Gulzar Shayari In Hindi 2 Lines : शोर की तो उम्र होती हैंख़ामोशी तो सदाबहार होती हैं वक्त रहता नहीं कही भी टिक कर,आदत इसकी भी इंसान जैसी हैं
~ बड़ी हसरत है पूरा एक दिन इक बार मैंअपने लिए रख लूं,तुम्हारे साथ पूरा एक दिनबस खर्च करने की तमन्ना है।।
खोया हुआ है आजकल सितारों की महफिल में, मेरा चाँद मुझसे बेवफाई कर बैठा है।
अब जिंदगी में ना कोई “राज़” है,अब जिंदगी में ना कोई “नाराज़” है,अब यह ज़िंदगी बस एक “खुली किताब” है।
कीमती चीजें #अक्सर खो दी है, #मैंने एक #बचपन #चंद खत कुछ #सपने और एक #शख्स।
दबी-दबी साँसों में सुना था मैंनेबोले बिना मेरा नाम आयापलकें झुकी और उठने लगीं तोहौले से उसका सलाम आया
शिकायतों से कभी घर नहीं चलता, फिर चाहे उम्र जो भी हो कमाना पड़ता है। – गुलज़ार
#आदतन तुमने कर दिए, वादे #आदतन हमने #ऐतबार किया।
कोई समझे मुझे तो,एक बात बोलू साहब,तनहाई बहुत बेहतर है,मतलबी लोगों से।
ख्वाहिश तो न थी किसी से दिल लगाने की पर किस्मत में दर्द लिखा हो तो मोहब्बत कैसे न होती।
कुछ ज़ख्मों की उम्र नहीं होती हैं, ता उम्र साथ चलते हैं, जिस्मो के ख़ाक होने तक।
दिल के रिश्ते हमेशा किस्मत से ही बनते है, वरना मुलाकात तो रोज हजारों से होती है।
जो सबके ही करीब हो, उसको पाकर कोई कैसे खुशनसीब हो
थोडा हैथोड़े के जरूरत हैज़िन्दगी फ़िर भी यहा ख़ूबसूरत है।
सूखे पते खुद झड़ जाते हैउन्हें झाड़ना नहीं पड़ता इश्क मे लोग खूद मर जाते हैउन्हें मारना नहीं पड़ता।
दोस्ती उस खुशी की तरह होती है, जो शाम से लेकर सुबह तक साथ रहती है।
आईना देख कर बहुत तसली हुई,हम को इस घर में,कोई जानता भी है।
जो जाहिर करना पड़े,वो दर्द कैसा,और जो दर्द न समझ सके,वो हमदर्द कैसा।
तेरे इश्क की धूप में मैं जलकरकाला ना पड़ जाऊं कहींमुझे अपने हुस्न की छांव काएक टुकड़ा दे दे…
शाम से आँख में नमी सी है, आज फिर आप की कमी सी है.
किसी पर मर जाने से होती हैं मोहब्बत,इश्क जिंदा लोगों के बस का नहीं
~ आदतन तुम ने कर दिये वादेआदतन हम ने ऐतबार किया।
अच्छे वक्त के आने जाने काकोई वक्त नहीं होता जो येबात समझ जाए उसको कभीदर्द नहीं होता. !!
गुलज़ार भारत के जाने-माने कवि, गीतकार, लेखक, पटकथा लेखक और फिल्म निर्देशक हैं।
हमेशा मैं खवाइशों को,अपने से पहले सुला देता हूँ,पर हैरानी इस बात की है,हर सुबह ये मुझसे पहले ही जग जाती है।
हर बात पे हैरान है मूरख है ये नादान है मैं दिल से परेशान हूँ दिल मुझ से परेशान है
नहीं बदल सकते हैं हम,खुद को औरो के हिसाब से,एक लिबास हमें भी दिया है,खुदा ने अपने हिसाब।
तमाशा जिंदगी का हुआ,कलाकार सब अपने निकले।
~ च़ख क़र देखी़ है़ क़भी तन्हाई तुम़ने ?मैने देखी़ है़ ब़ड़ी ईमानदार सी़ लग़ती है।
“अपने साए से चौंक जाते हैं उम्र गुज़री है इस क़दर तन्हा। ”
आज दिल की ज़ेरोक्स निकलवाई, सिर्फ बचपन वाली तस्वीरें ही रंगीन नज़र आई.
तुम मिले तो क्यों लगा मुझे,खुद से मुलाकात हो गईकुछ भी तो कहा नही मगर,ज़िंदगी से बात हो गई
वो ख़त के पुर्जे उदा रहा था हवाओं का रूख दिखा रहा था
जिनका मिलना मुकद्दर में लिखा नहीं होता, उनसे मोहब्बत कसम से बा-कमाल होती है
एक ही ख़्वाब ने सारी रात जगाया है, मैं ने हर करवट सोने की कोशिश की।
तमाशा जिंदगी का हुआ,कलाकार सब अपने निकले !
किसी ने मुझसे कहाकि तुम बहुत अच्छे हो,मैंने भी उससे कहाबस यही तो खराबी है.
