Insan Ki Pehchan Shayari In Hindi : आशिक इश्क में सब कुर्बान कर देते है, आँखों से आँसू ने निकले तो भी दर्द को पहचान लेते है. पहचान पाने के खातिर पूरा जीवन लगा दिया, चंद रूपयों के लालच में ईमान को दांव पर लगा दिया.
जो जा रहा है उसे जाने ही दो आज अगर रुक भी गया तो कल चला जायेगा
औकात नहीं है दुश्मनो की आँख से आँख मिलाने कीऔर बात करते हैं साले घर से उठाने की.
“ कई बार टूटा हूँतब जाकर यह समझ आया है,कि खुद से प्यार करनासमय की जरूरत नहीं,जिंदगी जीने की पहली शर्त होती है…!!!
एक अच्छे इंसान को धोका देना, हीरे को फेंककर पत्थर को उठा लेने जैसा है ,
हमने तुफानो से घबरानानहीं टकराना सीखा है !
जिनसे मिलकर तुम गुरूर करते होवो हमसे मिलने के लिए तरसते है.
सही को सही और गलत को गलत कहने की हिम्मत रखता हूँ, ........... इसीलिए आज कल रिश्ते कम रखता हूँ।
शरीफ शराफत की वजह से चुप था,घटिया लोगों ने उसे गूंगा समझ लिया।
धार कम होने पर खंजर बदल देता हूंदिमाग खराब होने पर मंजर बदल देता हूं।
प्यार के उजाले में गम का अंधेरा आता क्यों है जिसको हम चाहे वही रुलाता क्यों है अगर वह मेरा नसीब नही तो खुदा ऐसे लोगों से मिलाता क्यों है
अगर आपका स्वभाव अच्छा है तो यह आपकी खूबसूरती को चार चांद लगा देता है।
जो सफलता का मतलब समझ जाता है वह इंसान बहुत महेनति होता है।
पढ़े लिखे नहीं थे वो शायद गलतियों को हुनाह का नाम देते रहे मुझे बदनाम करना पसंद था उन्हें और हम उन्हें ये काम देते रहे
नफ़रत नहीं है किसी से हमें, बस अब कोई अच्छा नहीं लगता।
वापस आ गए है,अब भोकाल मचाएंगे,बेटा जितना तूने सोच रखा है,उससे भी आगे जाएंगे..Wapas aa gaye hain,Ab bhaukal macheyenge,Beta jitna tune soch….
उनके हौंसले का मुकाबला ही नहीं है कोईजिनकी कुर्बानी का कर्ज हम पर उधार हैआज हम इसीलिए खुशहाल हैं क्यूंकिसीमा पे जवान बलिदान को तैयार है….
मतलब से मिलने वाले मिलने का मतलब क्या जाने
परख न सकोगे ऐसी शख़्सियत है मेरी,में उन्ही के लिए हूँ जो जाने क़दर मेरी.
चलो आज फिर थोड़ा मुस्कुराया जाए, बिना माचिस के ही कुछ लोगो को जलाया जाए।
गलत शायरी से क्या बढ़ी ख़ुशी मिलती है, सोचो और सच में गलत आदमी पर हंसी उड़ाएं।
अपनो ने ही सिखाया हैकोई अपना नही होता.
तुम इश्क़ करो और दर्द ना हो मतलब दिसंबर की रात हो और सर्द ना हो
आज इग्नोर कर रहे होकल याद करोगे.
ये तो अच्छा है कि दिल सिर्फ सुनता है, अगर कहीं बोलता होता तो कयामत आ जाती !
यादों को मरने में वक़्त लगता है दिल को संभलने में वक़्त लगता है
मैं वो इंसान हूँ, जो प्यार में जन्नत दिखा सकता है, और नफरत में औकात भी ।
इश्क़ भी अब एक सजा हो गया है किसी को “ना” कहना भी गुनाह हो गया है
बहाना क्यों बनाते हो नाराज होने का कह क्यों नही देते के अब दिल मे जगह नही तुम्हारे लिए.,
“ जिस इंसान को खुदसे नफरत हो जाएउसे किसी और से मोहोबतनहीं हो सकती…!!
मतलभी मोहब्बत बस थोड़े समय तक साथ चलती है,मतलब निकलते ही बीच में छोड़ भाग निकलती है।
जाने क्यों तेरी याद आने लगती है,मेरे होठो पे क्यों ये बात आने लगती है,जो कभी तन्हाइयो में बैठने लगते हैं,तब वो पहली मुलाकात याद आने लगती है।
हवस में और मोहब्बत में आज कल फर्क नहीं होता जो हर चेहरे से हो जाए वो फिर कोई इश्क़ नहीं होता
“ मैं हर मुसीबत से लड़ जाता हूँ,इसलिए जीवन में आगे बढ़ जाता हूँ….!!
पहचान पाने के खातिर पूरा जीवन लगा दिया, चंद रूपयों के लालच में ईमान को दांव पर लगा दिया.
साँसे तो खुद कि खर्च कर रहे हो,और फिकर दुनियाँ कि कर रहे हो…!!
