651+ Kafan Shayari In Hindi | कफ़न ओढ़ लेंगे शायरी

Kafan Shayari In Hindi , कफ़न ओढ़ लेंगे शायरी
Author: Quotes And Status Post Published at: September 26, 2023 Post Updated at: February 25, 2025

Kafan Shayari In Hindi : कफ़न बांध कर रोज चलता हूँ मैं अपनी मौत को ढूंढने, पर जिंदगी हर रोज कहती हैं की अभी तो तुझे और तड़पना हैं इस जालिम दुनिया के आगे। यहाँ गरीब को मरने की इसलिए भी जल्दी है साहब कहीं जिन्दगी की कशमकश में कफ़न महँगा ना हो जाए।

ज़िन्दगी के बाद सबको बस मौत ने अपनाया है, फिर भी बेवजह सारी ज़िन्दगी हर पल हमे डराया हैं,

न मौत से दूर हूँ, न ज़िन्दगी के पास हूँ । साँसें चल रही हैं, एक ज़िन्दा लाश हूँ ।।

कम से कम मौत से ऐसी मुझे उम्मीद नहीं, ज़िंदगी तू ने तो धोके पे दिया है धोका !!

चले आओ मुसाफिरआखिरी साँसें बची हैं कुछ,तुम्हारी दीद हो जाती तोखुल जातीं मेरे आँखें।

मिनटों का खेल हे मौत से क्या डरे , आफत तो जिंदगी हे जो बरसो , चला करती हे.

कितना और दर्द देगा बस इतना बता दे,ऐसा कर ऐ खुदा मेरी हस्ती मिटा दे,यूं घुट घुट के जीने से तो मौत बेहतर है,मैं कभी न जागूं मुझे ऐसी नींद सुला दे।

एक दिन हम भी कफ़न ओढ़ जायेंगे,सब रिश्ते इस जमीन के तोड़ जायेंगे,जितना जी चाहे सता लो मुझको,एक दिन रोता हुआ सबको छोड़ जायेंगे।

क्या कहूँ तुझे ख्वाब कहूँ तो टूट जायेगा, दिल कहूँ तो बिखर जायेगा ! आ तेरा नाम जिन्दगी रख दूँ ! मौत से पहले तो तेरा साथ छूट न पायेगा !

मौत से इंसान क्यूँ है डरता,इसके आने का पता तक नहीं चलता।तेज तूफ़ान की तरह आती है,सब कुछ बिखेर चली जाती है…!

मंरने से डर उन्हें लगता हैजो अपनी ज़िन्दगी जी भर के नहीं जीते.

कफ़न ओढ़ लिया है शरीर पे जीते जी अब तोऐ ज़िन्दगी जब जलाना हो मुझे तो आकर ले जाना

तेरे इश्क़ में मरना भी जीने से अच्छा है,मान जाओ मेरा प्यार नादान कच्चा है,नहीं समझ आता हमारा प्यार अगर,एक बार दिल में झांको प्यारा एक बच्चा है।

Har Ghar Tiranga Hindi Shayari Statusहर रोज न सही मगर आज तो ये काम करेंजहाँ भी तिरंगा दिखे सर उठाकर सलाम करें

कितने भी पैर जमा ले दुनिया में, मौत इक दिन उखाड़ ले जाएगी.

होता नहीं यकीन उसके बिछड़ जाने का,अब हमें इंतज़ार है बस उसके लौट आने का,नहीं आया लौट कर तो हमने सोच रखा है,इस दुनियां से दूर चले जाने का।

जब से इश्क़ में धोका खाये भटक रहे है, तब से हम बस कफ़न ढूंढ़ने की तलाश में लगे हुए है।

मौत ने मुझको तवज्जो दी नहींइसलिए हर हाल में जीता हूँ मैं।

बेस्ट मौत शायरी इन हिंदी अपने घूमों में किसी के घूम की गुंजाइश कहाँ क्या इंसान रहा होगा की पूरा ज़माना रुला डाला।

ऐ मौत ज़रा पहले आना गरीब के घर कफ़न का खर्च दवाओं में निकल जाता है।

मौत का मंजर सा छाया है,अपना ही अपनो के पास आने से कतराता है।– Harshit asthanaMaut ka manjar sa chaya hai,Apna hi apni ke paas aane se katrata hai.

