December Shayari In Hindi : हल्की सी बारिश, मस्त हवा और उसकी यादसितम्बर तू तो दिसम्बर से भी ज़ालिम निकला यार !! तुम्हारे आने से होता, गुलाबी ठंडक का आगाज़पतझड़ के बाद खोले, कलियों ने शरमाकर राज़ !!
सर झुकाने की आदत नहीं है, आँसू बहाने की जरूरत नहीं है, हम गए तो पछताओगे बहुत, क्योंकि लौट आने की आदत नहीं है।
विद्यालय मेरे लिए एक मंदिर है, और गुरु उस मंदिर के ईश्वर है।
उलझी हुयी निगाहोन से मुजे देखता रहा,आयने में खादा शख्श परेशन था बोहत।
खुशियों से खूबसूरत तेरी शाम कर दूं,मिल जाए अगर यह जिंदगी दुबारा,ये दोस्ती जिंदगी तुझ पर कुर्बान कर दूं.
मन के थकान को दूर करती है चाय, स्वाद बढ़ जाएँ अगर आपके हाथो से मिल जाएँ !
शांखो से गिर कर टूट जाऊ मै वो पत्ता नही, आंधियो से कह दो कि अपनी औकात मे रहें।
खबर मरने की जन आये, तो यह न समझना हम दगाबाज थे,किस्मत ने गम इतने दिए, बस ज़रा से परेशान थे।
चाय के बाद दूसरा रंग तुम्हारा है, जो मुझे सांवला अच्छा लगता है !
क्रिसमस को दिल से मनाये, अन्दर की अच्छाई को जगाये, जो रहे जाते है इस दिन भी खुशियों से अनजान, उन तक क्रिसमस की हर ख़ुशी पहुंचाएं।
दिसम्बर की तरह हम भी अलविदा कह देंगे एक दिन फिर ढूंढते फिरोगे हमें जनवरी की सुबह!!!!
गर्व हमें है हिंदी परशान हमारी हिन्दी है,कहते-सुनते हिन्दी हमपहचान हमारी हिन्दी है...
रहते है आसपास ही लेकिन पास नहीं होते, कुछ लोग मुझसे जलते है बस खाक नहीं होते।
बात वफ़ा की होती तो कभी ना हारते,बात नसीब की थी कुछ कर ना सके।
बेशक जो जितना खामोश रहता है वो अपनी इज़्ज़त उतनी ही महफूज़ रखता है.
जिस तरह परछाई आपका साथ नहीं छोड़ती,उसी तरह एक सच्चा दोस्त,कभी भी आपका साथ नही छोड़ता.
दिसम्बर की सर्दी हैं उसके ही जैसी जरा सा जो छू ले बदन कांपता हैं!!!
सच कहु माता-पिता की मूरत है गुरू, इस अँधेरी दुनिया में हमारी जरुरत है गुरू।
दीदार न सही याद ही कर लिया कर, हम नें कब कहा हमें हिचकियों से परहेज है. ग़ज़ल लड़ना खुद से,खुद को सिखाऊंगा आज नहीं तो कल,मैं जीत जाऊंगा कुछ रस्...
ये साल भी उदासियां दे कर चला गया!!तुम से मिले बगैर दिसम्बर चला गया!!
मेरी तन्हाई को मेरा शौक मत समझना,क्योंकि किसी अपने ने ये बहुत प्यार से दिया था तोहफे में।
बागवानी का मौसम!!आधिकारिक तौर पर पहली जनवरी से शुरू होता है!!और दिसंबर को समाप्त होता है!!
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो,क्या ग़म है जिस को छुपा रहे हो।“कैफ़ी आज़मी”
अकेले बैठोगे,तो मसले जकड लेंगे,ज़रा सा वक़्त सही,दोस्तों के नाम करो.
