Dhoop Shayari In Hindi : आसान नहीं होता है घर को चलाना, चिलचिलाती धूप में भी बदन को जलाना. जब तक रहा हूँ धूप में चादर बना रहा, मैं अपनी माँ का आखिरी ज़ेवर बना रहा.
दर्द दर्द में कोई मौसम प्यारा नही होता,दिल हो प्यासा तो पानी से गुजारा नही होता,कोई देखे तो हमारी बेबसी,हम सभी के हो जाते हैं ,पर कोई हमारा नही होता।।
जब नसीबों में पत्थर लिखे हो तब मोहब्बत शीशों से किया नहीं करते
वो भी जाने क्या दौर था मेरी तू तेरी मोहब्बत कोई और था
शायर बनना बहुत आसान हैं,बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए।
यूँ ही शाख से पत्ते गिरा नहीं करते,बिछड़ के लोग भी ज्यादा जिया नहीं करते।जो आने वाले हैं मौसम उनका एहतराम करो,जो दिन गुजर गए उनको गिना नहीं करते।।
गज़लें तो मेरे दिल की धडकनहर शे’र कहानी है मेरी,तुम मुझको शायर मत कहनामेरा इश्क, जवानी है मेरी…
हर काम सफल हो जाता है मेहनत करने से, भीड़ से भरी इस दुनिया में नाम अब्बल हो जाता है !
मेरी यादें उसे देकर के ये कहना मेरे यारों के वो जो था तेरा आशिक़ वो बस यादों में ही है
मेरा भाई हीरो की खान है, हमारे घर की शान है, उससे ही तो हमारा अभिमान है, मेरे परिवार की एकलौती जान है।
एक तेरे गम को जगह दी दिल में जो मैंने गम गम नहीं रहा ज़हर हो गया
मौसम इस कदर खुमारी मे है।मेरा शहर भी शिमला होने की तैयारी में है।।
मुझे खौफ कहां मौत का, मैं तो जिंदगी से डर गया हूं।।
जो उन मासूम आँखों ने दिए थेवो धोके आज तक मैं खा रहा हूँ
स्कूल का वो बस्ता फिर से थमा दे माँ ये ज़िन्दगी का बोझ अब उठाया नहीं जा रहा
अरे इतना भी मत सताओमौसम सुहाना है……थोड़े नखरे कम करोदूर क्यूँ हो ,थोड़ा पास आजाओ।
तो कभी हुआ नहीं, गले भी लगे और छुआ नहीं।।
मुस्कुराने के मौके कम मिले हैं हमें ज़िन्दगी में बहुत गम मिले हैं गैरों से मोहब्बत होने लगी हमें अपनों से इस तरह हम मिले हैं
हथियार डाले बैठा हारा हुआ ये लड़का और वो हसीन लड़की दुनियां से लड़ रही है
दिल से अच्छे लोगों की, अकसर किस्मत खराब रहती है
जिसे फूल समझकर संभाल कर रखा उसी ने काटे चुभोएं हैं हमें
आज खुद को मैं देख कर हैरान हो गया मैं रिश्ते बचाकर भी बदनाम हो गया मेरे अपने छीन लिए अब खुश होगा खुदा मैं खुद ज़ख्म औरों का इलाज हो गया
रुका हुआ है अज़ब धुप छाँव का मौसम,गुज़र रहा है कोई दिल से बादलों की तरह..!!
मौसम गए सुकून गया ज़िन्दगी गईदीवानगी की आग में क्या-क्या गया न पूछ।।
दर्द की शाम है आँखो में नमी हैहर लम्हा कह रहा है तेरी ही कमी है।।।।
लड़कियों को कौन बताए क्या सफर है हमारा हमें कहना भी नहीं कुछ हमें सहना भी बहुत है
साँसों में चाँद की शीतलताबाहों में आसमाँ फैला है,वह आफताब है धरती परउस पर हर शे’र सुनहला है…
आज मौसम कितना खुश गंवार हो गयाख़त्म सभी का इंतज़ार हो गया।बारिश की बूंदे गिरी इस तरह सेलगा जैसे आसमान को ज़मीन से प्यार हो गया।।
मोहब्बत करने का कोई मौसम नही होता है,इस जमाने में कोई बेवफा हो जाएँ तो गम नही होता है.
शाम से आँख में नमी सी है, आज फिर आप की कमी सी है दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले, नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है
खुद को इतना कमजोर मत होने दो, की तुम्हे किसी के एहसान की जरुरत हो !
जिन्दगी में धूप का होना भी जरूरी होता है, छाँव की कीमत तो तभी समझ में आती है.
मुहब्बत लिबास नहीं जो हर रोज बदल जाए मोहब्बत कफन है जो पहन कर उतारा नहीं जाता।।
लेकर गई मोहब्बत को एक ऐसे मोड़ पर जिंदगी ना लौटना मुमकिन था ना बिछड़ना
थाम ले बिजली बादल की, और थाम ले ये तूफान, मेहनत की तू शक्ति से, पूरे कर अपने अरमान !!
मैंने जिंदगी में दोस्त नहीं ढूँढे, मैंने एक दोस्त में जिंदगी ढूँढी है.
