Gussa Shayari In Hindi : तेरा रूठ जाना क्या…उस चाँद का शर्मना क्या,बदल दूँ या बदल जाऊं,फिर मैं क्या…जमाना क्या दो पल के गुस्से से प्यार भरा रिश्ता बिखर जाता है ,होश जब आता है तो वक्त निकल जाता है।
तुम्हारा गुस्सा भी इतना प्यारा है कि,दिल करता है तुम्हे दिन भर तंग करते रहे..!!
गुस्सा बहुत चालाक होता है, अक्सर कमजोर पर ही निकलता है!
क्यों अब मेरी जिंदगी का हरसपना सच्चा नहीं लगता,रूठ जाती है सांसें मेरी..यूँ तुम्हारा नाराज होनाहमें अच्छा नहीं लगता
नफ़रत भी नही है और गुस्साभी नही है पर हा सुन अब मेतेरी ज़िन्दगी का हिस्सा भी नही हू !
बहुत परेशान मेरा दिल आज हैबता मेरे गुस्से का क्या इलाज है !
मेरा गुस्सा वहां पर ख़त्म हो जाता है,जहां प्यार से वो पगली बोलती है,“अच्छा बाबा Sorry”!
ना तो तेरी शान कम होतीना रूतबा ही घटा होता ,जो गुस्से में कहा तुमनेवही हंस के कहा होता ।
तेरे गुस्से पर मुझे आजबहुत प्यार आया,कोई तो है जिसने मुझेंइतने हक़ से धमकाया।
#कभी वो गुस्सा करती हैं कभी हम गुस्सा करते हैं भूल जाते हैं हर बार पर दोबारा वही किस्सा करते हैं!!!
तुझे गुस्सा दिलाना भी एक साजिश है !!तेरा रुठ कर मुझ पर यूँ हक जताना प्यार सा लगता है !!
तुम्हारे चेहरे पर गुस्सा देख कर ना जाने क्यूँ,तुम पर और भी प्यार आता हैं।
जिसके अंदर क्रोध कीदीमक पलती है उसइन्सान का विनाश निश्चित है !
#तुझे गुस्सा दिलाना एक साजिश हैं मेरी तेरा रूठ कर मुझपर यूँ हक़ जताना अच्छा लगता हैं!!!
थोड़े गुस्से वाले थोड़े नादान हो तुम,लेकिन जैसे भी हो मेरी जान हो तुम.
मोहब्बत में गुस्सा वही करता है ,जिसमें मोहब्बत कूट-कूट के भरी होती है..!!
साथ छोड़ना बहुत मुश्किल है,तेरे से नाता तोड़ना बहुत मुश्किल है…तू जान इस दिल की,तुझसे रूठ जाना बहुत मुश्किल है…
हम जानते है मायने रिश्तों के,इसलिए गुस्सा हम नही हो पाते,समझ सकते है हम उनकी तकलीफ को,हमे जो अपना हक्क समजते है।
जो आंसू मेरी आंखों मेंहो उसकी वजह तू बनेइससे बड़ी सजा क्या होगीइश्क में एक आशिक के लिए.!!
क्यों अब मेरी जिंदगी का हरसपना सच्चा नहीं लगता,रूठ जाती है सांसें मेरी..यूँ तुम्हारा नाराज होनाहमें अच्छा नहीं लगता
#सबसे ज्यादा गुस्सा खुद पर तब आता हैं जब प्यार भी हम करे इंतजार भी हम करे जताये भी हम और रोये भी हम!!!
रास्ता कितना भी खराब हो !!उस खराब रास्ते पर एक बार चलना सीख गया !!तो दुनिया के कोई भी प्रभु नहीं छाया !!
#हर दम मुझे उनकी नजर देखे वही आये नजर हम जिधर देखे गुस्से से मुँह फुलाए बैठी हैं वो कहाँ जाये अब हम और किधर देखे!!!
#गुस्सा तब आता हैं जब कोई इन्सान हमें उसकी Life का इक लम्हा तक नहीं समझता और हम उसे अपनी जिंदगी समझ लेते हैं!!!
#आज दिल कर रहा था बच्चों की तरह रूठ ही जाऊ पर फिर सोचा क्या फायदा मनायेगा कौन!!!
वो तक़दीर पर अब कैसे उम्मीद रखे, जो नींद की भी हर रोज रिश्वत देता है!
गुस्से में किया हुआ सीधाबात भी कई बार लोगो कोउल्टी बात ही लगती है ।
तुमसे शुरू औरतुम पर ही ख़तममेरा गुस्सा भीऔर प्यार भी !
गुस्से के कुछ अलगस्वभाव है मिनटो मे यहसबके भाव बदल देता है !
#क्या खाक तरक्की की हैं Medical Science ने इश्क का रोग आज भी लाईलाज हैं!!!
गुस्सा आने पर चिल्लाने के लिए ताकत नही चाहिए,परन्तु गुस्से में शांत रहने के लिए बहुत ताकत चाहिए।
यदि गुस्से के समय आप धैर्य रखते है,तो आप वीरो जितना शौर्य रखते है।
#दो पल के गुस्से से प्यार भरा रिश्ता बिखर जाता हैं होश जब आता हैं तो वक्त निकल जाता हैं!!!
आता है प्यार तुम पर , मगर तुम मुंह फैलाए बैठे हो क्या करें जानम , तुम गुस्से में और भी हसीन लगते हो ..
