1431+ Fursat Shayari In Hindi | फुरसत शायरी इन हिंदी

Fursat Shayari In Hindi , फुरसत शायरी इन हिंदी
Author: Quotes And Status Post Published at: October 2, 2023 Post Updated at: June 10, 2025

Fursat Shayari In Hindi : लम्हे नही मिलते ऐसे फुरसत के, किसी की शादी मे जा भी लिया करो, शायद किसी के नजरो से नजर मिल जाये, और जाने अनजाने मे प्यार ही हो जाये। तुम्हें जब कभी मिले फ़ुरसतें मेरे दिल से बोझ उतार दो,मैं बहुत दिनों से उदास हूँ मुझे कोई शाम उधार दो.

सोचा था बताएंगे सब दुख दर्द तुमको, ~ पर तुमने तो इतना भी ना पूछा की खामोश क्यूँ हो ….!!!!

इस नाकाम सी जिंदगी का !!मकसद खत्म कर दो !!गर हो आज फुरसत तो !!हमारा कत्ल कर दो !!

तुम बड़े अच्छे वक़्त पर आये, ~ आज एक ज़ख्म की ज़रुरत थी

तुम्हारे ही प्यार में ये मेरा जीवन चहकता है,तुम्हारे बिना ये मेरा पागल मन बहकता है,इस मेरे दिल की वेबफाई तो देखो,मेरा है पर तुम्हारे लिये धड़कता है.

बेहिसाब हसरतों के बीच, तलाश सब की एक ही है एक टुकड़ा सुकून का।

बहार-ए-दो-रोज़ा से क्या दिल बहलाता ~ ख़बर कर चुके थे ख़बर करने वाले

बेहद फिज़ुल हमें समझ रखे है वोयाद तब ही करते हैजब फुरसत में रहते है वो।

हाल तो पूछ लू तेरा, पर डरता हूँ,जब जब सुनता हूँ आवाज़,तेरी मोहब्बत सी हो जाती है.

फुर्सत मिले तो दो बातें हमसे भी कर लेना जनाब, हम भी चुप है ये सोचकर की तुम कब बोलोगे।

जो पढ़ा है उसे जीना ही नहीं है मुमकिन,ज़िंदगी को मैं किताबों से अलग रखता हूँ।

एक शौक बेमिसाल रखो। हालात जो भी हो…, होंठो पर मुस्कान रखो।

जब लिख ही दिया है तूने, मेरा नाम रेत पर, ~ मिटने का फिर मेरे तू…तमाशा भी देख ले…

टूट कर भी कम्बख्त धड़कता रहता है मैने इस दुनिया मैं दिल सा कोई वफादार नहीं देखा!!!

“जब तुम आराम करोगे, तो तुम्हारी दिमागी क्षमता भी बढ़ेगी।”

जिसको गलत तस्वीर दिखाई उसको ही बस खुश रख पाया….. जिसके सामने आईना रक्खा हर शख्स वो मुझसे रूठ गया………

कुछ नहीं मिलता दुनिया में मेहनत के बगैर.. ~ मेरा अपना साया भी धूप में आने से मिला…

************************************** उन जख़्मों का क्या करेगा कोई, ~ जिन को मरहम से भी दर्द होता है..

मेरी कीमत तो बस मेरे अपनों ने न समझी, फरिश्ता तो बस मैं गैरों की नजर में था

“फुरसत की मेहमानी का इंतज़ार तभी करना, जब तुम्हारे पास खुद की ख्वाहिशों के लिए वक्त हो।”

इतने बेवफा नहीं है की तुम्हें भूल जाएंगे, अक्सर चुप रहने वाले प्यार बहुत करते हैं।।

हवाएं हड़ताल पर है शायद.. आज तुम्हारी खुशबू नहीं आई..! ****************************************

“जो करोगे वो भी ऐसा ही वक्त आयेगा, फिर घबराके क्यों लगते हो दूसरा प्लान बनाने में।”

ख्वाबों के पंख के सहारे उड़ने को तैयार हूं,मैं हूँ एक बेटी,आसमान की बुलंदियों को छूने के लिए तैयार हूँ।

शाम से आँख में नमी सी है, आज फिर आप की कमी सी है दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले, नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है

दिल ना हुआ तेरा ज़मीन हो गई, ~ मोहल्ले के हर शख़्स को बाँट दी

तेरी नफरतों ने आज मेरा जीना आसाँ कर दिया ~ तेरी मोहब्बत में तो जीना दुश्वार ही था मेरा,.,!!

