Farmer Shayari In Hindi : एक बार आकर देख कैसा, ह्रदय विदारक मंजर हैं, पसलियों से लग गयी हैं आंते, खेत अभी भी बंजर हैं. मुफ़्त की कोई चीज बाजार में नहीं मिलती, किसान के मरने की सुर्खियां अखबार में नहीं मिलती।
लोग कहते हैं बेटी को मार डालोगे,तो बहू कहाँ से पाओगे? जरा सोचो किसान को मार डालोगे, तो रोटी कहाँ से लाओगे?
कितना भी डिजिटल हो जाये हिन्दुस्थानमगर देश की सान , देश का किसान।
सोचा था के वो बहुत टूट कर चाहेगा मुझे “फ़राज़”लेकिन “चाहा ” भी हम ने और टूटे भी हम
कहते है तुम किसान की बेटी हो, तुम्हे क्या पता कॉफ़ी का स्वाद, हमने कहा जिसमे कॉफ़ी डलती है, वो दूध किसानों के घरों से ही आता है!
क्या तुम्हें पता है किसान कैसे जीता हैं, दुःख दर्द के आँसू वो हँसकर पीता हैं.
मैं किसान हूँ मुझे भरोसा हैं अपने जूनून पर, निगाहे लगी हुई है आकाश के मानसून पर…
जो बिन बरसात के अपनी आंखों के नीर से,खेत को सींच दे उसे ही किसान कहते है।
एक बेटे ने अपने नाम के आगे “डाक्टर” जोड़ दियाउस बेटे के बाप ने उसकी राह देखते देखतेखेत में दम तोड़ दिया.#Kisan
क्यों ना सजा दी पेड़ काटने वाले शैतान कोखुदा तूने सजा दे दी सीधे-सादे किसान को
कामयाबी हाथों की लकीरों में नहींमाथे के पसीने में हैं, वो मजा आमजिंदगी में कहाँ जो बिंदास जीने में है.किसान दिवस की हार्दिक शुभकामनाये
किसानो से अब कहाँ वो मुलाकात करते हैं, बस ऱोज नये ख्वाबो की बात करते हैं.
शेतकऱ्याचा करू या सन्मान, यातच आहे देशाता अभिमान
किसान की आह जो दिल से निकाली जाएगीक्या समझते हो कि ख़ाली जाएगी
फूल खिला दे शाखों पर, पेड़ों को फल दे मालिक,धरती जितनी प्यासी हैं उतना तो जल दे मालिक!
कृषि विकास के लिए कार्य सही होना चाहिए,किसानों के ऊपर कभी राजनीति नही होना चाहिए!
देखा जब से हुस्न उसकामेरा खड़ा है उसके ख्याल में दिलरातों की नींद भी चुरा कर ले गयाउसकी गाल का वो काला तिल।।
तू कितनी भी खूबसूरत क्यूँ न हो ऐ ज़िंदगी,खुशमिजाज़ दोस्तों के वगैर तू अच्छी नहीं लगती।
तन्हाई सी थी दुनिया की भीड़ में,सोचा कोई अपना नहीं तकदीर में,एक दिन जब दोस्ती की आपसे तो यूँ लगा,कुछ ख़ास था मेरे हाथ की लकीर में.
“इस किसान प्रधान देश में किसान बस एक नौकर है और एक सेवक नेता प्रधान है।”
मेरा यार मेरी आँखों का तारा हैमेरे दिल में बसता सारा का सारा हैमगर करता है जब चूतियों वाले कामतब लगता थोड़ा सा भोसदिवाला है।।
नंगे पैर बारिश में जब किसान खेतों में जाता है,तभी महकता हुआ बासमती आपके घर आता है!
कोई परेशान है कुर्सी के लिए.कोई ख्वाहिशो के लिए.और एक किसान परेशान है,उधार के किश्तों और रोटी के लिए
खेतो में हरियाली किसान से हैदेश में खुशहाली किसान से हैंये जो देख रहे हैं ना रोशनी बाजारों मेंये खूबसूरत सी दीवाली किसान से हैं
जब कोई किसान या जवान मरता है,तो समझना पूरा हिन्दुस्तान मरता है.
किसान वह होता है जो समूचे देश का भावी भोजन उत्पन्न करता है। 🌾🌽🥕
हम दोस्त बनाकर किसी को रुलाते नही,दिल में बसाकर किसी को भुलाते नही,हम तो दोस्त के लिए जान भी दे सकते हैं,पर लोग सोचते हैं की हम दोस्ती निभाते नहीं.
खुद को बदलने का सबसे तेज तरीका है,उन लोगों के साथ रहना जोपहले से ही उस रस्ते पर हैजिस पर आप जाना चाहते हैं
उन घरो में जहाँ मिट्टी के घड़े रहते हैं, कद में छोटे हो, मगर लोग बड़े रहते हैं.
मेरे यार मेरे सुकून कीतू वजह बन पाता हैतुझे गाली देकर मेरे दिल कोसुकून मिल जाता है।।
किसान के बेटे जल्दी ही बड़े हो जाते है,क्योंकि वे अपने बचपन की ख्वाहिशों को मार देते है.
थक चुके हो और अगर कोस रहे हो ज़िन्दगी को रोज़ ऑफिस में बैठ के कंप्यूटर चला कर, तो आना कभी खेत में और एक बार ज़रूर देख लेना हल चला कर।
क्या दिखा नही वो खून तुम्हें,जहाँ धरती पुत्र का अंत हुआ,सच को ये सच नही मान रहा,लो आँखों से अँधा भक्त हुआ.
