Kafan Shayari In Hindi : कफ़न बांध कर रोज चलता हूँ मैं अपनी मौत को ढूंढने, पर जिंदगी हर रोज कहती हैं की अभी तो तुझे और तड़पना हैं इस जालिम दुनिया के आगे। यहाँ गरीब को मरने की इसलिए भी जल्दी है साहब कहीं जिन्दगी की कशमकश में कफ़न महँगा ना हो जाए।
मौत की चिंता नहीं सताती मुझे, मेरे सपनों का अधूरापन सताता है, आज भी दिल में जल रही है आग मेरा जूनून बताता है ।
एक दिन जब हुआ इश्क का एहसास उन्हें, वो हमारे पास आ कर सारा दिन रोते रहे, और हम भी इतने खुदगरज निकले यारों कि, आँखे बंद कर के कफन में सोते रहे !
वो कर नहीं रहे थे मेरी बात का यकीन,फिर यूँ हुआ के मर के दिखाना पड़ा मुझे.
आखिरी दीदार कर लो खोल कर मेरा कफ़न,अब ना शरमाओ कि चश्म-ए-मुन्तजिर बेनूर है।
तुझ को अपनी जान का सलाम लिखूँगा दिल की किताब में अरमान लिखूंगा
हर एक पल इस कदर जिया करो ज़िन्दगी को,की मौत भी आ जाये तो शिकवा न हो ज़िन्दगी को।
कई गम के बादल अभी उठाने है,हर बार नए खंजर तुम्हें आजमाने है,इस तरह नहीं मरेंगे हम मेरे हम दर्द,दम निकालने के और भी कई बहाने हैं।
तसव्वर मे ना जाने कातिबे तकदीर क्या था, मेरा अंजाम लिखा है मेरे आगाज से पहले,
मौत से शिकायत नहीं, अपनों से हे, क्युकी जरा सी आंख बंद क्या हुई, वो कब्र खोदने लगे.
मेरे चहरे से कफ़न हटा कर, जरा दीदार तो कर लो ऐ बेवफा बंद हो गई है वो आंखे जिन्हे तुम रुलाया करते थे।
अब तो घबरा के ये कहते हैं कि मर जायेंगे,मर के भी चैन न पाया तो किधर जायेंगे.
पहला प्यार सोचा था तो दूसरा हुआ क्यों, अगर दूसरा प्यार सच्चा है तो पहले याद आ रहा क्यों.
तेरी खुशी ज़रुरी है हमारा बात करना नहीं अगर तुम्हें खुशी मिलती हैं. हमसे बात ना करके तो हम दुआ करते हैं कि तुम्हारी खुशी कभी कम ना हो ।
दिल दे दिया था उसे फिर भी नहीं समझा उसने मेरे प्यार को,शायद मेरे मौत की खबर से ही ख़ुशी मिल जाये मेरे यार को।
जन्नत किसी कहते है पता नहीं, एक तुम्हारा मिल जाना ही काफी था, मौत किसी कहते है पता नहीं, एक तुमसे बिचड़ जाना ही काफी था.
यूँ तो हादसों में गुजरी है हमारी जिंदगी, हादसा यह भी कम नही की, हमें मौत न मिली ।
इंसान को अपनी औकात का पता तब चलता है जब उसे वहाँ से ठोकर मिले जहाँ उसने सबसे ज्यादा भरोसा किया हो !!
वफ़ा सीखनी है तो मोत से सीखो, अगर एक बार अपना ले तो फिर किसी का नहीं होने देती।
किसी को दिल से चाहना बुरा तो नहीं किसी को दिल में बसना बुरा तो नहीं गुनाह गोगा \ज़माने की नज़र में तो क्या हुआ ज़माने वाले भी इंसान है कोई भगवन तो नहीं।
जिसकी याद में सारे जहाँ को भूल गए, सुना है आजकल वो हमारा नाम तक भूल गए, कसम खाई थी जिसने साथ निभाने की यारो, आज वो हमारी लाश पर आना भूल गए।
नाराजगी होती तो मान भी लेते, मगर उसने ठिकाना दूसरा ढूढ़ा रखा था.
