Kafan Shayari In Hindi : कफ़न बांध कर रोज चलता हूँ मैं अपनी मौत को ढूंढने, पर जिंदगी हर रोज कहती हैं की अभी तो तुझे और तड़पना हैं इस जालिम दुनिया के आगे। यहाँ गरीब को मरने की इसलिए भी जल्दी है साहब कहीं जिन्दगी की कशमकश में कफ़न महँगा ना हो जाए।
न उढाओ ठोकरों में मेरी खाके-कब्र ज़ालिम,येही एक रह गयी है मेरे प्यार की निशानी।
“मौत को तो यूँ ही बदनाम करते हैं लोग, तकलीफ तो साली जिन्दगी देती है!😭
कूचे में तेरे कौन था लेता भला ख़बरशब चाँदनी ने आ के पहनाया कफ़न मुझे
मेरे अलावा काफी लोग है उसकी जिंदगी में… अब मैं रहूँ या ना रहूं क्या फर्क पड़ता है…।
तेरी खुशी जरुरी है हमारा बात करना नहीं अगर तुम्हें खुशी मिलती हैं हमसे बात ना करके तो हम दुआ करते हैं कि तुम्हारी खुशी कभी कम ना हो ।
एक दिन हम भी कफ़न ओढ़ जायेंगे,सब रिश्ते इस जमीन के तोड़ जायेंगे,जितना जी चाहे सता लो मुझको,एक दिन रोता हुआ सबको छोड़ जायेंगे।
मौत से इस कदर डरते है हम, मौत आसान करने के लिए, रोज़ मरते है हम.
खबर सुनकर मरने की वो बोले रक़ीबों से खुदा बख्शे बहुत-सी खूबियां थीं मरने वाले में.
ज़िंदगी बैठी थी अपने हुस्न पे फूली हुई,मौत ने आते ही सारा रंग फीका कर दिया।
अब नहीं निभाई जाती मुझसे यह दुनिया की रस्मे, नहीं पसंद अब मोहब्बत और मोहब्बत में खाई कस्मे।
oye….! तेरा साथ चाहिए मुझे ज्यादा देर तक नहीं बस तेरी मोत तक।
लिबास तय करता है बसर की हैसियतकफ़न ओढ़ लो तो दुनिया कंधो पर उठाती है
पता नहीं कौन सा जहर मिलाया था तुमने मोहब्बत में ना जिंदगी अच्छी लगती है और ना ही मौत आती है.
मेरे दिल के कफ़न में लिपटी तेरी यादें हैये आख़िरत की निशानी है इसकी कब्र यही है
किसी खुशी के साथ जीना हो नही पा रहा मेरा, मुझे अब किसी गम के साथ मौत का सफर तय करना है !
मिट्टी मेरी कब्र से उठा रहा है कोई, मरने के बाद भी याद आ रहा है कोई, कुछ पल की मोहलत और दे दे ऐ खुदा, उदास मेरी कब्र से जा रहा है कोई.
जो रह गया हो बाकी, आकर वो सितम भी दे जाना।मुझे दफ़नाने के बाद तुम मेरा "कफ़न" भी ले जाना।
लम्हा लम्हा सांसें ख़त्म हो रही हैं,जिंदगी मौत के आगोश में सो रही है,उस बेवफा से न पूछो मेरी मौत के वजह,वही तो कातिल है दिखाने को रो रही है।
बढ़ जाती है मेरी मौत की तारीख खुद ब खुद आगे,जब भी कोई तेरी सलामती की खबर ले आता है।
जब जान प्यारी थी तब दुश्मन हजार थे, अब मरने का शौक है तो कातिल नहीं मिलते ।
बढ़ जाती है मेरी मौत की तारीख खुद ब खुद आगे,जब भी कोई तेरी सलामती की खबर ले आता है।
मिटटी मेरी कब्र से उठा रहा है कोई,मरने के बाद भी याद आ रहा है कोई,कुछ पल की मोहलत और दे दे ए खुदा,उदास मेरी कब्र से जा रहा है कोई।
अगर रुक जाये मेरी धड़कन तो मौत न समझना कई बार हुआ है ऐसा तुझे याद करते करते।
सुहाना मौसम और हवा में नमी होगी,आंसुओं की बहती नदी न थमी होगी,मिलना तो हम तब भी चाहेंगे आपसे,जब आपके पास वक़्त और…हमारे पास साँसों की होगी।
मौत एक ऐसी कला हैजिसे सीखना नही पड़ता।
समूची बच गई यादें तोड़ लिया,एक ही खिलौना था फोड़ लिया,मां तेरे पास तो आसमान था जाड़ा लगा तो कफ़न ओढ़ लिया..