सुकून की तलाश में हम दिल बेचने निकले थे,खरीददार दर्द भी दे गया और दिल भी ले गया।
चाँद ने अपनी चाँदनी बिखरी है। और तांरे ने आसमा को सजाया हैं। लेकर तैफा अमन और प्यार का। देखो सवर्ग से कोई फरिशता आया हैं, मेरी क्रिसमस बधाई हो
नित नए प्रेरक आयाम लेकर, हर पल भव्य बनाता शिक्षक, संचित धन का ज्ञान हमें देकर, खुशियाँ खूब मनाता शिक्षक।
रुठुंगा अगर तुजसे तो इस कदर रुठुंगा की,ये तेरीे आँखे मेरी एक झलक को तरसेंगी।
12 पूर्णता की एक संख्या है!!दिसंबर पूर्णता का महीना है!!ईश्वर आपको स्थापित करे!!आपको मजबूत करे और आपको सफल बनाए!!दिसंबर का नया महीना मुबारक हो!!
मोहब्बत 💖 सिर्फ़ दो जिस्मों की दास्तां नहीं साहब,,, ये एक रुह पर,रुह के फ़ना 👩 होने की कहानी है..!!!
कोई नहीं था कोई नहीं होगा ,तुमसे ज़्यादा मेरे दिल के करीब।
दोस्त अपना प्यार मुसीबत के समय दिखाते हैंना कि खुशी के समय पे.
कुछ लोग😅 चप्पल के🤨 जैसे होते है,👍साथ 🙏तो देते है🤔 पर पीछे से 😅कीचड़ उड़ाते रहते है 💯💯💯
आँसू आ जाते है रोने से पहले,ख्वाब टूट जाते है सोने से पहले।लोग कहते है मोहब्बत गुनाह है,काश कोई रोक लेते गुनाह होने से पहले।
क्या प्यार दिसंबर के पाले की तरह सच्चा होगा!!या जून में गुलाब की तरह चंचल और गिर जाएगा!!
एक टुकड़ा बादल ,,, एक 😎 आंगन बरसात… दिल 💖 की यही ख्वाहिश,,,के भीगूँ तेरे साथ… !!
कितना प्यारा होता है बचपन!!जिसमें खिला रहता हमेशा मन!!खेल-कूद में बीच जाता सारा दिन!!और रातें कट जाती तारे गिन-गिन!!
हम जले तो सब चिराग समझ बैठे,जब महके तो सब गुलाव समझ बैठे।मेरे लफ्जों का दर्द किसी ने नहीं देखा,शायरी पड़ी तो शायर समझ बैठे।
महंगाई ने आशिकों को मार रखा है, ये चाय ही है जिसने अभी तक संभाला हुआ है !
बिछड़कर फिर मिलेंगे यकीन कितना था,बेशक ये ख्वाब था मगर हसीन कितना था।
दिल अमीर था और मुकद्दर गरीब था,अच्छे थे हम मगर बुरा नसीब था।लाख कोशिश कर के भी कुछ ना कर सके हम,घर भी जलता रहा और समंदर भी करीब था।
हँसना मुझे भी आता हैपर किसी ने रोना सीखा दिया।बोलने में माहिर हम भी थे,पर किसी ने चुप रहना सीखा दिया।
हम किसी के लिए स्पेशल सिर्फ तब तक है!!जब तक हमारी जग उन्हें कोई दूसरा नहीं मिल जाती!!
वही आया होगा दिसंबर हैजख्म नया फिर से कोई लाया होगा
नज़र की चोट जिगर में रहे तो अच्छा है,ये बात घर की है, घर में रहे तो अच्छा है।
आया है क्रिसमस का त्यौहार, चलो मनायें जमकर इसबार, देते हैं आपको ढेर सारी बधाई, खत्म करो आज सारी लड़ाई।
जीभ जलने पर जब चाय छोडी नही जाती, तो दिल ज़लने पर इश्क क्या खाक छोड़ेंगे !