जिंदगी में कुछ हादसे ऐसे हो गए, कि हम समंदर से ज्यादा गहरे हो गए? |
इश्क़ की तलाश मेंक्यों निकलते हो तुम,इश्क़ खुद तलाश लेता हैजिसे बर्बाद करना होता है।
वो चाँद को देखती रही हम उसे देखते रहे, गली के सब लोग बस हमें देखते रहे।
किसने रास्ते में चाँद रखा था मुझे ठोकर लगी कैसे, वक़्त पे पाव कम रखा मैने ज़िन्दगी मुंह के बल गिरी कैसे, आँख तो भर आया पानी से तेरी तस्वीर जल गई कैसे,
अनमोल नहीं लेकिन फिर भी पूछ तो मुफ़्त का मोल कभी
पहले जैसी अब वो बात कहाँ तुमसे वैसी मुलाक़ात कहाँ उड़ती रही धुल यूँ ही गलियों में मेरे शहर में अब वो बरसात कहाँ
वक्त कटता भी नहीवक्त रुकता भी नहीदिल है सजदे में मगरइश्क झुकता भी नही
बिगड़ैल हैं ये यादे, देर रात को टहलने निकलती हैं।
मैं अपने चाँद का चांद हूं, ख़ूबसूरत तो इतना नहीं पर बेदाग एक अहसास हूं।
लिखु क्या आज वक्त का तकाजा है, दर्द ए दिल अभी ताजा हैं,
इश्क़ अधूरा रह जाए तो खुद पर नाज़ करना कहते हैं सच्ची मोहब्बत मुक़म्मल नहीं होती
इतने बुरे नही थेजितने इल्ज़ाम लगाए लोगों ने,कुछ किस्मत खराब थीकुछ आग लगाई लोगों ने..
खुली किताब के सफ़्हे उलटते रहते हैं, हवा चले न चले दिन पलटते रहते हैं
तुझे भूल जाने के लिए क्या क्या कर रहा हु मै, अंशु, ख़ामोशी, उदासी सभी की कीमत अदा कर रहा हु मै!!!
दिल अब पहले सा मासूम नही रहा पत्थर तो नही बना मगर अब मोम भी नही रहा
मैं चुप कराता हूँ हर शब उमडती बारिश को मगर ये रोज़ गई बात छेड़ देती है
एक सो सोलह चाँद की रातें ,एक तुम्हारे कंधे का तिल। गीली मेहँदी की खुश्बू झूठ मूठ के वादे,सब याद करादो, सब भिजवा दो, मेरा वो सामान लौटा दो।।
मैने दबी आवाज में पूछा मोहब्बत करने लगी हो, नजरें झुका के वो बोली बहुत,
तुम्हे जो याद करता हुँ मैं दुनिया भूल जाता हूँ तेरी चाहत में अक्सर सभँलना भूल जाता हूँ !
लोगो को हद से जयादा इज़्ज़त और भरोसा दोगे वो उठाकर आपके मुँह पर बेइज़्ज़ती और धोखा ही मरेगा
वो हमे भूल ही गए होंगेभला इतने दिनों तककौन खफा रहता है..
जिंदगी छोटी नहीं होती लोग जीना ही देर से शुरू करते है, जब तक रास्ते समझ में आते है तब तक लौटने का वक्त हो जाता है, यही जिंदगी है। – गुलज़ार
फासला बढ़ा लिया तुमने मैंने दीवार पक्की कर ली जरा सी गलतफहमी ने देखो कितनी तरक्की कर ली
आप के बाद हर घड़ी हम ने आप के साथ ही गुज़ारी है
“बहुत मुश्किल से करता हूँ, तेरी यादों का कारोबार, मुनाफा कम है, पर गुज़ारा हो ही जाता है। ”
बचपन में तपती दुपहरी मेंनंगे पैरों से पूरा मोहल्ला घूम आते थे!जबसे डिग्रियां हासिल की हैपांव जलने से लग गए है।
तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी,जब अपनों से उम्मीद कम हो गईंTaklif Khud ki kam ho gai Jab Apno Se ummid Kam ho gai
कोई खामोश ज़ख्म लगती है, ज़िंदगी एक नज़्म लगती है।
नाराजगी कुछ इस कदर है उनकी हमसे जैसे किसी और ने उन्हें मना लिया है
मोहब्बत में अक्सर ऐसा होता है,पूरी दुनिया से लड़ने वाला इंसानअपने मन पसंद इंसान से हार जाता है।
बड़े महंगे किरदार है जिंदगी के साहब समय-समय पर सब के भाव बढ़ जाते है
कर दिया आजाद उनको जो दिल में हमारे रहकर, ख्वाब किसी और के देखते थे
बीच आसमाँ में था, बात करते- करते हीचांद इस तरह बुझा, जैसे फूंक से दियादेखो तुम…इतनी लम्बी सांस मत लिया करो.
टकरा के सर को जान न दे दूं तो क्या करूंकब तक फ़िराक-ए-यार के सदमे सहा करूंमै तो हज़ार चाहूँ की बोलूँ न यार सेकाबू में अपने दिल को न पाऊं तो क्या करूं
ख्वाहिशें तो आज भी बगावत करना चाहती है मगर सिख लिया है मैंने हर बात को सीने में दफ़न करना। – Gulzar
आइने के सामने खड़े होकरखुद से ही माफी मांग ली मैंने,सबसे ज्यादा अपना ही दिल दुखाया हैऔरों को खुश करते करते..