3776+ Jise Apna Samjha Shayari In Hindi | जिसे अपना समझा शायरी

Jise Apna Samjha Shayari In Hindi , जिसे अपना समझा शायरी
Author: Quotes And Status Post Published at: August 18, 2023 Post Updated at: June 27, 2024

Jise Apna Samjha Shayari In Hindi : जिसे हम सबसे अधिक अपना समझते है, आखिर में वही लोग हमे पराया समझते है ! हमारे इश्क का खेल भी क्या निराला था, हमारे के लिए वो हमारी पूरी दुनिया थे, और हम उनके लिए कुछ भी नहीं !

सोचा था छुपा लेंगे गम को पर कमबख्त आँखों ने ही बग़ावत कर दी|

ऐ दिल अब छोड़ भी दे उसे याद करना,वो कलमा नही जो तू भूल गया तो काफिर हो जायेगा।

मोहब्बत ♥️करना है तो💔 दर्द भी सहना 👍सीखोवर्ना 🤨ऐसा करो 😥औकात मे रहना ✊सीखो🔥🔥🔥

तुझसे पहले भी कई जख्म थे सीने में मगर, अब के वह दर्द है दिल में कि रगें टूटती हैं💔

तुम तसल्ली न दो सिर्फ बैठे रहो ~ वक़्त कुछ मेरे मरने का टल जायेगा!!!

एक टुटी हुयी जंजिर की फरीयाद है हमऔर दुनिया कहती है की आझाद है हमइस प्यार ने क्या दिया हमको अब आपको क्या बतायेकल भी बर्बाद थे और आज भी बर्बाद है हम.

दिल छोड़ कर और कुछ माँगा करो हमसे,हम टूटी हुई चीज़ का तोहफा नही देते है..!!

अपने प्यार को परफेक्ट बनाने की बजाए हम प्यार करने के लिए परफेक्ट इंसान की तलाश में बहुत वक्त लगाते हैं।

मुझे भी ज़िन्दगी में तुम ज़रूरी मत समझ लेना, ~ सुना है तुम ज़रूरी काम अक्सर भूल जाते हो!!!

जरा जरा सी बात पर रिश्तोंको मत तोडिये सात अरबकी भीड़ में सातलोग तो जोड़िये

जिसको 🤨जो कहना ✊है कहने दो👍, अपना क्या जाता है,😯ये🕣 वक्त वक्त की बात 🤨है, और वक्त 🕣सबका आता है🔥🔥🔥

जिसने भी कहा हैं,सच ही कहा हैं,सुकून तो मरने केबाद ही आता हैं..Jisne bhi kaha hain,Sach hi kaha hain,Sukoon toh marne keBaad hi aata hain..

कौन तोलेगा हीरों में अब तुम्हारे आंसू फ़राज़, वो जो एक दर्द का ताजिर था दुकां छोड़ गया💔💘

दर्द सहते सहते,लोग हँसना नहीं,रोना भी छोड़ देते हैं..Dard sahte sahte,Log hasna nahi,Rona bhi chod dete hain…

️ कुछ हार गयी तकदीर कुछ टूट गए सपने ~ कुछ गैरों ने बर्बाद किया कुछ छोड़ गए अपने! **************************************

वक्त रहते समझ जाओहर कोई निकाल रहा है अपना मतलब,यह दुनिया बड़ी बेशर्म हैपता ही नहीं चलताकौन क्या कर जाए कब।

गलतफहमी निकाल दो अपनीशरीफ़ सिर्फ चेहरा है हम नही.!

कभी कभी…”मजबूत हाथों” से पकड़ी हुई “उँगलियाँ” भी छूट जाती हैं क्योकि “रिश्ते”… ताकत से नहीं, दिल से निभाये जाते हैं…!

