Diya Shayari In Hindi : होने लगा वो गैर जब कुछ ऐसा सिला दिया,अँधेरे ने एक दस्तक दी यार ने दीया बुझा दिया. केवल दिये का कोई महत्व नही है,जब तेल और बाती का साथ मिलता है तो प्रकाश देता है.
ज्यादा वो नहीं जीता जो ज्यादा सालों तक ज़िंदा रहता है, बल्कि ज़्यादा वो जीता है जो ख़ुशी से जीता है।
तेरे बिना ज़िंदगी अधूरी है यारा,तुम मिल जाओ तो ज़िंदगी पूरी है यारा।तेरे साथ ज़िंदगी की सारी खुशियाँ,दुसरो के साथ हसना तो मज़बूरी है यारा।
मोहब्बत सीखनी है तोमौत से सीखोजो एक बार गले लगा ले तो फिरकिसी का होने नहीं देतीं ।
मेरे हर दर्द की दवा हो तुम,तुम मेरी खुशी का कारण हो।मुझे बताओ तुम कौन हो,केवल यह शरीर मेरा है, इसमें तुम आत्मा हो।
आँखें #पढ़ो और जानो हमारी ‘रज़ा’ क्या है हर बात अगर “लफ़्ज़ों” से हो तो मज़ा क्या है
पहले लगता था तुम ही दुनिया हो,अब लगता है तुम भी दुनिया हो।।
कुछ इस तरह पढे गए हम, जैसे पुराना अखबार थे,कुछ इस तरह छूट गए हम, जैसे गणित का सवाल थे।
वो छोड़ के गए हमें न जाने उनकी क्या मजबूरी थी खुदा ने कहा इसमें उनका कोई कसूर नहीं ये कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी
खबर सुनकर मरने की वो बोले रक़ीबों से, खुदा बख्शे बहुत-सी खूबियां थीं मरने वाले में।
कब आ रहे हो मुलाकात के लिए मैंने चांद टोका है एक रात के लिए
कभी-कभी बहुत सताता है मुझे ये सवाल, हम मिले ही क्यों थे जब मिलना ही नहीं था
आज़माना अपनी यारी को पतझड़ में मेरे दोस्त सावन में तो हर पत्ता हरा नजर आता है..
हकीकत जान लो जुदा होने से पहले मेरी सुन लो अपनी सुनाने से पहले ये सोच लेना भुलाने से पहले बहुत रोई हैं आँखें मुस्कुराने से पहले
ज़िन्दगी गुलज़ार है इसलिए यहाँ ग़मों को बांटना बेकार है।
ऐ मोहब्बत तू शर्म से डूब मर,तू एक शख्स को मेरा ना कर सकी।
जीवन में जो कुछ भी होता हैअच्छा है बस उसमे विश्वास रखो..!!jeevan mein jo kuchh bhee hota haiachchha hai bas usame vishvaas rakho..!!
जिसने अपनों को बदलते देखा हैवो जिन्दगी में हर परिस्थिति कासामना कर सकता है ।
उस ने मस्जिद के सामने घर क्या खरीदा,पल भर में सारा शहर नमाज़ी हो गया।
वो बेवफा मेरा इम्तिहान क्या लेगी, मिलेगी नज़रो से तो नज़र तक झुका देगी, उसे मेरी कबर पे दिया जलाने को मत कहेना, वो तो नादान हे कही अपना हाथ जला देगी.
मोहब्बत करने वालो मे भी अक्सर ये सिला देखा हे, जिन्हे अपनी वफ़ा पे नाज़ था, उन्हे भी बेवफा देखा हे.
औकात से ज्यादामोहब्बत करलीइसलिए बर्दाश्त से ज्यादादर्द मिला ।
उन कुम्हारों के घर रौशनी तब होती है, जब आप उनसे दिया खरीदकर अपने घर में जलाते है.
मुस्कुराना हमारी मजबूरी हैं,जिंदगी तो ऐसे भी हमसे नाराज रहती हैं…Muskurana hamari majboori hain,Zindagi toh aisi bhi hamse naraj rahti hain..
