586+ Dance Competition Shayari On Dance In Hindi | Dance Shayari in hindi

Dance Competition Shayari On Dance In Hindi , Dance Shayari in hindi
Author: Quotes And Status Post Published at: July 20, 2023 Post Updated at: April 9, 2024

Dance Competition Shayari On Dance In Hindi : पैरों का #काम चलना है किन्तु उनका #शौक नाचना है. प्रकृति #सम्पूर्ण संगीत है जीवन महज़ एक #नृत्य है

“ किसी के नाचने में हरख होता हैमजबूरी के नाच में एक दर्द होता हैबंदगी,गुमान,शराब के नशे में नाचते हैं लोगनाचने नाचने के भाव में फ़र्क होता है…!!

“ आज भी तुम करती हो नृत्यमेरे मन की भीगी सड़को परजहाँ से कोई गुजरता नहीं अब….!!

“ आज फिर से उसके कदमथिरकने लगे, ‘ जब बेड़ियाँधुंघरुओं का रूप लेने लगे…!!

अपनी कद्रदानी को,इस तरह Naa छिपाइए,अगर प्रस्तुति पसंद आई Ho,तो तालियाँ बजाइये……

“ नृत्य में तल्लीन हो मेरे साथ कीअनुभूति करना मेरे हमनवां ‘ मैंधुंघरुओं की झंकार बन नृत्य मेंशामिल हो जाऊँगी मैं लौट आऊँगी…!!

“ जैसे अनगिनत तारों के साथ चांदनी हैं सजती,कई परिवारों के साथ महफिले हैं बनती,हँसी ठिठोली से जब गूँजता हैं प्रांगन,तभी तो खिलता हैं शादी का आँगन…!!

“ नृत्य तो असंख्य गोपिकाएंकरती थी भगवान श्रीकृष्ण के संग,उन्हें लुभाने के लिए नहीं अपितुस्वयं को उनमे भुलाने के लिए…!!

“ यामिनी नृत्य कर रही जुगनुओंके प्रकाश में, रातरानी मुस्कुरारही नवयौवन की आस में….!!

“ यदि आप अपनी आक्रामकताको छोड़ना चाहते हैं,तो उठो और नृत्य करो…!!

ये माना की जिंदगी की राह आसान नहींपर मुस्कुराकर चलने में कोई नुकसान नहीं

“ दिमाग में चल रहा नृत्यविचारों का, दिल भटकरहा यहाँ बंजारों सा….!!

“ मयूर सा मन नाचता है,जो कोई मन मीत मिल जाता है….!!

तुम्हारा जिक्र हो और दिल उछल पड़े कहीं यही तो नहीं परिभाषा नृत्य की

“ ये कौन सा नृत्य है जो निरंतर हैअविरल है हर निग्रह से मुक्त किसअप्राप्य के लिए घूमता है विग्रह…!!

मुहोब्बत Ka एक हसीं अहसास हूँ में,हर पल Me घुल जून कुछ एसा खास हूँ में…पूरी उम्र जपो यद् रहे आपको,इस शाम का वो हसीं आगाज़ हूँ Me।।

अपनी कद्रदानी को,इस तरह ना छिपाइए,अगर प्रस्तुति पसंद आई हो,तो तालियाँ बजाइये…

“ न नृत्य जानूँ न जानूँ गायन नही आये चित्रकारी इस लॉकडाउन में एक ही सहारामेरी ये लिखने की बीमारी…!!

तुम आ गए हो तो कुछ चाँदनी सी बातें होंज़मीं पे चाँद कहाँ रोज़ रोज़ उतरता है

#गीत ख़ुशी के गाते रहो जीवन उल्लसित हो #नृत्य स्वयं करने लगेगा !! ♥️💃♥️

“ भाव-भंगिमाएं जब सम्प्रेषण केमाध्यम से प्रगाढ़ होते हैं विभिन्नशैलियों में नृत्य-संगीत लोचनसे अकाट्य होते हैं…!!

“ हम आधुनिक नृत्य से जो चाहते हैंवह साहस और दुस्साहस है..!!

“ कथन इनका भी सत्य हैकथन उनका भी सत्य हैजनता मान ले तो नृत्य हैना माने तो राम नाम सत्य है…!!

“ क्रोध को समेट लेता है नृत्य,मन को मोह लेता है नृत्य,जीवन का एक अंग है नृत्य,सुकून उसे मिलता है जिसके संग है नृत्य…!!

