Dushmani Shayari In Hindi : कभी ख़ुद को मेरे प्यार में भुला कर देख,दुश्मनी अच्छी नहीं मुझे दोस्त बना करे देख. मेरी नाराज़गी पर हक़ मेरे अहबाब का है बस,भला दुश्मन से भी कोई कभी नाराज़ होता है.
“जो लडकिया स्कूल में मुह बिगाड़ कर हमारा #Home Work करती थी आज वही #Reply के इन्तेजार में धंटो तक बेढी रहती हे।”
दुश्मनी लाख सही ख़तम न कीजिये रिश्ता, दिल मिलें या न मिलें हाथ मिलाते रहिये।
दुश्मनी लौट कर जरूर आएंगे, आपकी सफलता देख कर !!
जब दुशमन पत्थर मारे तो उसका जवाब फूल से दो लेकिन वो फूल उसकी कबर पर होना चाहिये
दोस्ती भी अब लोग अधूरा करते हैं, दुश्मनों की कमी अब तो दोस्त पूरा करते हैं,
दोस्तो ने दिया है इतना प्यार यहाँ तो दुश्मनी का हिसाब क्या रखें कुछ तो जरूर अच्छा है.सभी में फिर बुराइयों का हिसाब क्यों रखे।
सलूक चाहे जो कर लेना दुश्मन बस याद रहे….मैं सब याद रखता हूँ…
अपने दुश्मन को एक सलाह देता हूं शेर के वार और मेरे वार से हमेशा दूर रहना।
फ़िक्र करने वाले काम मिलते हे दुनिया में,दुश्मन तो सारा जहा हे..!!
हर शख्स है खुदा बनने में मशरूफये तमाशा भी खुदा देख रहा है..
मुझसे दोस्ती ना सही तो दुश्मनी भी ना करना क्यूंकि में हर रिश्ता पूरी शिददत से निभाता हूँ
मेरी नाराज़गी पर हक़ मेरे अहबाब का है बस,भला दुश्मन से भी कोई कभी नाराज़ होता है.
दुश्मन और सिगरेट को जलाने के बाद.!!उन्हे कुचलने का मज़ा ही कुछ और होता है.!!
समय कितना भी खराब होमैं उधार दुश्मनी एहसान नही लेता….
इतनी चाहत से न देखा कीजिए महफ़िल में आपशहर वालों से हमारी दुश्मनी बढ़ जाएगी.
इक्का कितना भी उछल ले लेकिन हुकूमत बादशा ही करता है।
सीने में जूनून और #आँखों में #MaHaKaL की #चमक रखता हूँ !दुश्मन की #सांसे थम जायें, #आंखौ में इतना #खौफ रखता हूँ !!
किसी #दवा से #आराम नहीं था #हमें,आपकी #मुस्कराहट वो #काम कर गई…!!
मुझे मेरे दोस्तों से बचाइये राही.!!दुश्मनों से मैं ख़ुद निपट लूँगा.!!
जब दुशमन पत्थर मारे तो उसका जवाब फूल से दो लेकिन वो फूल उसकी कबर पर होना चाहिये …….!
जब जान प्यारी थी तब दुश्मन हज़ार थे, अब मरने का शौक है तो कातिल नहीं मिलते।
“तु वाकिफ नही #Iss Bande के जुनुन से, नहला दुंगा तुझे तेरे ही खुन से।”
खौफ Aur खून हमेशा आँखों Me रखो !!Kyuki हथियारों Se सिर्फ दुश्मनों Ki !!हड्डिया टूटती Hai होसले Nahi !!
दोस्ती जब किसी से की जाये !!दुश्मनो की भी राये ली जाये !!
अगर लोगो को सच्चाई से रुबा रु कराओ तो धन्यवाद करने की बजाय वो हमें अपना दुश्मन समझने लगते है।
लो फिर तिरे लबों पे उसी बेवफ़ा का ज़िक्र !!अहमद-‘फ़राज़’ तुझ से कहा न बहुत हुआ !!
अब क्यूंन ज़िंदगी पे मोहब्बत को वार दें.!!इस आशिक़ी में जान से जाना बहुत हुआ.!!
वैसे दुश्मनी तो हम कुत्ते से भी नहीं करते है, पर बीच में आ जाये तो हम शेर को भी नहीं छोड़ते है।
दिल तो क्या चीज़ है पत्थर हो तो पानी हो जाए.!! मेरे नाले अभी इतना तो असर रखते हैं.!!
तुमसे अच्छे तो मेरे दुश्मन निकले.!!हर बात पर कहते हे की.!!तुझे नहीं छोड़ेंगे.!!
मुझसे जो भी शक्श दुश्मनी करता है, उसे फिर अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है।
खाये हे फरेब कुछ यूँ.!!अब न दोस्ती की वफ़ा समझ होगी.!!न दुश्मनो की रहगुजर समझ होगी.!!भले तन्हाई होगी या रुसवाई होगी.!!
दोस्ती भी अब लोग अधूरा करते हैं, दुश्मनों की कमी अब तो दोस्त पूरा करते हैं
समंदर की तरह है मेरी पहचान ऊपर से खामोश और अंदर से तूफान।
‘जौन’ पीछे रह गए तो क्या हुआ !!मैं करुँगा बात सबसे काम की !!आँखों से आँसुओं के दो कतरे क्या निकल पड़े !!मेरे सारे दुश्मन एकदम खुशी से उछल पडे़ !!
उसका ये अंदाज़ भी दिल को भा गया हैं.!!कल तक जो दोस्त था आज दुश्मनी पर आ गया हैं.!!