कभी मिले फुर्सत तो इतना जरुर बताना वो कौनसी मोहब्बत थी जो हम तुम्हे ना दे सके

मुझे रुला कर सोना तो तुम्हारी आदत बन गयी है,अगर मेरी आँख ही न खुली तो तड़पोगे बहुत तुम।

वो कर नहीं रहे थे मेरी बात का यकीन, फिर यूँ हुआ के मर के दिखाना पड़ा मुझे।

सब्र रखो ! बहुत ही जल्द, महसूस होगा तुमको | मेरा होना क्या था, और मेरा न होना क्या है ॥

वफा सीखनी है तो मौत से सीखो, जो एक बार अपना बना ले तो, फिर किसी का होने नहीं देती !

वादे तो हजारों किये थे उसने मुझसे,काश एक वादा ही उसने निभाया होता,मौत का किसको पता कि कब आएगी,पर काश उसने ज़िन्दा जलाया न होता।

प्यार में सब कुछ भुलाए बैठे हैं,चिराग यादों के जलाये बैठे है,हम तो मरेंगे उनकी ही बाहों में,ये मौत से शर्त लगाये बैठे हैं।

मौत-ओ-हस्ती की कशमकश में कटी उम्र तमाम,गम ने जीने न दिया शौक ने मरने न दिया।

पैदा तो सभी मरने के लिये ही होते हैंपर मौत ऐसी होनी चाहिए, जिस पर जमाना अफसोस करे।

चला जाऊंगा तुम्हारी जिंदगी सेकिसी को खबर तक न होगी,बस एक बार कह दो कितुम्हे मुझसे मोहब्बत हैं।

अब मैत से कह दो कि नाराजगी खत्म करले, वो बदल गया है जिसके लिए हम ज़िन्दा थे,

हर एक पल इस कदर जिया करो ज़िन्दगी को,की मौत भी आ जाये तो शिकवा न हो ज़िन्दगी को।

अब नाराजगी खत्म कर दे मौत से कह दो, वो बदल गया है जिसके लिए हम जिन्दा थे !

कितना और दर्द देगा बस इतना बता दे,ऐसा कर ऐ खुदा मेरी हस्ती मिटा दे,यूँ घुट-घुट के जीने से तो मौत बेहतर है,मैं कभी न जागूं मुझे ऐसी नींद सुला दे।

तमाम उम्र जो हमसे_बेरुखी की सबने, कफ़न में हम भी अजीज़ों से_मुँह छुपा के चले.!!

ना मिलने कि खुशी, ना खोने का गम, ज़िन्दगी ने हमें यूं संवारा, अब मौत से डरते नहीं हम.

कफ़न ओढ़ लिया है शरीर पे जीते जी अब तो ऐ ज़िन्दगी जब जलाना हो मुझे तो आकर ले जाना।

कभी किसी से बात करने की आदत मत डालना क्योंकि जब वह बात करना छोड़ देता है तो जीना मुश्किल हो जाता है।

अगर रुक जाये मेरी धड़कन तो मौत न समझना, कई बार ऐसा हुआ है उसे याद करते करते.

पी के रात को हम उनको भुलाने लगे शराब मे ग़म को मिलाने लगे ये शराब भी बेवफा निकली यारो नशे मे तो वो और भी याद आने लगे !

दो गज़ ज़मीन सही मेरी मिल्कियत तो है,ऐ मौत तूने मुझको ज़मींदार कर दिया।

जनाजा रोक कर मेरा, वो इस अंदाज़ से बोले,गली हमने कही थी तुम तो दुनिया छोड़े जाते हो।

उसकी यादों ने मुझे पागल बना रखा है, कहीं मर ना जाऊं कफ़न सिला रखा है, मेरा दिल निकाल लेना दफ़नाने से पहले, वो ना दब जाए जिसे दिल मे बसा रखा है.

वतन वालो वतन ना बेच देनाये धरती ये गगन ना बेच देनाशहीदो ने जान दि है वतन के वास्तेशहीदो के कफन ना बेच देना

कम से कम मौत से ऐसी मुझे उम्मीद नहीं,ज़िंदगी तूने तो धोखे पे दिया है धोखा।

मौत मांगते है तो ज़िन्दगी खफा हो जाती है जहर लेते है,तो वो भी दवा हो जाती है,तु बता ऐ ज़िन्दगी तेरा क्या करू जिसको,भी चाहा वो बेवफा हो जाती है।

तू बदनाम न हो जाए इस लिए जी रहा हूँ मैं, वरना मरने का इरादा तो रोज ही होता है.