हम अपनी जान के दुश्मन को अपनी जान कहते है,और मोहोब्बत की इसी मिटी को हिन्दोस्तान कहते हैं।

“ नृत्य तो असंख्य गोपिकाएंकरती थी भगवान श्रीकृष्ण के संग,उन्हें लुभाने के लिए नहीं अपितुस्वयं को उनमे भुलाने के लिए…!!

मंजिल उनिको मिलती हीजिनके सपनो मैँ जान होती है,पंखो से कुछ नहीं होताहौसलों से उड़ान होती है।

“ जब तक आप नृत्य करते हैंतब तक आप जीवित रहते हैं…!!

“ हम आधुनिक नृत्य से जो चाहते हैंवह साहस और दुस्साहस है..!!

हर मायूस को हंसाने काकारोबार है अपनादिलो का दर्द खरीद लेते हैंबस यही रोजगार अपना।

“ खुशियों से भरी जिन्दगीकई तरह से जी जाती है,खूबसूरत नृत्य बड़ीशिद्दत से की जाती है….!!

शुक्रिया तेरा तिरे आने से रौनक़ तो बढ़ीवर्ना ये महफ़िल-ए-जज़्बात अधूरी रहती

“ क्युं कान्हा छोड़ गए पनघट,साथ ले गए बंसी की धुनअब कैसे कोई साज सज मैं तुमबिन कैसे नृत् य करूं मैं..!!

“ ये कौन सा नृत्य है जो निरंतर हैअविरल है हर निग्रह से मुक्त किसअप्राप्य के लिए घूमता है विग्रह…!!

“ जो शब्द ना अब तक कह पाए मेरेघुंघरुओं ने दास्ताँ बताई है कौन कहता हैयह कोई डांस है मेरा मन जागा हैउसी की यह अंगड़ाई है…!!

“ हर इंसान के पैर पूरे जीवन मेंसैकड़ो मील चलते है, नृत्य करनेवाले पैर इस दुनियामें बहुत कम मिलते है….!!

“ करते मेरे शब्द नृत्य किसी रचनाकी तलाश में मिल जाये वोपरिंदा मेरे किसी शब्दों की रचनाओं में..!!

शब्दों के इत्तेफाक़ मेंयूँ बदलाव करके देखतू देख कर न मुस्कुराबस मुस्कुरा के देख।

जो खो गया उसके लिए रोया नहीं करते,जो पा लिया उसे खोया नहीं करते |उनके ही सितारे चमकते है ए दोस्,जो मजबूरियों का रोना रोया नहीं करते ||

“ किसी के नाचने में हरख होता हैमजबूरी के नाच में एक दर्द होता हैबंदगी,गुमान,शराब के नशे में नाचते हैं लोगनाचने नाचने के भाव में फ़र्क होता है…!!

“ नृत्य के कला को जिसने समझाउसके लिए वरदान है, जो इसे सिर्फ‘नाच’ समझा वो इंसान बड़ा ही नादान है….!!

ताली आप बजाओगे, बिखर जायेगा नूर,बज जायेगा ह्रदय में, बच्चों के संतूर,अधिक परिश्रम से किया, इनने आज धमाल,ये बच्चे हक़दार हैं, ताली हो भरपूर।

“ नृत्य ख़ुशी का इजहार है,ये राधा-कृष्ण का प्यार है,प्रसन्नता का ये इकरार है, नृत्य कलाओं का निहार है….!!

“ मैं किसी और से बेहतर डांस करने कीकोशिश नहीं करता. मैं केवल अपनेआप से बेहतर नृत्य करनेकी कोशिश करता हूँ …!!

ये नन्हे फुल तब महकते Haiजब खुदा Ki नीली छत्रियां तनती हैंइन नन्हे मुन्हे फरिश्तो Ke लिएजोरदार तालियाँ तो बनती Hai

वो आए घर Me हमारे ख़ुदा की क़ुदरत है कभीहम उन Ko कभी अपने घर को देखते हैं।

“ एक चीज जो हमारीअधिकांश समस्याओंको हल कर सकती हैवह नृत्य है…!!!

बहुत खूबसूरत हो तुम फूल की तरह,खुद को दुनिया कि नजर से बचाए रखो,सिर्फ आँखों में काजल ही काफी नहीं,गले में नीम्बू ओर मिर्ची भी लटकाया करो । 🤣

“ प्रकृति सम्पूर्ण संगीत है, जीवन महज एक नृत्य है….!!

