1098+ Garibi Shayari In Hindi | गरीबी पर शायरी

Garibi Shayari In Hindi , गरीबी पर शायरी
Author: Quotes And Status Post Published at: September 26, 2023 Post Updated at: July 29, 2024

Garibi Shayari In Hindi : रजाई की रूत गरीबी के आँगन दस्तक देती है, जेब गर्म रखने वाले ठंड से नही मरते। हर गरीब की थाली में खाना है, अरे हाँ ! लगता है यह चुनाव का आना है।

मैं कड़ी धूप में जलता हूँ !!इस यकीन के साथ !!मैं जलुँगा तो मेरे घर में उजाले होगे !!

एक फूस की झोपड़ी थी वो शिशु था गोद मेंरोता था बिलखकर अपनी माँ की आगोश में

न्याय और मेहनत से कमाए धन के ये दो दुरूपयोग कहे गए हैं- एक, कुपात्र को दान देना और दूसरा, सुपात्र को जरूरत पड़ने पर भी दान न देना ।

मृदु पुरुष का अनादर होता है ।

आप अपने शब्दों को चाहे जितनी भी समझदारी से बोलिए लेकिन सुनने वाला अपनी योग्यता और अपने मन के विचारों के अनुसार ही उसका मतलब निकालता है.

महाजनों गुरुओं के संपर्क से किस की उन्नति नहीं होती। कमल के पत्ते पर पड़ी पानी की बूंद मोती की तरह चमकती है।

जहां कोई सेठ, वेदपाठी विद्वान, राजा और वैद्य न हो, जहां कोई नदी न हो, इन पांच स्थानों पर एक दिन भी नहीं रहना चाहिए ।

दिमाग से जायदा हमदिल को अहमियत देते हैंफिर चाहे हमें कितने भीदिल क्यो ना तोड़ने पड़े।

गरीबी का एहसास जबदिल में उतर जाता है,गरीब का बच्चा जिदकरना भी भूल जाता है।

माना वो गरीब है, थोड़ी गन्दी उसकी बसती है, पर सच्ची मुहब्बत उसके ही दिल में बसती है.

इक गरीब दो रोटी में पूरा जीवन गुजार देता है, वो ख्वाहिशों को पालता नहीं है… उन्हें मार देता है.

डिग्री लेकर रिक्शा खींचे युवक इन बाज़ारों में, अनपढ़ नेता डोरे पर है महंगी महंगी करों में ।।

वो रोज रोज नहीं जलता साहब !!मंदिर का दिया थोड़े ही है गरीब का चूल्हा है !!

माता-पिता जानते हैं कि वो रह तो रहे हैं बेटों के घर में.!! मगर वैसे नहीं जैसे बेटे रहते थे उनके घर में.!!

खिलौना समझ कर खेलते जो रिश्तों से ,उनके निजी जज्बात ना पूछो तो अच्छा है।बाढ़ के पानी में बह गए छप्पर जिनके ,कैसे गुजारी रात ना पूछो तो अच्छा है।

दर्द की भी एकअदा हैये सहने वालो पर हीफ़िदा है।

थोड़े से लिबास में ख़ुश रहने का हुनर रखते हैं,हम गरीब हैं साहब,अलमारी में तो खुद को कैद करते हैं।

लोगो को अपना कामकराने के लिएसिर्फ मेरा नाम ही लेनापड़ता है।

इस दुनिया में सब के कर्ज चुकाए जा सकते हैंलेकिन माँ का कर्ज ऐसा होता हैजो किसी कीमत से नहीं चुकाया जा सकता

गरीबी में भोजन ना सही, पानी से गुज़ारा कर लेते है, *** कैसे बताये हम गरीबी में कुछ भी समझौता कर लेते है ।

इसे नसीहत कहूँ याजुबानी चोट साहबएक शख्स कह गयागरीब मोहब्बत नहीं करते

जो #गरीबों पर दया करता है, वो “परमपिता” को ऋणी बना देता हैं.