लोग कहते है….. दुआ कबुल होने का भी वक्त होता है हैरान हु मै ,किस वक्त मैने तुझे नही माँगा

इश्क़ करने की फुर्सत कहाँ,कोई नहीं पढ़ता अब दिल की किताब,स्वार्थ भरे रिश्ते बन रहे हैजिसमें होता है हर छोटा-बड़ा हिसाब।

उसने बस यूँ ही उदासी का सबब पूछा था ~ मेरीआँखों में सिमट आये समंदर सारे …

कुछ लोगों का दिल जीत लिया आकर इस बरसात ने ~ और कुछ इस सोच में डूबे हैं की आज वो सोयेंगे कहां

ज़रा ये धुप ढल जाए ,तो हाल पूछेंगे ,यहाँ कुछ साये , खुद को खुदा बताते हैं।

जान में जान बाक़ी है ~ तो इम्तहान बाकी है…

इश्क में धोखा खाने लगे हैं लोग,दिल की जगह जिस्म को चाहने लगे हैं लोग.

काम में व्यस्त सी जिंदगी सेफुर्सत के कुछ पल चुराया करो,पुराने दोस्तों के साथ पार्टी करो औरहर गम भूलकर मुस्कुराया करो.

मेरे लिए अहसास मायने रखता है…, ~ रिश्ते का नाम चलो तुम रख लो…

तुम ताल्लुक तोड़ने का जिक्र किसी से भी ना करना,हम लोगों से कह देंगे कि उन्हें फुर्सत नहीं मिलती।।

जब हो थोड़ी फुरसत,तो अपने मन की बात हमसे कह लेना,बहुत खामोश रिश्ते कभी जिंदा नहीं रहते।।

वही साक़ी वही जुल्फ़े वही अल्लाह की बातें, ~ करेगा कब तू ग़ज़लों में , बशर की आह की बातें…

सुबह-सुबह निकलना पड़ता है, कमाने को साहेब ! आराम कमाने निकलता हुँ, आराम बेच कर !!

जिंदगी जख्मो से भरी हैं वक़्त को मरहम बनाना सीख लो , ~ हारना तो मौत के सामने फिलहाल जिंदगी से जीतना सीख लो…

मेरे बस मे हो तो लहरो को इतना हक़ भी ना दू…. ~ लिखु नाम तेरा किनारे पे और लहरो को छुने तक ना दू….

एक दिन अपनी खामोशी ही,सब का हिसाब कर देगी।

काश की बचपन में ही तुझे मांग लेते हर चीज मिल जाती थी दो आसूं बहाने से.

भूल कर भी अपने दिल की बात किसी से मत कहना, ~ यहाँ कागज भी जरा सी देर मे अखबार बन जाता है॥

**************************************** चाँद सी शक्ल जो अल्लाह ने दी थी तुम को ~ काश रौशन मिरी क़िस्मत का सितारा करते

***** अपने मन में डूबकर पा जा सुराग ए ज़िन्दगी तू अगर मेरा नही बनता न बन अपना तो बन।

हमको चाहते होंगे और भी बहुत लोग,लेकिन मुझे तो सिर्फ मोहब्बत अपनी मोहब्बत से है.

एक अजीब सी दौड़ है ये ज़िन्दगी, जीत जाओ तो कई अपने पीछे छूट जाते हैं,

बंद कमरे में रखे गमले नमी को तरस गए ~ बाहर सड़क पे ढेर से बादल बरस गए!!!

मैंने रोते हुए पोंछे थे किसी दिन आँसू मुद्दतों माँ ने नहीं धोया दुपट्टा अपना

मिटा दिये हैं सभी फासले तुम्हारी मोहब्बत ने, ~ मेरा दिमाग धड़कता है मेरे दिल की तरह…

मंजिल पे पहुँचकर लिखूंगा मैं इन रास्तों की मुश्किलों।।का जिक्र अभी तो बस आगे बढ़ने से ही फुरसत नही।।

बरबाद बस्तियों में किसे ढूंढ़ते हो तुम ~ उजड़े हुवे लोगों के ठिकाने नहीं होते

चांदी उगने लगी है बालों में ,  के उम्र तुम पर हसीन लगती है !

तौहीन ना करो नीम को कड़वा कहकर ~ कुछ जिंदगी के तजुर्बे नीम से भी कड़वे होते है!

और खामोश हो जाऊं माना कि मौसम भी बदलते हैं मगर धीरे-धीरे तेरे बदलने की रफ्तार से हवाएं भी हैरान है

ज़िन्दगी में तनहा हु तो क्या हुआ…, ~ जनाजे में सारा शहर होगा देख लेना…

तुम सामने आये तो अजब तमाशा हुआ,हर शिकायत ने जैसे खुद ख़ुशी कर ली.

इतनी शिकायत , इतनी शर्तें , इतनी पाबन्दी … ~ तुम , मोहब्बत कर रहे हो या एहसान….

हादसे कुछ दिल पे ऐसे हो गये; ~ हम समंदर से भी गहेरे हो गये….

कहूँ किस तरह में कि वो बेवफा है ~ मुझे उसकी मजबूरियों का पता है!

निदा फ़ाज़ली ****************************************

करीब आने की उन्हें फ़ुरसत नहीं.. ~ और मुझपे इलज़ाम लगा है दूरियाँ बनाने का..!!

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