169+ Fanaa Shayari In Hindi | फना फिल्म शायरी

Fanaa Shayari In Hindi , फना फिल्म शायरी
Author: Quotes And Status Post Published at: September 19, 2023 Post Updated at: December 29, 2023

Fanaa Shayari In Hindi : कहते है प्यार में नींद उड़ जाती है,कोई हमसे भी मोहब्बत करे,कम्बख्त नींद बहुत आती है. ऐसा लगा खुदा ने रख दिया हमारे दिल पे हाथ,लिया नाम हमारा उन्होंने कुछ ऐसी अदा के साथ.

खुशबू तेरे प्यार की, मेरे मन में छाई हे, शायद तुमने याद किया, जोर की हिचकी आई हे।। ⚛》》》》》◆《《《《《⚛

फूल हूँ गुलाब काचमेली का मत समझनाआशिक़ हूँ आपकाअपनी सहेली का मत समझना !

अरे हां! माना गलती थी मेरी, लेकिन अब मान भी जाओ, ऐसे न इतराओ….. अरे यार थोड़ा तो मुस्कुराओ….।

उन्हें हुसमे शिकायत है कि हूम हर किसी को देख कर मुस्कुराते हैं,नासमझ है वो न समझे कि हमें तो हर चेहरे में वही नज़र आते हैं…

अधूरी सांस थी, धड़कने अधूरी थी, अधूरे हम,मगर अब चाँद पूरा है फलक पे और अब पूरे है हम.

अधूरी साँस थी,धड़कन अधूरी थी, अधूरे हम मगर अब चाँद पूरा है फलक पेऔर अब पुर है हम

भूल करके अगर हमसे कोई भूल हुई हो,तो भूल समझकर भुला देना,लेकिन भुलाना सिर्फ भूल को,गलती से भी हमे ना भुला देना।

काश में ऊन का गोला होता, और उनकी उँगलियों में लिप्त होता.,

पानी से प्यास ना बुझी तोमैं मैखाने की तरफ चल निकलासोचा शिकायत करू तेरी खुदा सेपर खुदा भी तेरा आशिक निकला.

बहुत मुश्किल लगता है उससे दूर रहना,जुदाई के सफ़र को कम करदे.जितना दूर चले गए वह मुझसे,उसे उतना करीब करदे !!

बैठी है होठों को सी करपछतायेगी आपईश्क जाग उठता है अक्सरऐसी खामोशी के बाद..

नाराज़ हो क्या…? मान जाओ ना, मुझे फिर से, पहचान जाओ ना, खैर छोड़ो चिप्स खाओगी…? एक दो मेरे लिए भी ले आओगी….!

हमसे दूर जाओगे कैसे,दिल से हमे भुलाओगे कैसे,हम वो खुशबू है जो साँसों में बसते हैखुद की साँसों को रोक पाओगे कैसे.

तेरी मिट्टी में मिल जावांगुल बनके मैं खिल जावांइतनी सी है दिल की आरजू

तेरे दिल में मेरी सांसों को पनाह मिल जाए, तेरे इश्क़ में मेरी जान फना हो जाए.,

पानी से प्यास ना भुजी तो मैखने की तरफ चल निकला सूचा शिकायत करूँ तेरी खुदा से पर खुदा भी तेरा आशिक़ निकला

अधूरी साँस थी धड़कन अधूरी थी अधूरें हम,मगर अब चाँद पूरा हैं फलक पे और अब पूरे हैं हम !

भूल करके अगर हमसे कोई भूल हुई हो,तो भूल समझकर भुला देना,लेकिन भूलना सिर्फ भूल को,गलती से भी हमें न भुला देना…

आग सूरज माईन होती है, जलना धरती को पड़ता है, ए मोहब्बत आँखें करती हैं, तड़पना दिल को पड़ता है.,

तेरी नदियों में बेहजावांतेरे खेतों में लेहरावांइतनी सी है दिल की आरजू

ऐसा लगा खुदा ने रख दिया हमारे दिल पे हाथ लिया नाम हमारे उन्होने कुछ ऐसी अदा के साथ

दर्द से आँखें चार कर लेंगे, हम भी इम्तिहान दे देंगे, तेरी दोस्ती के खातिर ए दोस्त, हम दुश्मनों से भी प्यार कर लेंगे.,