अक्सर देखा हैं हमने !!जो इंसान जेब से गरीब होता हैं !!वो दिल का बड़ा अमीर होता हैं !!

जब भी देखता हूँ गरीब को मुस्कुराते हुए, समाज जाता हूँ की यक़ीनन खुशियों का ताल्लुक दौलत से नहीं होता।

माता-पिता वो हस्ती है, जिसके पसीने की एक बूँद का, कर्ज भी औलाद नहीं चुका सकती !

थोड़ा संभल करबातकर रानीजितने तेरे पास कपडेनहीं होंगेउससे ज्यादा तो मैं रोजलफडे करता हु।

जरा सी आहट पर जागजाता है वो रातो को।ऐ खुदा गरीब को बेटीदे तो दरवाजा भी दे।

दोपहर तक बिक गया बाजार का हर एक झूठ। और एक गरीब सच लेकर शाम तक बैठा ही रहा।

उन घरो में जहाँ मिट्टी कि घड़े रखते हैं !!कद में छोटे मगर लोग बड़े रखते हैं !!

भूख ने निचोड़ कर रख दिया है जिन्हें ,उनके तो हालात ना पूछो तो अच्छा है।मज़बूरी में जिनकी लाज लगी दांव पर ,क्या लाई सौगात ना पूछो तो अच्छा है।

खाना है तेरे पास तो तू गरीब नही है !!दुनिया में हर इंसान तुझसा खुशनसीब नही है !!

बोहोत खुश रहने लगा हुक्योकी आजकल लोगो से उम्मीदकरना छोड दिया है मैंने।

जब भी देखता हूँकिसी गरीब को हँसते हुए,यकीनन खुशिओंका ताल्लुक दौलत से नहीं होता।

कभी आसमान में घटाएं तो कभी दिन सुहाने है !!मेरी मजबूरी तो देखो बारिश में भी मुझे कागज कमाने है !!

क्या खूब फरेब का नकाब ओढ़े सियासत मौन है !!हुक्मरानों के दौर में गरीब की भला सुनता कौन है !!

पूरी दुनिया मेंगलतियां निकालने वाले तोहजारों मिल जाएंगेलेकिनउन गलतियों को माफ करने वालीएक “माँ” ही होती है।

दान करना ही है तो गरीबो को दान कर ऐ इंसान !!कब तक मंदिर मस्जिद को अमीर बनता रहेगा !!

बहुत जल्दी सिख लेता हूँ ज़िन्दगी का सबक। गरीब बच्चा हूँ बात बात पर जिद्द नहीं करता।

गरीब वह है, जिसका खर्च #आमदनी से ज्यादा है।

राहों में कांटे थे फिर भी वो चलना सीख गया, वो गरीब का बच्चा था हर दर्द में जीना सीख गया।

पैरों से कांटा निकल जाए तो चलने में मज़ा आता है, और मन से अहंकार निकल जाए तो जीवन जिने में मज़ा आता है।

जो व्यक्ति क्रोध, अहंकार, दुष्कर्म, अति-उत्साह, स्वार्थ, उद्दंडता इत्यादि दुर्गुणों की और आकर्षित नहीं होते, वे ही सच्चे ज्ञानी हैं ।

ज़रा सी ”आहट” पर जाग जाता है सर्द_रातों में भी, ऐ खुदा अगर तू गरीब को #बेटी दे तो दरवाज़ा भी ज़रूर दे|

मेरी तलाश का है जुर्मया मेरी वफ़ा का कसूर,जो दिल के करीब आयावही बेवफा निकला।

कभी निराशा कभी प्यास है कभी भूख उपवास, कुछ सपनें भी फुटपाथों पे पलते लेकर आस।

गरीबो को गले लगाता कौन है, उनके दर्द में आँसू बहाता कौन है, उनकी मौत पर सियासत छिड़ जाती है, उनके जीते जी इज्जत दिलाता कौन है.

