Emotional Sad Shayari In Hindi For Life : जो आपकी भावनाओं को समझ कर भी आपको तकलीफ देता हो वो कभी आपका अपना नहीं हो सकता । खुद का दर्द खुद से ज्यादा कोई नही समझ सकता मेरे दोस्त ।
कौन किसको दिल में जगह देता हैं,सूखे पत्ते तो पेड़ भी गिरा देता हैं,वाकिफ हैं हम दुनिया के रिवाजो से,मतलब निकल जाये तो हर कोई भुला देता हैं..
अपने तो बहुत है जिंदगी में, पर अपनापन किसी में नहीं। Alone Emotional Sad Shayari
नफरत मत करना हमसे हमे बुरा लगेगा, बस प्यार से कह देना तेरी जरुरत नही है !
कुछ बातें लफ्ज़ो से बेहतर, खामोशियाँ बयाँ कर देती हैं मेरे दोस्त ।
तेरे बिना जीना मुश्किल है, ये तुझे बताना और भी मुश्किल है। Tere Bina jina mushkil hai yah tujhe batana Aur bhi mushkil ha..
ना जाने किस तरह का इश्क कर रहे हैं हम, जिसके हो भी नही सकते… उसके हो रहे हैं हम।।
बदल जाने की उम्मीद तो थी तुमसे मगर इतनी जल्दी… ये पता ना था
ना तुम हमसे मिलो ना हम गुजारिश करेंगे, खुश रहो जहाँ रहो बस खुदा से यही सिफारिश करेंगे..!!
जितना चाहे रुला ले मुझको तू ऐ जिन्दगी, हँसकर गुजार दूंगा तुझको ये मेरी भी जिद है..!!
उसने मुझे छोड़ दिया तो क्या हुआ मैंने भी तो उसके लिए सारा ज़माना छोड़ा था
बहुत कुछ सीखा रहा है मुझे मेरा अकेलापन, इतना तो मुझे मेरी किताबों ने भी ना सीखाया ।
बड़े तमाशे से गुज़र रही है ये ज़िंदगी जज़्बात मरते जा रहे हैं और हम पत्थर के होते जा रहे हैं ।
तू बदनाम ना हो इसीलिए जी रहा हूँ मैं, वरना मरने का इरादा तो रोज होता है..!!
सफर जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ, वो जिंदगी ही क्या जो छांव-छांव चली हो..!!
जिसको जितना जाना उसको इतना जाना है आना एक मजबूरी थी जाना एक बहाना है
सिर्फ इतना ही कहा जा सकता है कोई हाथ से ले जाए पर नसीब से छीना नहीं जा सकता है
दिन हुआ है, तो रात भी होगी, मत हो उदास, उससे बात भी होगी वो प्यार है ही इतना प्यारा, ज़िन्दगी रही तो उससे मुलाकात भी होगी
अब समझ लेता हूँ मीठे लफ़्ज़ों की कड़वाहट, हो गया है ज़िन्दगी का तजुर्बा थोड़ा थोड़ा
यह भी पढ़ें: 100+ Thought of the day with images
नज़र की अपनी कोशिश थी ये दिल के अपने मसले थे वो मिलकर भी था मिला नहीं हाल कुछ ऐसे बदले थे
तन्हाई में सोचना कभी क्या नहीं किया तेरे लिए जीने की थी ख्वाहिश मगर मरते रहे हम तेरे लिए
मैंने ज़िन्दगी से पूछा सबको इतना दर्द क्यों देती हो ज़िन्दगी ने हस कर जवाब दिया हम तो सब को ख़ुशी देते है पर एक की ख़ुशी दूसरे का दर्द बन जाती है
आज तुम जिसके कद्र नहीं कर रहे हो ना 🖤 यकीन मानो आज भी उनके लिए दुआ मांगी जाती है.
हर दिल के अपने कुछ दर्द होते हैं जो हस कर सहे वही मर्द होते हैं
बचपन में कहानी सुन कर सोते थे आज अपनी ही कहानी पर रो कर सोते हैं। Bachpan me kahani sun kar sote the aaj apni hi kahani par ro kar sote hain.
दिल तोड़ के वो चला गया खुद को उसने रोका ही नहीं उसके बाद मेरा होगा क्या उस बेगैरत ने ये सोचा ही नहीं
जिसके नसीब मे हों ज़माने की ठोकरें, उस बदनसीब से ना सहारों की बात करना
अब मुमकिन न होगा वापसी का सफर, हम तो निकल चुके हैं आँख से आँसू की तरह !
आँखों ने आसुओं की बारिश नहीं की दिल से प्यार किया कोई साज़िश नहीं की खतावार नहीं फिर भी माफ़ी मांगते रहा तुमने मुझे समझने की कोशिश नहीं की
फुर्सत में करेंगे तुझसे हिसाब-ए-ज़िन्दगी अभी तो उलझे है खुद को सुलझाने में
ज़िंदगी हसने का नाम है, रोना किस काम का, जाने वाले चले गये, उनके लिए दिल दुखाना किस काम का!!
वो जो कहते थे तुम शहर में अकेले हो उनकी मोहब्बत हर गली में निकली
तू याद कर या भूल जा,तू याद है बस ये याद रख।।
कैसे रोने दे सकता हूँ मैं उस शख्स को जिसे मैंने खुदा से रो रो कर माँगा है
हमने ज़िन्दगी को बस इतना ही जाना है तकलीफ में अकेले हैं, खुशियों में सारा जमाना है
खुशी में भी आँख आँसू बहाती रही, जरा सी बात हमें देर तलक रुलाती रही, कोई खो के मिल गया तो कोई मिल के खो गया, ज़िन्दगी हम को बस ऐसे ही आज़माती रही।
आसमान पे बैठ कर सब देखता है खेल नसीबों का कैसे खेलता है तू भी कर तब पता चलेगा तुझे मोहब्बत के ख़ंजर दिल कैसे झेलता है
अकेले ही काटना है मुझे ऐ जिन्दगी का सफर, यूँ पल-दो-पल साथ चलकर मेरी आदत खराब न करो..!!