सरफिरा 😱लड़का हु🤟 जरूरत पड़ने 👍पे,हर 🤨जगह भीड़🤟 सकता हु🔥🔥🔥

खुश😁 रहो, खफा😬 रहो,दूर😯 रहो, दफा रहो😟😟😟

झुण्ड 😇की जरूरत 😥तो कमजोरो को 😏पड़ती हे,👍तबाही मचाने💥 के लिए 😏तो मुझ जैसा🤨 एक शेर ही🦁 काफी हे.👍👍👍

मतलब की दुनिया और मतलब के दोस्त है साहब, क्योकि जब बात इज्जत की आ जाती है तो सब मूह फेर लिया करते है वक़्त आने पर।

हर बात में आँसू बहाया नही करते हर बात दिल की हर किसी से कहा नही करते ये नमक का शहर है इसलिए ज़ख्म यहाँ हर किसी को दिखाया नही करते।

जख़्म इतना गहरा हैं इज़हार क्या करें। हम ख़ुद निशां बन गये ओरो का क्या करें। मर गए हम मगर खुली रही आँखे हमरी। क्योंकि हमारी आँखों को उनका इंतेज़ार हैं।

गम में वही शख़्स रोता है जो अपने बेहद करीबी को खोता है।

कभी जो मिलें फुरसत तो बताना जरूर,वो कौन सी मौहब्बत थी जो मैं ना दे सका…!!

दुनिया है सताती रहेगी,बस आप मुस्कुराते रहो !

झूठ कहूँ तो बहुत कुछ है मेरे पास सच कहूँ तो कुछ नही सिवा तेरे मेरे पास।

ऐसे रहबर अब नहीं चाहिए हमें,,, ~ काफ़िले को छोड़ कर चल दे जो मज़धार में..,!!

माना कि तेरे प्यार मेंअभी होठ खामोश है लेकिन…आंखें दिल का सारा हालबयां कर देती हैं!!

हम भी अपने गाओं में राजा बाबू थे शहर में आकर हम भी मारे फिरते हैं

कौन कहता है सिर्फ नफरतो में ही दर्द है कभी कभी बेपनाह मोहब्बत भी बहुत दर्द देती है.

“एक पिता के चेहरे की मुस्कान उसके बच्चे के पूरे दिन को रोशन कर देती है।” —सुसान गाले

गुलामी नहीं होगी मेरे भाईकोई चाहे कितना भी खास हो !

हम खामोश हो जाते हैं उनकी सुनते सुनते वो न जाने क्यों चुप हो जातें हैं कुछ कहते कहते हम तो मिट गए उनके सितम सहते सहते।

जिंदगी पर बस इतना ही लिख पाया हूँ मैं… ~ बहुत मजबूत रिश्ते थे..बहुत कमजोर लोगो के साथ

“अदाएं कातिल होती हैं आँखें नशीली होती हैं, मोहब्बत में अक्सर होंठ सूखे होते हैं और आँखे गीली होती हैं।”

भूल से कोई भूल हुई तो भूल समझकर भूल जाना,पर भूलना सिर्फ़ भूल को, भूल से भी हमें ना भुला जाना।

बिना चिराग के रौशनी नहीं होती तुम जालाना चाहती हो शमां महफिल में पहले की तुमने बेवफाई मुझसे अब रुस्वा करना चाहती हो महफिल में…

इश्क है या इबादत, अब कुछ समझ नहीं आता, एक खुबसूरत ख्याल हो तुम जो दिल से नहीं जाता।

किसी को छोड़ना आसान होता है,मगर भूलना बहुत ही मुश्किल।

न मैं था…न मैं हूँ…न मैं रहूँगा…तुम्हारे बगैर!!!

वफ़ा के नाम से वो थोड़े अंजान थे, किसी की बेवफ़ाई से शायद थोड़े परेशान थे, जब हमने वफ़ा देनी चाही तब पता चला के, हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे. –

रिश्ते अक्सर गलतियों से कमगलतफहमीयों से ज्यादा टूटा करते हैं!!

हमारे इश्क का खेल भी क्या निराला था, हमारे के लिए वो हमारी पूरी दुनिया थे, और हम उनके लिए कुछ भी नहीं !

इतना✊ ऐटिटूड मत ❌दिखापगली😯 मेरे फ़ोन 📞की✊ बैटरी भी🤟 तुझसे ज़्यादा 🤟हॉट है🔥🔥🔥

काश उन्हें चाहने का अरमान नही होता,में होश में होकर भी अंजान नही होता,ये प्यार ना होता,किसी पत्थर दिल से,या फिर कोई पत्थर दिल इंसान ना होता!

