Dil Tutne Ki Shayari In Hindi : दर्द ही सही मेरे इश्क का इनाम तो आया खाली ही सही हाथों में जाम तो आया मैं हूँ बेवफ़ा सबको बताया उसने यूँ ही सही, उसके लबों पे मेरा नाम तो आया। प्यार में उसके फना हो जाऊं, जानता हूँ वो तोड़ेगी मेरे दिल को फिर भी में दुआ करता हूँ कि मैं उसका हो जाऊं।
तुम्हारी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की, में बेवजह खुद को खुशनसीब समझने लगा !
तेरा ख्याल दिल से मिटाया नहीं अभी,💔 बेवफा मैंने तुझको भुलाया नहीं अभी।😥
“ छोटा बड़ा ही सही मगरएक वादा टूटा हैतुम्हारा कम और मेराहिस्सा ज्यादा टूटा है…!!!
बस नाम की मोहब्बत थी उन्हें और हम ज़िन्दगी गुज़ारे के सपने सजा बैठे
जख्म कहां कहां से मिले हैछोड़ इन बातो कोजिंदगी तु तो ये बतासफर कितना बाकी है
दुःख भोगने वाला तो आगे सुखी हो सकता है लेकिन दुःख देने वाला कभी सुखी नहीं हो सकता।
कभी किसी को पाने के लिए,उसकी जिंदगी बर्बाद मत करो,जोर जबरदस्ती से उसकी,हस्ती खेलती जिंदगी खराब मत करो..!!
“ चाहत – ए – इश्क़बेवजह ही रहने दोवजह दे कर कहींसाजिश ना बन जाए…!!
मुझ को मज़ा है छेड़ का दिल मानता नहीं,गाली सुने बगैर सितमगर कहे बगैर।
अब कैसी मोहब्बत कैसा प्यार अब तो हम तनहा है यार लोग बचाते रहे अपनी आबरू हम तो खुद नीलाम होने चले बाज़ार
मोहब्बत कर के जीता था, मोहब्बत जी के करता था, वो कौन सी कमी रही, जो तुम मेरे ना हो सके।
कोई जुस्तजू नहीबस एक जुस्तजू के बाद,हर आरज़ू ख़तमतेरी आरजू के बाद।
कभी ग़म से दिल लगायाकभी अश्क के सहारे।कभी शब गुजारी रोके कभी गिन के चाँद-तारे।
यादें और मैसेज ही, हमेशा साथ निभाते है,दीवाने कुछ वक्त के साथ, बदले नजर आते है।।
हम पहले भी कहाँ मिलते थे,खैर अब तो बिमारी का मौसम है !!
“ ये नहीं कि दिलकी ख़लिश पिघल गई,रोने से तबियत ज़रूरथोड़ी संभल गई…!!!
कभी तलाशो खुदको मेरे अल्फाजों में,इस फागुन तेरे रंगमें रँगने की चाहत हैं।
“ कहानी अज़ीब हैलेकिन यही हक़ीक़त है,वो बहुत बदल गया हैवादे हज़ार करके…!!
“ हम अपना दर्द हीअब बयां नहीं करते,कुछ यादें ताजे हो जाते है…!!
क्या बनेंगी ये हीर, लैला इश्क़ में मिलावट है इनकी बीच सफर में छोड़ जाना आदत है इनकी
पेहली दफा सही उनसे बात हो गई,यु गरीब पर खुदा की इमदाद हो गई..
जब कोई ख्वाब अधुरा रह जाते हैं,तब दिल के दर्दआंसु बनकर बाहर आते हैं।
लिखना तो ये था की खुश हु तेरे बगैर पर कलम से पहले कागज़ पर आंसू गिर गए।
प्यार में उसके फना हो जाऊं,जानता हूँ वो तोड़ेगी मेरे दिल कोफिर भी में दुआ करता हूँ कि मैंउसका हो जाऊं।
“ बदन की कैद सेबाहर ठीकाना चाहता है,अजीब दिल है फिर उसबेवफा के पास जाना चाहता है…!!
“ बीत गया जो तेरे संगवो पल बहुत हसीन थाफासले बहुत थे मेरी जिंदगी में मगरकैफियत पूछोगे कभी ये यकीन था…!!
“ दिल धोखे में था,और धोखेबाज दिल में था…!!
अगर ज़िन्दगी में खुश रहना है तो पैसों को दिमाग में नहीं जेब में रखना।
दुश्मनोँ ने दोस्ती का सिलसिला रहने दियाउसके सारे खत जला दिये,फिर भी पता रहने दिया
सलामत रहे वो बीछड कर भी हमसे, ये रब से दुआ करेंगे, वो हमें बैशक भूल जाये, हमतो उन्हें रोज याद करेंगे।
“ वो सिगरेट पीने सेडाटती थी मुझे,उससे कहना अबहम गांजा फूंकते है…!!
“ टूटा हुआ दिल भी धड़कता हैकभी किसी की याद मेंतो कभी किसी की फरियाद में…!!
वफादारी का इनाम बेवफाई देते हैं सवाल करो तो हुज़ूर बस सफाई देते हैं
दिल तेरी याद में आहें भरता है !!मिलने को पल-पल तड़पता है !!मेरा यह सपना टूट न जाये कहीं !!बस इसी बात से दिल डरता है !!
कुर्बान हो जाऊं मैं मुस्कुराहट पर तुम्हारे या इसे देखकर जीने का बहाना ढूंढ लूँ।
“ खामोश रहेंगे शिकवा नहीं करेंगेतुम सितम करना हम मोहब्बत करेंगे..!!!
चाहे जितना तलाश लो मेरे दिल को,अपने सिवा किसी को कभी नहीं पाओगे.
