Karbala Shayari In Hindi : सबा भी जो गुजरे कर्बला से तो उसे कहता है अर्थ वाला, तू धीरे गूजर यहाँ मेरा हुसैन सो रहा है। ना जाने क्यों मेरी आँखों में आ गए आँसू, सिखा रहा था मैं बच्चे को कर्बला लिखना।
जिस तरह Diwali बिना Ali अधूरी है, वैसे ही Muharram भी कहाँ बिन Ram मुकम्मल है.
ज़िक्र-ए-हुसैन आया तो आंखें छलक परें!!पानी को कितना प्यार है अब भी हुसैन कहो!!
लहू बहता था मगर शिकवा नहीं था.या ख़ुदा फिर ज़माने को कोई हुसैन दे ।
ऐ दोस्त तेरी दोस्ती के लिए दुनिया छोड़ देंगे हम तेरी तरफ आये हर तूफ़ान को मोड़ देंगे लेकिन तूने जो साथ छोड़ा कसम से तेरी हड्डिया तोड़ देंगे
Seema🥀 ईश्वर: मम न्यायदाता ,❤️ योगक्षेम वगाम्यहम् 🥀🌹 Himachali 🌻 hp (32) Dog Lover 🐕🐶🐩 18🌚 Live😊…love🖤.. laugh 😂
ईद का त्यौहार आया है!!खुशियां अपने संग लाया है!!खुदा ने दुनिया को महकाया है!!देखो फिर से ईद का त्यौहार आया है!!आप सभी को दिल से ईद मुबारक!!
वो जिसनेº अपने नाना का वादा वफाº कर दियाघर का घरº सुपुर्द-ए-खुदा कर दियानोश कर लिया जिसनेº शहादत का जामउस हुसैन इब्नº अली को लाखों सलाम
लोंग है मंजिल फार है किनारा फिर क्यों नहीं आया टुडे एस मेस तुम्हारा फॉरगेट गए नंबर और नाम हमारा या फिर यु फाउंड सम वन हमसे भी प्यारा
कर्बला की कहानी में कत्लेआम था!!लेकिन हौसलों के आगे हर कोई गुलाम था!!खुदा के बन्दे ने शहीद की कुर्बानी दी!!इसलिए उसका नाम पैगाम बना!!
यूँ ही नहीं जहाँ में चर्चा हुसैन का!!कुछ देख के हुआ था ज़माना हुसैन का!!सर दे के जो जहाँ की हुकूमत खरीद ले!!महंगा पड़ा यज़ीद को सौदा हुसैन का!!
पानी का तलब हो तो एक काम किया कर,कर्बला के नाम पर एक जाम पिया कर,दी मुझको हुसैन इब्न अली ने ये नसीहतजालिम हो मुकाबिल तो मेरा नाम लिया कर,
करीब अल्लाह के आओ तो कोई बात बने, ईमान फिर से जगाओ तो कोई बात बने, लहू जो बह गया कर्बला में, उनके मकसद को समझा तो कोई बात बने।
वो जिसने अपने नाना का वादा वफ़ा कर दिया!!घर का घर सुपर्द-ए-खुदा कर दिया!!नोश कर लिया जिसने शहादत का जाम!!उस हुसैन इब्ने-अली पर लाखों सलाम!!
“एक दिन बड़े गुरुर से कहने लगी ज़मीन, आया मेरे नसीब में परचम हुसैन का.. फिर चाँद ने कहा मेरे सीने के दाग देख, होता है आसमान पे भी मातम हुसैन का..”
जब भी कभी ज़मीर का सौदा होकायम रहो दोस्तों हुसैन के इंकार की तरह
कत्ल-ए-हुसैन असल में मार्ग-ए-यजीद हैइस्लाम ज़िंदा होता है हर करबला के बाद
जालिम का नाम मिट गया तारीख़ से मगर, वो याद रह गए जिन्हें पानी नहीं मिला… कुमार विश्वास
हाँ हमे आपसे मिलकर अच्छी जानकारी मिली अब हम आगे भी आते रहेगे आपके चेनल पर
ईद अब के भी गई यूँही किसी ने न कहा!!कि तिरे यार को हम तुझ से मिला देते हैं!!
ज़िक्र-ए-हुसैन आया तो आँखें छलक पड़ी, पानी को कितना प्यार है अब भी हुसैन से. Mateen Ahmad
ख़ुदा 🥀का जिस पर 🥀रहमत हो वो हुसैन🕌 होता है!!जो इन्साफ 💯और सत्य 💯के लड़ जाए वो हुसैन🕌 होता है!!