बेखुदी की ज़िंदगी हम जिया नही करते …जाम दूसरों से छीनकर हम पिया नही करते उनको मोहब्बत है तो आकर इज़हार करें पीछा हम भी किसिका किया नही करते

तेरी नदियों में बेह जावांतेरे खेतों में लेहरावांइतनी सी है दिल की आरजू

इंसान की ख्वाइश की कोई इंतेहा नहीदो गाज़ ज़मीन चाहिए दो गाज़ कफ़न के बाद

उसके बनाये हर हसीं चेहरे से इश्क़ करना हैं,आखिर मरने के बाद कल उसको मुँह भी तो दिखाना हैं…

वो आग ही क्या जो लग के बढ़े नहीं,वो नशा ही क्या जो सर पे चढ़े ही नहीं,नहीं बनता तब तक कोई सच्चा आशिक़,जब तक इश्क़ में उसकों दो चार पड़े नहीं…

ल करके अगर हुंसे कोई भूल हुई हो,तो भूल समझकर भुला देना …लेकिन भूलना सिर्फ़ भूल को,ग़लती से भी हम में ना भुला देना

ऐसा लगा खुदा ने रख दिया हमारे दिल पे हाथ,लिया नाम हमारा उन्होंने कुछ ऐसी अदा के साथ.

ऐ मेरी ज़मीं महबूब मेरीमेरी नस-नस में तेरा इश्क बहेफीका ना पड़े कभी रंग तेराजिस्मों से निकल के खून कहे

आँखों की नजर से नहीं, हम दिल की नजर से प्यार करते है, आप दिखे या ना दिखे फिर भी हम, आपका दीदार करते है।

हूँ मैं परवाना मगर कोई शम्मा तो हो,रात तो हो, जान देने को हूँ हाज़िरपर कोई बात तो हो…

ना जागते हुए ख्वाब देखा करोंना चाहों उससे जिसे पा न सकोंप्यार कहाँ किसी का पूरा होता हैं,प्यार का पहला अक्षर अधूरा होता हैं…

दिल से लिखी बाते दिल को छू जाती है, कुछ लोगो से मिलके जिन्दगी बदल जाती हैं।

अंधेरों को निकाला जा रहा हैमगर घर से उजाला जा रहा है

पहले मुझमें ज़रा खुलकर जी तो ले यूँ बेवजह फ़ना होने की बात न कर.,

ओ.. ओ.. ओओ..सरसों से भरे खलिहान मेरेजहाँ झूम के भंगड़ा पा न सकाआबाद रहे वो गाँव मेराजहाँ लौट के बापस जा न सका

इंसान की ख्वाइश की कोई इंतेहा नही दो गाज़ ज़मीन चाहिए दो गाज़ कफ़न के बाद

मोहब्बत रंग लाती हैं जब दिल से दिल मिलते हैं,मुश्किल तो यह है कि दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं…

रोने दे आज हमको तू आँखे सुजाने देबाहों में ले ले और खुद को भीग जाने देहै जो सीने में कैद दरिया वो छुट जाएगाहै इतना दर्द के तेरा दामन भीग जायेगा ।

दर्द से आँखें चार कर लेंगे, हम भी इम्तिहान दे देंगे, तेरी दोस्ती की खातिर ऐ दोस्त, हम दुश्मनों से भी प्यार कर लेंगे.,

आग सूरज में होती है, जलना ज़मीन को पड़ता हैमोहब्बत निगाहें करती है, तड़पना दिल को पड़ता है

कहते है प्यार में नींद उड़ जाती हैं,कोई हमसे भी मोहब्बत करें,कमबख्त नींद बहुत आती हैं…

इंसान की ख्वाइश की कोई इंतेहा नही दो गाज़ ज़मीन चाहिए दो गाज़ कफ़न के बाद

ऐसा लगा खुदा ने रख दिया हमारे दिल पे हाथ लिया नाम हमारे उन्होने कुछ ऐसी अदा के साथ

तिरे वा'दों पे कहाँ तक मिरा दिल फ़रेब खाएकोई ऐसा कर बहाना मिरी आस टूट जाए (साभार-रेख़्ता)