तुझे भी खुद से नफरत होने लगेगी अंधेरों की तुझे भी आदत होने लगेगी तब तुझे पता लगेगा आखिर इश्क़ है क्या, इश्क़ है क्या

कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे ~ जाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे

👍इंसान सिर्फ आग🔥 से नही जलता, ❌कुछ लोग 😯 तो हमारे एटिट्यूड😎 से जल जाते है🔥🔥🔥

हाथ बाँधे क्युँ खडे हो हादसों के सामने, ~ हादसे कुछ भी नही है हौसलों के सामने..

“हर ख़ुशी के पहलू हाथों से छूट गए, अब तो खुद के साये भी हमसे रूठ गए, हालात हैं अब ऐसे ज़िंदगी में हमारी, प्यार की राहों में हम खुद ही टूट गए।”

एक एक करके सब जुदा हो जायेंगे मैं इंसान ही रहूँगा सब खुदा हो जायेंगे

खूबिए-नाज तो देखो कि उसी ने न सुना, ~ जिसने अफसाना बनाया मेरे आफसाने को

शायरी वही सही होती हैसाहब जिसे पढ़ करदिल को यु लगे कीअरे हां यही बात तो हमकहना चाहते थे

आप बदल सकते हैं, पर जो नहीं बदलता वो है पापा का प्यार।

कुछ इस अदा से आज वह पहलूनशीं रहे, ~ जब तक हमारे पास रहे,  हम नहीं रहे

भूल गया था जो मंजर, वो जमाना याद आयाम,मुद्दतों बाद दिखी तुम, वो फ़साना याद आया।

कितना मुश्किल है तुमको और अब खुद को समझाना दिल की मंजिल और कही है और कहीं अब जाना

हमने रस्म रिवाज़ों से बग़ावत की है हमने वेपन्हा उनसे मोहब्बत की है दुआओं में जिसे था कभी मांगा आज उसी ने जुदा होने की चाहत की है।

वो भी जाने क्या दौर था मेरी तू तेरी मोहब्बत कोई और था

कुछ जिम्मेदारियां मजबूर कर देती है साहब घर छोड़ने कोवरना कौन अपनी माँ के आँचल में सिर रख कर सोनानहीं चाहत !!

ख़ाक से बढ़कर कोई दौलत नहीं होती छोटी मोटी बात पे हिज़रत नहीं होती,., पहले दीप जलें तो चर्चे होते थे और अब शहर जलें तो हैरत नहीं होती,.,!!

किस खूबसूरती से हमें वो नज़रअंदाज़ करते हैं  उनकी इन्ही अदाओं पे तो, हम उनपे नाज़ करते हैं

जिंदगी की राह पर चलते चलते डगमगाते है कदम फिर संभल जाते है, आजकल किसी पर भरोसा नही पता कब दोस्त धोखेबाज और विश्वासघाती निकल जाते है।

किससे पूछूँ की कहाँ गुम हो गई बारिश.. ~ हमने बादलों की मुकम्मल तलाशी ली है..

पिता जो अपने बच्चे को समझाता है वो पूरी दुनिया भले न सुने पर पूरी पीड़ी जरूर याद रखती है।

मोहब्बत साथ हो जरुरी नहीं, पर मोहब्बत जिंदगी भर हो ये बहुत जरुरी है।

आज कुछ ऐसा हुआ दिल टूट कर बिखर गया ~ दर्द कुछ इतना बड़ा हद से ही गुजर गया।

मतकर इतना यकीन मुझपर,मैं तो खुदको भी धोखे में रखता हूँ..Matkar mujhpar itna yakeen,Main toh khudo ko bhi dhoke main rakhta hoon..

कुछ यूँ उतर गए हो मेरी रग-रग में तुम कि खुद से पहले एहसास तुम्हारा होता है।

मेरे दुश्मनों की ठोकरों ने मुझे, सही रास्ता दिखाया है, दोस्तों से खाकर धोखा, अपनी मंजिल तक पहुंचाया है।

Recent Posts