Duriya Shayari In Hindi : मीलों की दूरियां पर धड़कनों के क़रीब हैं, देखिए ना दूर होके भी हम कितने नज़दीक हैं। हम बताएंगे भी नहीं जताएंगे भी नहीं, दूरी बना कर रखेगे मिटाएंगे भी नहीं।
तेरे मेरे बीच जो गलतफहमियां बढ़ी इसी वजह से सनम ये दूरियां बढ़ी
कभी तो आ बैठ मेरे पास थोड़ा बतियाते है, बढ़ रही है जो दूरियां उन दूरियों को मिटाते हैं..!!
कभी-कभी कोई दूर होकर भी दूर नहीं होता और कभी-कभी कोई क़रीब होकर भी क़रीब नहीं होता।
हम तुमसे दूर कैसे रह पाते, दिल से तुमको कैसे भूल पाते, काश तुम आईने में बसे होते, ख़ुद को देखते तो तुम नज़र आते।
जब भी कोशिश की तुझे भुलाने कीतू और ज्यादा दिल के करीब आने लगाजब भी कोशिश की तुझसे दूरियां बनाने की
“दोस्ती के बाद मोहब्बत तो हो सकती है मगर मोहब्बत के बाद दोस्ती होना बहुत मुश्किल है।” – Sad Shayari
वो हैं खफा हमसे या हम हैं खफा उनसे, बस इसी कशमकश में दूरियाँ बढ़ गयीं।
मरते होंगे लाखों तुझपर,हम तो तेरे साथ जीना चाहते हैं..Marte honge lakho tujhpar,Hum toh tere sath jeena chahte hain..
कौन कहता है कि दूरियाँ, मिलों में नापी जाती हैं,कभी खुद से मिलने में भी उम्र गुज़र जाती है।
रिश्तों में दूरियां कभी इतनी मत बढ़ा लेना, के दरवाज़ा खुला हो फिर भी खटखटाना पड़े।
मैंने तो दिल को तुमसे बिछड़ना, नागवार हो रहा था, और अब दिल को तुम्हें भूलना, नागवार हो रहा है !!
अगर फूल हूं मैं, तो महक है तू, बादल हूं मैं, तो खुशबू है तू, जिससे परिवार में आए खुशियां, बहन वो खास चमक है तू।
मन की दूरियां कुछ बढ़ सी गयी हैं लेकिन तेरे हिस्से का वक़्त आज भी तनहा गुजरता है।
भले ही आप हमसे रूठ जाओमगर दूर जाने की बात मत करनाहम ये गम सह नहीं पायेंगे।
थोड़ी दूरियाँ भी ज़रूरी है, ज़िन्दगी में, किसी के इतने करीब भी न जाओ, की वो दूर चला जाये .
ना समझो कि हम आपको भुला सकेंगे।आप नही जानते की दिल मे छुपा कर रखेंगे।देख ना ले आपको कोई हमारी आँखों मे दूर से।इसी लिए हम पालखे झुका के रखेंगे।
जिसके नसीब मे हों ज़माने की ठोकरें,उस बदनसीब से ना सहारों की बात कर।
हम तुमसे दूर कैसे रह पाते,दिल से तुमको कैसे भूल पाते,काश तुम आईने में बसे होते,हम खुद को देखते तो तुम नज़र आते..!!