जिसकी याद में सारे जहाँ को भूल गए,सुना है आजकल वो हमारा नाम तक भूल गए,कसम खाई थी जिसने साथ निभाने की यारो,आज वो हमारी लाश पर आना भूल गए।

ज़िंदगी को मौत कह देना कोई मुश्किल नहीं गौर से देखे अगर कोई हमारी ज़िंदगी रास क्या आये सारा ऐ डहर की रंगीनियां एक मुसाफिर की तरह गुज़री मैंने ज़िंदगी…

पहले ज़िन्दगी चीन ली मुझ से अब मेरी मौत का फायदा उठती है मेरी क़बर पर फूल चढ़ाने के बहाने वो किसी और से मिलाने आती है।

आगाह अपनी मौत से कोई बशर नहीं सामान सौ बरस का है पल की ख़बर नहीं.

तुमने क्या सोचा कि तुम्हारे सिवा कोई नही मुझे चाहने वाला,तू छोङ कर तो देख मौत तैयार खड़ी है मुझे सीने से लगाने को।

ऐ मौत तुझे एक दिन आना है भले,आ जाती शबे फुरकत में तो अहसां होता।

मौत मांगते है तो ज़िन्दगी खफा होजाती है,जहर लेते है तो वो भी दवा हो जाती है,तु बता ऐ ज़िन्दगी तेरा क्या करू,जिसको भी चाहा वो बेवफा हो जाती है।

मैं भी कितना पागल हूं ना वो इग्नोर करते रहते हैं फिर भी हम बेशर्म की तरह उनके पास मैसेज करते रहते हैं..

कुछ खास फर्क नहीं पड़ता, जिने का अंदाज बदल लेने से, बस फासले मौत तक ज़िन्दगी के, कुछ मजेदार सी हो जाते हैं,

हमारी मुस्कुराहट पर न जाना,दिया तो कब्र पर भी जल रहा है।

साँसों के सिलसिले को न दो ज़िंदगी का नाम,जीने के बावजूद भी मर जाते हैं कुछ लोग।

यूँ तो हादसों में गुजरी है हमारी ज़िन्दगी,हादसा ये भी कम नहीं कि हमें मौत न मिली।

तेरे साथ जीने के लिए ,हर रोज मरते है हमतुझे क्या पता तेरे लिए क्या क्या करते हैं हम।

मोहब्बत के नाम पे दीवाने चले आते हैं, शमा के पीछे परवाने भी चले आते हैं, तुम्हें याद न आये तो चले आना मेरी मौत पर, उस दिन तो बेगाने भी चले आते हैं ।

कफ़न में ज़ेब ना सही मेरेउनका भेजा रुमाल रख देना

तुम क्या समझोगे मुझे तुम तो किसी और को खुश करने में बिजी हो !

किसी दिन तेरी_नजरों से दूर हो जायेंगे हम, दूर फिजाओं में कहीं खो_जायेंगे हम, मेरी यादों से लिपट कर_रोने लगोगे, जब ज़मीन को ओढ़ कर सो_जायेंगे हम.!!

अर्ज़ किया है, लगा इलज़ाम मुझ पर भी लेकिन मैं, निर्दोष होने के सबूत ना दे पाया, गवाही भी दूँ तो किसके आगे यारों, वो खुद सजा ऐ मौत का एलान लाया।

कब्र के सन्नाटे में से एक आवाज़ आयी,किसी ने फूल रख के आँसू की दो बूंद बहायी,जब तक था जिंदा तब तक ठोकर खायी,अब सो रहा हूं तो उसको मेरी याद आयी।

पहचान कफ़न से नहीं होती हैलाश के पीछे काफिला बयां कर देता है हस्ती को

आशिक़ मरते नहीं सिर्फ दफनाए जाते हैं, कब्र खोद कर देखो इंतज़ार में पाए जाते हैं।

जो बदल गया वो प्यार कैसा जो चोर गया, वो साथ केसा लोग कहते है तुझे फिर से, प्यार हो जायेगा लेकिन जो फिर से, हो जाये वो प्यार कैसा.

मेरी जिंदगी तो गुजरी तेरे हिज्र के सहारे, मेरी मौत को भी कोई बहाना चाहिए !

वो साथ थे तो मौत का खौफ था मुझे, अब मैं तन्हा हुँ तो मौत क्यों नहीं आती मुझे !

में अपने दुख को कमाल लिखूंगा,मौत का दीपक बवाल लिखूंगा।– StrangeMain apne dukh ko kamaal likhunga,Maut ka dipaak bawaal likhunga.

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