Flirting Shayari For Beautiful Girl In Hindi : तेरे नाम की हम दिन रात आहें भरते हैं, कैसे कहें कि तुझको कितना प्यार करते हैं। जनाब जो इतना हसीन बनके आओगे, हम सँभलते रह जायेंगे, तुम फ़िरसे फिसलाओगे।
आँखों के इंतज़ार का देकर हुनर चला गया, चाहा था एक शख़्स को जाने किधर चला गया,
तुम बस मुस्कुराते रहो…! मरी साँसें चलती रहेगी…!!
हम चाह कर भी तेरे पास आ नहीं सकते की दूर रहना भी मेरी वफ़ा में शामिल हैं
पाँव उठा कर गलें मिलती हैं मुझ सें, मोहतरमा कद में छोटी जो हैं मुझसें!!
बेताब कर देगी मुझे उनकी वो जादू भरी नज़रजब हम उनके देखने की अदा देखते ही रह जायेंगे.
हुस्न वालो को सवरने, की जरूरत क्या हैवो तो सादगी मे भी, क़यामत की अदा रखते हैं
तेरे नाम की हम दिन रात आहें भरते हैं, कैसे कहें कि तुझको कितना प्यार करते हैं।
कॉफ़ी वाले तो सिर्फ Flirt करते है, मोहब्बत करनी हो तो चाय वालो से मिलना।
मेरी साँसों पर नाम बस तुम्हारा है, मैं अगर खुश हूँ तो ये एहसान तुम्हारा हैं।
सरकारी डाक्टर जैसे तेवर है “मेडम” के प्यार मांगता हूँ तो कहती है “लाइन” से आना__!!
उसकी आँखों में रहुँ या दिल में उतर जाऊँ उसकी बालों में उलझु या होठों पे ठहर जाऊँ
जब तुम आईने के पास जाते हो?तो आइना कहता है?ब्यूटीफुल.. ब्यूटीफुल..
तुम्हारा तो गुस्सा भी इतना प्यारा है की,जी चाहता है की दिनभर तंग करता रहू !!
घर जाते ही अपनी नजर उतार लेना…! हमने इश्क की नजरों से देखा है तुम्हें…!!
बहके बहके ही अंदाज-ए-बयां होते हैं, जब आप होते है तो होश कहाँ होते हैं.
सारी दुनिया का हुस्न देखा है,लेकिन तुम लाजवाब लगते हो।
तू चाँद मैं सितारा होता,आसमान में एक आशिया हमारा होता।लोग तुझे दूर से देखा करते और सिर्फ,पास रहने का हक हमारा होता।
जब बात निकली है दिल से, तो दूर तलक जाएगी, तू बस ठहर जा कुछ पल, तुझे तो मितवा की तलब लग जाएगी।
मैं खुद हैरान हूँ कि तुमसे इतनी मोहब्बत क्यूँ है मुझे, जब भी प्यार शब्द आता है, चेहरा तेरा ही याद आता हैं.
न जाहिर हुई तुमसे और न ही बयान हुई हमसे, बस सुलझी हुई आँखों में उलझी रही मोहब्बत.
तुझे पलकों पर बिठाने को जी करता है, तेरी बाहों से लिपट जाने को दिल करता है, ख़ूबसूरती की इन्तहा हैं तू, तुझे अपनी ज़िन्दगी बनाने को जी करता हैं.
इस कड़ी धूप में भी तुम रोमानी महक लाती हो, जब भी तूम छत पे कपड़े सुखाने आती हो।
मेरे लफ़्ज़ों में क्या है!!तरह-तरह से एक बस तुम्हारा ज़िक़्र!!!
कब आ रहे हो मुलाकात के लिये, हमने चाँद रोका है एक रात के लिये।
ख़ज़ाने गम के मेरे दिल में दफन हैं यारों ये मुस्कुराना तो मेरी अदा में शामिल हैं
दिल की धड़कन और मेरी सदा है तू मेरी पहली और आखिरी वफ़ा है तू चाहा है तुझे चाहत से भी बढ़ कर मेरी चाहत और चाहत की इंतिहा है तू
दोस्त पूछते है तुमने ऐसा उसमें क्या देखा, मैंने कहा उसको देखने के बाद कुछ और नहीं देखा।
मेरे दिल की उम्मीदों का हौसला तो देखो, इंतज़ार उसका है जिसे मेरा एहसास तक नहीं।
खूबसूरती तेरी लोगो को दीवाना बनाती हैं, धुप में मानो ठंडक दे जाती हैं, सलामत रहे तेरे होंठो पर हंसी, क्युकी ये हंसी ही तुझको चाँद की तरह खिला जाती हैं
एक लाइन में क्या तेरी तारीफ़ लिखू,पानी भी जो देखे तुझे तो प्यासा हो जाये
उन्होनें कहा,,, तुम्हारी आंखें बहुत खूबसूरत हैं …मने भी कह दिया,,,तुम्हारे ख़्वाब जो देखती हैं !!
महक़ रहा है चमन की तरह वो आईना कि जिस में तूने कभी अपना रूप देखा था
एकलाइन में क्या तेरी तारीफ़ लिखू,पानी भी जो देखे तुझे तो प्यासा हो जाये
पुरानी होकर भी ख़ास होती जा रहीमोहब्बत बेशर्म है जनाब, बेहिसाब होती जा रही है
रात होगी तो चाँद दुहाई देगा,ख्वाबों में उसका चेहरा दिखाई देगा,ये इश्क है ज़रा सोच समझ कर करना,क्यूंकि यहाँ एक आंसू भी गिरा तो सुनाई देगा।
ना रंग से रंगीन हुए, ना भंग से हुए मदहोशडाली जो उसने तिरछी नज़र फिर कहाँ रहा कुछ होश,,
अपनी मोहब्बत कि खुशबु से नुर कर दे, जुदा न हो सकु इतना मगरुर कर दे, मेरे दिल मे बस जाए वफ़ा तेरी ,किसी और को ना देखु मुझे इतना मजबुर कर दे.
