते हैं हर दर्द की एक हद होती है ~ कभी मिलना हमसे हम वो दर्द की हद अक्सर पार कर जाते हैं
मुद्दतें हो गयीं हैं चुप रहते-रहते, ~ कोई सुनता तो हम भी कुछ कहते…
उसका इश्क़ भी चाँद जैसा था ~ जैसे पूरा हुवा तो घटने लगा
जैसे मेरी निग़ाह ने देखा न हो तुझे ~ महसूस ये हुआ तुम्हें हर बार देखकर
दिखावे की मोहब्बत से बेहतर है हमसेनफ़रत कीजिये जनाब, हम सच्चेजज्बातों की बड़ीकदर करते है !!
माँ से बड़ा कोई भगवान हो ही नहीं सकताक्योंकि जब भगवान को भी अवतार लेना होता हैतो उससे भी माँ की कोख की ही जरूरत पड़ती है
जो मोहब्बत में खाक़ होते हैं ~ उनके जज़्बात पाक होते हैं!!!
रिश्तों से आज़ाद मैं, नखरों की गुलामी नही करता,मुंह पर सच बोलता हूं, पीठ पीछे बदनामी नही करता।
बेशक बातें कम हो गई हैं,पर फिक्र हर पल रहती हैं तेरी…Beshak baatein kam ho gayi hain,Par fikra har pal rahti hain teri…
एक महबूब लापरवाह एक मोहब्बत बेपनाह दोनों काफी हैं सुकून बरबाद करने को!!!
कुछ इख़्तियार किसी का नहीं तबीअत पर ये जिस पे आती है बे-इख़्तियार आती है -jaleel-manikpuri
तेरी यादें भी मेरे बचपन के खिलौने जैसी हैं, तन्हा होता हूँ तो इन्हें लेकर बैठ जाता हूँ।
मेरे बटुए में तुम पाओगे अक्सर नोट खुशियों के, मैं सब चिल्लर उदासी के अलग गुल्लक में रखता हूं *************************************
हम तो बस एक पल गुज़ारने आये थे इस महफ़िल में मुहब्बत मिली इतनी कि हम अब इसे अपना घर समझ बैठे हैं!!!
किसे यकीन की तुम देखने को आओगे, ~ आखिरी वक़्त मगर इंतज़ार और सही.
बदल देना है रास्ता या कहीं पर बैठ जाना है की थकता जा रहा है अब ये सफ़र आहिस्ता आहिस्ता!
कभी चाल, कभी मकसद, कभी मंसूबे यार होते हैं, आज के दौर में ‘नमस्कार’ के मतलब हजार होते हैं..!!!
कभी फायदा उठा कर थकजाओ तो अपनी गिरी हुई सोच भीउठा लेना..!!
तेरे बगैर किसी और को देखा नहीं मैंने,सूख गया वो तेरा गुलाब लेकिन फेंका नहीं मैंने।।
तुमसे बिछुड़ा हूँ और ज़िंदा हूँ ~ यानी जैसे के कुछ हुआ ही नहीं …
अगर तू इत्तिफ़ाक़न मिल भी जाए, ~ तेरी फ़ुर्क़त के सदमे कम न होंगे
जब अपनो ने ही मुँह मोड़ लिया,तो पराए लोगों के लफ़्ज़ों से क्या फर्क पड़ता हैं…Jab apno ne hi muh mod liya,Toh paraya logo ke lafzo ka kya farq padta hain…
तेरी अकड़ मेरे कदमो की धूलतू चूतिया है ये मत भूल
तुम बड़े अच्छे वक़्त पर आये, ~ आज एक ज़ख्म की ज़रुरत थी
सीखा है मैने जिन्दगी से एक तजुर्बा .॥ जिम्मेदारी इंसान को वक्त से पहले बड़ा बना देती है…!! *************************************
एक दर्द छुपाए फिरते है बरसो से दिल में,क्यों ना आज कह दू इस भरी महफ़िल में,जिसको अपना हमसफ़र समझता था,वहीं कांटा बन गया आखिर मेरी मंज़िल में.
