Kafan Shayari In Hindi : कफ़न बांध कर रोज चलता हूँ मैं अपनी मौत को ढूंढने, पर जिंदगी हर रोज कहती हैं की अभी तो तुझे और तड़पना हैं इस जालिम दुनिया के आगे। यहाँ गरीब को मरने की इसलिए भी जल्दी है साहब कहीं जिन्दगी की कशमकश में कफ़न महँगा ना हो जाए।
जिसकी याद में सारे जहाँ को भूल गए,सुना है आजकल वो हमारा नाम तक भूल गए,कसम खाई थी जिसने साथ निभाने की यारो,आज वो हमारी लाश पर आना भूल गए।
अपने वजूद पर इतना न इतरा ए ज़िन्दगी,वो तो मौत है जो तुझे मोहलत देती जा रही है।
हर किसी को अपनी ज़िन्दगी भाति हैबस लोग यु ही कह देते है कि हमे मौत क्यू नहीं आती है
दिल दे दिया था उसे फिर भी नहीं समझा उसने मेरे प्यार को,शायद मेरे मौत की खबर से ही ख़ुशी मिल जाये मेरे यार को।
मर कर भी तड़पती हूँ तेरे इंतजार में आग लग गई है इस दिले बेक़रार में मिलने में क्या मजा है जो है इंतज़ार में दर्द उभरता है कदम रखते ही प्यार में…
मोहब्बत के नाम पे दीवाने चले आते हैं, शमा के पीछे परवाने चले आते हैं, तुम्हें याद न आये तो चले आना मेरी मौत पर, उस दिन तो बेगाने भी चले आते हैं.
प्यार में सब कुछ भुलाये बैठे हैं,चिराग यादों के जलाये बैठे हैं,हम तो मरेंगे उनकी ही यादों में,यह मौत से शर्त लगाये बैठे हैं।
तूफ़ान है जिंदगी तो साहिल है तेरी दोस्ती,सफ़र है मेरी जिंदगी मंजिल है तेरी दोस्ती,मौत के बाद मिल जायेगी मुझे जन्नत,जिंदगी भर रहे अगर कायम तेरी दोस्ती।
बादे-फना फिजूल है नामोनिशां की फिक्र,जब हम नहीं रहे तो रहेगा मज़ार क्या?
चैन तो छिन चुका है अब बस जान बाकी है, अभी मोहब्बत में मेरा इम्तहान बाकी है, मिल जाना वक़्त पर ऐ मैत के फरिश्ते, किसी का गिला किसी का फरमान बाकी है,
जिसमे ज़िन्दगी लम्बी है वो उम्र मुझे नहीं चाहिए,तुम अगर साथ नहीं मेरे तो वो संसार मुझे नहीं चाहिए।
साँसों के सिलसिले को न दो ज़िंदगी का नाम,जीने के बावजूद भी मर जाते हैं कुछ लोग।
“छोड़ दिया मुझको आज मेरी मौत ने ये कह कर, हो जाओ जब जिन्दा तो खबर कर देना !
मौत को इतने करीब से देखा है, किसी को खुद से दूर जाते देखा है।
वादे तो हजारों किये थे उसने मुझसे, काश एक वादा ही उसने निभाया होता, मौत का किसको पता कि कब आएगी, पर काश उसने ज़िन्दा जलाया न होता.
जब हुआ मेरे इश्क का एहसास उन्हें,आकार वो पास सारा दिन रोते रहे,हम भी निकले खुद-गरज इतने यारो,कफ़न में आँख बंद किये सोते रहे।
हो सकता है मर जाऊ चाँद दिनों में, एक शख्स जला रहा है दिल थोड़ा थोड़ा।
खाली हाथ आये थे, खाली हाथ जायेंगे, एक दिन हम भी कफ़न में लिपटकर अल्लाह के पास जायेंगे।
सुना है कोई और भी चाहने लगा है, तुम्हें अगर हमसे ज्यादा चाहे तो, उसी के हो जाना हमेशा के लिए.
