5998+ Dadi Shayari In Hindi | दादी माँ शायरी स्टेटस

Dadi Shayari In Hindi , दादी माँ शायरी स्टेटस
Author: Quotes And Status Post Published at: September 29, 2023 Post Updated at: August 24, 2024

Dadi Shayari In Hindi : बहुत ताकत होती है उन झुर्रियों वाले हाथों में,जिंदगी जीने के तजुर्बे मिलते है दादी के बातों में. घर में माँ के अलावा भी एक माँ होती है,हर किसी के दुःख-सुख में शरीक होती है.

कमाई में हाथ गंदे करने ही पड़ते हैं. केवल ईमानदारी से व्यापार नहीं किया जा सकता.

जा मन होय मलीन, सो पर सम्पदा सहे ना. जिस के मन में ईर्ष्या की भावना होगी उसे पराई सम्पत्ति देख कर कष्ट होगा.

गाल बजाने से कोई बड़ा नहीं हो जाता. गाल बजाना – अपनी बड़ाई करना. अपनी प्रशंसा स्वयं करने से कोई बड़ा नहीं हो जाता.

आप को जो चाहे बा को चाहिए हजार बार, आपको न चाहे बा के बाप को न चाहिए. जो आप से प्रेम करता हो उसी से प्रेम करिए.

पेट भूखा भले ही रखे, पीठ भूखी कोई नहीं रखता. निर्दयी लोग जानवर या मजदूर को खाना देने में कंजूसी करते हैं पर माल लादने में कंजूसी नहीं करते.

कब मरे कब कीड़े पड़ें. दिल से निकली हुई बद्दुआ.

आई बहू, जन्मा पूत. दोहरी ख़ुशी. बहू घर में आई और पहली बार में ही पुत्र को जन्म दिया.

अंधा देखे आरसी, कानी काजल देय. अपात्र को कोई वस्तु मिल जाना. अंधे के लिए आरसी (छोटा दर्पण) और कानी के लिए काजल की कोई उपयोगिता नहीं है.

जैसन देखे गाँव की रीत, तैसन करे लोग से प्रीत. जैसी परिस्थितियाँ और परिवेश हों वैसा ही व्यवहार करना चाहिए.

उलटी गंगा पहाड़ चली. 1. उलटी रीत. 2.असंभव सी बात. (हास्यास्पद भी)

अपना फटा सियें नहीं, दूसरे के फटे में पैर दें. अपनी समस्याएँ न सुलझाएं और दूसरों की परेशानियाँ हल करने की कोशिश करें.

महावत से यारी और दरवाजा संकरा. सीमित साधन होते हुए भी अपने से बहुत बड़े लोगों से दोस्ती करना.

झूठे जग पतियाए, सच्चा मारा जाए. झूठे व्यक्ति का लोग आसानी से विश्वास कर लेते हैं और सच्चे व्यक्ति को बहुत कष्ट उठाने पड़ते हैं.

जिन मोलों आई, उन्हीं मोलों गंवाई. कोई चीज़ मुफ्त में मिली थी और मुफ्त में ही हाथ से निकल गई.

घोड़े का गिरा संभल सकता है, नजरों का गिरा नहीं. एक बार किसी का विश्वास खो देने पर दोबारा लौट कर नहीं आ सकता.

आग में तप के सोना और खरा हो जाता है. गुणवान व्यक्ति कठिनाइयों से जूझ कर और निखर जाता है.

अंतड़ी का गोश्त गोश्त नहीं, खुशामदी दोस्त दोस्त नहीं. जिस प्रकार आंत को गोश्त नहीं माना जाता उसी प्रकार खुशामद करने वाले को दोस्त नहीं माना जा सकता.

मेरे दादा-दादी की उम्र लम्बी करना भगवान क्योंकि जबतक वो पास हैं, तो मैं हूँ बड़ा धनवान

कहीं  कल से तो कहीं बल से. कहीं युक्ति से काम होता है और कहीं ताकत से.

चोर के पैर कितने. चोर बहुत डरपोक होता है.

टूटी की बूटी बता दो हकीम जी. अर्थ ऊपर वाली कहावत की भांति.

ये ही मेरे आसरा, या पीहर या सासरा. स्त्री के दो ही आश्रय होते हैं, मायका और ससुराल. इन के अतिरिक्त और कहीं वह सुरक्षित महसूस नहीं करती.

माँगन मरन समान है, मति माँगो कोई भीख, (माँगन से मरना भला, यह सतगुरु की सीख). माँगना और मरना समान है.

