Dhokebaaz Shayari In Hindi : दिल के ज़ख्म भरते-भरते कब वोदिल ज़ख़्मी कर गए पता ही नहीं चला बो आयने में खुद को कैसे बर्दाश्त करते होंगे,उन्हें तो सख्त नफ़रत थी धोखेबाजों से।
उसकी यादें सदाबहार है, मगर अब वो मेरी पहुंच से बाहर है,पाकर भी करूंगा क्या, वो तो हमेशा से एक धोखेबाज है..!!
“🔥🔥 हम जब तुम्हारे जिंदगी से खेलेंगे ना तो बताके नहीं खेलेंगे ! 🔥🔥”
हर मुलाकात पर वक्त 🕣 का तकाजा हुआ,हर याद पर दिल ♥️ का दर्द ताजा हुआ।सुनी थी सिर्फ लोगो से जुदाई की बाते,आज खुद पर बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ ।।
बो आयने में खुद को कैसे बर्दाश्त करते होंगे,उन्हें तो सख्त नफ़रत थी धोखेबाजों से।
हर रोज एक खाब टूट जाने दे ,हर रोज युही खूद को रूठ जाने दे …मेरी किस्मत में ही बेवफाई है ,दिल एक शीशा है आज फिर फूट जाने दे …. ।।
जो धोखा करना सीख जाते है जनाबहर सख़्श उन्हें धोखेबाज़ लगते है
परछाई आपकी हमारे दिल में है यादे आपकी हमारी आँखों में है कैसे भुलाये हम आपको प्यार आपका हमारी साँसों मे।
दीवानगी का सितम तो देखो कि धोखा मिलने के बाद भी चाहते है हम उनको. Diwangi ka sitam to dekho ki dhokha milne ke badh bhi chahte hai hum unko.
देने वाले कि हैसियत है जनाब,कोई प्यार देता है कोई धोखा।
अब हम भी उनकी आखों में खटकने लगे हैं, धोखा खाकर उनसे अब दर-दर भटकने लगे हैं।
कैसे कह दूँ यार मेने मोहब्बत मे कुछ पाया नही है,उस सफ़र में धोखा हम भी दे सकते थे मगर,रगो मे दौड़ती वफा से बगावत ही नही होती।
झूठी हमदर्दी झूठा प्यार यही सच्चाई है, एक धोखेबाज इश्क करने वालों की। Jhuti humdardi jhutha pyar yahi sachhai hai ek dhokebaz ishq karne walon ki.
ज़ख्म पुराने हुए कोई तो नया ज़ख्म दे जाओ चलो आओ फिर से फिर से वही इश्क़ ले आओ
कितने मकसदो के साथ जी रहे थे हम उस बेवफा ने धोखा क्या दिया मेरी लाइफ का हर मकसद हमसे छीन लिया सनम बेवफा.
ना वो सपना देखो जो टूट जाये,ना वो हाथ थामो जो छुट जाये..!!
कैसा अजीब रिश्ता है ये देखो,दिल धोखे में है और धोखेबाज आज भी दिल में है।
दिल करता हैं धोखे से जहर दे दूँ,सभी ख्वाहिशो को दावत पर बुलाकर।
हमे मोहब्बत थी उनसे परवो हमें आजमाया करते थे,इश्क़ से नहीं बीएसमतलब से याद आया थे।
तुम धोखा करो तब भी धोखेबाज नहीं,हम वफा करें तो भी गुनहगार है,ये खता तेरी नहीं जान मेरी,ये तो वक़्त-वक्त की मार है..!!
धुंआ ही धुंआ फैला है ज़माने में आज,छुप गए इंसानियत और वफ़ाबढ़ गये है धोखेबाज।
कई बार तलाश किया मैंने खुद को खुद में, पर तेरे सिवा कुछ न मिला मुझ को मुझ में।
तेरे प्यार ने ना सही,पर तेरे धोखे ने मुझे बहुत हिम्मत दी है।
ariमुझे तेरा इश्क़ बेइमान सा लगता हैकभी इधर कभी उधर भटकता तेरा दिल मुझे धोखेबाज सा लगता है
मोहब्बत की दुनिया में आकर तो देखो ,किसी से दिल लगा कर तो देखो …समझ जाओगे की दर्द क्या होता है ,कभी इश्क में ठोकर खाकर तो देखो … ।।
तुझसे अच्छे तो ये जख्म हैं मेरे, उतनी ही तकलीफ देते हैं जितनी में बर्दास्त कर सकूँ...!!
सब कुछ मिला बस खुदा के सिवा ,ज़िन्दगी बहुत पसंद आयी रुस्वाई के सिवा …मेरी चाहत का एहसास भी ना होगाउसकी हर अदा पसंद आयी बेवफाई के सिवा … ।।
वो तो अपने प्यार का प्रसादसबको बांट रहे थेहम ही अनजाने में सारा प्रसादअपना समझ बैठे … ।।
बारिशे हो ही जाती है मेरे शहर में,कभी बादलो से तो कभी आँखों से..!!
दोस्ती में दोस्त धोखा दे जाते हैं,अक्सर मतलब निकाल कर भूल जाते हैं।
एक आईना ही है जिसने आज तक, किसी इंसान को धोखा नहीं दिया !
मैं मतलबी नही हूं जो साथ रहने वाले को धोखा दे दूबस मुझे समझना हर किसी के बस की बात नही।
उसकी यादें सदाबहार है मगर अब वो मेरी पहुंच से बाहर है,पाकर भी करूंगा क्या वो तो हमेशा से एक धोखेबाज है..!!
