Girlfriend Ki Tareef Wali Shayari In Hindi : तुम हक़ीकत नहीं हो हसरत हो, जो मिले ख़्वाब में वही दौलत हो, किस लिए देखती हो आईना,तुम तो खुदा से भी ज्यादा खूबसूरत हो। ये आईने ना दे सकेंगे तुझे तेरे हुस्न की खबर,कभी मेरी आँखों से आकर पूछो के कितनी हसीन हों तुम.
आज भी एक आरजू जगी है, वो खुबसूरती को देखने की इच्छा उठी है, बेमिसाल है जो हर स्वरूप मे, उसे हमे अपनी ज़िंदगी बनानी है।
ख्वाहिश ये बेशक नही कि “तारीफ” हर कोई करे,मगर “कोशिश” ये जरूर है कि कोई बुरा ना कहे।
हमारे इस पोस्ट में जितने भी Status for beautiful girl के मैसेज मिलेंगे वो सभी स्तरीय हैं इसलिए आप उनका इस्तेमाल आंख मूँद कर कर सकते हैं।
मेरी हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की,और कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवाने की।शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है,क्या जरूरत थी तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की।
बहक जाती है शराब भी, जब महकता है तेरा “शबाब”, उफ्फ़…! तेरे गुलाबी होंठ हैं या तेरे होंठों जैसा गुलाब…!!
शरीके-ज़िंदगी तू है मेरी, मैं हूँ साजन तेरा ख्यालों में तेरी ख़ुश्बू है चंदन सा बदन तेरा
अगर तुम न होते तो ग़ज़ल कौन कहता,तुम्हारे चहरे को कमल कौन कहता,यह तो करिश्मा है मोहब्बत का..वरना पत्थर को ताज महल कौन कहता।
मुस्कुराते हैं तो बिजलियाँ गिरा देते हैं,बात करते हैं तो दीवाना बना देते हैं,उनकी नज़र कम नहीं क़यामत से,आग पानी में वो नज़रों से लगा देते हैं..!!
दिल की धड़कन भरकर मेरे दिल में रहोगी तुम, जब तक सांस है मेरी मेरे साथ रहोगी तुम ।
कोई खुशियों की चाह में रोया,कोई दुखों की पनाह में रोया,अजीब सिलसिला हैं ये “ज़िंदगी” का..कोई भरोसे के लिए रोया,कोई भरोसा कर के रोया!! ??
गुस्सा मत किया करो मेरी जान मुझे अच्छा लगता है तुम्हें तंग करना ।
तीर अपने ना आज़माएँ आप, मैं किसी और का निशाना हूँ..!
रूठ कर कुछ और भी हसीन लगते हो,बस एहि सोच कर तुमको खफा रखा है
उसके मीठे होठ और मुझे शुगर का रोगहकीम साहब तुम रहने दो हमसे नहीं होता परहेज
तेरे जिस्म की तारीफ़ तो हजारों करेंगे, तारीफ़ रूह की सुननी हो तो हमें बुला लेना.
इज़्ज़त और तारीफ मांगी नहीं जातीकमाई जाती है।
नही भाता अब तेरे सिवा किसी और का चेहरातुझे देखना और देखते रहना दस्तूर बन गया है !
तुम्हारा हुस्न आराइश तुम्हारी सादगी ज़ेवरतुम्हें कोई ज़रूरत ही नहीं बनने सँवरने की
क्या लिखा तेरी सूरत एह तारीफ में,अल्फाज खतम हो गए हैं, तेरी आने देख देख के।
कैसे बयान करें सादगी अपने महबूब की,पर्दा हमीं से था मगर नजर भी हमीं पे थी।
उसने महबूब की तारीफ कुछ इस कदर की,रात भर आसमान में चाँद भी दिखाई न दी।
हम तो मदहोश हो गए उनकी आंखों से ही न जाने आइना कैसे बर्दाश्त करता होगा उन्हें।
सुगर तो मैने हमेशा सही मात्रा में ली है, डाइबीटीज होने के कसूरवार तो तुम्हारे होंठ है..!