अभी अनजान हो, जल्दी जान जाओगे, अभी रूठे हो शायद, जल्दी मान जाओगे, कभी आओ देखो मेरे दिल की किताब को, हर जगह तुम अपना ही नाम पाओगे।।।

दिल मिला है इश्क़ करने के लिए, बस इतना समझ लीजिये,एक से करना है या ग्यारह से, वो खुद ही तय कर लीजिये…

आग सूरज में होती है, जलना ज़मीन को पड़ता है मोहब्बत निगाहें करती है, तड़पना दिल को पड़ता है

तेरी नदियों में बेहजावांतेरे फसलों में लेहरावांइतनी सी है दिल की आरजूकेसरी…

गम नहीं तुझे पा नहीं सके खुशी है इश्क हुआ तुझसे हुआ और लाज़वाब हुआ ।

ल करके अगर हुंसे कोई भूल हुई हो,तो भूल समझकर भुला देना लेकिन भूलना सिर्फ़ भूल को,ग़लती से भी हम में ना भुला देना

मै तो फना हो गया उसकीएक झलक देखकर,ना जाने हर रोज़ आईने परक्या गुजरती होगी ।

तेरी यादों में फना हो जाएंगे…. जो तुम रूठोगी ऐसे, तो हम मनाएंगे कैसे…!

इश्क़ रूहानी हो हमसे गर तो ज़फा मिलने की उम्मीद न कर,

दर्द से आँखे चार कर लेंगे,हम भी इम्तिहान दे देंगे,तेरी दोस्ती के खातिर ऐ दोस्तहम दुश्मनों से भी प्यार कर लेंगे.

बैठी है होठों को सीकर पछताएंगी आप,इश्क़ जाग उठता है अक्सर ऐसी खामोशी के बाद.

देखो हमे पता है की, हम गुस्सा करते है, अगर गुस्सा नही करेंगे तो, आपकी तरह मनाएगा कौन…!

दिल से अगर कभी तिरा अरमान जाएगाघर को लगा के आग ये मेहमान जाएगा

मान जा न यार, चार दिन की जिंदगी है, और तू तीन दिन से नाराज़ है…!

पानी से प्यास ना भुजी तो मैखने की तरफ चल निकला सूचा शिकायत करूँ तेरी खुदा से पर खुदा भी तेरा आशिक़ निकला

पानी से प्यास नहीं बुझी तो मैखाने की तरफ चल निकला,सोचा शिकायत करूँ तेरी खुदा से, पर खुदा भी तेरा आशिक निकला…

केसरी…हो हीर मेरी तू हंसती रहेतेरी आँख घड़ी भर नम ना होमैं मरता था जिस मुखड़े पेकभी उसका उजाला कम ना हो

ऐसा लगा खुदा ने रख दिया हमारे दिल पे हाथलिया नाम हमारे उन्होने कुछ ऐसी अदा के साथ

तेरे दिल में मेरी साँसों को पनाह मिल जाए तेरे इश्क़ में मेरी जान फ़ना हो जाए

मेरी मोहब्बत कि अनोखी मूरत हो तुम, जिंदगी की एक जरूरत हो तुम, गुलाब के फूल खूबसूरत होते है लेकिन, उस फूल से भी ज्यादा खूबसूरत हो तुम…।

नहीं लिखा अगर नसीब में उसका नामतो खत्म कर ये ज़िन्दगी और मुझे फना करदे !

कहते है प्यार में नींद उड़ जाती है,कोई हमसे भी मोहब्बत करे,कम्बख्त नींद बहुत आती है.

बैठी हैं होंठो को सीकर पछतायेंगी आप,इश्क़ अक्सर जाग उठता है ऐसी ख़ामोशी के बाद.

मनाना नही आता मुझे यार, तुम थोड़े से प्यार में मान जाया करो ना..।।

ओ वतना वे, मेरे वतना वेतेरा मेरा प्यार निराला थाकुर्बान हुआ तेरी अस्मत पेमैं कितना नसीबों वाला था

तलवारों पे सर वार दिएअंगारों में जिस्म जलाया हैतब जाके कहीं हमने सर पेये केसरी रंग सजाया है…

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