Gussa Shayari In Hindi : क्यो गुस्से में समझ लेती हूं ,मै तुझे इतना गलत पर तू है नही इतना भी बुरासुनकर तेरी आवाज बदल जाता हैमेरा गुस्सा भी प्यार में । इतनी सारी शिकायतें थी उनके आने से पहले,उन्होंने आकर हाल क्या पूछा,अपनी शिकायतों पे गुस्सा आ गया।
जिसके अंदर क्रोध कीदीमक पलती है उसइन्सान का विनाश निश्चित है !
दो पल के गुस्से से प्यार भरा रिश्ता बिखर जाता है होश जब आता है तो वक्त निकल जाता है!
“ जिस आदमी ने कभी किसीऔरत को क्रोधित नहीं किया ,वह अपने जीवन में असफल है..!!
ना तेरी शान कम होती ना रूतबा ही घटा होता,जो गुस्से में कहा तुमने वही हंस के कहा होता.
बहार से गुस्सा दिल से प्यार करते हो नजरे चुरातेहो दिल बेकरार करते हो लाख छुपाओं दुनियां से मुझेपता हैं तुम खुद से भी ज्यादा मुझे प्यार करते हो!
अब अकेला ही रहने दो यार तंग आगये ये रोज़ रोज़ के गुस्से से ……
प्यार में गुस्सा उसी को आता है, जो दिल का सच्चा होता है।
हमारा दिल परेशान है आज बताओ हमारे गुस्से का क्या है इलाज
आँखें भर जाती है जब वो गुस्सा हो जाती है खाना पानी कुछ अच्छा नही लगता जब वो रूठ जाती है
गुस्से से गया शख्स वापिस आ जायेगा !!खामोशी से गया शख्स वापिस नहीं आएगा !!
कहने को तो अनेक शिकायतें थी उनसे,वो ज़रा सा पास क्या आए,सारा गुस्सा मोम सा पिघल गया।
“ हो सकता हैतुम अपने क्रोध के लिए दंड न पाओ,लेकिन तुम अपने क्रोध के द्वारादंड ज़रूर पाओगे..!!
गुस्सा आने पर चिल्लाने केलिए ताकत नही चाहिए ,परन्तु गुस्से में शांत रहने केलिए बहुत ताकत चाहिए ।
तेरा ये रूठ जाना क्यों..फिर मुझे तडपना क्यों..तुम तो चले गए थेमुझे छोड़करफिर तुम्हारा लौट आना क्यों.
गुस्सा करोगे तो भी आयंगे तुम्हारे पास,क्युकी तुम्हारे बिना रहने की आदत जो नहीं है।
मासूम-सी आँखों में मासूम-सा !!अब कुछ न रहा !!रहने को गुस्सा और दर्द तो रहा !!बस भरोसा ही न रहा !!
गुस्से में कभी इतना रायता ना फैलाओ ,की चाहकर भी उसे सिमेट ना पाओगे ।
अगर वो मुझे समझती !!तो यूँ मुझपर गुस्सा ना करती !!
तुम्हे गुस्सा करने का हक़ है मुझ पर नाराजगी में,ये मत भूल जाना कि हम बहुत प्यार करते है तुमसे।
कौन कहता हैकलम में आग नही होती ,जरा , गुस्से को कलम से उखारके तो देखो आग लगा देगी ।
“ किसी के गुस्से को उसकी नफरत ना समझो,जो आपसे सच्चा प्यार करता हैवही आप पर गुस्सा करता है..!!
आईने में मेरे सामने एक शख्स था, मुझे गुस्से में देखकर वह रोने लगा।
हमारा रूठना-मनाना तो लगा रहता है, हमारी आंखों में प्यार, उनके चेहरे पर गुस्सा तो सदा रहता है।
गुस्से में भी उसका प्यार दिखता है,तकलीफ़ भले मुझको दे, दर्द उसको होता है।
जो बीत गया सो बीत गयाआने वाला सुनहरा कल है वोमैं कैसे भुला दूँ दिल से उसेमेरी हर मुश्किल का हल है वो
गुस्सा इतना है कि तुमसे कभी बात भी ना करूँ !!फिर भी दिल में तेरी फिक्र खुद से ज्यादा है !!
प्यार में वो शक और गुस्सा करता है, जो आपको कभी खोना नहीं चाहता।
कोई बतायेगा, लोग इतना गुस्सा कहाँ से लाते है,हम भी दो किलो गुस्सा वहाँ से मंगवाते है.
सफलता की राहों में तो ठोकर ही खाना है !!लेकिन ठोकर खाकर जो खड़ा हुआ है !!वही मनुष्य सफलता पा सकता है !!
लोग तो ताने मारेंगे ही क्योंकि !!वो खुद वो काम नहीं कर सकते !!जो वो खुद नहीं करना चाहते !!
रूबरू था कोई शख्स आइने में मुझसे !!गुस्से में मुझे देखकर वो रोने लग गया !!
तुम जब गुस्सा हो जाते हो तो ऐसा लगता है !!मनाते मनाते ज़िन्दगी गुजार दूँ !!
मैं ज़रा भूल गया तुमको तो इतना गुस्सा,जैसे तुमने तो बड़ा याद किया है मुझे।
मेरा गुस्सा वहां पर ख़त्म हो जाता है,जहां प्यार से वो पगली बोलती है,“अच्छा बाबा Sorry”!
