Jhuki Nazar Shayari In Hindi : उसकी नज़र झुकी है तभी तक समझो राहत है, अगर नज़र उठी तो फिर क़यामत ही क़यामत है। तेरे कहने पर हम तुझे भूल गये है, तुझे देख न सके इसलिये, तुझे देख अपनी ये नज़रे झुका लेते है।
मंजिल मौत हैसफर के मजे लो !
मेरी उनसे नज़रें मिली थी, उन्होंने शर्मा के नजर ही झुका ली थी।
पैगाम आया है उनकी तरफ से ज़रा गौर फरमाना,नज़रो से जो शुरू हुआ था जो इश्क, नज़र लगा गया उसको जमाना.
जिसकी ख़ुशी की खातिर था,दिल मुझसे बगावत में,कम्बखत एक झलक पाने को,अक्सर बहुत रोता हु !!
महफ़िल में हम भी थे,महफ़िल में वो भी थे,हमने नज़र हटाई नहीं,और उन्होंने नज़र मिलाई नहीं..!!
तेरी नज़रे देख दिल संभल नहीं पता किसी और की नज़र ना लगे हर वक्त मेरा दिल यहीं है चाहता।।
हम तो चाहते है लोग हमसे नफरतकरे, वैसे भी मोहब्बत कौन सीसच्ची करते है…!!
खो कर पछतावोगेना हम होंगे ना हमसा कोई और !
लहजे में बत्तमीजी और चेहरे पर नक़ाब लिएफिरते है; जिनके ख़ुद के खाते ख़राब है वोमेरा हिसाब लिए फिरते है.!
जनाब ये जो झुकी नज़रों से इज़हार होता है, हाय क्या खूब कमाल होता है।
रिश्ते कभी कुदरती मौत नहीं मरते,इनको हमेशा इंसान ही कल्त करता है,कभी नफ़रत से कभी नज़र अंदाज़ी से,तो कभी ग़लतफहमी से !!
“ अल्फाज़ो में ढूंढता हु तुम्हेहक़ीक़त में कहा तुम नज़र आते हो…!!
धूप का तो नाम बदनाम है ग़ालिबजलते तो लोग एक दूसरे से हैं।
“ इन झुकी हुयी पलको मे बसेरा है तेरा, काश जब भी ये पलके उठें तोबस सामने हो चेहरा तेरा…!!
“ जिसे रिश्तों में न दिखातो पत्थर में क्या दिखेगाइबादत की नज़र से देखज़र्रे ज़र्रे में ख़ुदा दिखेगा…!!
बस इतनी पाकीज़ा रहे आईना-ऐ-ज़िन्दगी, जब खुद से मिले नज़र तो शर्मसार ना हो ।।
खूबसूरती भी अजीब बला है,जिसने भी नज़र डाली,बुरी नज़र डाली !!
ये सुर्ख लब ये रुख़्सार और ये मदहोश नज़रें, इतने कम फासलों पर तो मैखाने भी नहीं होते।।
यूं तो अक्सर बाते होती,है उनकी नजरो से,पर नजरो के लफ्ज़ अक्सर,उनके समझ नही आते है..!
अजीब दुविधा है ये भी तुम्हारा चेहरा देख जो फिर से जीने लगते है, तुम नज़रों से देख हमे फिर से मार देती हो।
अगर लंका चाहिएतो रावण तो बनना पडेगा ना.!
यूँ तो शिकायतें मुझे सैंकड़ों हैं तुमसे मगर, तुम्हारी एक नज़र ही काफी है सुलह के लिये।।
“ तुम एक नज़र देख लोखुद को मेरी नज़र से, तुम्हारी नज़रें तलाशेंगीखुद फिर मेरी नज़र को…!!
सुनो झुका के रखते है हम अपनी नज़रें, कही कोई उन झुकी नज़रो में तुम्हे ना देख ले।
पहनावा अदब रखती हूं लहजा नर्म रखती हूं तूफानों का भी रुख मोड़ दूं, मैं अपने अंदर वो हुनर रखती हूं !!
मेरी पसंद है शांत रहनाइसे मेरी कमजोरी मत समझना !
कोई कितना भी बडा क्यों नाहो जिस दिन खिलाफ हो जायेगाउस दिन अडा दीया जायेगा
जैसा भी हूँ ठीक हूँ मुझे किसी के जैसा नही बनना
छोटी उड़ानों पर गुरूर नही करता मेंआसमान नापने वाला परिंदा हु में.!
में टूटा हूँ जरूर मगर हारा नही हूँ,अकेला हूँ जरूर पर बेसहारा नही हूं ।
तेरी वो झुकी सी नज़र कुछ तो बयान कर रही थी, तू ना सही तेरी वो परछाई बहुत कुछ कह रही थी।
ख़ुशी थे तुम मेरी पर नाजाने कब,मेरी ख़ुशी को किसी की,नज़र लग गई !!
ये तबस्सुम ये आरिज ये रोशन जबीं , ये अदा ये निगाहें ये ज़ुल्फें हंसीं , आईने की नज़र लग ना जाए कहीं , जनेजा अपना सदका उतारा करो
आप तोपों के बारे में बात करते हैं हम इसे दृष्टि से उड़ा देते हैं।
Attitude तो बच्चे दिखाते हैहम तो लोगो कोउनकी औकात दिखाते है.!