अगर दुनिया में जिने कि चाहत ना होती, तो खुदा ने मोहब्बत बनाई ना होती, लोग मरने कि आरजू ना करते, अगर मोहब्बत में बेवफ़ाई ना होती,
मौत ने चुपके से ना जाने क्या कहा, और जिंदगी खामोश हो कर रह गयी !
मंज़िल तोह तेरी यही थी बस ज़िन्दगी, गुजर गयी तेरी यहाँ आते आते क्या. मिला तुझे इन् दुनिया वालो से अपनों, ने ही जला दिए तुझे जाते जाते.
Har Ghar Tiranga Quotes Wishes Messageअलग है भाषा, धरम, जात और प्रान्त, भेष, परिवेशपर सबका एक है गौरव राष्ट्रध्वज तिरंगा श्रेष्ठ
वादे तो हजारों किये थे उसने मुझसे,काश एक वादा उसने निभाया होता,मौत का किसको पता कि कब आएगी,पर काश उसने जिंदा दफनाया न होता।
मोहब्बत और मौत की पसन्द तो देखो यारो एक को दिल चाहिए और दुसरे को धड़कन
सुलगती जिंदगी से मौत आ जाये तो बेहतर है ! हमसे दिल के अरमानों का अब मातम नहीं होता !
मोहब्बत के नाम पे दीवाने चले आते हैं,शमा के पीछे परवाने चले आते हैं,तुम्हें याद ना आये तो चले आना मेरी मौत पर,उस दिन तो बेगाने भी चले आते हैं।
मौत से पहले जहाँ में चंद साँसों का अज़ाब ज़िन्दगी जो क़र्ज़ तेरा था अदा कर आये हैं
कफ़न हरदम मेरा तैयार तुम रखनादौर ऐसा है पता नहीं कब मौत आ जाए
किसी ने क़ब्र खोदी तो किसी ने राख कुरेदी,बाद मेरी मौत के, मातम से ज्यादा तमाशा हुआ.!!
हुआ जब इश्क़ का एहसास उन्हें,आकर वो पास सारा दिन रोते रहे,हम भी निकले खुदगर्ज़ इतने यारो,कफ़न में आँखें बंद करके सोते रहे।
पहचान कफ़न से नहीं होती है लाश के पीछे काफिला बयां कर देता है हस्ती को।
अब मौत से कह दो कि नाराज़गी खत्म कर ले, वो बदल गया है जिसके लिए हम ज़िंदा थे.
अपने वजूद पर इतना ना इतरा ऐ ज़िन्दगी, वो मौत है जो तुझे जीने की मोहलत देती जा रही है।
मौत एक सच्चाई है उसमे कोई ऐब नहींक्या लेके जाओगे यारों कफ़न में कोई जेब नही
कोई छुपा के रोता है, कोई दिखा के रोता है, दुःख तो जब होता है जब मारने वाला ही कब्र पे आके रोता है।
जरा चुपचाप तो बैठो कि दम आराम से निकले,इधर हम हिचकी लेते हैं उधर तुम रोने लगते हो।
मौत की सबसे अच्छी बात यहीं लगती है मुझे,की वो कभी धोका नही दिया करती।
एक दिन हम भी कफ़न ओढ़ जायेंगेसब रिश्ते इस जमीन से तोड़ जायेंगेजितना जी चाहे सता लो तुम मुझेएक दिन रोता हुआ सबको छोड़ जायेंगे
जब किसी को हमारी, वजह से तकलीफ़ हो । तो उसकी ज़िन्दगी से, दूर जाना ही बेहतर होता है ।
हमेशा ही ज़िन्दगी मुझ पर बेरहम ही रही है,फिर भी मौत नहीं आई इससे बड़ी सजा मेरे लिए क्या होगी।
ऐ मौत तुझे एक दिन आना है भले,आ जाती शब्-ए-फुरकत में तो एहसान होता।
सच तो हम बहुत पहले से जानते थे बस देखना चाहते थे कि लोग झूठ कहां तक बोल सकते है…
ओढ़ कर मिट्टी की चादर बेनिशान हो जायेंगे, एक दिन आएगा हम भी दास्ताँ हो जायेंगे.
दुनिया बहुत मतलबी है साथ कोई क्यों देगा मुफ्त का यहाँ कफ़न नहीं मिलता तो बिना गम के प्यार कौन देगा।
“आसमान के परे मुकाम मिल जाए, खुदा को मेरा ये पैगाम मिल जाए, थक गयी है धड़कनें अब तो चलते चलते, ठहरे ये सांसे तो शायद आराम मिल जाए !