गई को जाने दे राख रही को. जो चला गया उसे भूल जाओ जो तुम्हारे पास है उसे संभालो. इसी प्रकार की दूसरी कहावत है – बीती ताहि बिसार दे, आगे की सुधि लेय.

“ दादी माँ घर को मिलाकर रखती है,सबको प्यार की घुट्टी पिलाकर रखती है,जिंदगी के सही मायने समझाकर रखती है,रिश्तों की अहमियत बताकर रखती है….!!

सुख कहना जन से, दुःख कहना मन से. अपना सुख सब से बांटो लेकिन दुःख को मन में ही रखो.

माँ को याद कर लेता हूँ,जब भी खुद को अकेला पाता हूँ,सामने से ना सही,यादों में ही माँ का प्यार पा लेता हूँ,

ना जीवन में कुछ था ना होगा ऐसा मानो अपना दादा-दादी का साथ ना होता। (Na jeevan mein kuch tha na hoga aisa mano apna dada-dadi ka sath na hota)

जो सुख छज्जू के चौबारे में, सो न बलख बुखारे में. जो सुख अपने घर और गाँव के लोगों के बीच में मिलता है वह किसी सम्पन्न विदेश में नहीं मिल सकता.

सहसा करि पछताएं विमूढ़ा. नासमझ लोग जल्दबाजी में गलत काम कर बैठते हैं और फिर पछताते हैं.

दिलेरी मर्दों का गहना है. स्त्रियाँ के शरीर पर बहुत से गहने अच्छे लगते हैं पर पुरुषों के लिए तो साहस और शूरता ही सबसे बड़े गहने हैं.

आम टूट मस्तक पर पड़े, याको को जतन कहा कोऊ करे. आलसी व्यक्ति चाहता है कि बैठे बिठाए सब कुछ मिल जाए.

लाठी पकड़ी जा सकती है, जीभ नहीं पकड़ी जा सकती. किसी को शारीरिक बल प्रयोग से रोका जा सकता है, कटु वचन बोलने से नहीं.

हो गईं ढड्ढो, ठुमक चाल कैसी. जो स्त्री बूढ़ी होने पर भी बन ठन के रहे. ढड्ढो – बूढ़ी औरत.

पैंठ लगी नहीं गिरहकट पहले आ गए. पैंठ – बाजार. कोई काम शुरू होने से पहले ही अवांछित लोगों का आ जाना.

जड़ से बैर, पत्तों से यारी. मूर्खता पूर्ण सोच. अगर जड़ को नुकसान पहुँचाओगे तो पत्ते तो अपने आप खत्म हो जाएंगे.

गोहरा के पाप से पीपला जले. गोह को मारने के लिए लोग पीपल को जला देते हैं. दुष्ट व्यक्ति की संगत अनजाने में ही आप के लिए बहुत खतरनाक हो सकती है.

आप सुखी जग सुखी. जब आप स्वयं सुखी होते हैं तो सारा संसार सुखी लगता है.

सौदा लीजे देख कर और रोटी खाइए सेंक कर. कोई भी चीज़ देख परख कर ही लेना चाहिए और रोटी को ठीक से सेंक कर ही खाना चाहिए.

एक देश का बगला, दूजे में बकलोल. एक ही व्यक्ति को कहीं पर बुद्धिमान समझा जाता है और कहीं पर मूर्ख.

बहुत याद आती है मुझे तेरी, दादी मांजाने कहां खो गई मेरी प्यारी दादी मां…!

हजार जूतियाँ लगीं और इज्ज़त न गई. बहुत बेशर्म आदमी के लिए.

जैसे तेरी बाँसुरी, वैसे मेरे गीत. जैसे साधन तुम मुझे उपलब्ध कराओगे वैसा ही काम मैं कर के दूंगा.

घाटे में बनिया बही टटोले. बनिया घाटे में चल रहा होता है तो अपना पुराना बही खाता टटोलता है कि शायद किसी पर लेनदारी निकल आए.

लंगड़ी बाई फूस बुहारो, कि दो जने पाँव उठाओ. बहुत कमजोर या गरीब आदमी से काम कराना चाहो तो उस में भी बहुत मुश्किलें हैं.

खेल कूद में पोते पोती के संग नहीं रह पाते वो आपे में, बचपना भी दो बार आता है एक बार बचपन में और एक बार बुढ़ापे में।

ऊसर खेत में केसर. किसी असंभव बात के लिए यह कहावत कही जा सकती है.