कुछ बातें कांटों से भी ज्यादा तेज चुभती है कांटों से मिला घाव तो कुछ दिनों में भर जाता है पर दिल पर लगी बात जिंदगी भर याद रहती है।
मुहब्बत लिबास नहीं जो रोज़ बदला जाए,मोहब्बत कफ़न है पहनकर उतरा नहीं जाता।
कभी करते हैं जिंदगी की तमन्ना। तो कभी मैत का इंतज़ार करते हैं। वो हमसे कयू दूर हैं पता नहीं। जिन्हें हम जिंदगी से भी ज्यादा प्यार करते हैं।
लोग बदनाम करते हे मौत को तो यु ही, तकलीफ तो साली जिंदगी देती हे.
दिल की ख्वाहिश दिल मे ही दफन हो जाती है अकसरवक्त और हालात के कफन से,— % &
बढ़ जाती है मेरी मौत की तारीख खुद ब खुद आगे, जब भी कोई तेरी सलामती की खबर ले आता है.
छोड़ दिया मुझको आज मेरी मौत ने एहि कह कर हो जाओ जब ज़िंदा तो खबर कर देना।
मौत लगती तो खूबसूरत होगी, तसव्वुर करू तो Jannat होगी।
जिंदगी गुजर गई सारी काँटों की कगार पर,और फूलों ने मचाई है भीड़ हमारी मजार पर।
मेरे अलावा काफ़ी लोग हैं उसकी जिंदगी में अब मैं रहूं या ना रहूं क्या फ़र्क पड़ता है उसे..!!
चूम कर कफ़न में लपटे मेरे चेहरे को उसने तड़प के कहा नए कपड़े क्या पहन लिए, हमें देखते भी नहीं।
खाक में मिलने से पहले,अपनी मोहब्बत को खाक होते देखा है।
मौत की चिंता नहीं सताती मुझे मेरे सपनों का अधूरापन सताता है आज भी दिल में जल रही है आग मेरा जूनून बताता है…
सैकड़ों गम के बादल हमें अभी उठाने है उनके हर बार के खंजर अभी आजमाने है इस तरह नहीं मरेंगे हम मेरे अजीजों दम निकलने के भी तो हजारो बहाने है…
ऐ हिज्र वक़्त टल नहीं सकता है मौत का,लेकिन ये देखना है कि मिट्टी कहाँ की है।
जो मौत से ना डरता था, बच्चों से डर गया,एक रात जब खाली हाथ मजदूर घर गया।
एक दिन जब हुआ इश्क़ का एहसास उन्हें, वो हमारे पास आकर सारा दिन रोते रहे, और हम भी इतना खुदगर्ज निकले यारो, आँखें बंद कर के कफन में सोते रहे,
आज कल के लोगों को एक दिन की,मौत नहीं बल्कि पल-पल की मौत आती है
“मौत पर भी यकीन है उस पर भी एतबार है ! देखते हैं पहले कौन आता है दोनो का इंतज़ार है !😒
यहाँ गरीब को मरने की इसलिए भी जल्दी है साहब, कहीं जिन्दगी की कशमकश में कफ़न महँगा ना हो जाए।
तुम्हारी जुदाई में हमें,इतना मरने से डर नहीं लगता,जितना जीने से लग रहा है
“वो कर नहीं रहे थे मेरी बात का यकीन, फिर यूँ हुआ की मर के दिखाना पड़ा मुझे!😭
वो धुंद रहे थे हमे शायद उन्हें हमारी तालाश थी, पर जहाँ वो खड़े थे वही दफन हमारी लाश थी,
क्या पता कब मौत का पैगाम आ जाये ज़िंदगी की आखिरी कब शाम हो जाये मैं तो ढूंढता हूँ ऐसे मौके को ऐ दोस्त की मेरी जिंदगी भी किसी के काम आ जाये…
काश आज कोई तारा टूटे, क्युकी हमें आज अपने लिए मौत मांगनी है,
मेरी मौत के सबब आप बने,इस दिल के रब आप बने,पहले मिसाल थे वफ़ा की,जाने यूँ बेवफ़ा कब आप बने।
मिटटी मेरी कब्र से उठा रहा हैं कोई, मरने के बाद भी याद आ रहा है कोई, ऐ खुदा कुछ पल कि मोहलत और दे दे, उदास मेरी कब्र से जा रह हैं कोई,
हमारी उदासी हर कोई नहीं समझ सकता क्योंकि हम किसी से मिलते है तो पहले ही मुस्कुरा देते हैं…!!
