2265+ Fark Shayari In Hindi | फ़र्क शायरी

Fark Shayari In Hindi , फ़र्क शायरी
Author: Quotes And Status Post Published at: October 2, 2023 Post Updated at: April 4, 2024

Fark Shayari In Hindi : अब फरक नहीं पड़ता किसी के रूठ जाने से, जी तो हम पहले से ही नहीं रहे, अब दर भी नहीं लगता साँसे छूट जाने से। मोहब्बत के उस मुकाम पे जा पहुंचे है हम, की ना तेरे आने की ख़ुशी ना तेरे जाने का गम।

खुद की कीमत गिर जाती हैकिसी को कीमती बनाने की चाह में!Khud ki kimat gir jati haiKisi ko kimti bnane kiChah me!

ज़हर घोल कर ज़िन्दगी में मेरे काफी खुश लग रही हो, मोहतरमा समुन्दर है ज़िन्दगी मेरी, यूँ दो बून्द से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता।

यूँ तो हर शख्स फिसल जाता है,अक्सर कर सम्भल जाता है।उठना गिरना तो ज़िन्दगी की कहानी है,जो गिरकर फिर ना सम्भला तब हैरानी है।

तुमको क्या खबर हाल मेरा है क्या मैं कह भी नहीं सकता कुछ मुझे सहना भी सब है

मोहब्बत तो एक तरफा होती है,जो हो दो तरफा तो उसे नसीब कहते है।

कुछ धोखेबाजों को मैं अपना मानता ही नही… जो मुझे देख के नजरे फेरते है उन्हें मैं पहचानता ही नही…

Attitude में रहती हूं तभी दुनिया सलाम करती है, वरना दुनिया तो मतलबी है, मतलब के लिए शरीफों का भी जीना हराम करती है।

जिनकी आँखे आँसू से नम नहीं क्या,समझते हो उसे कोई गम नहीं।तुम तड़प कर रो दिये तो क्या हुआ,गम छुपा के हंसने वाले भी इस दुनिया मे कम नहीं।

मेरी हर सांस में तू है,मेरी हर खुशी में तू है,तेरे बिन जिंदगी कुछ भी नहीं,क्योंकि मेरे पूरी जिंदगी ही तू है।

सुबह पढ़ो या रात को हमेशादिल में रखो इस बात को ,हमेशा दिल में रखो इस बात को ,सफल बनाना है एक दिन अपने आप को ।

𝙇𝙞𝙛𝙚 के हर😇𝙈𝙤𝙢𝙚𝙣𝙩 कॊ #_🤣𝙀𝙣𝙟𝙤𝙮 करॊ…!🤔 क्योंकि ये 💜#_𝙇𝙞𝙛𝙚 है 𝘿𝙚𝙖𝙧😆कॊई #​𝙈𝙤𝙫𝙞𝙚 🎬नहीं_​जो रिटर्न 👉🏻लगाकर वापस❣ आ जायेगी..🤗

कहते थे तुम सब हूँ मैं तुम्हारे लिए खुद रब हूँ मैं तुम भी बदल गए मौसमों की तरह तुम कहाँ कहाँ अब हूँ मैं

मैं भी एक नासमझी कर बैठा माँ बाप के अलावा भी किसी से प्यार कर बैठा

“ऐसी कोई मंजिल नहीं जहां तक पहुंचने का रास्ता न बना हो।”

भले ही बेटी के जीवन में आए कई लोग, लेकिन, जितना मां-बेटी होते हैं करीब, शायद ही होगा कोई बेटी से उतना करीब।

“उन्नति सम्पत्ति से नहीं, “सद्गुण” और “सद्बुद्धि” से होती है।”

सम्भलना अब ज़रा मुश्किल साहो गया है तेरे प्यार में,दिल के बाजार में अब जो हो रहाहै वो सब सही है !!