क़त्ल न करो, बस मोहब्बत करके छोड़ दो किसी दिलजले से पूछ लो, ये भी सज़ा-ए-मौत है।।
हुआ इम्तिहान मोहब्बत का और वो दो पल में हार गए
गैरों से मुझे मोहब्बत होने लगी है जैसे जैसे अपनों को आज़माता जा रहा हूँ
बहुत अच्छे से वो अपना किरदार निभाते हैं बेईमान हैं बेईमानी से साथ निभाते हैं
बहुत अकेला कर दिया मुझे मेरे अपनो ने, समझ नहीं आता हैं किस्मत बुरी है या मैं ।
जो आम नहीं वही काम कर रहे हो शहर जलाकर आराम कर रहे हो लोगो को सताना तो अपनी जगह है जानी आप तो क़तल-ए-आम कर रहे हो
रहे ना हम उसके ना वो हमारा है इस दरिया का ना कोई किनारा है ग़लत फ़हमियों में हम दोनों रहे ना झूठ चाहिए ना सच गवारा है
लेकर गई मोहब्बत को एक ऐसे मोड़ पर जिंदगी ना लौटना मुमकिन था ना बिछड़ना
तेरे साथ गम भी अपना लगता है, तेरे बिना खुशी भी पराई लगती है !
हुए कुछ हादसे ऐसे के सब हसकर बिखर गया समझ ही ना सके हम तुम ये क्या आकर गुज़र गया
कब तुमको उससे मोहब्बत हुयी कब उसने मुझसे चुराया तुम्हें कब उसने तुमपे ये जादू किया कब उसने अपना बनाया तुम्हें
अगर मन उदास हो तो एक काम किया करो, भीड़ से हटकर खुद को थोड़ा वक्त दिया करो ।
😢आँसू आ जाते है रोने से पहले,ख्वाब टूट जाते है सोने से पहले,लोग कहते है मोहब्बत💔 गुनाह है,काश कोई रोक लेते गुनाह होने से पहले।
जो मेरे अल्फ़ाज़ नहीं समझ पा रहे हैं वो मेरी खामोशी कैसे समझ पाएंगे।
कागज़ का फूल बनाकर जला दूँ मैं उसका दिया गुलाब किसी किताब में बंद है
जैसे जैसे जिंदगी गुजर रही है, ये एहसास होता जा रहा है कि कोई किसी का नहीं होता ।
कहते हैं मर्द रोते नहीं हैं हाथ सीने पे रख कर सोते नहीं हैं कुछ लोग इस क़दर करीब होते हैं के जुदा होकर भी जुदा होते नहीं हैं
मुझे आग भी अपनी लगती है मुझे धुप से भी अब प्यार है मुझे दर्द भी मीठा लगता है अब गम ही मेरा यार है
मैंने उसको उसके हाल पे छोड़ा है टूटे दिल को और भी ज़्यादा तोड़ा है क़िस्मत से या साजिश से हम बिछड़े हैं उसको भी बिछड़न का गम थोड़ा है
खुशी में इंसान दूसरों को ढूंढता है और तन्हाई में खुद ढूंढता है ..! Khushi Me Insan Doosron Ko Dhoodhta Hai Aur Tanhai Me Khud Ko Dhoodhta Hai.
ए दिल तू क्यों रोता है,ये दुनिया है,यहाँ ऐसा ही होता है।।
लिखने जो बैठा मैं मेरी कहानी हर किस्से में मैं गुनहगार निकला
इन्सान ख्वाहिशो से बंधा एक जिद्दी परिंदा है जो उम्मीदों से ही घायल है और उम्मीदों से ही जिंदा है
बता दे मुझे मेरा गुनाह मेरे कातिल क्यों मेरी जान बनके मेरी जान ले गया
चलते चलते फिर गली वो आ गयी जिस गली में अब हमारा कोई नहीं
जवाब देना हमें भी आता है बस कीचड़ में पत्थर फेंकने की आदत नहीं है !
परेशान ना कर ऐ जिन्दगी जीने दे हमें भी, तेरी कसम हर जगह से टूटे हुए हैं हम ।
बचपन में जवान होने का शौक था, जवान हुए तो बचपन याद आ रहा है !!
ना जाने किस तरह का इश्क कर रहे हैं हम, जिसके हो भी नही सकते… उसके हो रहे हैं हम।।
जा ओ बेवफा तुझसे क्या शिकायत तूने तो मोहब्बत को धंधा बना कर रखा है
ये पागल पागल फिरता है इसको तू समझा दे अब या तो अपना बना ले इसे या फिर दिल जला दे अब
मुलाकात भी कभी आँसू दे जाती है, नजरें भी कभी धोखा दे जाती है, गुजरे हुये वक्त को याद करके देखिये, तनहाई भी कभी कभी सुकून दे जाती है…
परिंदे भी नहीं रहते पराये आशियानों में, हमने जिंदगी गुजार दी किराये के मकानों में..!
पागल तेरे पीछे कितने मौसम ख़राब किये किसे पता था तू एक दिन मौसम बन जाएगा