Dahej Shayari In Hindi : दहेज़ लेकर अपने आपको बड़ा बताते हो, तुम्हें नहीं पता कि तुम अपना घर जलाते हो. समाज के तरीको ने ही बनाया हैं बेटी को पराया, दहेज हो या कन्या भ्रूणहत्या अपनों ने ही कहर है बरसाया.
क्यों मायके की चौखट लांघते, आपने छुड़ा ली अपनी उंगली,मैं कल भी आपकी बेटी थी, आज भी और कल भी आपकी बेटी ही रहूंगी।
“ आशीर्वाद कह कर देते हैं दहेज़क्यूँ अपने दुलार को शर्मिंदा करते हैंचंद रुपये में तौल दिया बेटी का प्यारक्यूँ बेटी पर माँ बाप ये वार करते हैं…!!
चंद पैसों के लिए जला दिया किसी के अरमानो को ये लड़ाई हैं सबकी मारों उन दहेज़ के दीवानों को
लगता है मेरी बहू को ऊपर वाले ने दुनिया की सबसे हसीन मुस्कुराहट दी है। तुम्हारे मुस्कुराने से हम सब मुस्कुराते हैं।
“ उस पिता के दिल सेपूछों दहेज़ क्या है?जिसकी जमीन भीचली गई और बेटी भी…!!
ना जाने ये कैसे लोग हैजो बेटियों को कोख में ही मरवाते हैऐसा लगता है ऐसे गिरे हुए लोगकिसी पुरूष की कोख से जन्म लेकर आते है
“दहेज ग्रहण करना, बेटी को मानसिक और भावनात्मक तौर पर तड़पाना है।”
एक अच्छी बहू के आने से केवल उसके पति का ही नहीं, बल्कि परिवार के सभी सदस्यों का भाग्य संवर जाता है।
बिकता हैं लड़का शर्मिंदा क्यूँ हैं लड़की औकात लड़के की ही दिखती हैं बाजार में लड़की नहीं बिकती हैं
#अगर दो रोटी खिलाने भर की औकात नही हैं तो शादी ही मत करो दहेज की खातिर लड़की को मत जलाओ!!!
कब तक इस समाज में अंधी, रीत चलाई जाएगी कब तक नारी यूं दहेज की, बली चढाई जाएगी
जवानी ”जोश” है, बल है, साहस है, दया है, #आत्मविश्वास है, गौरव है और वह सब कुछ है जो “जीवन” को पवित्र, उज्ज्वल और पूर्ण बना देता है।
“ दहेज़ प्रथा नहीं व्यापार है,लालची लोगो का हथियार है…!!
पिता के लिए बेटी भार नहीं,आधार होती है जीवन का।
दहेज से जली बेटी की चिता को बाप ने जब आग देनी चाही, लाश बोल पड़ी – फिर से मत जलाओ पापा, जलने से बड़ा दर्द होता हैं.
#दहेज क्या हैं यह उस बाप से पूछना जिसकी जमीन भी चली गई और बेटी भी!!!
बादलों-सी कड़कती है वो, बिजली-सी चमकती है, घर खुशहाल हो जाता है, जब बहू की हंसी खनकती है।
अपनी मेहनत की कमाई से शादी के तुरंत बाद कार नहीं खरीदनी चाहिए… लोग गलत ही समझते हैं…
अपनी परी रानी के लिए न जाने कितनी परेशानियां सहता है पिता,अपनी गुड़िया की खुशी के लिए कठिनाइयों के ताप में तपता है पिता।
हर त्योहार में घर को चमकाने वाली हमारी प्यारी बहू, ईश्वर करे तुम्हारी किस्मत का सितारा भी हमेशा चमकता रहे।
अगर मैं अपने पिता के व्यक्तित्व का आधा प्रतिशत भी हासिल कर लूँ, तो मैं समझूंगा मैंने महानता हासिल कर ली है।
पिता जो अपने बच्चे को समझाता है वो पूरी दुनिया भले न सुने पर पूरी पीड़ी जरूर याद रखती है।
एक बेटा जानता है कि वो बड़ा हो रहा है, क्योंकि अब वो पापा की तरह दिखने लगा है।
बेटी की जिंदगी में पिता की जगह कोई नहीं ले सकता।
रब से है बस एक ही दुआ, मेरे पापा रहे सदा खुश, दूर रहे उनसे हर बदुआ।
बेटियों की बदौलत ही आबाद है घर-परिवारअगर न होती बेटियाँ तो थम जाता यह संसार
मेरी खुशी के लिए दुनिया से टकराने की हिम्मत रखने वाले इंसान हैं, मेरे पिताजी।
दहेज़ के दानव को जड़ से मिटायें कैसे, पढ़े-लिखे ही दहेज़ लेते है, इन्हें समझायें कैसे.
पिता वह कुम्हार हैं, जो अपनी डांट से ठोक-पीटकर, बच्चों को अच्छा इंसान बनाता है।
मायके में जहां बेटी मां बाबा के आंखों का तारा होती है, वही बेटी बहू बनकर बूढ़े सास-ससुर का सहारा होती है।
पिता बनना एक सौभाग्य की बात है ये बात किसी अद्भुत से कम नहीं है। – लैरी
वो नारी भी है, वो जननी भी है, वो दुर्गा भी है वो चंडी भी है। साथ निभाना उसका हरदम, प्यार देना उसे हरदम, वो एक बहू भी है, वो जीवन संगिनी भी है।
बिन बिटिया के कैसे बसेगा घर-परिवारकैसे आएगी खुशियाँ कैसे बढेगा संसारगर्भ से लेकर यौवन तक बस उस परलटक रही है हरदम तलवार
“ दहेज़ लेकर अपने आपकोबड़ा बताते हो, तुम्हें नहीं पताकि तुम अपना घर जलाते हो…!!