बहुत अंदर तक जला देती हैं,वो शिकायते जो बया नहीं होतीBahut andar Tak Jala Deti Hai vo Shikayate Jo byaa Nahin Hoti

वो दर्द दे गए सितम भी दे गए,ज़ख्म के साथ वो मरहम भी दे गए।ओ लफ्जो से कर गए अपना मन हल्का,हमे कभी न रोने की कसम दे गए।

हर रोज़ गिर कर भी, हम मुक्कमल खड़े हैं, ऐ ज़िन्दगी देख मेरे होंसले तुझसे कितने बड़े हैं।

काश चाहने वाले,हमेशा चाहने वाले ही रहते।पर लोग अक्सर बदल जाते है,मोहब्बत हो जाने के बाद।

इश्क़ ना हुआ कोहरा हो जैसे,तुम्हारे सिवा कुछ दिखता ही नहीं।

यूँ ख्वाब बनकर , नींदों में ना आया करो…., . समझदार बनो, खुद आ जाया करो… **************************************

आज फिर किसी का गम अपना बनाने को जी करता है,किसी को दिल में बिठाने को जी करता है।आज दिल को क्या हुआ खुदा जाने,बुझती हुई शमा फिर जलाने को जी करता है।

अगर बेटियां हैं पापा की परियां, तो मां की है वो पूरी दुनिया।

“कुछ अलग करना चाहते हो तो भीड़ से हट के चलिए, भीड़ साहस तो देती है, मगर पहचान छिन लेती है।”

बहुत दर्द देती हैं तेरी यादें,सो जाऊं तो जगा देती हैं,,जग जाऊं तो रुला देती हैं।

मम्मी का हाथ बटातीपापा का नाम करातीकितनी मुश्किलें क्यू ना होसबको हंसके गले लगाती

जिस ☝ दिन 💯 वक्त ⏱️ मेरा 😎 #होगा#तु 😡 सोच 🤔 #भी नही ❌ सकता 👀 तेरा 👤 #क्या होगा

दुनिया है सताती रहेगी,बस आप मुस्कुराते रहो !

उतनी देर तक ही खामोश रहो जबतक लोग तुम्हें कमजोर न समझें…!

बनती गयी कहानी जहाँ जहाँ गया वो हर मोहल्ले में उसने किस्से बनाये हैं

ए रब अगर तेरे कलम की स्याही खत्म हो गयी हो,तो मेरा लहू लेले, यूँ कहानिया अधूरी न लिखा कर।

उन्हें मुझसे शिकायत है मुझे उनसे शिकायत है शिकायत ही शिकायत में के हम बर्बाद बैठे हैं

बहुत सकून मिलता है जलने वालोंको और जलाने में ।।

बेटियां बाप की आंखों में छुपे ख़्वाब को पहचानती हैंऔर कोई दूसरा इस ख़्वाब को पढ़ ले तो बुरा मानती हैं

वो खुश हैं मुझे दर्द में देखकर इसलिए मैं मरहम से दूरी बना रहा हूँ

“अगर बनना चाहते हो मुकद्दर का सिकन्दर, तो मेहनत को चुनना होगा न कि किस्मत को।”

गलती करो तो डांट लगाती, कोई और डांटे तो खुद बचाती, मुश्किलों में भी वो हमेशा मुस्कुराती, इसलिए मम्मी तुम हो मुझे जान से प्यारी।

उससे कहो के मेरी मोहब्बत को है तराह ना आजमये,के उस्की आँखे हाय तरास जायं मुजे देख के लिए।

साथ में अपने खुशियों की सौगात लाई हैनन्ही सी परी आज तुम्हारे घर पर आई है

ये पागल पागल फिरता है इसको तू समझा दे अब या तो अपना बना ले इसे या फिर दिल जला दे अब

बिछड़ते वही है जो साथ चलते हैवरना आगे पीछे तो हजार चलते है !

जब भी रूकने का मन करे तो याद रखना तुमइतनी दूर तक बस चलने के लिए नही आये थे ।

उनकी सारी गलतियों को हम,उनकी नादानी समझ कर भूल गए,,कभी समझ में नहीं आया नादान वो थे या हम।

#हुकूमत ☝ #दुसरो_के_जोर💪 पर तो #कोई भी #कर_ले, 😒 जो #अपने_दम ☝💪 पर #छा_जाये 😎 वो #हम 👦 है!

