Dukh Shayari In Hindi : सफेद लिबास उसे बहुत पसंद था मगर, आज जो हम कफन में लिपटे हैं, तो वो रोता क्यों है !! कभी सोचा न था के वो मुझे तनहा कर जायेगा, जो अक्सर परेशां देख कर कहता था मैं हूँ ना !!
ये सच है कि हम मोहब्बत से डरते हैं, क्यूँ कि ये प्यार दिल को बहुत तड़पाता है, आँख में आँसू तो हम छुपा सकते हैं, दर्द-ए-दिल दुनिया को पता चल जाता है।
आदत बदल सी गई है वक्त काटने की,#हिम्मत ही नहीं होती अपना दर्द बांटने की..!!,pyar bhari dard bhari shayari
अगर खुदा ने पूछा तो कह देंगे हुई थी !!मोहब्बत मगर जिससे हुई !!हम उसके काबिल न थे !!
वो जो रात होगी बड़ी दर्द की रात होगी.जिस रात उनकी शादी होगी.उठ जाता हूँ मै सोते सोते अक्सर ये सोच कर.की गैर की बहो मे मेरी जान होगी.
बहुत मुश्किल से करता हूँ, तेरी यादों का कारोबार,#मुनाफा कम है, पर गुज़ारा हो ही जाता है…
जा और कोई दुनिया तलाश कर,ऐ इश्क़ में तो अब तेरे क़ाबिल नहीं रहे.
मोहब्बत तो दिल से की थी दिमाग उसने लगा लिया दिल तोड दिया मेरा उसने और इल्जाम मुझपर लगा दिया
क़ाश कोई ऐसा हो, जो गले लगाकर कहे…!! तेरे दर्द से मुझे भीतकलीफ होती है..!
तू मेरे बिना ही खुश है तो शिकायत कैसी, अब मैं तुझे खुश भी ना देखूं तो मोहब्बत कैसी!
मौत आने तक न आये, अब जो आए हो तो हाय ज़िन्दगी मुश्किल ही थी, मरना भी मुश्किल हो गया
मोहब्बत की आजतक बस दो हीबातें अधूरी रही,एक मै तुझे बता नही पाया, औरदूसरी तुम समझ नही पाये।
नसीहत अच्छी देती है दुनिया !!अगर दर्द किसी ग़ैर का हो !!
मैं नाराज नही हूं तुमसे मगर दिल मेरा भी दुखता है Mai naraj nahi hu tumse magar dil mera bahut dukhata hai
इश्क के तोहफे तुम क्या जानो सनम तुमने तो इश्क भी ऐसे किया जैसे ख़रीदा
मोहब्बत भी कैसे दिन दिखाता है !!जिसके पास रह ना चाहोउसी से दूर रहना पड़ता है !!
वादे तो हजारों किए थे उसने मुझसे कहा शेख वादा उसने निभाया होता मौत का किसको पता कि कब आएगी पर काश उसने जिंदा दफनाया ना होता
याद कितनी खूबसूरत होती है ना, ना लड़ती है ना झगड़ती है , खामोशी से बस किसी का नाम लेकर, दिल में उतर जाया करती है !!
इश्क़ सभी को जीना सिखा देता है, वफ़ा के नाम पर मरना सीखा देता है, इश्क़ नहीं किया तो करके देखो, ज़ालिम हर दर्द सहना सीखा देता है!
