Dukh Shayari In Hindi : सफेद लिबास उसे बहुत पसंद था मगर, आज जो हम कफन में लिपटे हैं, तो वो रोता क्यों है !! कभी सोचा न था के वो मुझे तनहा कर जायेगा, जो अक्सर परेशां देख कर कहता था मैं हूँ ना !!
ख़ामोश फ़ज़ा थी कहीं साया भी नहीं था,इस शहर में हमसा कोई तनहा भी नहीं था।किस जुर्म पे छीनी गयी मुझसे मेरी हँसी,मैंने किसी का दिल तो दुखाया भी नहीं था।
❝कोई कुछ कहता नही मुझसे आज कल,लगता है इश्क़ के मारे हम बेकार हो गए हैं।❜❜