रूख से उड़ रहा था कफन बार बार शायद तेरे दीदार की हसरत थी मरने के बाद भी।
” इश्क कहता है मुझे एक बार कर के तो देख ! तुझे मौत से नहीं मिलाया तो मेरा नाम बदल देना !
नाराजगी होती तो मान भी लेते, मगर उसने ठिकाना दूसरा ढूढ़ा रखा था। narazgi hoti to maan bhi lete magar usne thikana dusroo dhunda rakha tha,
तसव्वुर में न जाने कातिबे_तकदीर क्या था, मेरा अंजाम लिखा है मेरे आगाज से पहले..!!
ये जमीं जब खून से तर हो गई है, जिन्दगी कहते हैं बेहतर हो गई है, हाथ पर मत खींच बेमतलब लकीरें, मौत हर पल अब मुकद्दर हो गई है !
जब तेरी नजरों से दूर हो जायेंगे हम,दूर फिजाओं में कहीं खो जायेंगे हम,मेरी यादों से लिपट कर रोने आओगे तुम,जब जमीन को ओढ़ कर सो जायेंगे हम।
जरा दीदार तो कर लो , मेरे चहेरे से कफ़न हटा कर , बंद हो गई हे वो आंखे ये बेवफा , जिन्हे तुम रुलाया करते थे.
उम्र तमाम बहार की उम्मीद में गुजर गयी,बहार आयी है तो मौत का पैगाम लायी है।
मौत एक सच्चाई है उसमे कोई ऐब नहीं, क्या लेके जाओगे यारों कफ़न में कोई जेब नही।
मेरी मौत उस दिन ही हो गई थी, जिस दिन तुमने मुझको धोखा दिया, अब तो बस खाक होना बाकी हैं.
पता नहीं किस कलम से किस्मत लिखी है मेरी जब भी कोशिश करते खुश होने की हैं तब तब मुझे एक नया दर्द मिलता है ।।
मौत मांगते है तो ज़िन्दगी खफा हो जाती है जहर लेते है तो वो भी दवा हो जाती है तु बता ऐ ज़िन्दगी तेरा क्या करू जिसको भी चाहा वो बेवफा हो जाती है…
फूल मरने के डर से खिलना नही छोड़ता,तो हम मरने के डर से जीना कैसे छोड़ दे।
मे तोड़ लेता अगर तू गुलाब होती मे जवाब बनता अगर तू सबाल होती सब जानते है मैं नशा नही करता, मगर में भी पी लेता अगर तू शराब होती!
कभी वक्त मिले तो सोचना जरूर । वक्त और प्यार के अलावा, तुमसे माँगा ही क्या था ।।
लिबास तय करता है बसर की हैसियत कफ़न ओढ़ लो तो दुनिया कंधो पर उठाती है।
उन दो पंक्तियों में, मैंने अपनी पूरी कहानी लिख दी, मौत बड़ी पास से गुजरी, जिन्द़गी ने होंठों पर झूठी मुस्कुराहट रख दी.
जिन पर लुटा चुका था मैं दुनिया की दौलतेंउन वारिसो नें मुझे कफ़न भी नाप कर दिया
उम्र तमाम बहार की उम्मीद में गुजर गयी,बहार आई है तो पैगाम मौत का लाई है।
छोड़ दिया मुझको आज मेरी मौत ने यह कह कर,हो जाओ जब ज़िंदा, तो ख़बर कर देना।
प्यार में सब कुछ भुलाये बैठे हैं,चिराग यादों के जलाये बैठे हैं,हम तो मरेंगे उनकी ही यादों में,यह मौत से शर्त लगाये बैठे हैं…
मौत मेरा कुछ बिगाड़ नहीं पाती,मेरी मां के दुआओं का असर ही कुछ ऐसा है।
काश हमें पता होता की तुम हमारे साथ ऐसा करोगे तो सच मानो रिश्ता जोडने से पहले हाथ जोड लेते.
किसी की अच्छाई का भी फायदा मत उठाओ कि वह बुरा बनने को मजबूर हो जाए..! याद रखना.. बुरा वही बनता है जो अच्छा बनकर थक चुका होता है।।।