❝प्यार तो सिर्फ प्यार है क्या पुरा क्या आधा,दोनों की ही चाहत बेमिसाल क्या मीरा क्या राधा।❜❜
लोग कहते है हम मुस्कुराते बहुत है, और हम थक गए दर्द छुपाते छुपाते।
हमने तो मान लिया है कि अब तुम नहीं आओगे, पर इस दिल का क्या करे।
गहरी थी रात लेकिन हम खोए नही,दर्द बहुत था दिल में मगर हम रोए नही,कोई नही हमारा जो पूछे हमसे,जाग रहे हो किसी के लिए या किसी के लिए सोए नही…
तुम्हें पा लेते तो किस्सा खत्म हो जाता,तुम्हें खोया है तो यकीनन कहानी लंबी चलेगी।
इस कदर दुआ है तेरा साथ मिले जरा संभल ने के लिए कभी हम पर वो जान दिया करते थे जो हम कहते थे वह मान लिया करते थे आज पास से अनजान बनकर
हूं कि आज मैं आपसे दूर पराए शहर में देखो ना पापा आपका लाडला कितना बदल गया मेरी हर जरूरतों को पूरा किया है आपने मेरे बातों को मुसलसल सफल किया
तुम मिलो मुझे मुकद्दर में, एक राज़ की बात बतानी है,तुझसे मिली दर्द की कहानी तुझे ही सुनानी है।
ज़िंदगी है बड़ी नादान इसलिए चुप हूँ,दर्द ही दर्द सुबह शाम इसलिए चुप हूँ।कहो तो कह दूं ज़माने से दास्तान अपनी,उसमे आएगा तुम्हारा नाम इसलिए चुप हूँ।
अजीब लगा यूं उनका मुझको छोड़ के जाना,ना सुना कुछ और कहा भी कुछ नहीं।आसान नहीं था यूं उनसे जुदा होकर रहना,फिर जुदा होकर अब कुछ रहा भी नहीं।
दिल के दर्द छुपाना बड़ा मुश्किल है,टूट कर फिर मुस्कुराना बड़ा मुश्किल है,किसी अपने के साथ दूर तक जाओ फिर देखो,अकेले लौट कर आना कितना मुश्किल है।
मेरी आँखों से जो टपका, वो पानी नहीं है ये कतरें हैं खून के, जो तूने दियें हैं
उन लोगों का क्या हुआ होगाजिनको मेरी तरह गम ने मारा होगाकिनारे पर खड़े लोग क्या जानेडूबने वाले ने किस किस को पुकारा होगा।
कैसा होता है वो दर्द, जिसको हुआ बस उसी ने जाना, हालातों से होकर मजबूर जब, मोहब्बत को मोहब्बत ना कह पाना।
प्यार सभी को जीना सिखा देता है वफा के नाम पर मरना सिखा देता है, प्यार नहीं किया तो कर के देख लो यारों जालिम हर दर्द सहना सिखा देता है|
करवटे बदलते रह जाओगे.# ना जाने क्यों तुझे देखने के#बाद भी, तुझे ही देखने की चाहत रहती है..!!
मेंने कभी किसी को अपने दिल से दुर नही किया,बस जिसका दिल भर गया वो मुझसे दूर हो गया।
हम जानते है आप जीते हो जमाने के लिए, एक बार तो जी के देखो सिर्फ हमारे लिए, इस नाचीज़ की दिल क्या चीज़ है, हम तो जान भी दे देंगे आप को पाने के लिए।
❝ हम तो सोचते थे कि लफ्ज़ ही चोट करते हैं;मगर कुछ खामोशियों के ज़ख्म तो और भी गहरे निकले। ❞
करेंगे दुआएं तेरी सलामती की, पर अब तुझे कभी भी मांगेंगे नहीं।
❝आशिक था जो मेरे अन्दर वो कई साल पहले मर गया,अब तो एक शायर है जो बहकी बहकी बाते करता है।❜❜
हसता हुआ चेहरा सिर्फ दिखावा हैआँखों की बेबसी देखी हैसाँसों का सिलसिला थकने लगा हैंदिल वी वीरानगी किसने देखी है
दर्द कितना है बता नहीं सकतेजख्म कितनें हैं दिखा नहीं सकतेआंखों से समझ सको तो समझ लोआंसूं गिरे हैं कितनें गिना नहीं सकते..!
ये लफ्ज़ सिर्फ दिल का दर्द नहीं दिखाते,एक पैगाम भी उनके नाम भेजते है।
तेरे ऐसे सच्चे आशिक़ है हमदिल मे जिसके प्यार न हो कभी कमसच्चे प्यार में तो ज़िन्दगी महक जाती हैना जाने हमारी आँखे क्यों है नम
हक़ीक़त जान लो जुदा होने से पहले,मेरी सुन लो अपनी सुनाने से पहले,ये सोच लेना भुलाने से पहले,बहुत रोयी हैं ये आँखें मुस्कुराने से पहले।
कभी उनके नाम के पहले हर बार आते थे,||पर अब आलम ये हैं कि उनके सपनो में भी नहीं आते..
