Jimmedari Shayari In Hindi : प्यार, मोहब्बत और इश्क़ जिम्मेदारी है,नादान दिल को इतनी कहाँ समझदारी है। जुबान मेरे सिर्फ इसलिए खामोश है,क्योंकि जिम्मेदारियों के बोझ से दबे है।
हँसकर भी देख लिया हमनेरोकर भी देख लिया हमनेज़िन्दगी को वही अच्छे से जी सकता हेजिसने खुद अपनी जिम्मेदारियां लेना सिख लिया
कितने तनहा हो गए है घर से दूर रहकर,जी तो रहे है मगर मजबूर होकर।
दिल के दरिया का हाल हुबहू जंगल की तरह,एक ही घाट पीते है पानी,ज़रूरते और ख़्वाब!
अगर जिंदगी इतनी अच्छी होती तोहम रोते हुए नहीं आते,पर अगर जिंदगी बुरी होती तोहम लोगों को रुलाते हुए नहीं जाते।
अक्सर अकेलेपन से वही गुजरता है,जो जिंदगी में सही फैसलों को चुनता है।
जो हो गया उसे सोचा नहीं करते,जो मिल गया उसे खोया नहीं करते,हासिल उन्हें होती है सफलता,जो वक़्त और हालातपर रोया नहीं करते।
कंधा झुका हुआ है मेरा, लेकिन उम्र बड़ी नहीं है.. आज समझ में आया, जिम्मेदारी से बड़ा कोई बोझ नहीं है….
वो सबकी जिम्मेदारी उठता है, अपनी तकलीफों को भूल जाता है, सभी के चेहरे पर मुस्कान लाना चाहता है. मेरा पिता अपनी जिम्मेदारी को खूब निभाता है।
जिंदगी बदलने के लिए लड़ना पड़ता है और आसान बनाने के लिए समझना पड़ता है
“ अजीज दोस्तों कोधीरे-धीरे भुलाने लगा हूँ,क्योंकि अब घर कीजिम्मेदारी उठाने लगा हूँ….!!!
खुली आँखों से दिखता हैं जमाना सारा,पर तुम्हे देखने के लिए अक्सर आँखे बंदकरनी पड़ती हैं..।
जैसे चांद के होने से रौशन येरात है,हां तेरे होने से मेरी जिंदगी मेंवैसी ही कुछ बात है।🥀
होशियार बनना चाहते हैं तो बस एक काम कीजिए ज़िम्मेदार बनिए।
हर परिस्थिति में आगे बढ़ता रहाहार नहीं मानी कभी मुश्किलों से,सफलता की बहुत-बहुत बधाई हो तुम्हेंआज दुआएं मिल रही है हर दिलों से।
बहनो के साथ लड़ाई, भाई के साथ पढाई,माँ का प्यार, पापा का दुलार।दोस्तों की यादे मोहल्ले की राते,क्या बताऊ कितना याद आ रहा है सब,,हां घर याद आ रहा है अब।
आप दुसरो को तब तक खुश नही कर सकतें जब तक आप खुद खुश नही हो !
अजब अंदाज से ये घर गिरा है,मिरा मलबा मिरे ऊपर गिरा है।
कोहिनूर तो नहीं देखा मैंने कभी,मगर अनमोल होती है बहने,खुद के गम को छुपा हंसना सिखाती है।
“ लापरवाह होना आसान है,जिम्मेदार होना मुश्किल है,जो जिम्मेदारियां उठाता है,वही जीतता सबका दिल है…!!
यदि आप अपनी ज़िम्मेदारियों का भार नहीं उठा सकते तो आप सफलता का भार भला कैसे उठाएंगे।
देश की माटी से यारी रख,तू भी कुछ जिम्मेदारी रख.