यह बात, यह तबस्सुम,यह नाज, यह निगाहें,आखिर तुम्ही बताओक्यों कर न तुमको चाहें।
ख़त्म ना होने दो ,किसी के चेहरे की मुस्कराहटबहुत मुश्किल से आती है, ये कुदरती आहट
तुझे पलकों पर बिठाने को जी चाहता है, तेरी बाहों से लिपटने को जी चाहता है, खूबसूरती की इंतेहा है तू… तुझे ज़िन्दगी में बसाने को जी चाहता है..!!
उस गुलाब को भी क्या गुलाब दूं जो खुद ही एक गुलाब है ।
ना चांद की चाहत है, ना तारों की फरमाइश है, मुझे हर जनम तू मिले यही मेरी ख्वाहिश है।
सौ गजलें लिख डालूँतेरे एक दीदार परमुक्कमल हैं मेरी दुनियातेरी एक मुस्कान पर
देख कर तेरी आँखो को मदहोश मैं हो जाता हूँ ! तेरी तारीफ किये बिना मैं रह नहीं पाता हूँ !
हुस्न दिखा कर भला कब हुई है मोहब्बत,वो तो काजल लगा कर हमारी जान ले गयी।
डूबकर तेरी झील सी गहरी आँखों में,एक मयकश भी शायद पीना भूल जाए..
मत मुस्कुराओ इतनाकि फूलों को खबर लग जाए,कि वो करे तुम्हारी तारीफऔर तुम्हें नजर लग जाए..!!
ये आईने ना दे सकेंगे तुझे, तेरे हुस्न की खबर,कभी मेरी आँखों से आकर पूछ, के कितनी हसीन है तू..!
आसमां में खलबली है सब यही पूछ रहे हैं, कौन फिरता है ज़मीं पे चाँद सा चेहरा लिए ।
मासूमियत से भरा खूबसूरत चेहरा है, उस पर काले तिल का पहरा है.
कैसे कहे के आप कितनी खूबसूरत है,कैसे कहे के हम आप पे मरते है,यहतो सिर्फ़ मेरा दिल ही जनता है,के हमआप पे हमारी जवानी क़ुरबान करते है.
तुम अपनी पायल की झंकार ना सुनाया करोहमारे दिल में.तुम्हारी यादों के घुँघरू बजने लगते हैं
जहाँ तारीफ करनी हो वहां हर कोई चुप हो जाता है और बुराई करने के लिए गूंगे भी बोल पढ़ते हैं..!!
घूँघट में इक चाँद था और सिर्फ तन्हाई थी आवाज़ दिल के धड़कने की भी फिर ज़ोर से आयी थी
हुस्न में तेरे होगा शराब और इत्र का मेल,इसी लिए कभी महकता हूँ कभी बहकता हूँ
होती नहीं वफ़ा तो जफा ही किया करो,तुम भी तो कोई रस्म-ए-मोहब्बत अदा करो,हम तुम पे मर मिटे तो ये किसका कसूर है,आईना लेके हाथ में खुद फैसला करो।
उनके हुस्न का आलम न पूछिये,बस तस्वीर हो गया हूँ, तस्वीर देखकर।
उसने महबूब की तारीफ कुछ इस कदर की, रात भर आसमान में चाँद भी दिखाई न दी !
हंसना और हंसाना कोशिश है मेरी हर कोई खुशरहे यह चाहत है मेरी भले ही मुझे कोई याद करेया ना करे लेकिन हर अपने को याद करना आदत है
रोज इक ताज़ा शेर कहाँ तक लिखूं तेरे लिए,तुझमें तो रोज ही एक नई बात हुआ करती है।
तेरे हुस्न की आग में कहीं जल ना जाऊ,कर मोहब्बत तू मुझसे जरा धीरे धीरे..