तकलीफ ये नही की किस्मत ने मुझे धोखा दिया,मेरा यकीन तुम पर था किस्मत पर नही।
हर किसी को आजमा कर बैठा हूँ,मैं बेइंतेहा धोखा खाकर बैठा हूँ।
आंसू छुपा रहा हूँ तुमसेदर्द बताना नहीं आताबैठे बैठे भीग जाती है पलकेंदर्द छुपाना नहीं आता
हर खेल में हम बाजी मार जाते हैं, पर धोखेबाज से हम बाजी हार जाते हैं। Har khel me hum baji mar jate hain par Dhokebaaz se hum baji har jate hain.
जब दो टूटे हुए दिल मिलते है ना,तब मोहब्बत में धोखा नही होता।
कौन कहता है प्यार में जिंदगी खूबसूरत हो जाती है,कभी धोखा खा कर देखों वहीं जिंदगी मौत से भी बदतर हो जाती है।
तुमने समझा ही नहीं और ना समझना चाहा,हम चाहते ही क्या थे तुमसे तुम्हारे सिवा..!!
धोखे ऐसे ही नहीं मिलते,लोगो का भला करना पड़ता हैं साहेब।
झूठी हमदर्दी झूठा प्यार यही सच्चाई है !!एक धोखेबाज इश्क करने वालों की !!
किसी को न पाने से जिंदगी खत्म नहीं होती लेकिन किसी को पाकर खो देने से कुछ बाकी भी नहीं रहता
समय गुज़रते-गुज़रते कुछ लोगो का प्यारकमज़ोर नहीं और गहरा हो रहा है
मुझे तेरा इश्क़ बेइमान सा लगता हैकभी इधर कभी उधर भटकता तेरा दिल मुझे धोखेबाज सा लगता है
कुछ इस तरह उन्होंने धोखा दिया,कि मेरी ज़िंदगी का हर मकसद छीन लिया..!!
हमने नहीं सोचा था कि ऐसे ही ख़तम हो जाएगा…जिसे भी चाहूंगा दिल-ए-जान से ज्यादा वहीं दगा दे जाएगा..!!
मासूम सा चहरा था उसका,बस यही आकर धोखा खा गए हम।
दिल के ज़ख्म भरते-भरते कब वो दिल ज़ख़्मी कर गए पता ही नहीं चला..!!
देने वाले कि हैसियत है जनाब,कोई प्यार देता है कोई धोखा।
बड़ी धोखेबाज है री तेरी नजरे,अब तो वो मुझे पहचानने से भी इंकार करती है..!!
आदत थी मेरी मुस्कुराने कीतुमने रोना सीखा दिया …इन प्यार वाली बातों से ,तुमने दूर रहना सीख दिया … ।।
ये और बात कि चाहत के ज़ख़्म गहरे हैंतुझे भुलाने की कोशिश तो वर्ना की है बहुत
ज़ख्म पुराने हुए कोई तो नया ज़ख्म दे जाओ,चलो आओ फिर से फिर से वही इश्क़ ले आओ..!!
आज नींद ने न आने का वादा लिया हैं मुझ से,तेरी तरह वो भी धोखेबाज निकली..!!
मुझे तेरा इश्क़ बेइमान सा लगता है,कभी इधर कभी उधर भटकता तेरा दिल मुझे धोखेबाज सा लगता है..!!
वो हर दफा झूठ बोलता रहा मै सच समझता रहा कितने धोखे दिए उसने मै रोज मरता रहा।
कुछ लुटकर कुछ लुटाकर आया हूँ, वफ़ा की उम्मीद में धोखा खाकर आया हूँ।
सोचा था तड़पायेंगे हम उन्हें,किसी और का नाम लेके जलायेगें उन्हें,फिर सोचा मैंने उन्हें तड़पाके दर्द मुझको ही होगा,तो फिर भला किस तरह सताए हम उन्हें।
शोक मनाओ साहब,अब हम तुम्हारे नहीं रहे।
इस दिल को कभी धोखा ना देना,इस दिल की पहली और आखिरी मोहबबत सिर्फ तुम हो।
धोखेबाजों का चलन है साहब,वफ़ा करने वालो की कहाँ कदर है..!!
धोखा देने वालो की कद्र करें,ये भी उस्ताद का दर्जा रखते है।
इश्क कहता है मुझे इक बार कर के देख,तुझे मौत से न मिलवा दिया तो मेरा नाम बदल देना..!!
धोका तूने ऐसा दिया.मेरी जिंदगी काहर मकसद मुझसे छीन लिया.
कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त,सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया..!!
ये तो बस शुरुआत है अभी बाकि है पूरा दौर !!धोखे की इस नगरी में अभी सेहने है दर्द और !!
दिलों जान से चाहा था उसे,लेकिन उसने मेरी मजबूरी कोधोखेबाजी का नाम दे दिया।
हम क्या शिकायत करें किसी से,यहां तो हर कोई बेवफा है इश्क करो भले जी जान से धोखा यहां सबको मिलता है.
चिंगारी का ख़ौफ़ न दिया करो हमे,हम अपने दिल में दरिया बहाय बैठे है,अरे हम तो कब का जल गये होते इस आग में,लेकिन हमतो खुद को आंसुओ में भिगोये बैठे है।
कुछ ज़ायके किसी के साथ के भी होते हैं,फ़कत चीनी डालने से चाय मीठी नहीं होती।
कोई शक्ल नहीं होती धोखेबाजो की,हमेशा चेहरे पर नकाब लेकर घूमते हैं यह लोग..!!
हमे बार बार यूँ रुलाया न कर ऐ ज़िन्दगी, हमें चुप कराने वाला यहाँ अपना कोई नहीं।