तकलीफ़ ये नहीं की किस्मत ने मुझे धोखा दिया,मेरा यकीन तुम पर था किस्मत पर नहीं।
जिसने तुम्हारा साथ दिया उसका साथ दो, जिसने तुम्हें त्याग दिया उसे तुम भी त्याग दो !!
मुस्कुरा के दूर हुए वोदिल ने मेरे रो दियाऐसा महसूस हुआ जैसे कीअपने जिस्म से मैंने जान खो दिया ।
तेरे साथ मुस्कुराना और ठोकरों से संभलना सीखा है, आता नहीं अलविदा कहना बस रोकर जताना सीखा है।
वो दर्द दे गए सितम भी दे गए,ज़ख्म के साथ वो मरहम भी दे गए,ओ लफ्जो से कर गए अपना मन हल्का,हमे कभी न रोने की कसम दे गए.
सिर्फ भरोसा ही नहीं उस बेवफा ने मेरा दिल भी तोडा हैउसने मुझे धोखा देखे रकीब से इश्क़ लडाया है
हम तो नरम पत्तों की शाख़ हुआ करते थे, छीले इतने गए कि खंज़र हो गए।
दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के,वो जा रहा है कोई शबे-ग़म गुजार के।
आप इतना मुस्कुराते हो कहीँ,फूलो को न खबर हो जाये।आपकी अदाएं भी कुछ ऐसी है,कहीँ उनकी नजर न हो जाये।
वफ़ा के नाम पर तुमने मुझे धोखे परोसे थे कसम भी खायी थी झूठी बड़े कच्चे भरोसे थे
वो पुरानी खिलाड़ी थी धोकेबाज़ी केशतरंज की मैं ही उसके लिए मोहरा नया था।
लोग तो अपना बना कर छोड देते हैं, कितनी आसानी से गैरों से रिश्ता जोड लेते हैं, हम एक फूल तक ना तोड सके कभी.. कुछ लोग बेरहमी से दिल तोड देते हैं..
तेल में बाती लगाकर जलाओ तो आग लग जायेगी, दिये में तेल बाती सजाकर जलाओ तो प्रकाश देगी.
मुझे ना जीने की ख़ुशी हैं अब, और ना ही मरने का हैं गम, उनसे मिलने की दुआ भी नहीं करते हम, क्युकी अब हर शाम है उनकी यादो के संग
दुआ.मांगी थी.आशियाने की, .चल.पड़ी आंधियां.ज़माने की,
अकेले ही काटना है मुझे ऐ जिन्दगी का सफर,यूँ पल-दो-पल साथ चलकर मेरी आदत खराब न करो।
बेवफा लोग बढ़ रहे हैं धीरे धीरे,इक शहर अब इनका भी होना चाहिए।
सोचता रहा ये रातभर करवट बदल बदल कर,जानें वो क्यों बदल गया, मुझको इतना बदल कर।
देखी है बेरुखी की आज हम ने इन्तेहाँ,हमपे नजर पड़ी तो वो महफ़िल से उठ गए।
तेरा हर अंदाज़ अच्छा था,लेकिन नज़रंदाज़ करे के सिवा।
हर एक पल उदासी छाई है,खुशी में मेरी एक कमी छाई है,इज्जत के लिए हमने प्यार की परवाह नहीं की,अब इज्जत मिली भी तो प्यार में कमी आई है.
मर कर तमन्ना जीने के किसे नही होती,रो कर खुश होने की तमन्ना किसे नही होती,कह तो देते हैं जी लेंगे अपनों के बिना,लेकिन अपनों की तमन्ना किसे नही होती.
जरा सी बात पे नाराज हो जानाफिर कुछ देर बाद मुझे माननाकैसे भूल जाऊ तेरी ओ हर बातजिस ने सिखाया था मुझे हशना
जब से सुना है आप मिलने आएं है,दरवाजे से दिल तक दिए जलाएं है.