“ आज मयूर सा नाचे हैमन कही तो हो जाऊँ इश्कन…!!

“ हृदय में जिसके नृत्य भरा था,घुघर भी गुलाम हो गए उसकेफिर क्या बिसात “कदमों” की,जो थिरकने से रोक पाते…!!

मंडप सजाने से पहले dj बुलाने से पहलेदुल्हन का मुँह दिखाने से पहलेहमारे इंतजार में कुछ स्टेज सजा लेनाजलवा देखना है हमें शादी कराने से पहले

“ नृत्य दिवस चाहे कभीभी मना लो ज़िंदगी तोहर दिन नचायेगी…!!

“ नृत्य ख़ुशी का इजहार है,ये राधा-कृष्ण का प्यार है,प्रसन्नता का ये इकरार है,नृत्य कलाओं का निहार है…!!

खुशियो पर मौज की रवानी रहेगी,जिंदगी में कोई न कोई कहानी रहेगी,हम यू कार्यक्रम में चार चाँद लगाते रहेंगे,गर आपकी तालियों की मेहरबानी रहेगी…

पूजा हो मंदिर Me तो थाली भी चाहिए,गुलशन Hai गुल का तो माली भी चाहिए है,दिल Hai दिलवाला तो दिलवाली भी चाहिए,कार्यक्रम Hai हमारा तो आपकी ताली भी चाहिए…

“ डांस तुम मेरे यार हो बचपनवाला मेरा प्यार हो दर्द देती हैएडियां लेकिन दिल कहताहै हर बार हो…!!

शब्दों का वजन तो हमारे बोलने के भाव से पता चलता हैं,वैसे तो, दीवारों पर भी “वेलकम” लिखा होता हैं।

मुद्दत से आता हर दिनज़िन्दगी में नई उम्मीद जागेआज का दिन बख्शे खुशियां आपकोनेक कामोंसे सबके नसीब जागे।

तुम जो आए हो तो शक्ल-ए-दर-ओ-दीवार है औरकितनी रंगीन मिरी शाम हुई जाती है

ठीक नहीं कहना मेरा सबसे यह हर बार,करतल ध्वनि हो जाये तो हो जाये उपकार,बिना कहे बजती रहें हर प्रस्तुति के बाद,तड़-तड़ वाली तालियाँ तब है कोई बात…

छु ले आसमां जमी की तलाश ना कर,जी ले ज़िन्दगी ख़ुशी की तलाश ना कर |तक़दीर बदल जाएगी खुद ही मेरे दोस्त,मुस्कुराना सिख ले ख़ुशी की तलाश ना कर ||

इम्तिहान समझकरसारे गम सहा करोशख़्सियत महक उठेगीबस खुश रहा करो

सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगीतुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी

शब्दों के इत्तेफाक़ मेंयूँ बदलाव करके देखतू देख कर न मुस्कुराबस मुस्कुरा के देख

अपनी एक ज़मी, अपना एक आकाश पैदा कर,तू अपने लिए एक नया इतिहास पैदा कर…मांगने से कब मिली है ख़ुशी मेरे दोस्त,तू अपने हर कदम पर विश्वास पैदा कर।।

“ जब नाचने न आयें,तो आंगन ही टेढ़ा हो जायें….!!

मुस्कुराने की मकसद ना ढूंढवरना जिंदगी यूं ही कट जाएगीकभी बेवजह मुस्कुरा के देखतेरे साथ साथ जिंदगी भी मुस्कुराएगी

“ नृत्य मेरी अभिलाषा है,नृत्य ही मेरी भाषा है,नृत्य मेरे लिए सम्मान है,नृत्य ही मेरी पहचान है….!!

तुम्हें #नाचने के लिए दो पांव नहीं मेरी #जान एक दिल चाहिए जो भरा हो #प्रेम से!

“ जो तेरा हाल है वो मेराहाल है, हाल से हालमिला ताल से ताल मिला…!!

मसेंजर पर बात कर के उनसे हमारी नीद उडी.सामने मिली तो वजन था 75 और नाम था पंखुड़ी.

“ कलाकार हु अपनी कला जानती हुकहाँ सुनती हु बस दिल का ही मानती हुगर्व है मुझे अपनी विरासत पे कुछऔर नहीं आपकी तारीफें मांगती हूँ…!!

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