खुद के लिए इक सजा मुकर्र कर ली मैंने,तेरी खुशियों की खातिर तुझसे दूरियां चुन ली मैंने।
तेरी नज़रों से ओझल हो जायेंगे हम दूर फ़िज़ाओं में कहीं खो जायेंगे हम हमारी यादों से लिपट कर रोते रहोगे जब ज़मीन की मट्टी में सो जायेंगे हम
साँसे भी थम सी जाती हैं,जब बात तुझसे जुदा होने की आती हैं..Saansein bhi tham si jati hain,Jab se baat tujhse juda hone ki aati hain…
माना कि तू नहीं है मेरे सामनेपर तू मेरे दिल में बसता हैं,मेरे हर दुख में मेरे साथ होता है,और हर सुख में मेरे साथ हसता है।
जब संग बैठना ही नहीं था तो फिर आया ही क्यों, दूर ही जाना था तो क़रीब बुलाया ही क्यों।
जरा करीब आओ तो शायद हमें समझ पाओ, यह दूरियाँ तो सिर्फ गलत-फहमियां बढ़ाती हैं।
दूरियों की ना परवाह किया करो,जब दिल चाहे याद किया करो,दुश्मन नहीं हैं दोस्त हैं हम आपके,मेरा Sms न आये तो खुद भेज दिया करो।
खुदा का घर ना मिला पर इबादत ना छूटी, तेरा हाथ छूट गया पर तेरी आदत ना छूटी।
उनकी मोहब्बत में कोई कमी ना थीबस उनका चले जाना हमें रास ना आया।
हज़ारो बातें मिल कर एक राज़ बनता है,सात सुरों के मिलने से साज़ बनता है,आशिक़ के मरने पर कफ़न भी नहीं मिलता,और हसीनाओ के मरने पर ताज़ बनता है।
दूरी ने कर दिया है तुझे और भी करीब, तेरा ख़याल आ कर न जाये तो क्या करें।
हमने मुहब्बत के नशे में आकर उसे खुदा बना डाला..होश तब आया जब उसने कहा खुदा किसी एक का नही होता।
ग़लतफहमी से दूरियां बढ़ गई हैं वरनाफ़ितरत का बुरा तू भी नहीं और मैं भी नहीं
तेरी दूरियों का एहसास नहीं होतातू दूर रहकर भी इतना पास नहीं होताइस दिल में तेरी चाहत कुछ यूं बसा ली हैकि एक लम्हा भी तेरे बिन ख़ास नहीं होता
तेरी तस्वीरों को ही सीने से लगा लेते हैं, दूरियों को हम कुछ इस तरह मिटा लेते हैं।
“मोहब्बत ऐसी थी कि बतायी न गयी, चोट दिल पर थी इसलिए दिखाई न गयी, चाहते नहीं थे उनसे दूर रहना, दूरी इतनी थी उनसे के मिटायी न गयी।”
रिश्तों में दूरियां कभी इतनी मत बढ़ा लेना, के दरवाज़ा खुला हो फिर भी खटखटाना पड़े..!!
तुझसे दुरी का एहसास हमें रूलाता हैआज कल वक्त हमें कुछ ऐसे आजमाता हैजब भी कोशिश करता हू तुझे भुलाने कीतू और भी ज्यादा दिल के करीब आ जाता है।
नज़दीकी लोगों में नफरत ही नफरत की दिखती है, ये प्यार कम्बख्त दूर दूर तक नज़र नहीं आता।
तेरे लिए खुद को मजबूर कर लियाजख्मो को अपने हमने नासूर कर लिया मेरे दिल में क्या था ये जाने बिनातूने खुद को हमसे कितना दूर कर लिया।
बहुत खास है वो शक्स मेरे लिए, फिर भी वो मेरा दिल दुखाता है, सब के लिए वक्त है उसके पास, बस मुझसे ही दूरियां बनाता है।
जब भी तू रूठे, तो मनाना अच्छा लगता है, बहना तेरा हर झूठ और बहाना सच्चा लगता है।
खैर अब जाना ही चाहते हो तो जा सकते हो तुम, खुद पर इलज़ाम मत लेना रिश्ता ख़त्म होने में मेरी गलती बता सकते हो तुम।
दूरियाँ सिमटने में देर कुछ तो लगती हैरंजिशों के मिटने में देर कुछ तो लगती है
तू मुझसे दूरियाँ बढ़ाने का शौक पूरा कर, मेरी भी जिद है तुझे हर दुआ में मागुँगा।
“तुम्हारे होंगे चाहने वाले बहुत इस कायनात में, मगर इस पागल की तो कायनात ही तुम हो।” – Sad Shayari
तेरा मेरा दिल का रिश्ता भी अजीब है,मीलों की दूरियां है और,धड़कन कितना करीब है
सबूतो की ज़रूरत पड़ रही है,यानी रिश्तों मे दूरी बढ़ रही है
तेरे वजूद की खुशबू बसी है मेरी साँसों में,ये और बात है कि नजर से दूर रहते हो तुम..!!