तेरी दुनिया में कोई गम ना हो ख़ुशी कभी कम ना हो भगवान तुमको ऐसी आइटम दे जो दबंग की मुन्नी से कम ना हो
कर्बला की शहादत इस्लाम बना गयी, खून तो बहा था लेकिन कुर्बानी हौसलों की उड़ान दिखा गयी। मुहर्रम शायरी
ज़िन्दगी के हर पल खुशियों से कम न हो!!आप के हर दिन ईद के दिन से कम न हो!!ऐसा ईद का दिन आपको हमेशा नसीब हो!!
गुरूर टूट गया कोई मर्तबा ना मिला,सितम के बाद भी कुछ हासिल जफ़ा ना मिला।
शहादत सब के हिस्से में कहाँ आती है दुनिया में मैं तुझ पे रशक करता हूँ तिरा मातम नहीं करता! Muharram Sad Shayari
कई बार खेले होगे किशीके दिलसे ।👉🏻 मत खेलो किशीके दिलसे ।👉🏻 दर्द होता है दिल टूटने पे ।😔
“मेरे लिए, मृत्यु और कुछ नहीं बल्कि खुशी है, और अत्याचारियों के अधीन होना और कुछ नहीं बल्कि नरक में रहना है”
आशिक़ी का हो बुरा हाल इसने बिगाड़े सारे काम हम तो ऐ.बी.में रहे अघिआर बी. ऐ.पास हो गए
सुन लो यज़ीदीयों, तड़पा नही हुसैन मेरा, पानी के लिए दरिया ज़रूर महरूम था, लब-ए हुसैन को छूने के लिए। Muharram Shayari
“करबला को करबला के शहंशाह पर नाज है, उस नवासे पर मोहम्मद को नाज़ है, यूँ तो लाखों सर झुके सजदे में लेकिन हुसैन ने वो सजदा किया जिस पर खुदा को नाज़ है.”
इस दुनिया में लाखो लोग रहते है कोई हँसता है तो कोई रोता है पर दुनिया में सुखी वही होता है जो शाम को 2 पैग लगा के सोता है
एक विद्वान के संकेतों में से एक अपने स्वयं के शब्दों और विचारों की आलोचना करना और विभिन्न दृष्टिकोणों से अवगत होना है।
न हिला पाया वो रब की मैहर को!!भले जीत गया वो कायर जंग!!पर जो मौला के दर पर बैखोफ शहीद हुआ!!वही था असली और सच्चा पैगम्बर!!
सजदे से कर्बला को बंदगी मिल गयी, सब्र से उम्मत को ज़िन्दगी मिल गयी, एक चमन फातिमा का उजड़ा मगर सारे इस्लाम को जिंदगी मिला गयी.
ना जाने कब कोई तारा टूट जाये ना जाने कब कोई आंसू आँख से छूट जाये कुछ पल हमारे साथ भी हँस लो ना जाने कब तुम्हारे दांत टूट जाये
मुहर्रम के इस शुभ दिन पर अल्लाह आपको!!और आपके परिवार को हमेशा आशीर्वाद दे!!हिजरी नववर्ष की शुभकामनाएं!!
ज़िन्दगी के हर पल खुशियों से कम न हो!!आप के हर दिन ईद के दिन से कम न हो!!ऐसा ईद का दिन आपको हमेशा नसीब हो!!
“फिर आज हक के लिए जान फ़िदा करे कोई, वफ़ा भी झूम उठे यूँ वफ़ा करे कोई, नमाज़ 1400 सालों से इंतज़ार में है, हुसैन की तरह मुझको अदा करे कोई..”
कर्बला को कर्बला के शहंशाह पर नाज़ है,उस नवासे पर मुहम्मद को नाज़ है,यूँ तो लाखों सिर झुके सज़दे में लेकिनहुसैन ने वो सज़दा किया जिस पर खुदा को नाज़ है,
खुदा करे किसी को जुदाई ना मिले खुदा करे किसी को जुदाई ना मिले और जो ग्रुप में मैसेज ना करे उसे ठण्ड में रजाई ना मिले
मुहर्रम को याद करो वो कुर्बानी!!जो सिखा गया सही अर्थ इस्लामी!!ना डिगा वो हौसलों से अपने!!काटकर सर सिखाई असल जिंदगानी!!
“सत्य की खोज के बिना बुद्धि पूर्ण नहीं होगी”
आशिक पागल हो जाते है प्यार में बाकि कसर पूरी ही जाती इंतजार में मगर ये फौजी दिलरुबा नहीं समझती गोलगप्पे खाती फिरती है बाजार में
जो कोई अल्लाह की अवज्ञा के माध्यम से लोगों की संतुष्टि चाहता है; फिर अल्लाह उसे लोगों के अधीन कर देता है।
खून से चिराग-ए-दीन जलाया हुसैन ने रस्म-ए-वफ़ा को खूब निभाया हुसैन ने खुद को तो एक बूँद न मिल सका लेकिन करबला को खून पिलाया हुसैन ने
मुहर्रम के शुभ दिन पर!!अल्लाह आपको भलाई!!धन, शांति और खुशी प्रदान करे!!