गुस्से में कभी इतना रायता ना फैलाओ ,की चाहकर भी उसे सिमेट ना पाओगे ।
मेरा गुस्सा वहां पर ख़त्म हो जाता है,जहां प्यार से वो पगली बोलती है “अच्छा बाबा सॉरी”।
कोरे कागज पर तेरी इक तस्वीर बनाई है !!मैने गुस्से में आकर उसमें आग लगाई है !!
अक्सर कामयाबी की बात वही करता है,जो इंसान क्रोध का लगाम अपने हाथ में रखता है।
दिमाग से पैदल है वो, मगर दिल की साफ,प्यार से तू बोलती है, और गुस्से में आप।
ज़िन्दगी को कुछ ऐसे जीना है, धोखा खाना और गुस्सा पीना है।
किस बात पर गुस्सा है,ये पूछने वाला हो तो,मुस्कान क़भी नहीं जाती।
गुस्से के कुछ अलग स्वभाव है !!मिनटो मे यह सबके भाव बदल देता है !!
तेरे गुस्से पर मुझे आज,बहुत प्यार आया,कोई तो है जिसने मुझें,इतने हक़ से धमकाया..!!
गुस्सा आने पर चिल्लाने के लिए ताकत नही चाहिए,परन्तु गुस्से में शांत रहने के लिए बहुत ताकत चाहिए।
कैसे कह दें कि उनके कुछ नहीं लगते हम,उनके गुस्से पर आज भी हमारा ही हक है..!!
अफसोस ये है कि मैं थोड़ा गुस्सा करता हूं, पर मोहब्बत तुमसे सबसे ज्यादा करता हूं।
तुम्हारी मुस्कान खून से भी गहरी है, अत्याचारी,मेरे दिल का खून बह रहा है लेकिन फिर भी अब तुम्हारे काबिल नहीं !!
ऊपर से गुस्सा दिल से प्यार करते हो,नजरे चुराते हो दिल बेकरार करते हो,लाख छुपाओ दुनिया से मुझे खबर है,तुम मुझे खुद से भी ज्यादा प्यार करते हो।
“ जो व्यक्ति अपने गुस्से को काबू में नही सकता,ऐसा व्यक्ति हमेशा तनाव से घिरा रहता है..!!
परायों से फुर्सत कब मिले तुझे, हम अपने ग़मों से आज़ाद हों,चल मुलाक़ात ख़तम, न तू ख़ाली न हम ख़ाली !!
अपनो के लिए चिंता हृदयमे होती है शब्दो मे नहीऔर अपनी के लिए गुस्साशब्दो मे होता है हृदय में नही !
किस बात पर गुस्सा है,ये पूछने वाला हो तो,मुस्कान क़भी नहीं जाती।
तुम्हारा तो गुस्सा भी इतना प्यारा हैं की दिल करता हैं दिनभर तुम्हे तंग करते रहे!!!
नफ़रत भी नहीं है, गुस्सा भी नहीं हूं, पर तेरी ज़िन्दगी का अब हिस्सा भी नहीं हूं।
मैंने उसे एक नहीं दो ताजमहल दिए,और उसने गुस्से में दोनों तोड़ दिए।
बेशक तुम्हे गुस्सा करने का हक हैं मुझ पर नाराजगी में कहीं ये मत भूल जाना की हम बहुत प्यार करते हैं तुमसे!!!
तुम्हारे चेहरे पर गुस्सा देख कर ना जाने क्यूँ !!तुम पर और भी प्यार आता हैं !!
बेपनाह मोहब्बत का एक ही उसूल है !!मिले या ना मिले तू हर हाल मे कबूल है !!
मोहब्बत में शक और गुस्सा वही करता है,जो आपको खुद से ज्यादा प्यार करता है.
मेरे गुस्से का तेवर झेल नही पाओगे,प्यार का खेल तुम खेल नही पाओगे..!!
meरी आँखों में आँसू नहीं,बस कुछ नमी है,वजह तू नहीं, तेरी ये कमी है!
जिन्हें गुस्सा आता हैं वो लोग सच्चे होते है,मैंने झूठो को अक्सर मुस्कराते हुए देखा है।
“ यदि आप छोटी छोटी बातपर गुस्सा हो जाते हो,तो आप जीवन में कामयाब होने काख़्वाब देखना छोड़ दे,क्योंकि क्रोधित व्यक्ति कभी जीवनमें सफल नही हो सकता..!!
कितनी आसानी से कह दिया तुमने किबस अब तुम मुझे भूल जाओ| साफ साफलफ्जो मे कह दिया होता कि बहुतजी लिये अब तुम मर जाओ
कौन कहता है कलम में आग नही होती,जरा गुस्से को कलम से उतार के तो देखो,आग लगा देगी।
यह जो तेरे गुस्से में भी मेरे लिए फिक्र है न,उसी को प्यार कहते है।
मुझे तेरे गुस्से से डर नहीं लगता,तेरा गुस्सा में झेल लेती हूँ,हाँ, दिल तो दुखता है तेरे गुस्से से,लेकिन तुझे खोने के डर से चुप रहती हूँ।
वैसे तो बहुत अच्छा हूं मै !!सिर्फ गुस्सा ना आने तक !!
किस बात पर गुस्सा है,ये पूछने वाला हो तो,मुस्कान क़भी नहीं जाती।
उसकी यही अदा मुझको बेहद भाती है,नाराज़ वो मुझसे हो जाती है,और गुस्सा सबको दिखाती है।
दो-चार रोज को मौन भला महीनों मातम में न बदल देना,गले लगा लेना मुझको या हो सके तो गला दबा देना मेरा..!!
“ जिस व्यक्ति को क्रोध अधिक आता हो,ऐसे व्यक्ति के दिल में प्यार केलिए कोई जगह नही होती..!!