खुद से इस तरह दूर ना कर मुझे, पास जीने की वजह सिर्फ तुम हो
मेरा हौसला बढ़ जाता है, जब साथ मेरा भाई होता है।
हमारे घर में हमेशा ही रहता है खुशियों का पेहरा, सबसे प्यारा दिखता है मेरे बड़े भाई का चेहरा।
रोई है किसी छत पे, अकेले ही में घुटकर, उतरी जो लबों पर तो वो नमकीन थी बारिश।
बाहर के मौसम से यूँ भी बेखबर होया न कर,किसी की यादों में यूँ भी दिन-रात खोया न कर.
मैं वो क्यों बनु जो तुम्हें चाहिएतुम्हें वो कबूल क्यों नहींजो मैं हूंMain vo kyon Banu Jo Tumhen chahie Tumhen vo Qubool Kyon NhiJo Main Hun
आख जो उठाई हैं,उसे नम कर…ए मोहब्बत मेरी,Gurur थोडा कम कर…
मैं वादा करता हूँ अपनी अधूरी ख्वाहिशों से मिलूंगा तुम्हें किसी जनम में मैं
मौसमी रंग भी कितना रंगीन होता हैठहरता है बस कुछ वक्त के लिएपर फिर भी ये मौसम हसीन होता है
उसके जुल्फों की वेणी कोग़ज़लों में गूँधता रहता हूँ,नैनों की चपलता को, उसकीमैं बहर बना कर लिखता हूँ…
दर्द मुझे ढूंढ लेता है हर रोज नए बहाने से वो शक्स वाकिफ हैं मेरे हर ठिकाने से
जुदाई की रुतों में सूरतें धुंधलाने लगती हैं,सो ऐसे मौसमों में आइना देखा नहीं करते।।
बलखाने दे अपनी जुल्फों को हवाओं में,जूड़े बांधकर तू मौसम को परेशां न कर.
मस्त मौसम दिल में बहार लता हैबिछड़े हुआ जोड़े को फिर से मिलता है
उसका चेहरा इक मतला हैआँखें, उठती गिरती हैं लहर,होठों पर हुस्न मचलता हैमुस्कान, नशे में डूबी कहर…
क्यों ख़तम हुआ ये रिश्ता जो तेरे मेरे दरमिया था तुझे तो अब घुटन होने लगी थी तेरे लिए ये रिश्ता और क्या था
गर्मी के मौसम का भी एक पल आता हैजिसमे आधे कपड़े और ठंडे पानी का नल भाता है
दुनिया देखकर अच्छा बोलती है, जब मेरे भाई की चलती है।
इस सुहाने मौसम का थोड़ा एहतराम तो कर लेघर तेरे आयें है थोड़ा इंतजाम तो कर लेइन झूठी बातों पर थोड़ा लगाम तू कर लेसोचेगा क्या इतना अरे ……..इंतजाम तो कर ले।
अपने किरदार को मौसम से बचाए रखना !लौट कर फूलों में वापस नहीं आती खुशबू.”
पहले लगता था तुम ही दुनिया हो,अब लगता है तुम भी दुनिया हो।।
तेज धूप में भी सफ़र आसान लगता है, ये माँ की दुआ का कमाल लगता है.
पलक से पानी गिरा है, तो उसको गिरने दो,कोई पुरानी तमन्ना, पिंघल रही होगी।Palak se Pani Gira Hai To usko Girne do koi purani Tamanna pighal Rahi Hogi
ऐसा भी क्या हुआ, भरोसा ही था… टूट गया..!!
ग़जब की धूप है शहरो में फिर भी लोग धूप से कम और एक दुसरे से ज्यादा जलते है.
कभी तो चौक के देखे कोई हमारी तरफ़, किसी की आँखों में हमको भी को इंतजार दिखे।
वह जो सूरत पर सबकी हंसते है,उनको तोहफे में एक आईना दीजिए Vah Jo Surat per Sabki Hanste Hain unko tohfe me ek aaina dijiye
साहिल. रेत. समंदर लहरें बस्ती .जंगल सहरा दरियाखुशबू मौसम फूल दरीचे बादल सूरज चाँद सितारेआज ये सब कुछ नाम तुम्हारे।।
जब से तेरे ख़याल का, मौसम हुआ है दोस्तदुनिया की धूप-छाँव से आगे निकल गये।।
तुझे तो गैरों से दिल जोड़ना था दिल लगाया ही क्यों जब तोड़ना था इतने करीब आकर फिर जुदा हुए मिला मुझे क्यों जब छोड़ना था
अच्छा इम्तिहान लेता है ये खुदा दिल भी देता है तो टूटने के लिए
इस मौसम से सब परेशान हैनाक में झरना और झरने पर रुमालये सब इसी मौसम की तो पहचान है
कब तक रहेंगे तन्हाइयों में घिरे कोई तो होगा हमारे भी लिए
जब इंसान की फितरत बदल रही हो तोये जरुरी नहीं की इंसान बदल गया,हो सकता है बाहर का मौसम बदल रहा हो।।
किसी को मिला कोई किसी को ढूंढता ही रह गया मुझमें एक मुझसे गूंजता ही रह गया
तुझे देखकर हमें मिलती है राहत, भगवान से प्रार्थना है हम दोनों की ऐसी बनी रहे चाहत।
ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने मेंएक पुराना ख़त खोला अनजाने में