दूरियां दिल की होती तो खत्म कर देते,दूरियां तो दिमाग की थी कैसे खत्म करते..!!
फेले सारा वक्त उनके साथ गुजरता थाअब उनकी याद से काम चल रहा है।
सबूतो की ज़रूरत पड़ रही है,यानी रिश्तों मे दूरी बढ़ रही है
आलम बेवफाई का कुछ इस कदर बढ़ गया,फासला तय होता रहा और दूरियां बढ़ती गई।
हालात जो भी हो,तू मेरे आसपास ही रहना..Halat jo bhi ho,Tu mere aaspaas hi rahna…
माना की दूरियां कुछ बढ़ सी गई है लेकिन, तेरे हिस्से का वक्त आज भी तन्हा ही गुजरता है
दूरियां बहुत हैं मगर इतना समझ लो,पास रह कर ही कोई खास नहीं होता,तुम इस कदर पास हो मेरे दिल के की,मुझे दूरियों का एहसास नहीं होता।
तेरे लिए खुद को मजबूर कर लिया जख्मो को अपने हमने नासूर कर लिया मेरे दिल में क्या था ये जाने बिना तूने खुद को हमसे कितना दूर कर लिया।
“रिश्ता वही कायम होता है जिसमे दोनों ही एक दूसरे को खोने से डरते हों।”
तुम कितने दूर हो मुझसे,मैं कितना पास हूँ तुमसे.तुम्हें पाना भी नामुमकिन,तुम्हें खोना भी नामुमकिन।
कभी तो आ बैठ मेरे पास थोड़ा बतियाते है, बढ़ रही है जो दूरियां उन दूरियों को मिटाते हैं..!!
कैसी मोहब्बत दी है ऐ खुदानाज़दिकिया वो नहीं चाहते और दुरिया हम नहीं।
अभी पास होकरभी दूरियां है, कभी दूरियों में भी पास रहते थे
दरियों का ग़म नहीं अगर फ़ासले दिल में न हो, नज़दीकियां बेकार है अगर जगह दिल में ना हो..!!
दूरियां जब पैदा हो जाएतब उसका दर्द इतना गहरा नहीं होतादर्द तब होता है जब अपना कोईकरीब होकर भी खामोश रहता है
वो जो हमारे लिए कुछ ख़ास होते हैं, जिनके लिए दिल में एहसास होते हैं, चाहे वक़्त कितना भी दूर कर दे उन्हें, दूर रह के भी वो दिल के पास होते हैं।
रिश्तों में दूरियां कभी इतनी मत बढ़ा लेना,के दरवाज़ा खुला हो फिर भी खटखटाना पड़े।
तुम कितने दूर हो मुझसे, मैं कितना पास हूँ तुमसे. तुम्हें पाना भी नामुमकिन, तुम्हें खोना भी नामुमकिन।
कोई मिला ही नही हमे कभी हमारा बन कर,वो मिला भी तो हमे सिर्फ किनारा बनकर,हर ख्वाब बन कर टुटा है यहां,अब बस इंतज़ार ही मिला है एक सहारा बन कर।
एक दुरिया ही है जो हमें सिखाती हैकी नज़दीकिया क्या होती है।
“कभी – कभी हमसे न जाने किस बात का बदला लेती है जिंदगी, क्योंकि उसी से दूर रहने की सजा देती है जिंदगी।”
कुछ हमें भी बता देते यूं दूरियां न जताते, इल्ज़ाम हज़ारों लगाये, ख़ता भी बता जाते..!!
मैं इश्क़ का फ़कीर हूं साहिब,खैरात में चाहता हूँ महबूब को..Main isq ka fakeer hoon sahab,Khairat mein chahta hoon mahboob ko..
सबूतो की ज़रूरत पड़ रही है, यानी रिश्तों मे दूरी बढ़ रही है
दूरियां ही इस बात का एहसास दिलाती हैकि कोई हमारे दिल के कितने करीब है।