वो मुझसे मिलकर रोयी इतना की उसकी नाक का बुलबुला देख कर मेरी हंसी निकल गयी
हैरत में चाँद सितारे आज भी है. बहत्तर हजारों में ज़िंदा आज भी हैं. हमारे घर में चमकते है इस्लाम के चेहरे. हुसैन तुम्हारे दीन के पहरे आज भी हैं।
कर्बला की शाहदत इस्लाम बन गई ,खून तो बहा था लेकिन ,हौशालो की उडान बन गई |
गुरूर टूट गया कोई मर्तबा ना मिला सितम के बाद भी कुछ हासिल जफा ना मिला सिर-ऐ-हुसैन मिला है यजीद को लेकिन शिकस्त यह है की फिर भी झुका हुआ ना मिला
आया वो मेरे दिल में फिर एक नए गम की तरह!!इस बार भी ईद गुजरी मेरी मुहर्रम की तरह!!
करीब अल्लाह के आओ तो कोई बात बने ,ईमान फिर से जगाओ तो कोई बात बने ,लहू जो बह गया कर्बला में ,उनके मकसद को समझो तो कोई बात बने |
डॉव से नहाकर क्या करना है 2016 में तो सभी को मारना है 1 साल ख़ुशी से जी लो यारो अगले जन्म में फिर जॉनसन बेबी से शुरू करना है
मर्यादा के साथ मृत्यु, अपमान के जीवन से बेहतर है।
सिर गैर के आगे ना झुकाने वाला!!और नेजे पे भी कुरान सुनाने वाला!!इस्लाम से क्या पूछते हो कौन हुसैन!!हुसैन है इस्लाम को इस्लाम बनाने वाला!!
बनी दुनिया🌍 जिसके लिए!!रहे न वो 🥀अब यहाँ!!हुए 💢कुर्बान इस 💯क़दर!!दे गए 🌟मिसाल ईमान🕌 की!!
शायद मेरे प्यार को टेस्ट करना भूल गयी तुम दिल से ऐसा कट किया की पेस्ट करना भूल गयी तुम
कौन भूलेगा वो सजदा हुसैन का ,खंजरों तले भी सिर झुका न था हुसैन का,मिट गई नस्ल ए यजीद कर्बला की खाक में ,कयामत तक रहेगा जमाना हुसैन का |
दिल थाम के सोचा लिखूं शान-ए-हुसैन में, कलम चीख उठी कहा बस अब रोने दो. मुहर्रम शायरी
बनी दुनिया जिसके लिए.. रहे न वो अब यहाँ, हुए कुर्बान इस क़दर दे गए मिसाल ईमान की.
मौसम ये हसीन कहता है प्यार करले दिल दीवाना कहता है इकरार करले चाहत कहती है इजहार करले पर मम्मी कहती है पहले ग्रेजुएशन तो पास करले
धड़कन दिल की रुक जाती है सांसे अक्सर थम जाती है बहुत बुरी हालत होती है यारों जब गर्लफ्रेंड से शादी करने की नौबत आती है
इस पबित्र मुहर्रम को आप अपने परिवार के साथ अच्छे से मनाये । यह नया साल आपके और आपके परिवार के लिए खुशियां और समृद्धि लाए।
इमाम का हौसला इस्लाम जगा गया!!अल्लाह के लिए उसका फर्ज आवाम को धर्म सिखा गया!!
लता तम काम वो अपने वाली से है!!निस्बत हर एक इमाम की नूर-ए-जली से है!!कुल अख्तियार दे दिया हसन-ओ-हुसैन को!!दैता खुदा जरूर है पर मिलता अली कहता है!!
उम्मीदों की मंजिल टूट गयी आँखों से अश्को की धारा बह गयी अरे तुम्हारी भी क्या इज्जत रह गयी जब क्लास में लड़की भैया कह गयी
कौन उलझेगा मोहम्मदﷺ के जिगर पारों सेजंग का पांसा पलट देते हैं किरदारों सेसर जो सजदे में कटा ये है नज़र का धोखाशम्मा की लौ भी कहीं कटती है तलवारों से?
जब भी कभी ज़मीर का सौदा होकायम रहो दोस्तों हुसैन के इंकार की तरह
क्या जलवा कर्बला में दिखाया हुसैन नेसजदे में जाकर सिर कटाया हुसैन नेनेजे पर सिर था और जबान पर आयतेंकुरान इस तरह सुनाया हुसैन ने
प्रकाश के पथ पर आओ!!प्रार्थनाओं में शांति पाएं!!निषिद्ध को अस्वीकार करना सीखें!!कुरान की महिमा में महिमामंडित हो!!
जब भी कभी ज़मीर का सौदा हो दोस्तों ,कायम रहो हुसैन के इंकार की तरह |