घर अपना बना लेते हैं, जो दिल में हमारे,हम से वो परिंदे, उड़ाये नहीं जाते।
बड़े अनमोल है ये खून के रिश्तें इनको तू बेकार ना कर, मेरा हिस्सा भी तू ले ले मेरे भाई घर के आँगन में दीवार ना कर…
आपने हमेशा बड़े सपने देखे और उन्हे पूरा करने की चाहत अपने दिल मे रखी।हर किसी के लिए यह इतना भी आसान नहीं है। सफलता के लिए ढेर सारी बधाई।
ज़िन्दगी की हकीकत को बस इतना ही जाना है,दर्द में अकेले हैं और खुशियों में सारा जमाना है।
“🌹💑 गर्लफैंड तो कमजोर लोगों की होती बहादुर लोग तो शादी करके खतरों से खेलते हैं। 💑🌹”
कोई भी दुःख मनुष्य के साहस से बड़ा नहीं है जीवन में हारा वहीं है जो लड़ा नहीं ।
किस से पूछूँ कि कहाँ गुम हूँ कई बरसों से,हर जगह ढूँढता फिरता है मुझे घर मेरा।“निदा फ़ाज़ली”
खुशियों को बाँटता हुआ एक मेला हूँ।मैं सच कहूँ तो अपनों में भी बहुतअकेला हूँ…।
घर की तामीर तसव्वुर ही में हो सकती है,अपने नक़्शे के मुताबिक़ ये ज़मीं कुछ कम है।“शहरयार”
सुनो.जिंदगी में तुम ही तुम हो आँखों में,खब्बां में, साँसो में और इस दिल में,सिर्फ तुम ही हो 🥰❤️
जब आप एक ही जोक पर दुबारा नही हँसते ! तो एक ही दुःख पर दुबारा परेशान नही होना चाहिए !!
जिंदगी के पिच पर जरा संभल कर खेलना दोस्तों, क्योंकि स्टंपिंग करने वाला सबसे पास ही खड़ा रहता है।
प्यार, मोहब्बत और इश्क़ जिम्मेदारी है, नादान दिल को इतनी कहाँ समझदारी है।
जिंदगी हर किसी को अपना बुरा वक्त बदलने के लिए,दूसरा मौका देती है,उसे हम कल कहते हैं l
तुम तकल्लुफ़ को भी इख़्लास समझते हो फ़राज़ !!दोस्त होता नहीं हर हाथ मिलाने वाला !!
अपनी जिम्मेदारी से बचने की कमाना न करें, बल्कि उनकी जिम्मेदारी का डटकर सामना करें।
अपने संघर्ष को अपना जुनून बना लो, जब तक कि वो तुम्हारी कहानी न लिख दे !
जलन चुभन लगती रही,ख़्वाहिशें दिल में मरती रहीजिंदगी यूँ ही चलती रहीजिम्मेदारियाँ बढ़ती रही।
किसी को एहसान से !!कोई झुका ना पाया !!सच्चे रिश्ते में फर्ज !!कोई चुका ना पाया !!
जिंदगी में किसी से उम्मीद नहीं रखनी चाहिए,जो कि धोखा मनुष्य नहीं देता,बल्कि उनकी वो उम्मीदें धोखा देती है,जो वह दूसरों पर रखता है l
मेरी जिंदगी मेरी जान हो तुममेरे सुकून का दूसरा नाम हो तुम..!!
एक बात का हमेशा ख्याल रखें अपना अच्छा वक़्त भी उन्हें ही दीजिये, जो बुरे वक़्त में आपके साथ थें ।
जिम्मेदारी मेहनत करके निभाई जाती है,निभाकर इसे एहसान नहीं जताई जाती है.