गुस्सा ज्यादा आता हैतो कोई बात नही ,बस उस गुस्से को सही दिशा दो ।
गुस्सा उन बादलों की तरह है,जो बरसने से पहले बहुत गर्मी करते है,और आंसू उस बारिश की तरह है,जो बरसने के बाद बहुत ठंडक देते है।
गुस्सा तो बहुत हैमुझे यूँ छोड़ के जाने का,उम्मीद भी उतनी हैफ़िर से लौट कर आने की।
शब्दों को संभालना चाहिए, शब्दों में बड़ी जान होती है, इसी से ही तो इंसान से इंसान की पहचान होती है!
गुस्से में लोग सब भूल जाते है ,कर्मो के मोल सब वसूल जाते है ,कभी सोचते नही है क्या होगा आगे ,क्योकि जिन्दगी छोड़कर ही वो झूल जाते है ।
रिश्तों में मिठास लाने के लिएकई ज़हर पिये है मैंने भी,इसलिए लोग पूछते हैअब गुस्सा क्यों नही आता मुझे।
वैसे तो बहुत अच्छा हूँ मैंपर सिर्फ गुस्सा न आने तक
शांत हो जाता है गुस्सा मेरा वहाँ !!गलती करने वाला मान लेता है अपनी गलती जहाँ !!
एक हाथ में मरहम तो एक हाथ में खंजर, कहीं बरसात इश्क की कही भूमि बंज़र!
तुम जब गुस्सा हो जाते होतो ऐसा लगता है मनातेमनाते जिन्दगी गुजारा हूं ।
वैसे तो बहुत अच्छा हूँ मैं,पर सिर्फ गुस्सा न आने तक.
आज दिल कर रहा था, बच्चो की तरह रूठ ही जाऊं, पर फिर सोचा क्या फायदा मनायेगा कौन?
मोहब्बत में शक और गुस्सा वो ही करता है ,जो कभी भी तुम्हे खोना नही चाहता ।
गुस्से से गया शख्स वापिस आ जायेगा,खामोशी से गया शख्स वापिस नहीं आएगा।
#तुम्हे गुस्सा करने का हक़ हैं मुझ पर नाराजगी में ये मत भूल जाना की हम बहुत प्यार करते हैं तुमसे!!!
ये जो मेरे गुस्से को भी मुस्कुराहट में बदल देते हो,बस यही वजह कि तुम दिल को इतना भाते हो।
गुस्से में भी उसका प्यार दिखता है,तकलीफ़ भले मुझको दे, दर्द उसको होता है।
जब भी आप हमसे गुस्सा हो जायँगे,तो हम आप को हमारे हांथों की बनी चाय पिलायेंगे,और जब हम गुस्सा होंगे, तो आप हमें आइसक्रीम खिलायंगे।
आपका गुस्सा आपके चरित्रको परिभाषित करता है ,देखना ये है की आपको किनचीजो पर गुस्सा आता है ।
गुस्से और आंधी से होने का नुकसान ,इनके थम जाने के बाद नजर आता है।
एक पल में खिलखिला कर हँसती है,एक पल में गुस्से से तिलमिलाती है,कुछ ज़िन्दगी सी है माशूका मेरी।
दूसरो पर गुस्सा करना चोट के समान है,खुद पर गुस्सा करना खुद को तराशने के समान है।
ना तेरी शान कम होती ना रूतबा ही घटा होता,जो गुस्से में कहा तुमने वही हंस के कहा होता.
गुस्सा भी समय-समय परकरना ठीक होता है ,पर कहां और कब करना हैये समझना मुश्किल होता है ।
बहुत मुश्किल है समझना जिंदगी को, जब से मिली है हर पल बदल रही है!
उसकी ये मासूम अदा मुझको बेहद भाती है,वो मुझसे नाराज़ हो तो गुस्सा सबको दिखाती है
#सितम सारे हमारे छांट लिया करो नाराजगी से अच्छा हैं डांट लिया करो!!!
इतनी सारी शिकायतें थी उनके आने से पहले,उन्होंने आकर हाल क्या पूछा,अपनी शिकायतों पे गुस्सा आ गया।
मीठे का शौक इसलिए भी रखते हैक्योकी ज़िन्दगी की हकीकतबहुत कड़वी है !
“ मुझे मालूम था कि लोग बदल जाते हैं,लेकिन मैंने तुम्हें कभी उनलोगों में गिना ही नहीं था..!!
किस्मत तो लिखी थी मेरी सोने की कलम से, पर इसका क्या करे की स्याही में जहर था!
जब भी आप हमसे गुस्सा हो जायँगे तो हम बस आप को,हमारे हाथो की बानी चाय पिलायेंगे,और जब हम गुस्सा हुए तो आप हमें आइसक्रीम खिलायंगे।
तुझे गुस्सा दिलाना एक साजिश हैं मेरीतेरा रूठ कर मुझपर यूँ हक़ जताना, अच्छा लगता हैं।
दिमाग से पैदल है वो, मगर दिल की साफ,प्यार से तू बोलती है, और गुस्से में आप।
मैंने अपने आप को हमेशा बादशाह समझा, पर तुझे खुदा से माँगा अक्सर फकीरों की तरह!
कभी ना समझे तुम्हारे ऐसे बर्ताव का मतलब, गुस्सा कर हम पर करते रहते है जवाब तलब!
पढ़ने वालों की कमी हो गयी है आज कल ज़माने में, वरना मेरी जिंदगी का हर पन्ना पूरी किताब है!
जिंदगी जख्मो से भरी है वक्त को मरहम बनाना सिख लो, हारना तो है एक दिन मौत से, फिलहाल जिंदगी जीना सिख लो!
कौन कहता है कलम में आग नही होती,जरा गुस्से को कलम से उतार के तो देखो,आग लगा देगी।