हम ने चाहा था कि हाकिम से करेंगे शिकवा, ~ वो भी कम्बख़्त तेरा चाहने वाला निकला
लफ्जों में महफूज़, करके छुपा लूं उसको, मिस्ले गुलाब है वो… . उसकी आँखों में खुद को पढ़ता हूँ, मेरे दिल की किताब है वो
यूँ मआनी से बहुत ख़ास है रिश्ता अपना ज़िंदगी कट गई लफ़्ज़ों को ख़बर करने में
रिश्ते संजोने के लिए मैं हमेशा झुकता ही रहा ~ और लोग इसे मेरी औकात समझ बैठे…
अंदाज😯 थोड़ा अलग🤟 रखता हूं, शायद 😜इसीलए में😟 लोगों को गलत ❌लगता हूं💥💥💥
हर किसी 🤨 के हाथ मैं✊ बिक जाने को😣 तैयार नहीं,❌यह❤️ मेरा दिल है✊ तेरे शहर 🌃का अख़बार नहीं💥💥💥
रूह के नजदीक आँख से ओझल ~ दिल के रिश्ते भी अजीब होते हैं
कभी हो मुखातिब तो कहूँ क्या मर्ज़ है मेरा, ~ अब तुम दूर से पूछोगे तो ख़ैरियत ही कहेंगे…
तू गया वक्त तो नहीं जो भुला दूं तुझको ~ तू तो मेरा हाल है जो बीत रहा है मुझ पर!!!
इश्क ❤️के बाजार मे🤟 मेरे खरीददार🤝 बहुत है, और तुम 😯सोचती हो😬 इकलौती हो,🤟अरे 🤨जा तेरे 🤨जैसे मेरे यार✊ बहुत है.🔥🔥🔥
बड़ी ही खूबसूरत शाम हुआ करती थी वो तेरे साथ की ….. ~ अब तक खुशबू नही गई, मेरी कलाई से तेरे हाथ की…
ऐसा नहीं कि उनसे मुहब्बत नहीं रही जज़बात में वो पहली सी शिद्दत नहीं रही!
सोचता हूँ दोस्तों पर मुकदमा कर दूँ, इसी बहाने तारीखों पर मुलाक़ात तो होगी..!!!
हमारा 😇टाइम कुछ 🕦इस तरह आएगा👍जो🤨 नफरत करता 💔है वो भी 🤟हमें चाहेगा ♥️♥️♥️
वादा नहीं निभा सकते हैं तोकरो भी मतअगर तुम सच्च कहते हो तोडरो भी मतचाहने वाले तो बोहोत मिलेंगेतुमको हमकोअगर प्यार नहीं कर सकते तोमिलो भी मत।
ज़िंदगी में गुलाब के तरह खिलना हैं,तो काटो से तालमेल बढ़ाना ही पड़ेगा..Zindagi mein gulab ke tarah khilna hain,Toh kato se taalmel badhana hi padega…
“जाँबाज़ परिंदा है तू, कोई हारा हुआ विहंग नहीं।”
बहुत सकून मिलता है जलने वालोंको और जलाने में ।।
एक अधूरापन सा लगता हैं, ~ जब तुमसे बात नही हो पाती…
जिसको 🤨जो कहना ✊है कहने दो👍, अपना क्या जाता है,😯ये🕣 वक्त वक्त की बात 🤨है, और वक्त 🕣सबका आता है🔥🔥🔥
ये मालूम है मुझे कि बहुत चाहा है ज़माने ने मुझे, मै पसंद तो सबको हूँ मगर सिर्फ ज़रूरत की तरह।।
वो पेड़ आज भी मुस्कुरा रहें हैं, जिन्हें हुनर था थोडा झुक जाने का……
डर से😱 मत डरो,😟 डर को डराओ,😯 जो 🤨भूल गया 😯है उसे उसकी 👍औकात याद दिलाओ🤟🤟🤟
खुदकुशी हराम है साहब, मेरी मानो तो इश्क़ कर लो
काश की बचपन में ही तुझे मांग लेते हर चीज मिल जाती थी दो आसूं बहाने से.