तेरे प्यार में कुछ ऐसे सिलसिले मिले मुझे तुमसे सिर्फ धूक हैऔर फ्रिज में ले सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगाइतना मत चाहो उसे वह बेवफा हो जाएगा
वफ़ादारी के नाम पर तूने खेल खेला,बेवफ़ाई का सिर्फ़ खेल ही ये नहीं जानता।
कमाल की अदा है उसमें वार भी दिल पर और राज भी दिल पर !!
हाल ना पुछो अब मोहब्बत का हमसे, तेरी मोहब्बत में हालात कुछ यूं हो गया है कि उमर जीने की है, और शौक मरने का है।
स घड़ी देखो उनका आलम नींद से जब हों बोझल आँखें, कौन मेरी नजर में समाये देखी हैं मैंने तुम्हारी आँखें।
तू देख या ना देख, तेरे देखने का गम नही; पर तेरी ये ना देखने की अदा देखने से कम नही
कुछ अपना अंदाज़ है कुछ मौसम रंगीन है, तारीफ करूँ या चुप रहूँ जुर्म दोनों ही संगीन है।
जब ख़यालो में आता है उनका चहरा तब होंटो पर एक फ़रियाद आती है हम भूल जाते है सारे गम बस उनकी मोह्ब्बत की याद आती है।
ये बात, ये तबस्सुम, ये नाज, ये निगाहें,आखिर तुम्हीं बताओ क्यों कर न तुमको चाहें।
उसकी मासूम निगाहें दिल में घर कर जाती हैं, एक पल को भी भूल पाना उन्हें मुमकिन नहीं, जहां भी देखूं हर चेहरे में बस वो ही नजर आती है।
तेरी नज़रें बयाँ करती हैं मेरी खूबसूरती,अब मुझे आइनों की ज़रूरत न रही।
ये हुस्न ये मौसम ये बारिश और मस्त ये मदमस्त हवाएँ …लगता है आज फिर मोहबत ने किसी का साथ दिया है।
ऐसे माहौल में दवा क्या है दुआ क्या है,जहां कातिल ही खुद पूछे कि हुआ क्या है।
तुम आओगी तो फुलों की बरसात करेंगे मौसम के फरिश्तों से मेरी बात हुई है..
काश तुम पुछो मुझसे क्या चाहिए.. मैं पकडूं हाथ तुम्हारा कहुं मुझे सिर्फ एक तेरा साथ चाहिए ।
बया करने को बाकी है बहुत कुछ अभी,बया करने बेथु तो जमाना बिट जाए।
अब उन्हें कौन बताये आँखों से अश्क़ नहीं, हसरते बरसती है
तेरे हुस्न से हैरान है ज़माना सारा, एक तेरी कातिल नज़र, उस पर काजल का कहर ।
उसका चाहा तो मोहब्बत की तारीफ नज़र आयी, वार्ना इस शब्द की तो सिर्फ तारीफ सुना करते थे..!!
पलकों पे बिठाऊँ के दिल में छिपाऊं,तुझको में अपना हमसफ़र बनाऊ,तेरी हर अदा पर दिल फ़िदा हैमेराइस मासूम सी सूरत को अपना बनाऊं….
सुना है तारीफों के पुल के नीचे,मतलब की नदी बहती है |@alfaaz_e_wafaSuna hai tareefo ke pul ke niche,Matlab ki nadi behnti hai.
इस डर से कभी गौर से देखा नहीं तुझको,कहते हैं कि लग जाती है अपनों की नज़र भी।
मुझे मोहब्बत करना है , एक बार नही हजार बार करना है , लेकिन सिर्फ तुमसे ही करना है ।
तेरी आँखों के जादू से तू खुद नहीं है वाकिफ,ये इस्तेमाल भी जीना सिखा देता है मरने का शौक है।
हल्की हल्की मुस्कुराहटें और सनम का खयालबड़ा अजीब होता है मुहब्बत करने वालों का हाल