उसने भी मेरे कत्ल की साजिश में कोई कसर न छोड़ी,जिसकी जिंदगी के वास्ते हर दरगाह पर जाकर दुआ की थी हमने।
Look ही😎 Attitude वाली👍 है,दिल ❤️में कोई घमंड 🤨नहीं हमारे ❌
सिर्फ एक ही बात सीखी इन हुस्न वालों से हमने,हसीन जिसकी जितनी अदा है वो उतना ही बेवफा है।
हकीकत जान लो जुदा होने से पहले,मेरी सुन लो अपनी सुनाने से पहले।ये सोच लेना भुलाने से पहले,बहुत रोई हैं आँखें मुस्कुराने से पहले।
हर ख्वाब अधूरे पूरे हों,हर राही अपनी मंज़िल पाये,अलविदा कहो गुज़रे दिनों को,आओ नए साल का जश्न मनाएं।
ओ खुदा! मेरे भाई की ज़िंदगी खुशियों से सजा देना, उसके जन्मदिन का उसको दोगुना मजा देना. 🎂🎂🎂
साल 1971 के युद्ध में जिन वीरों ने!!अपना सर्वोच्च बलिदान दिया!!उन्हें हम बारंबार प्रणाम करते हैं!!
मैं ख़ामोशी हूँ तेरे मन की,तू अनकहा अलफ़ाज़ मेरा।मैं एक उलझा लम्हा हूँ,तू रूठा हुआ हालात मेरा।
इस बार क्रिसमस पर मिले आपको ढेरो उपहार,खुशियों का साथ अपनों का प्यार, खूब अच्छा हो आपका आने वाला साल मुबारक हो आपको क्रिसमस का त्यौहार.
बहुत अंदर तक बसा था वो शख़्स मेरे,उसे भूलने के लिए बड़ा वक़्त चाहिए।
उस दिल 💖 की बस्ती में आज अजीब सा सन्नाटा है… जिसमें कभी तेरे नाम 👩 की ,,,महफ़िल सजा करती थी….
Attitude तो बचपन से है, जब पैदा हुआ तो डेढ़ साल मैंने किसी से बात नही की।
हर पल जियो Without any Tear, Enjoy your day my Dear. 🎂🎂🎂
तन की खूबसूरती👩 एक भ्रम है , सबसे खूबसूरत🙂 तो आपकी वाणी है . चाहे तो दिल 💗जीत ले , चाहे तो दिल💔 चीर दे . .
सुनो कोई टूट रहा है तुम्हे एहसास दिलाते दिलाते,सीख भी जाओ किसी की चाहत की कदर करना।
नफरत है मुझे उस मोहब्बत से,जो मैंने कभी तुमसे की थी।
एक बार लड़खड़ाया था ज़िन्दगी में,तेरी यादें अब तक सँभालने नहीं देती है।जानता हूँ अब तू नहीं ज़िन्दगी में,फिर भी कम्भख्त तेरी यादें जीने नहीं देती हैं।
दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के,वो जा रहा है कोई शबे-ग़म गुजार के।
उस शख़्स के ग़म का कोई अन्दाज़ा लगाए,जिसको रोते हुए देखा न किसी ने।“वकील अख़्तर”
मत किया कर ऐ दिल किसी से मोहब्बत इतनी,जो लोग बात नही करते वो प्यार क्या करेगें।
प्यार से प्यारी कोई मजबूरी नहीं होती,अपनों की कमी कभी पूरी नहीं होती।दिल से जुदा होना अलग बात है पर,नजरों से दूर होना कोई दूरी नहीं होती।
मैं तो बस ज़िंदगी से डरता हूं,मौत तो एक बार मारेगी।“अज्ञात”
लिपट लिपट कर कह रही है, दिसंबर की ये आखिरी शामें,अलविदा कहने से पहले एक बार गले तो लगा लो..।Happy New Year
बिछड़ के मुझसे तुम अपनी कशिश न खो देना,उदास रहने से चेहरा खराब होता है।
अक्टूबर रह गया, नवम्बर आने वाला हैतेरी यादों को लेकर फिर दिसंबर आने वाला है !!
हर दिन बढ़ता जाये आपका कारोबार, परिवार में बना रहे स्नेह और प्यार, होती रहे सदा धन की बौछार, ऐसा हो आपका क्रिसमस का त्यौहार।