एक बार आकर देख कैसा, ह्रदय विदारक मंजर हैं,पसलियों से लग गयी हैं आंतें, खेत अभी भी बंजर हैं
खेती और खुशहाली की चाबी है मनोविज्ञान, किसी को नहीं मिलती इसकी समझ सिवाय किसान।
किसान हमेशा अपने काम में इतनी ईमानदारी रखते हैं तभी तो उनकी मेहनत पर दुनिआ भरोसा करती हे !
खेती के व्यवसाय में भी फायदा होता हैं, पर खेती करने का एक कायदा होता हैं.
खेतों# को जब पानी की जरूरत होती है,तो आसमान# बरसता है या तो आँखें।
किसान की दशा सुधरेगी तभी देश सुधरेगा
सुरज कॆ सामने रात नही होती,सितारो सॆ दिल की बात नही होती,जिन दोस्तो को हम दिल सॆ चाहतॆ है,न जानॆ क्यो उनसॆ मुलाकात नही होती.
भगवान का सौदा करता हैं,इंसान की क़ीमत क्या जाने?जो “धान” की क़ीमत दे न सके,वो “जान ” की क़ीमत क्या जाने?
हर मोड़ पर मुकाम नहीं होता,दिल के रिश्तो का कोई नाम नहीं होता,चिराग की रौशनी से ढूँढा है आपको,आप जैसा दोस्त मिलना आसान नहीं होता.
“थक चुके हो और अगर कोस रहे हो ज़िन्दगी को रोज़ ऑफिस में बैठ के कंप्यूटर चला कर, तो आना कभी खेत में और एक बार ज़रूर देख लेना हल चला कर।”
इन सोई हुई सरकारों को जगायें कैसे,किसान के बदतर हालात को दिखायें कैसे.
बढ़ रही हैं कीमते अनाज की, पर हो न सकी विदा बेटी किसान की.
बरसात आये तो ज़मीन गीली न हो,धूप आये तो सरसों पीली न हो,ए दोस्त तूने यह कैसे सोच लिया कि,तेरी याद आये और पलकें गीली न हों.
एक ईमानदार किसान को डरे सहमे हुए देखा है,मेहनत करने के बावजूद भूख से लड़ते हुए देखा है!
मौसम की मार किसानों को ऐसी लगती है की किसान जीना छोड़ मरना आसान समझता है।
लहलहाते खेतो पर निर्भर है एक इंसानकहो देश का अन्नदाता या फिर बोलो किसान
यूं खुद की लाश अपने कांधे पर उठाये हैं ऐ शहर के वाशिंदों ! हम गाँव से आये हैं -अदम गोंडवी
#लफ़्ज़ बन जातें हैं पर्दे #जज़्बात के, 💕 … फिर कैसे ये #मोहब्बत बयाँ होती.
आपकी हमारी दोस्ती सुरों का साज है,आप जैसे दोस्त पर हमें नाज़ है,अब चाहे कुछ भी हो जाये जिंदगी में,दोस्ती वैसे ही रहेगी जैसे आज है.
अभी न निकली पहली किरण पूर्व की लालीपहचान,भौर से पहले ही , खाट छोड़ उठगया किसान.
मत मारो गोलियो से मुझेमैं पहले से एक दुखी इंसान हूँ,मेरी मौत कि वजह यही हैंकि मैं पेशे से एक किसान हूँ.
किसान से ही तो हम सब जीते हैं, तो क्यों उनका सम्मान नहीं करते।
हमारी खेती हमारी माता की भूमि के लिए जीवनदायी होती है।
किसान की उन्नति ही एक अच्छे राष्ट्र की उन्नति है
ग़रीब के बच्चे भी खानाखा सके त्योहारों में,तभी तो भगवान खुदबिक जाते हैं बाजारों में.
दीवार क्या गिरी किसान के कच्चे मकान की,नेताओ ने उसके आँगन में रस्ता बन दिया.
खेतों का पानी अब आखों में आ गया हैं,मेरे गाँव का किसान अब शहर में आ गया हैं!
देश की प्रगति है तब तक अधूरी, किसान के #विकास के बिना न होगी पूरी
किसानो से अब कहाँ वो मुलाकात करते हैं, बस ऱोज नये ख्वाबो की बात करते हैं.
अपनी जिंदगी से कभी नाराज मत होनाक्या पता आप जैसे जिंदगी किसी का सपना हो
किसान खुल के हँस तो रहा हैं फ़क़ीर होते हुए,नेता मुस्कुरा भी न पाया आमिर होते हुए।
नको लावूस फास गळा बळीराजा, तूच आहेस या देशाचा पोशिंदा.
“जो किसानो के हक़ के साथ रहेगा, वही अनाज खाने का हकदार रहेगा।”
किसान की समस्या खत्म नही होती,नेताओ के पास पैकेज अस्सी हैं,अंत में समस्या खत्म करने के लिए,किसान चुनता रस्सी हैं।
तापमान तो सिर्फ AC और कूलर,वालो के लिए ही बढ़ा हे जनाब,सिमा पर जवान और खेत में किसान,आज भी वही हे।
“एक बात हमेशा याद रखना इस देश के हर इंसान की भूख का हल किसानों के हल की वजह से ही निकलता है।”
दुनिया वाले कहते हैं बेटी को मार डालोगे, तो बहू कहाँ से ला ओगे,जरा एक बार सोचो किसान को मार डालोगे, तो रोटी कहाँ से ला ओगे।
राष्ट्रीय किसान दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं
जो काम बढ़िया करते हैं, उन्हें सबसे ज्यादा महनत करने की आदत होती है। – चौधरी चरण सिंह
मत मारो गोलियो से मुझे मैं पहले से एक दुखी इंसान हूँ, मेरी मौत कि वजह यही हैं कि मैं पेशे से एक किसान हूँ.