जान देता हूं दोस्तों पर अपने, दोस्तों के लिए मैं ताकत हूं, बन गए हैं जो दुश्मन मेरे, मैं उनके लिए बड़ी आफत हूं।
कुछ न उखाड़ सकोंगे तुम हमसे दुश्मनी करके.!!हमें बर्बाद करना चाहते हो तो हमसे मोहब्बत कर लो.!!
मेरे ऐसे ऐटिटूड को देख कर तो ,मेरे सारे दुश्मन भी दोस्त बनने की कोशिश करते हैं !
हाथ में खंजर ही नहीं आँखों में पानी भी चाहिए, ऐ खुदा दुश्मन भी मुझे खानदानी चाहिए।
हर शख्स है खुदा बनने में मशरूफ.!!ये तमाशा भी खुदा देख रहा है.!!
है यही उलझन , यही है बेबसी.!!हम कहाँ को और जायें किस गली.!!
दूसरों के शिकार को चाटने का काम गीदड़ करते हैं, मैं वो शेर हूं, जिस जंगल में कदम रखा तो कोई परिंदा पर मारने की हिम्मत नहीं करता।
रहमत में अपनी छुपा लेना मेरे मौला,दुश्मनों को मुझ से बचा लेना मेरे मौला।
जिस खत पे ये लगाई उसी का मिला जवाब !!इक मोहर मेरे पास है दुश्मन के नाम की !!
Attitude मेरा खानदानी है !!तू ही मेरे दिल की रानी है !!इसीलिए कह रहा हु मान जा !!वरना मेरी करोड़ों दीवानी है !!
दुश्मनी से मेरा कोई वास्ता नही.!!पर मेरे से करोगे तो बचने का कोई रास्ता नही है.!!
रात दिन चैन हम ऐ रश्क-ए-क़मर रखते हैं !!शाम अवध की तो बनारस की सहर रखते हैं !!
ये #बदमाशी 🔫की #बाते तो सोच समझ❓ के #किया कर👉 #बेटे,क्यूंकि जिन #किताबो📖 से #तूने सीखा है वो 👉#किताब मैंने ही #_लिखी✍️ है !!
दुश्मनी जम कर करो,लेकिन ये गुंजाईश रहे,जब कभी हम दोस्त हो शर्मिंदा न हो।
निगाहों में ले कर घूमा हूं तो !!सिर्फ तरक्की की चमक !!दुश्मनों की निगाहों में अब वो खटकने लगी है !!
जब से मुझे पता चला है कि मेरा आत्मविश्वास मेरे साथ है !!तबसे मैने ये सोचना बंद कर दिया कि कौन मेरे खिलाफ है !!
तड़पते है नींद के लिए तो यही दुआ निकलती है,बहुत बुरी है मोहबत, किसी दुश्मन को भी ना हो.
दुश्मन प्यारा नहीं होता,वो एक ही इंसान ऐसा होता हे,जो हमारी कमजोरी औरहमारी ताक़त की परख रखता हे।
खुश रहो या खफा रहो, हमेशा दूर और दफा रहो !
जब दुश्मनी में मजा आने लगता है तो, साले दुश्मन माफी मांगने लग जाते हैं !!
ख़ाक मजा है जीने में,जब तक आग ना लगे दुश्मन के सीने में.
कभी ख़ुद को मेरे प्यार में भुला कर देख,दुश्मनी अच्छी नहीं मुझे दोस्त बना करे देख.
दोस्तों आज मैं “तुमको” एक बात बताता हूँ, दोस्ती हो या #दुश्मनी दोनों ही रिश्ते मैं बड़ी शिद्दत से निभाता हूँ।
हम ख़ुल्द से निकल तो गए हैं पर ऐ ख़ुदा !!इतने से वाक़िए का फ़साना बहुत हुआ !!
गज़ब की गाली दी हे तजुर्बे ने,आज कल अपनों से ज्यादा दुश्मन काम आते हे।
#जो कभी अपने थे आज वो पराएँ हैं, जो हर राजसे वाकिफ हैं मेरे, आज वो दुश्मनी पर उतर आये हैं!!!
जिन्हे अच्छे से जनता भी नहीं,वो मुझसे दोस्ती करना चाहते हे,और कुछ लोग ऐसे भी हे,जो मेरे साथ मुझ से दोस्ती करना चाहते हे।
वो जो बन के दुश्मन हमे जीतने को निकले थे !!कर लेते अगर मोहब्बत तो हम ख़ुद ही हार जाते !!
करोगे दोस्ती तो बढ़ेगी यारी, वरना दुश्मनी तुम्हे पड़ जाएगी भारी।
उसकी दुश्मनी का शोर !!मुद्दतों से मेरे कानों में गूंजता रहा !!और मैं पागलों के जैसे !!उसकी दोस्ती को यादों में ढूंढता रहा !!
इतने अमीर तो नहीं कि सब कुछ खरीद ले, पर इतने गरीब भी नहीं हुए कि खुद बिक जाएँ।
मेरा कोई दुश्मन नही था बस भगवा रंग सर चढ़ गया.!!और लाखों विधर्मी मेरे दुश्मन बन गए.!!
इतने अमीर तो नहीं कि सब कुछ खरीद ले,पर इतने गरीब भी नहीं हुए कि खुद बिक जाएँ !
उन बदुवाओ से डरो.!!जो दुश्मन बोल कर नही दी जाती.!!
जो दिल के सच्चे है उनका दुश्मन, पूरा जमाना है,रंग बदलती दुनिया का, यही सच्चा फ़साना है।
जगह नहीं बची दिल में दोस्तों के लिए, गिना भी नहीं सकता इतने जख्म दिए, दोस्त थे कभी, आज वो दुश्मन हो गए, दिल नहीं करता किसी से दोस्ती के लिए।