मेरी मौत पर भी उसकी आँखों में आँसू न थे,उसे शक था कि मुझ में अब भी जान बाकी है।
कैसे भूल जाये उसे जनाब, किस्सा ए ज़िन्दगी नहीं, हिस्सा ए ज़िन्दगी है वो।
मोहब्बत के नाम पे दीवाने चले आते हैं,शमा के पीछे परवाने चले आते हैं,तुम्हें याद न आये तो चले आना मेरी मौत पर,उस दिन तो बेगाने भी चले आते हैं।
तमन्ना ययही है बस एक बार आये,चाहे मौत आये चाहे यार आये।
किसी दिन तेरी_नजरों से दूर हो जायेंगे हम, दूर फिजाओं में कहीं_खो जायेंगे हम, मेरी यादों से लिपट कर_रोने लगोगे, जब ज़मीन को ओढ़ कर सो जायेंगे_हम..
नशा था ज़िंदगी का शराबों से तेज़-तर,हम गिर पड़े तो मौत उठा ले गई हमें।
आशिक मरते नहीं सिर्फ दफनाए जाते हैं, कब्र खोद कर देखो इंतजार में पाए जाते हैं ।
मौत बेवफा कहा होती हैं,वो तो अपने वक्त पे आती हैं।
कफ़न का सहरा बांधे हुए चल रहा हूँ, में अपनी मौत की तलाश में भटक रहा हूँ।
ऐ मौत….! क्या सुनाऊं अपने सब्र की कहानी, तू उम्र भर रही, मेरी कब्र की रवानी.
कोई कितना खुश मिजाज क्यों न हो,रुला देती है किसी की कमी कभी कभी।
मौत मांगते है तो ज़िन्दगी खफा हो जाती है जहर लेते है तो वो भी दवा हो जाती है तु बता ऐ ज़िन्दगी तेरा क्या करू जिसको भी चाहा वो बेवफा हो जाती है
ज़िन्दगी जख्मो से भरी हैं। वक्त को मलहम बनाना सीख लो। हारना तो मौत के सामने हैं। ज़िन्दगी से तो जितना सीख लो।
लम्बी उम्र की दुआ मेरे_लिए न माँग, ऐसा न हो कि तुम भी छोड़ दो और #मौत भी न आये..!!
अब तलक हम मुन्तजिर रहे हैं जिनके,उनको हमारा ख्याल तक न आया,उनके प्यार में हमारी जान तक चली गयी,उनको हमारी मौत का मलाल तक न आया।
रोता वही है जिसने महसूस किया हो सच्चे रिश्ते को वरना मतलब का रिश्ता रखने वालों की आँखों में ना शर्म होती है ना ही पानी
आओ चलो अपना अपना कफन खरीदकर रख लिया जाए वक़्त कह रहा है अपनो पर भरोसा अब और कम किया जाए।
लम्बी उम्र की दुआ मेरे लिए न माँग,ऐसा न हो कि तुम भी छोड़ दो और मौत भी न आये।
मौत भी टकराया न जाने कितने बार मुझसे, पर मैं तेरा दीवाना था किसी और पे कैसे मर सकता था.
उस पल ही मौत से मुलाकात होगी, जिस पल ज़िन्दगी के आखरी रात होगी, तेरे अपने ही जला कर जाएंगे तुम्हें, तेरी अहमियत बस खास होगी,
मौत के सामने सब सामान है, अमीर हो या गरीब सब आम है. आकर है रहती, हर किसी के जीवन में. साँसों को छीनना इसका काम है.