इश्क़ में मेरा इस कदर टूटना तो लाजमी था, काँच का दिल था और मोहब्बत पत्थर से की थी।
तुम मुझे, मेरा इश्क़ भुला पाओगे क्या? रूहों के गाँव में मुझसे मिलने आओगे क्या? मैं तुम्हारी याद में मरना चाहता हूँ, तुम मेरी क़बर पे फूल सजाओगे क्या?
दिल खामोश है, पर किसी का दिल जलता है जहाँ तक रौशनी को पता चले आ जाओ।
कुछ बातें ज़बान तक नहीं आतें और कुछ कान सुन नहीं पाते और हकीकत में वही बातें बहुत एहम होती है जो हम सुन नही पाते
दर्द पे दर्द सहे जा रहे है, फिर भी प्यार उसी से किये जा रहे है।
अफ़सोस है मुझे इसी बात का के उसे नहीं है किसी बात का
अब तो वफ़ा करने से मुकर जाता है दिल,अब तो इश्क के नाम से डर जाता है दिल,अब किसी दिलासे की जरूरत नही है,क्योंकि अब हर दिलासे से भर गया है दिल।.
“ इस टूटे दिल कोठोकर मार दूर किया तुमनेइसीलिए तेरी जिंदगी सेखुद को दूर किया हमने…!!
शायरी लिखना कौन जाने,शायरी तो खुद-बा-खुद बन जाती है,जब दिल भर आता है तो,कलम खुद-बा-खुद चल जाती है।
और कितनो से दिल लगाओगे,और कितनो के दिल दुखाओगे,किसी रोज़ किसी के खातिर,तुम भी तरसते रह जाओगे..!!
हमेशा याद रखना किसी का दिल दुखा कर,अपने लिए खुशियों की उम्मीद मत रखना..!!
“ इतने जल्द ना सारेराज़ बताया करोगर बात लंबी करनी हो तोकुछ राज़ छिपाया करो…!!!
दुनिया से अपना हर दर्द छुपा लेना,ख़ुशी न मिले तो गम गले लगा लेना,कोई अगर कहे मोहब्बत आसान होती है,तो उसे मेरा टूटा हुआ दिल दिखा देना।.
उनकी मोहब्बत भी ना उन्ही की तरह मतलबी थी
कई चेहरे लेकर लोग यहाँ जिया करते हैं हम तो बस एक ही चेहरे से प्यार करते हैं ना छुपाया करो तुम इस चेहरे को,क्योंकि हम इसे देख के ही जिया करते हैं.
दर्द को दर्द अब होने लगा है, दर्द अपने गम पे खुद रोने लगा है, अब हमें दर्द से दर्द नही लगेगा, क्योंकि दर्द हमको छू कर खुद सोने लगा है.
आँखों में तेरी डूब जाने को दिल चाहता है,इश्क में तेरे बर्बाद होने को दिल चाहता है,कोई संभाले बहक रहे है मेरे कदम,वफ़ा में तेरी मर जाने को दिल चाहता है।
माना की तुझे फुर्सत नहींमुझसे बात करने कीपर मुझे कौन रोक सकता हैतुझे याद करने से
“ राख होने लगीं जलजल के तमन्नाएँ मगर,हसरतें कहती हैंकुछ और भी अरमाँ होंगे…!!!
“ क्या मिलता है तुम्हेटूटे दिलो को जोड़करबिखर जाते है वोजो जाते है छोड़कर….!!!
चेहरे पर हंसी छा जाती है,आँखों में सुरूर आ जाता है,जब तुम मुझे अपना कहते हो,मुझे खुद पर गुरुर आ जाता है।
अच्छा लगता है जब मेरे बिना कुछ कहे ही बस मुझे देखकर, तुम्हारे चेहरे पर मुस्कान आ जाती बहुत अच्छा लगता है ऐसा देखकर।
“ वह बेवफा थी फितरतमे उसके बेवफाई थीमेरा कसूर कुछ ना था मैंने तोबस उससे सच्चा प्यार किया था….!!!
वो जाते जाते अगर मुड़ जाती खुदा कसम मैं उसे फिर जाने नहीं देता
हर एक दिन बद से बदत्तर होता गया तब वक़्त हस्ता और मैं रोता गया मैं ख़ुशी की तलाश में जिसके क़रीब जाता वो मुझसे उतना ही दूर होता गया
हमने भी अपना दिल तोड़ रखा है,हमारी वाली ने भी हमें छोड़ रखा है..!
कभी रो के मुस्कुराए, कभी मुस्कुरा के रोये, तेरी याद जब भी आयी, तुझे भुला भुला के रोये।
ख्वाहिशें थीं चाँद-तारे तोड़ लाने की मगर, देख लो बिखरा पड़ा है वो जमीं पर टूट कर।
मोहब्बत सब्र के सिवा कुछ नहींमैंने हर इश्क कोइन्तेजार करते देखा है
“ उसकी मोहब्बत में सबकुछ खोकर आया हूंअपने सारे गम और खुशीउसके पास छोड़ आया हूं….!!
ये इश्क़ है तुझे पाने की कोई वजह नहीं तू उनसे मिलती है जिसके दिल में तेरी कोई जगह नहीं।
“ दिल धोखे में था औरधोखेबाज दिल में था…!!
आखिर सीखा ही दिया दुनिया ने अपनों पर शक करना वरना मैं तो गैरो पर भी भरोसा करता था।
खुशी और गम एक दूसरे के समांतर चलते हैं जब एक शांत होता है तो दूसरा भी शिथिल पड़ जाता है।
डूबना ही था आखिर मुझे मैं अपनी कश्ती जो किनारे पे छोड़ आया