तुम मेरी लाश पर रोने मत आना मुझसे बहुत प्यार था ये जताने मत आना दर्द दो मुझे जब तक दुनिया में हूं जब सो जाऊं फिर जगाने मत आना
ज़ख्म तो आज भी ताज़ा है,बस वो निशान चला गया,इश्क तो आज भी बेपनाह है,बस वो इंसान चला गया।
और भी कर देता है मेरे दर्द में इज़ाफ़ा, तेरे रहते हुए गैरों का दिलासा देना💔
दिल मेरा जो अगर रोया न होता,हमने भी आँखों को भिगोया न होता,दो पल की हँसी में छुपा लेता ग़मों को,ख़्वाब की हक़ीक़त को जो संजोया नहीं होता।
मौत भी मुझे गले लगाकरवापस चली गईबोली तुम अभी नहीं मरोगेप्यार किया है ना अभी और तड़पोगे..!
मेरे अलावा काफी लोग हैंउसके ज़िंदगी में,अब मैं रहूं या ना रहूंक्या फर्क पड़ता है.।
झूठी दिलासों से कोई नही होता है साहब क्योकियहा तो कुछ लोग अपने मतलब के लिए अपनों को भी पराया बना देते है।
वो रो रो कर कहती रही मुझे नफरत है तुमसे,#मगर एक सवाल आज भी,
अब तुम न कर सकोगे मेरे दर्द का इलाज़,ज़ख्म को नासूर हुए मुद्दतें गुजर गयीं।
तेरा होकर भी मैं तनहा ही रहा मुझे तन्हाइयों की आदत हो गयी सोच तेरे नाम पर मिट जाने वाले को क्यों तेरे ही नाम से नफरत हो गयी
अगर मोहब्बत की हद नहीं कोई, तो दर्द का हिसाब क्यों रखूं।
रुलाया ना कर ए जिंदगी मुझे चुप कराने वाला कोई नही है…..।
बहुत मतलबी होते है लोग यहांपहले करीब आते हैआदत बनते हैऔर फिर छोड़ जाते है..💔
समझ ना आया,उन्होंने दिल लगाया थाया दुखाया था।
मोहब्बत का दर्द भी क्या खूब होता है, न चुभता है, न दिखता है, बस महसूस होता है।
इश्क़ में यार का किरदार मत पूछिए मरने वालों से खंजर की धार मत पूछिए
आज फिर मैंने तेरे प्यार में कमी देखी,चाँद की चाँदनी में भी कुछ नमी देखी,उदास होकर लौट आए उस वक़्त हम,जब तेरी महफ़िल गैरों से सजी देखी।
.हम आपकी सासें बनके आपका साथ निभाएंगे,यही कोशिश करेंगे कभी नही
अब तेरे मेरे दरमियां है क्या जो बचा है ये दूरियां है क्या एक जवाब आज कल हर ज़ुबान पर है सुन तेरी भी कुछ मजबूरियां है क्या
पता है तकलीफ क्या है,किसी को चाहना।फिर उसे खो देना,और खामूश हो जाना।
औरों के गुनाह की गवाही देने वालों !!कभी अपनी शराफत का भी सबूत पेश करो !!
❝ एक दिन जब हुआ प्यार का अहसास उन्हें;वो सारा दिन आकर हमारे पास रोते रहे;और हम भी इतने खुद गर्ज़ निकले यारों कि;आँखे बंद कर के कफ़न में सोते रहे। ❞
मज़ा चख लेने दो उसे गैरोंकी मोहब्बत का भीइतनी चाहत के बाद जोमेरा ना हुआ वो औरों का क्या होगा।
ज़रा सी ज़िंदगी है, अरमान बहुत हैं,हमदर्द नहीं कोई, इंसान बहुत हैं,दिल के दर्द सुनाएं तो किसको,जो दिल के करीब है, वो अनजान बहुत है.
“मेरी कोशिश हमेशा से ही नाकाम रहीपहले तुझे पाने की अब तुझे भुलाने की।”
किसी से प्रेम की चाह थी हमको किसी से जीने की उम्मीद थी हमको वो मेरे जिस्म ए जिगर को क्यों रुला गया जिससे सारे ख्वाब सजाने की फितरत थी हमको।।।~ अभी राजा फर्रुखाबादी
हँसते हुए ज़ख्मों को भुलाने लगे हैं हम,हर दर्द के निशान मिटाने लगे हैं हम,अब और कोई ज़ुल्म सताएगा क्या भला,ज़ुल्मों सितम को अब तो सताने लगे हैं हम।