मुफ्त का सिरका, शहद से मीठा. मुफ्त की चीज़ सदैव अच्छी लगती है.

आ, आँ, आं

क्वारी को अरमान, ब्याही परेशान. कुंआरी लड़की अपने विवाह को लेकर तरह तरह के सपने देख रही है, जबकि विवाहिता स्त्री गृहस्थी की मुसीबतों से परेशान है.

“ कुछ पैसें साडी मेंगाँठ मार कर रखती थीमेरी दादी माँ भीएक छोटा ATM रखती थी…!!

सौतों में खटपट, सास बदनाम. सौतों में आपस में खटपट होती ही रहती है, सास बेचारी बेकार में बदनाम होती है.

रोज़ तो सुनती थी आपसे कहानियां पर पता ना चला कभी के वो आपकी ज़िन्दगी के बीते पालो के किस्स

काश ये जिंदगी मुझे कुछ पलो के लिए पीछे लौटा दे, मुझे मेरी दादी माँ के करीब पंहुचा दे।

बेटी माँ के पेट में समाती है पर बाप के आंगन में नहीं समाती. बेटा और बेटी दोनों माँ की कोख से पैदा होते हैं पर बेटी को अपना आंगन छोड़ कर जाना पड़ता है.

गुड़ियों के ब्याह में चियों का नेग. चिया – इमली का बीज. जैसा बचकाना आयोजन, वैसी बचकानी भेंट.

दारु तो हाथी को भी पटक देती है. हाथी जैसा ताकतवर प्राणी भी यदि शराब पी लेगा तो नशे में ढेर हो जाएगा. कहावत द्वारा शराब से बचने की सलाह दी गई है.

गणेश के ब्याह में सौ विघ्न. जो व्यक्ति हमेशा दूसरों की सहायता करता हो, उसका खुद का कोई काम न हो रहा हो तो मजाक में यह कहावत कही जाती है.

काले काले किशन जी के साले. यूँ तो यह बच्चों की कहावत है, लेकिन बड़े लोगों के भी काम आ सकती है. काले लोगों को अपने को कम करके नहीं आंकना चाहिए.

कुत्ते की पूँछ में कितना भी घी लगाइए, वह टेड़ी की टेड़ी ही रहेगी. नीच व्यक्ति की कितनी भी सेवा करो या मक्खन लगाओ, वह खुश नहीं होता.

बच्चे पाले दूधों भात, बड़े हुए तो मारें लात. नालायक पुत्र के लिए.

घर की फूट, लोक की हांसी (घर की हान लोक की हांसी). घर के लोग आपस में लड़ते हैं तो दुनिया तमाशा देखती है.

बिल्ली से छिछड़ों की रखवाली. चोर से किसी चीज़ की पहरेदारी करने को कैसे कहा जा सकता है.

बोलना माता-पिता सिखाते हैं पर कब क्या बोलना है यह सिर्फ घर के बुजुर्ग सीखा पाते हैं।

छीकें कोई, नाक कटावे कोई. गलती कोई करे और सजा कोई और भुगते.

ओछे की प्रीत, बालू की भीत. ओछे आदमी की प्रीत, रेत की दीवार की भांति क्षणभंगुर है. (भीत – दीवार)

अलख राजी तो खलक राजी. जिस पर प्रभु प्रसन्न उस से दुनिया राजी है.

कहने को तो वक्त के साथ जख्म भर जाते है, लेकिन बिछड़े हुए पल हमेशा ही याद आते हैं। आपकी पहली पुण्यतिथि पर आपको शत् शत् नमन।

बुरे काम का बुरा नतीजा (बुरे काम का बुरा हवाल). किसी के साथ बुराई करने का परिणाम बुरा ही होता है.

गुड़ हर दफै मीठा ही मीठा. गुड़ को जितनी बार भी खाओगे मीठा ही लगेगा. जो फायदे की बात है वह हर समय अच्छी ही लगेगी.

धरती माता तुम बड़ीं, तुम से बड़ा न कोय, जब धरती पर पग धरूँ, बैकुंठ सवेरा होय. सुबह उठ कर धरती पर पाँव रखने से पहले बोली जाने वाली पंक्तियाँ.

बाप की कमाई पर तागड़धिन्ना. जो लोग अपने आप कुछ नहीं करते और पैतृक सम्पत्ति पर ऐश करते हैं, उन पे व्यंग्य.

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