कैसा हाल है हमारा, अब ना पूछो हम फिर से वो कहानी अब ना सुना पाएंगे किसने किया हैं यूँ बेदर्दी से क़त्ल हमारा उस कातिल का नाम ना हम बता पाएंगे
बुरे वक्त में लोगों की पहचान देख ली, काम पढ़ने पर दोगलों की ओकात देखी है।
मैं अपने व्यक्तित्व की पूर्ण अभिव्यक्ति के लिए स्वतंत्रता चाहता हूं। – महात्मा गांधी
दुश्मनों का कलेजा भी कांप आयादेख बेटा तेरा बाप आया.
चलते चलते फिर गली वो आ गयी जिस गली में अब हमारा कोई नहीं
माना पैसो से हर चीज खरीदी जा सकती हैं, पर पैसो से इज़्ज़त बिलकुल भी नहीं खरीदी जा सकती हैं।
जो लिखते है वो दुनिया के बारे में लिख देते है तुम्हे सिर्फ अपनी तकदीर लिखनी है।
काली जिंदगी काला काम है।एक नाम है वो भी बदनाम है।
मैं खुद की पहचान में नहीं आ रहा हूँ,शायद सच कहते है लोग, मैं बदलता जा रहा हूँ।• इंसान की पहचान शायरी •
नाजुक होता है ये मोहब्बत का धागा टूटा तो फिर जुड़ नहीं पाता
हमारी आरजूओं ने हमें इंसान बना डाला, वरना जब जहां में आये थे बन्दे थे खुदा के.,
मेरे ऐटिटूड में इतना करंट है, की तू जल के ख़ाक हो जायेगी !
तेरी मोहब्बत की तलब थी तो हाथ फैला दिये हमने,वरना हम तो अपनी ज़िन्दगी के लिये भी दुआ नहीं मांगते।
सच्चे मोहब्बत करने वाले किसी कोने की पहचानबन गये,और मतलबी दिलों के मालिक हो गये।
“ कुछ रोज से पूछते हैलोग कि कौन हूँ मैं,बताऊं क्या इसलिएअब तक मौन हूँ मैं….!!
मुझको छोड़ने की वजह तो बता दे,मुझ से नाराज थे या मुझ जैसे हजार थे,
मुझे मोहब्बत है अपने हाथों की सब लकीरों से,ना जाने पापा ने कौनसी ऊँगली को पकड़कर चलना सिखाया था।
मुँह पर कुछ ओर पीठ पीछे सबकीबदलती बात देखी है। एक एककरके मैंने सबकी औकात देखी है
“ जैसे जैसे जिम्मेदारियां बढ़ने लगी,खुद के लिए समय कम मिलने लगा…!!
“ फ़िक्र मंद हूँआज कल मैं खुद के लिए,पता तुम्हारा नही हैऔर गम मैं हो गया हूँ….!!
कुछ ऐसे लोगो को जो समझते नहीं है,उनको उम्र नहीं, घर की जिम्मेदारियाँ समझदार बना देती है।
अदा तो अपनी फुल कातिल हैऔर attitude में तो डिग्री हासिल है.
“सपने और लक्ष्य में एक ही अंतर है सपने के लिए बिना मेहनत की नींद चाहिए और लक्ष्य के लिए बिना नींद की मेहनत। ”
” कभी भी दूसरों से तुलना करके आप अपनी कीमत कम मतकिया कीजिए, आप अनमोल हैहमेशा याद रखिये…!!
हर गम मेरे फितरत नहीं बदल सकते क्या करू मुझे आदत है मुश्कुराने की। Har Gam mere fitrat nahi badal sakte kya karu mujhe aadat hai mushkurane ki..
चाहे शक्लों से नहीं है सुन्दर पर भगवान ने व्यक्तित्व दमदार और शानदार दिया है जेब चाहे नोटों से नहीं हैं भरी पर भगवान ने दिल अमीर दिया है
तू होश में थी फिर भी हमें पहचान न पाई, एक हम थे जो बेहोशी में भी तेरा नाम लेते रहे.,
पूछता है मतलबी कोण है ,पूछता है – मतलबी कोण है।अरे खुद तो खुदा को मुसीबत में याद करता है तू ,मतलब ही है ये और मतलब की बात करता है तू।
बस कि दुश्वार है हर काम का आसां होना, आदमी को भी मय्यसर नहीं इंसां होना.,
जैसी हूँ वैसी हीं नजर आती हूँ, यें दिखावे नहीं होते मुझ से यार !!
“ जिन्होंने रातों को जागकरसूरज को जगाया है,उन्होंने ने ही इतिहास बनाया है।
पहचान पाने के खातिर पूरा जीवन लगा दिया,चंद रूपयों के लालच में ईमान को दांव पर लगा दिया.
प्यार है इसलिये तेरी इतनी फ़िक्र करता हूँ,जिस दिन तू दिल से उतर गई, तेरा जिक्र भी नहींकरूँगा..!!
जूता कितना भी महँगा हो, अगर पहनने पर पैर को काटता है तो उसकी कीमत दो कौड़ी के बराबर हो जाती है.
रूठे हुए को मनाना सीख लो, अगर ज़िंदगी उससे रूठ गई तो उसे मनाने के लिए तरसोगे।
इस दुनिया में अपनी इस तरह इज़्ज़त बनाना, की लोग सामने तो इज़्ज़त करे ही करे लेकिन पीठ पीछे भी इज़्ज़त करना ना भूले।
जिसे हमने अपना माना, बुरे वक्त में उसे जाना।