घंटो तक तेरे घर के दरवाजे पे आके, तेरे आने का इंतज़ार किया करता था में, अब तू खुद आकर मेरे घर की डोरबेल भी बजा जाये, तो मुझे फ़र्क़ नहीं पड़ता।

दूरियां अच्छी लगने लगी है, अब मुझे,जबरदस्ती के प्यार से अब मन थक चूका है।

आधी पौनी बातों को मैं नहीं मानता, चुप हूँ, क्योंकि सच नहीं जानता।

दिल के दर्द को दिल में ही दबा के रखा है,आघर बयां कर देते तो सजा पाओगे।

रंग लग जाने से तो सिर्फकपड़े बिगड़ते हैं। लेकिन …अगर इंसान रंग बदल दे तोभरोसा और भावनाएं दोनों ही बिगड़ जाती है।

तेरे बाद मैंने मोहब्बत को,जब भी लिखा गुनाह लिखा।

इश्क़ करते हैं इश्क़ में धोखा नहीं करते जुदा होने वाले इतना सोचा नहीं करते तुम कहो तो तुमसे अनजान हो जाऊं मगर याद रखना जाने वाले लौटा नहीं करते

डर मुझे भी लगा फासला देखकर लेकिनमैंने कभी हिम्मत नहीं हारीआगे बढ़ता गया रास्ता देखकरमेरी मंजिल खुद बी खुद नज़दीक आती गयी,मेरी हिम्मत देख कर

थोड़ा संभल करबातकर रानीजितने तेरे पास कपडेनहीं होंगेउससे ज्यादा तो मैं रोजलफडे करता हु।

जीने की ख्वाहिश में हर रोज़ मरते हैं,वो आये न आये हम इंतज़ार करते हैं।झूठा ही सही मेरे यार का वादा,हम सच मान कर ऐतबार करते है।

कुछ पाने के लिए कुछ खोना नहीकुछ करना पड़ता है

तन्हाई में सोचना कभी क्या नहीं किया तेरे लिए जीने की थी ख्वाहिश मगर मरते रहे हम तेरे लिए

जब मैं डूबा तो समुन्दर को भी हैरत हुयी,अजीब शख्स है किसी को पुकारता भी नहीं।

मां से ईंट-पत्थर का मकान घर बन जाता है, मां-बेटी के रिश्ता से वो घर रोशन हो जाता है।

मां तुम साथ हो, तो हर मुसीबत आसान है, तुम हो मेरी प्यारी मां, मुझे इस बात का अभिमान है।

भीख मांगना नहीं,कमाना सीखोफिर चाहे दौलत हो या इज्जत।

“हमने तेरे बाद न रखी किसी से मोहब्बत की आस, एक शख्स ही बहुत था जो सब कुछ सिखा गया।”

जिसके नसीब मे हों ज़माने की ठोकरें,उस बदनसीब से ना सहारों की बात कर।

“किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए “जबरदस्त” मेहनत करनी पड़ती है, जबरदस्ती नहीं।”

हाथ में तलवार है जुबां तेज़ धार है,फिर भी चुप हूँ क्यूंकि ये मेरे पापा केदिए संस्कार हैं।

“एक बात सिखाई है… ताजुर्वे ने हमें, एक नया दर्द ही पुराने दर्द की दवा है।”

क्या कोई बता सकता है ये इश्क़ में क्यों होता है दिल जिसको अपना कहता है वही बेवफ़ा होता है

बहुत अंदर तक बसा था वो शख़्स मेरे,उसे भूलने के लिए बड़ा वक़्त चाहिए।

पीठ पीछे कौन क्या बोलता है फर्क नहीं पड़तासामने किसी का मुहं नहीं खुलता इतना काफी है

बेटा झूले पर झूलो लेकिन,हम बाप है तुम्हारे हमे ना भूलो।

“उम्मीद की छोटी सी किरण भी विकट स्थितियों में संकट को सम्भालने का हौसला देती है।”

Recent Posts