दिलबर हो एक तुम कि हमारी नज़र में हो, दिल है हमारा दिल कि तुम्हारी नज़र में है।।
तुम्हारी नज़रों में वो नूर दिखता है की मुझे तो सपनों में भी तुम्हारी ही नज़र नज़र आती है।
“ नज़र से नज़र अब मिलाई गई है,में पीता नहीं था पिलाई गई है…!!
यह वक्त ही तो है एक दिन बदल जाएगा आज तेरा है, तो कल मेरा भी आएगा।
वो साथ होते तो शायद सुधर भी जाते हम, पर छोड़ कर साथ उसने हमारा, हमें आवारा बना दिया !
अपने हाथों की लकीरों को क्या देखते होकिस्मत तो उनकी भी होती है, जिनके हाथनहीं होते।
इस झुकी नज़र से क़यामत का एहसास होता हैऊपर से तेरा यूँ मुस्कुराना बड़ा सितमगर होता है
“ गुनाह बता दो हमारा जो हम तुम्हे एकनज़र नहीं भाते सच बताओ हमेनज़रअंदाज़ करती हो या हम तुम्हेनज़र नहीं आते…!!!
बस इतनी पाक़ीज़ा रहे आइना-ऐ -ज़िन्दगीजब खुद से मिले नज़र तो शर्मसार ना हो
“ बस इतनी पाकीज़ा रहेआईना-ऐ-ज़िन्दगीजब खुद से मिले नज़रतो शर्मसार ना हो…!!!
“ तुम्हीं बताओ कि किसकिस से मैं कलाम करूँ हो,तुम भी गोया तुम्हारी नज़र भी गोया है…!!
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🕴️बादशाह की गली मैं आके उसका पता नहीपूछते गुलामो के जुके हुए सिर खुद ब खुद रास्ताबता देते हैं… 🔫
तुम्हारी शरारती नजरों को नज़र न लगे, ख़ुदा करे ये हमेशा यूँ ही मुस्कुराती रहे।।
आता है इक सितारा नज़र चाँद के क़रीब, जब देखते हैं ख़ुद को तुम्हारी नज़र से हम।।
“ तेरी इन झुकी सी नज़रों में एक हया है, करती है तेरी खूबसूरती को बयां है…!!
आख़री हिचकी तेरे ज़ानूं पे आए मौत भी मैं शाइराना चाहता हूं क़तील शिफ़ाई
ढूंढते क्या हो… आँखों में कहानी मेरी, खुद में खोये रहना तो आदत है पुरानी मेरी।
हर वो पत्थर जिसकी ठोकर करे आगाह,मुझे दर्द दे भी तो भी हमदर्द नज़र आता है !!
जीत का असली मज़ा तो तब है, जब दुश्मन भी तुमसे हाथ मिलाने को बेताब रहे।
आईने में खड़ा शख्स तुझे अच्छे से जानता है, तू लाख भला बन जा किसी और की नज़र में।।
करीब रहने से नाम बदनाम हैइसलिए अब सबको दूर से ही सलाम है!
चाहने वालों की दुआ औरजलने बालों का शुक्रिया..!
बहुत खूबसूरत है तुम्हारी मुस्कराहट पर तुम मुस्कुराती कम हो, सोचता हूँ देखता ही रहू तुम्हे पर तुम नज़र आते ही कम हो।।
“ हर उस शख्स को जन्नत नज़र आ जाएसनम जिसे तुम बसएक निगाह भर देख लो…!!
मतलब निकल जाने पर पलट के देखा भी नही तुमने, रिश्ता तुम्हारी नज़र में कल का अखबार हो गया।।
“ मेरी नजरो को आज भी तलाश है तेरीबिन तेरे ख़ुशी भी उदास है मेरीखुदा से मांगा है तो सिर्फ इतनामरने से पहले आपसे मुलाक़ात हो मेरी…!!
“ वो ज़हर देकर मारते तो दुनिया कीनज़र में आ जातेअंदाजे कत्ल तो देखो मोहब्बत करकेहमसे शादी ही कर ली…!!
बुरे नहीं हैं हम बस किसीको अच्छे नहीं लगते !
“ आखिर कब तक झूठ बोलेगीउनकी नजर हमसे,नजरों को पहचानने का हुनरबखूबी आता है हमें….!!
“ बिछड़ने से ज़रा पहलेएहसास को संवरने दो ज़रा,नज़रों से दूर हो जाओ भले,दिल के पास तो रहोगे सदा…!!
धार कम होने पर खंजर बदल देता हूंदिमाग खराब होने पर मंजर बदल देता हूं।
मुझ पर उंगली उठाने वाले लोग मुझे बहुत अच्छे लगते है, क्योंकि वो खुद के बारे में कम ओर हमारे बारे मे ज्यादा सोचते है !!
“ मेरे वजूद की लो अब बुझ चुकी हैउनकी नजरों में ना तमन्ना है नानजर आए हम कभी उस शहर में…!!
वैसे तो बहुत बड़ा दिल है मेरा पर हर किसी की औकात नहीं इस दिल में रहने की ।
बदला तो वो लेते है जिनका दिल छोटाहोता है’ हम तो माफ करके दिल सेनिकाल देते है.।।
नज़र को नज़र की खबर ना लगे कोई अच्छा भी इस कदर ना लगे, आपको देखा है बस उस नज़र से जिस नज़र से आपको नज़र ना लगे।।