मोहब्बत मुझे थी उसी से सनम,यादों में उसकी यह दिल तड़पता रहा,मौत भी मेरी चाहत को रोक न सकी,कब्र में भी यह दिल धड़कता रहा।
हम वो कश्ती है जिसका कोई किनारा ना हुआ सभी के हो गए हम मगर कोई हमारा ना हुआ….
बात कुछ ऐसी है जनाब, के मोत भी है मेरे इंतज़ार में, के वो खुद मुझे लेने आये, या फिर खुदखुशी करने दे।
suno…! मुझे एक बद्दुआ चाहिए, इतनी सख्त की मौत आ जाये।
बेसब्री से इंतज़ार है सिर्फ उस दिन का, जब सांसे ख़तम हो जायगी, और इस मतलबी दुनिया के स्वार्थी लोगो से आजादी मिलेगी।
उजालो में रेह के अन्धेरा मांगता हु रात की चांदनी से सवेरा मांगता हु
आसमान के परे मुकाम मिल जाए,खुदा को मेरा ये पैगाम मिल जाए,थक गयी है धड़कनें अब तो चलते चलते,ठहरे ये सांसे तो शायद आराम मिल जाए।
वतन की खाक को चंदन समझकर सर पे रखतें हैकब्र में भी खाके वतन कफन पे रखते हैं
जिन्दगी कशमकश-ए-इश्क के आगाज का नाम,मौत अंजाम इसी दर्द के अफसाने का।Zindagi KashmKash-e-Ishq Ke Aagaz Ka Naam,Maut Anjaam Hai Isee Dard Ke Afsaane Ka.
ऐ मौत तुझे एक दिन आना है भले,आ जाती शबे फुरकत में तो अहसां होता।
कमाल है न जाने ये कैसा उनका प्यार का वादा है, चंद लम्हे की जिंदगी और नखरे मौत से भी ज्यादा हैं.
कितने शौक से छोड़ दिया तुमने बात करना जैसे सदियो से तेरे ऊपर कोई बोझ थे हम
धरती के गम छुपाने के लिए गगन होता है,दिल के गम छुपाने के लिए बदन होता है,मर के भी छुपाने होंगे गम शायद,इसलिए हर लाश पर कफ़न होता है।
उसकी यादों ने मुझे पागल बना रखा है, कहीं मर ना जाऊं कफ़न सिला रखा है, मेरा दिल निकाल लेना दफ़नाने से पहले, वो ना दब जाए जिसे दिल मे बसा रखा है.
वो दूर हो जाए तो ऐसा लगता है खुद में हम नहीं,बिछड़ जाना उसका मौत से कम नहीं,वो मिल जाए वापस चाहे सब खो जाए,मुझे उसे पाकर सब कुछ खोने का गम नहीं।
अक्सर अकेले ही रह जाते हैं वो लोग ! जो खुद से भी ज्यादा दूसरों की परवाह करते हैं ।
तवस्सुम को तुम मेरे, मेरा गम ना समझो बड़े भोले हो, गम को मातम ना समझो गलती पहली में हमारी जवानी गुजरी अब तो मेरी ख़ामोशी को मेरी, मेरा रूठापन ना समझो…
जिंदा रहते मेरे प्यार की कद्र न हुई,बाद मरने के, मेरे वफाई के किस्से मसूर हो गए।
यूँ तो हादसों में गुजरी है हमारी ज़िंदगी, हादसा ये भी कम नहीं कि हमें मौत ना मिली.
यार इस तरह रस्म-ए-मोहब्बत निभानामेरा कफ़न उठाना, हल्का सा मुस्कुराना
इंतज़ार है हमें तो बस अपनी मौत का, उनका वादा है कि उस दिन मुलाकात होगी।
मौत को जीना सीखा देंगे, इतना शिद्धत से ज़िन्दगी काटी है, आंसू बहा करते है रोज़ फिर भी, सब में खुशिया बाटी है.
हद तो ये है कि मौत भी तकती है दूर से, उसको भी इंतजार मेरी खुदकुशी का है.
एक बड़ी साजिश के रस्ते मुझे गुज़ारा गया, अपने दुश्मनो से तो बच गया, लेकिन दोस्तों में आके मारा गया।
तू बदनाम ना हो इसलिए जी रहा हूँ मैं, वरना मरने का इरादा तो रोज होता है.