मैं फिर से निकलूंगा तलाश ए-जिन्दगी में,दुआ करना दोस्तो इस बार किसी से इश्क ना हो।
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो,क्या ग़म है जिस को छुपा रहे हो।“कैफ़ी आज़मी”
जहाँ मैं कहता हूँ ये उधर नहीं जाता जाने क्यों ये दिल सुधर नहीं जाता आँखों में आंसूं अच्छे नहीं लगता तुमसे लड़कर मैं अपने भी घर नहीं जाता
बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरुखी तेरी,फिर भी बेइंतहा तुझे चाहने की बेबसी मेरी।
धोका तूने ऐसा दिया.मेरी जिंदगी का हर मकसदमुझसे छीन लिया.
उसे गैरों से बात करते देखा तो थोड़ी तकलीफ हुई,फिर याद आया हम कौन सा उसके अपने थे।
हार गया मोहब्बत की दौड़ में मैं लारे और बेवफाई मुझसे आगे निकल गए
अगली बार आओ तो बारिश भी साथ ले आना उसमें से मुझको तुम्हारे खोए हुए अश्क़ ढुँढने हैं..
आज तुझसे मैं एक बात कहना चाहता हूँ,अपने इस दिल में तुझको में एक छोटा सा घर देना चाहता हूँ।
धोका खा कर भी हम जिन्दा है.तेरे दर्द के साथ भी हम जिन्दा है.Dhoka Kha Kar Bhi Hum Jinda Hai.Tere Dard Ke Sath Bhi Hum Jinda Hai.
◆अनजाने में दिल लगा बैठे, इस प्यार में धोखा खा बैठे, उनसे क्या गिला करे, भूल तो हमारी थी…. जो बिना दिल वालों से दिल लगा बैठे।
दुनिया में सब कुछ सपना लगता है, अक्सर धोखा वही देता है जो अपना होता है।
पता है इंसान अकेले रहने से क्यों डरता है,क्योंकि जब वह अकेला होता है,,उसे खुद का सामना करना पड़ता है।
पुरानी किताबों की तरह धूल से भर गयी ज़िन्दगी सुधारी नहीं जा रही भूल से भर गयी ज़िन्दगी
कर दिया उस पगली ने Block मुझे Attitudeमें आके, और अब हाल पूछती है मेरा Fake Id बना के।
जब दोस्त ही शमील होदुश्मन की चाल मेंतब शेर भी उलझ जाता हैबकरी के जाल में।
किसी ने खूब कहा हैं,मोहब्बत नहीं जनाब,यादे रुलाती हैं..Kisi ne khoob kaha hain,Mohabbat nahi janab,Yaade rulaati hain…
पहले सुना था कि लोग धोखेबाज और झुठे निकल जाते है, आज अपनो से धोखा खाने के पता चल गया है।
मत पूछना की इन नन्हे दीपक की रौशनी से क्या हो सकता है एक चिंगारी ही काफी होती है अंधेरों को जलाने के लिए।
मुझे पता है, जब मैं नहीं होता,तो तुम क्यों रोते हो मुझे याद करो।
तरस आता है मुझे अपनी, मासूम सी पलकों पर, जब भीग कर कहती हैं कि अब, रोया नहीं जाता।
मन में जो दर्द छुपा था आँखोंसे खली करने लगा हूँ…और जब कोई उन आँसुओं कोई देख लेता हैउन्हें आँखों की खराबी कहने लगा हूँ ।
मैंने कभी किसी को आज़माया नही,जितना प्यार दिया उतना कभी पाया नही।किसी को हमारी भी कमी महसूस हो,शायद खूदा ने मुझे ऐसा बनाया नहीं।
फ़रियाद कर रही है तरसी हुई निगाहें, किसी को देखे एक अरसा हो गया।
इश्क हमें जीना सिखा देता है,वफा के नाम पर मरना सिखा देता है।इश्क नहीं किया तो करके देखो जालिम,हर दर्द सहना सीखा देता है।