हम उनकी बात नहीं करतेजिनमे कोई बात नहीं होती।

अच्छे अच्छे हमें देखकरखाते है झटकेक्योकी अपना स्टाइल हैबिलकुल हटके 😎

मुझे परदेस जाना है कमाने के लिए बच्चों अगर ख़र्चे की क़िल्लत हो तो रोज़ा रख लिया करना – अज्ञात

तहज़ीब की मिसाल गरीबो के घर पे है, दुपट्टा फटा हुआ है मगर उसके सर पर है ।

हज़ारों ग़म हो फिर भी मैं खुशी से फूल जाता हूँ जब हँसती है मेरी माँ_में सारे ग़म भूल जाता हूँ.

वह माँ ही है जिसके रहते, जिंदगी में कोई गम नहीं होता, दुनिया साथ दे या ना दे पर, माँ का प्यार कभी कम नहीं होता !

गरीबी बहुत ”कड़वी” होती है, परन्तु यदि वह व्यक्ति को #हास्यास्पद बना दे, तो इससे अधिक कठोर_वेदना कुछ नहीं होती हैं.

यहाँ गरीब को मरने कीइसलिए भी जल्दी है साहब,कहीं जिन्दगी की कशमकश मेंकफ़न महँगा ना हो जाए।

धर्म को जाननेवाले, धर्म मुताबिक आचरण करनेवाले, धर्मपरायण, और सब शास्त्रों में से तत्त्वों का आदेश करनेवाले गुरु कहे जाते हैं।

पैदा तो मैं सरीफ हुआ थामगर शराफत से कभीअपनी बनी ही नहीं।

गरीबों की औकात ना पूछो तो अच्छा है !!इनकी कोई जात ना पूछो तो अच्छा है !!चेहरे कई बेनकाब हो जायेंगे !!ऐसी कोई बात ना पूछो तो अच्छा है !!

जो लोग बदुआओं मे देते हैंमै वैसी जिंदगी जी रहा हूँगरीबी एक जहर है, मिंयाजिसे बड़े अदब से, मै पी रहा हूँ

खुदा ने बहुत कुछ छीना है मुझसे !!लगता है वो गरीब ज्यादा है मुझसे !!

“कौन क्या कर रहा है, कैसे कर रहा है, क्यो कर रहा है”

चेहरा बता रहा था कि मारा हैं भूख ने। सक कर रहे थे के कुछ खा के मर गया।

जनाजा बहुत भारी था उस गरीब का। शायद सारे अरमान साथ लिए जा रहा था।

तंगहाली को इंसान पे ऐसे हावी देखा है मेने, जिस्म को हवस के हवाले करते देखा है मेने ।।

मोहब्बत भी #सरकारी नौकरी लगती हैं साहब, किसी “गरीब” को मिलती ही नहीं

क्षमा तो वीरों का आभूषण होता है । क्षमाशीलता कमजोर व्यक्ति को भी बलवान बना देती है और वीरों का तो यह भूषण ही है ।

तुम खुश किस्मत हो जोहम तुमको चाहते हैंवारना मेरे सपने लेनेके लिए भी लोगो को मेरीइजाज़त लेनी पड़ती है।

गरीबी माँ का आँचल देती है, और अमीरी महलो की तन्हाई…!

कचरे में फेंकी रोटियां रोज ये बयां करती है कि पेट भरते ही लोग अपनी हैसियत भूल जाते है..

कहानी ज़िन्दगी की यही है… कि इसमें मनचाहा किरदार नहीं मिलता!

ये गंदगी तो महल वालों ने फैलाई है साहब, वरना गरीब तो सड़कों से थैलीयाँ तक उठा लेते हैं

पैरों के जख्म दिखा कर जो अपना घर चलता है साहब !!वो शख्स महज़ अपने जख्म भर जाने से डरता है !!

कैसे बनेगा अमीर वो हिसाब का कच्चा भिखारी !!एक सिक्के के बदले जो बीस किमती दुआ देता हैं !!

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