हर बार हम पर इल्जाम लगा देते हो मुहब्बत का,कभी खुद से भी पूंछा है इतनी खूबसूरत क्यों हो।
चांद भी हैरान दरिया भी परेशानी में है!! अक्स किसका है कि इतनी रौशनी पानी में है!!
आप और आपकी हर बात मेरे लिए ख़ास है, यही शायद प्यार का पहला एहसास है।
अरबों की गिनती तो हमें आती नहीं, पर दिल का एक ख़याल आपसे कह दू. अगर पानी की एक बून्द ख़ुशी बनती हैं तो, तोहफे में आपको सारा समुंदर ही दे दू
जब मैं शायरी लिखने बैठा तो बस तेरे चहरे पर ही अटक गया।
दिल से आपका ख्याल जाता नहीं, आपके सिवा कोई याद आता नहीं।
हर सोच में बस एक ख्याल तेरा आता है, लब जरा से हिलते नहीं कि नाम तेरा आता है।
बड़ी तलब थी सनम को बेनकाब देखने की. हमें दुपट्टा जो गिरा सर से तो कमबख्त जुल्फे दीवार बन गई
तेरी खुशबू तेरी चाहत से दिल यूँ महरूम रहा, बनारस रहकर भी कोई जैसे गंगा से दूर रहा.
ख़त्म ना होने दो ,किसी के चेहरे की मुस्कराहटबहुत मुश्किल से आती है, ये कुदरती आहट
बहुत तारीफ करता था मैं उसकी बिंदी की,,,,,,लफ्ज़ कम पड़ गए जब उसने झुमके पहने
तेरी यादों की कोई सरहद होती तो अच्छा रहताखबर तो रहती अभी सफर कितना तय करना है
तेरे चहरे ने मेरी नींद उड़ा रखी है अब तो बस आपके ज़िस्म में रात बितानी है।
वो पूछते है शायरी क्यू लिखते हो जैसे उन्होंने कभी शीशे को देखा ही नहीं।
खूबसूरती किसी के चेहरों व कपड़ो में नहीं होती ….बस ये निगाहें जिसे चाहे उसे खुबसूरत बना दें..!!
अंदाज-ऐ-प्यार तुम्हारी एक अदा है.. दूर हो हमसे तुम्हारी खता है.. दिल में बसी है एक प्यारी सी तस्वीर तुम्हारी.. जिस के नीचे ‘आई लव यू’ लिखा है..
आसमान में काली घटा छाई है,आज फिर से घरवाली से मार खाई है,दिल तो करता है…सुधर जाऊं मगर,कामवाली आज फिर भीग के आई है…..
इश्क़ को रहने दीजिये ज़नाब, Flirt कीजिये सुकून मिलेगा।
इजाज़त ही नहीं कुछ और हमको देखने की,अभी तो ख़्वाब आँखों में तुम्हारा चल रहा है..!!
चुपचाप चले थे जिंदगी के सफर मेंतुम पर नजर पड़ी और गुमराह हो गए
देख के हमें वो सिर झुकाते हैं। बुला के महफिल में नजर चुराते हैं। नफरत हैं हमसे तो भी कोई बात नहीं। पर गैरो से मिल के दिल क्यों जलाते हो।
चूम कर लब आपके मैं दिल में समां जाऊ अब आओ पास मेरे ये दुरिया मिटाऊ
दिन की वो महफिलें गई रातों के रतजगे गए, कोई समेट कर मेरे शाम-ओ-सहर चला गया।
छिड़क दिया तुम्हे ज़िन्दगी के हर पन्ने पर इत्र की तरह…मेरे बाद भी मुझमे तुम ही महकोगे…
सुगर तो मैने हमेशा सही मात्रा में ली है, डाइबीटीज होने के कसूरवार तो तुम्हारे होंठ है..!
हमराह तो साथ में चलते है रास्ते तो अजनबी बदलते है जबसे बसाया है तुझको आंखों में न जाने लोग क्यू मुझसे इतना जलते है।
दोस्त पूछते है तुमने ऐसा उसमें क्या देखा, मैंने कहा उसको देखने के बाद कुछ और नहीं देखा।
होंठ कह नहीं सकते जो फ़साना दिल का, शायद नज़र से वो बात हो जाये, इस उम्मीद में करते है इंतज़ार रात का, की शायद सपने में मुलाक़ात हो जाये।
जुल्फे बांधा मत करो तुम, हवाये नाराज़ रहती है।
बातें दिल की बोलती है आंखेंइसलिए जुबां को कैद किया है
सितम सारे हमारे छाँट लिया करों, नाराजगी से अच्छा है डांट लिया करों.
नाम सुनके हमारा तुम मुस्कुराया ना करो,राज की बातें हैं ये, सबको बताया ना करो…!!
खुदा ने दोनों को नवाज़ा है तुम्हे ख़ूबसूरती से और मुझे इश्क़ से।
ये बात, ये तबस्सुम, ये नाज, ये निगाहें ! आखिर तुम्हीं बताओ क्यों कर न तुमको चाहें!!
उनके चेहरे की चमक इतनी हैकि हर किसी की सूरत उनके सामने फीकी है।