हम ठहरे क्रिकेट प्रेमी, हमारी धड़कने तब बढ़ती है, जब मैच टाई हो जाता है।
जो है तुम्हारे पास उसकी कदर करो क्योंकि जो तुम्हारे पास है कुछ लोग उसके लिए भी तरसते हैं ।
कि इसे पाप का भागीदार मत बनाओ। क्रिकेट है जनाब इसे सियासत में मत लाओ।
बेवजह देर रात तक मैं जागता रहा, सुबह उठना कल पर टालता रहाखुद में कमियाँ कभी देखी ही नहीं, उम्र भर जिम्मेदारियों से भागता रहा
जेबो को लूट कर खुशियां भरा करती है,व्यापारी तो नहीं है जनाब,पर बहने सौदा खरा करती है।
इंतजार तो मुझे उसमौसम का है,जहां पानी नही तेरा इश्क़बरसे.!!🌹
अब राहा नहीं जाता तुम्हारे बिनाजल्दी बताओ कब आओगे मिलने मेरीजान…😍
जब कोई जिम्मेदारी उठा लेते हैं, तब वो अपनों का जीवन बदल देते हैं।
जो जी लिए वो जिंदगी,जो काटनी पड़े वो सजा,हमें जो जीवन मिला है,वो सांसो से मिला है,वर्षो में नहीं,इसलिए हर पल को जियो।
दुनिया के झूठ से बचता एक सच हुँ में , हर रोज़ एक भीड़ में भागता तनहा हूँ में । निराश होकर जो हर रोज़ घर आता है वही एक इंसान हूं में !!
आज फिर हास्टल में कहीं से इक मीठी खुशबू छाई है,लगता है किसी के हिस्से में माँ के हाथ की रोटी आई है।
मेरी ज़िन्दगी में खुशियां तेरेबहाने से हैं आधी तुझे सताने से हैंआधी तुझे मनाने से हैं..।
“🌹💑 पति-पत्नी सब कहते है कि, एक म्यान में दो तलवार कभी नहीं रहती। शादी के बाद वह दोनों तलवारें एक ही मकान में तो रहती है।संजय सरोज “”राज””। 💑🌹”
जीवन में बड़ी सफलता तभी पाईजब मुश्किल हालातों में भीखुद को हिम्मत से रहना सिखाया,मुसीबतों के अंधेरे कोमेहनत की रोशनी से दूर भगाया।
मार्गदर्शन सही हो तो दीए का प्रकाश भी सूरज का काम कर जाता है..
बेवजह घर से निकलने की जरूरत क्या है,मौत से आँखे मिलाने की जरूरत क्या है।सब को मालूम है बाहर की हवा है कातिल,यूँ ही कातिल से उलझने की जरूरत क्या है।
इच्छाओं के अनुरूप जीने के लिए तो जुनून चाहिए , वरना परिस्थितियां तो हमेशा विपरीत ही होती हैं !
लोगों से दूरी बढ़ाने के कई तरीके हैं, पर जिम्मेदारी निभाने के भी कई तरीके हैं।
मेहनत करो तो धन बने, शब्द करो तो काम,मीठा बोलो तो पहचान बने,इज्जत करो तो नाम।
मैंने दो घड़ी आराम करने की क्या सोच… के कल के परिंदे मुझे उड़ना सिखा रहे हैं.!!!
कर दे नज़रे करम मुझ पर,मैं तुझपे ऐतबार कर दूँ,दीवाना हूँ तेरा ऐसा,कि दीवानगी की हद को पर कर दूँ,💞
जिम्मेदारियों की वजह से दोस्तों कासाथ छूट जाता है,जिंदगी के सपनों का पूरा होने काआस टूट जाता है.
“ बड़ी नादान मुझे मेरीनादानियाँ लगती है,ना जाने क्यों बोझजिम्मेदारियाँ लगती है….!!
इतनी बदसलूकी ना कर ऐ ज़िंदगी,हम कौन सा यहाँ बार-बार आने वाले हैं।
कहां मिलेगा तुम्हें मेरे जैसा शख्स,जो दूर रहकर भी तुम्हारी इतनी परवाहकरता है..!
बुरे वक्त में एक दूसरे की !!मदद करना जरूरी होता है !!इंसानियत के फर्ज को !!अदा करना जरूरी होता है !!
बड़े ही अदब और प्रेम से लिखा है,बहना तेरा और मेरा रिश्ता,दूर होकर भी तू दिल में रहती है,तेरी यादे खुशियों की लहर सी बहती है।
सबके अंदर इक अजब सा शोर है, बाहर से हर कोई मौन हैजो तुम्हारी जिंदगी में चल रहा है, उसका जिम्मेदार कौन है?