कितने आए कितने चले गए,ये मौत का खेल आजतक नहीं रुका।
ऐ ज़िन्दगी तू एक काम कर थक गई बहोत अब आराम कर, और तुझे नहीं जी सकता में, तू जा और मोत मेरे नाम कर ।।
अब तो घबरा के ये कहते हैं के मर जायेगे,मर के भी चैन न पाया तो किधर जायेंगे।
लिबास बेशक मेरा ये सफेद साड़ी है,मगर रूह अब मेरी "तिरंगा" हो गई।
मेरे दिल के कफ़न में लिपटी तेरी यादें है ये आख़िरत की निशानी है इसकी कब्र यही है।
करूँ क्यों फ़िक्र मौत के बाद जगह कहाँ मिलेगी जहाँ होगी दोस्तों की महफिलें, मेरी रूह वहाँ मिलेगी.
इंसान चाहे अपनी ज़िन्दगी में कितनी भी मुसीबते,झेल ले फिर भी वो मौत के पास जाने से डरता है
एक बात बोलूँ Life में सारे खेल खेलना लेकिन किसी की Feeling के साथ कभी मत खेलना बहुत तकलीफ होती है….।।
बिछड़ा कुछ इस अदा से कि रुत ही बदल गयी,इक शख़्स सारे शहर को वीरान सा कर गया है।
कहते है ज़िन्दगी बहोत मुश्किल से मिलती है, पर मौत भी कहाँ आसान होती है।
मिट्टी मेरी कब्र से उठा रहा है कोई,मरने के बाद भी याद आ रहा है कोई,कुछ पल की मोहलत और दे दे ऐ खुदा,उदास मेरी कब्र से जा रहा है कोई।
वादे तो हजारों किये थे उसने मुझसे, काश एक वादा ही उसने निभाया होता, मौत का किसको पता कि कब आएगी, पर काश उसने जिन्दा न जलाया होता !
जनाजा रोक कर मेरा, वो इस अंदाज़ से बोले,गली हमने कही थी तुम तो दुनिया छोड़े जाते हो।
कफ़न हरदम मेरा तैयार तुम रखना दौर ऐसा है पता नहीं कब मौत आ जाए।
बड़ी दिलकश सजा ए मोत होगी, तेरे ही पहलु में रहकर तुझसे यह सांसे जुदा होंगी।
उससे बिछड़े तो मालूम हुआ मौत भी कोई चीज़ है,ज़िन्दगी वो थी जो उसकी महफ़िल में गुज़ार आए।
तमाम गिले-शिकवे भुला कर सोया करो यारो,सुना है मौत किसी को कोई मोहलत नहीं देती।
एक दिन हम भी कफ़न ओढ़ जायेंगे,सब रिश्ते इस जमीन से तोड़ जायेंगे,जितना जी चाहे सता लो तुम मुझे,एक दिन रोता हुआ सबको छोड़ जायेंगे…
हमारी मौत भी एक जश्न होगा, प्यारा सा कोई नगमा गाया जायेगा, हंसते हुए अलविदा कहेंगे हम, रोता हुआ जमाना हमें विदा करेगा…
जिसकी याद में सारे जहाँ को भूल गए,सुना है आजकल वो हमारा नाम तक भूल गए,कसम खाई थी जिसने साथ निभाने की यारो,आज वो हमारी लाश पर आना भूल गए।
जिसमे ज़िन्दगी लम्बी है वो उम्र मुझे नहीं चाहिए,तुम अगर साथ नहीं मेरे तो वो संसार मुझे नहीं चाहिए।
अब मौत से कह दो कि नाराजगी खत्म करले, वो बदल गया है जिसके लिए हम ज़िन्दा थे.
कफ़न बांध कर रोज चलता हूँ मैं अपनी मौत को ढूंढने, पर जिंदगी हर रोज कहती हैं की अभी तो तुझे और तड़पना हैं इस जालिम दुनिया के आगे।
जनाब ये इंसानों की बस्ती है,यहां जिंदगी महंगी और मौत सस्ती हैं।💔
मेरे मौत की अफवाह क्या उड़ी,सारे कर्जदार मायूस हो गए।