चंद पैसों के लिए जला दिया किसी के अरमानो को ये लड़ाई हैं सबकी मारों उन दहेज़ के दीवानों को
दहेज़ की खातिर, लड़की को मत जलाओ, अगर वास्तव में मर्द हो तो, कमाकर खिलाओ….
बहू हमारी लाखों में एक है, सास ससुर को लगती नेक है, इतनी मधुर, इतनी शीतल, जैसे जून की गर्मी में मैंगो शेक है।
देखो! उस शख़्स के कांधे झुके हुए है,लगता है कि बिटिया ब्याह के आया है।
बहू मेरी किसी त्योहार में जब भी मायके चली जाती है, घर आंगन सब सूना कर हमें पीछे छोड़ जाती है।
“ दहेज़ प्रथा बंद करो,खुश रहकर आनंद करो…!!
एक पिता प्रकृति द्वारा प्रदान किया गया ऐसा बैंकर है जो बहुत सौभाग्य से नसीब होता है। – फ्रांसीसी नीतिवचन
दुकान है जिसका जीवन पर्यन्त होवे शोषणसपने हुए चूर चूर, चूरन बने लव के इमोशन
“ कन्याओ को सुरक्षित रखनेका होगा इरादा, दहेज़ न लेनेका सबको करना होगा वादा…!!
“ जब तक रहेगी दहेज प्रथा,बेटी रहेगी दुखी सदा…!!
भीख मांगने से तुम करो परहेज,अपनी शादी में मत मांगो दहेज़।
घर का काम और सब का ख्याल इतनी आसानी से कैसे कर लेती हो, बताओ यह राज हमें भी, पुड़िया तुम किस वैध की लेती हो।
शादी का धंधा देखिये जनाब एक अपने लड़के की बोली लगाकर इतरा रहा था, दूजा लड़की की कीमत चुकाना फर्ज बता रहा था.
चाहे आप गिर जाओ या असफल हो जाओ, चाहे आप हस्ते हो या रोते हो, आप हमेशा पाओगे के आपके पिता ने आप पर विश्वास किया।
बिजली जैसी चमक कभी, तो कभी आंधी-सी चाल रखती है, बहू मेरी कभी सूरज बन उभरती, तो कभी सांझ-सी ढलती है।
शादी से भी पहले चाहिये।गरीब मां बाप ने हां कर दी ;
“ बिकता है लड़काशर्मिंदा क्यूँ है लड़की,औकात लड़के की ही दिखती है,बाजार में लड़की नहीं बिकती है….!!
“ सोच बदलो चरित्र बदलो,दहेज़ प्रथा को दूर करो..!!
जिस शख्स ने मेरी जिंदगी में रंग भरने के लिए अपने जिंदगी को बेरंग किया है, वह है मेरे पापाजी।
चिंता एक काली #दिवार की भांति चारों ओर से घेर लेती है, जिसमें से ”निकलने” की फिर कोई गली नहीं सूझती।
खुदा करे तुम सफलता के हर मुकाम को छुओ। तुम्हारा हर एक सपना पूरा हो।
“ दहेज समाज तीसबसे बड़ी कुरीति है,इसके ही कारणस्त्रियों की बुरी स्थिती है…!!
अरमानो का मोल लगाना बंद करो दहेज़ के लिए लड़का बेचना बंद करों
“ बेटियों की तरक्की ने दी है सीख,दहेज लोभियों को ना दूंगी भीख…!!
“ सोच बदलो चरित्र बदलो,दहेज़ प्रथा को दूर करो…!!
“ दहेज़ प्रथा के अंधविश्वासको तोड़ना होगा, दौलत से नहीं,प्यार से अब दिल जोड़ना होगा..!!
“ दहेज़ एक दानव है,दहेज़ नारी का अपमान है…!!
“ दहेज़ के ख़ातिर लड़कीको मत जलाओ,अगर सच में मर्द होतो उसे कम के खिलाओं….!!
किसी किश्ती पर अगर फर्ज का #मल्लाह न हो तो फिर उसके लिए दरिया में डूब जाने के #सिवाय और कोई चारा नहीं।
नारी ही आभा समाज की, नारी ही युग का अभिमान वर्षों से वर्णित ग्रंथों में, नारी की महिमा का गान
जीवन का #वास्तविक सुख, दूसरों को ”सुख” देने में है; उनका सुख_लूटने में नहीं।
“ दहेज़ के दानव को जड़से मिटायें कैसे, पढ़े-लिखेही दहेज़ लेते है, इन्हें समझायें कैसे…!!
अपने लड़के को बेच मत दो,शादी के नाम पर देहज मत लो।
एक मीठी-सी मुस्कान होती है बेटी,पराये घर की पहचान होती है बेटी।
कायराना इन हरकतों से हो रहा हरदम उत्पीड़नदूषित हुआ सामाजिक जीवन शोषित है तन मन
“ दहेज ने धूरे धीरे हमारेसमाज को खाया है,इसने किसी की बेटी तोकिसी की बहन को तड़पाया है…!!!
पैसा कमाना नहीं जानते, तो अपना हाथ फैला दिया, कुछ ऐसे लोगों ने दुल्हे को बिकाऊ बना दिया.
बेटी के दहेज़ के लिए जीना छोड़ा है,लड़की के माँ-बाप पाई-पाई जोड़ा है।