Dadi Maa Shayari In Hindi : बहुत ताकत होती है उन झुर्रियों वाले हाथों में,जिंदगी जीने के तजुर्बे मिलते है दादी के बातों में. घर में माँ के अलावा भी एक माँ होती है,हर किसी के दुःख-सुख में शरीक होती है.
चोर वही जो पकड़ा जाय. चोरी तो बहुत लोग करते हैं, जो पकड़ा जाए वही चोर कहलाता है.
दादा जी के बुढ़ापे में भी, फिर से उनका बचपन लौट आता है,जब उनका पोता उनकी गोद में खेल रहा होता है!
शान्त की बेर ज्यों दीपक की द्युति. बुझने से पहले दीपक की लौ तेज हो जाती है. मृत्यु से पहले मनुष्य को पुरानी स्मृतियाँ याद आती हैं.
साँप को दूध पिलाने से विष बढ़ता है. दुष्ट व्यक्ति की सहायता करो तो उसकी दुष्टता और बढ़ती है.
धूल छाने कंकड़ हाथ. व्यर्थ के काम से कुछ हासिल नहीं होता. धूल को छानोगे तो कंकड़ ही हाथ लगेंगे.
जैसी नीयत, वैसी बरकत. जैसी जिसकी मनोवृत्ति हो उसी हिसाब से उसकी उन्नति या पतन होता है.
देवेगा सो पावेगा, बोवेगा सो काटेगा. जैसा व्यवहार दूसरों को दोगे वैसा ही पाओगे.
लारा लीरी का यार, कभी न उतरे पार. लारा लीरी – ऊहापोह. जो व्यक्ति अनिर्णय की स्थिति में रहता है, वह कभी कोई ठोस काम नहीं कर सकता.
साबित कदम को सब जगह ठाँव. परिश्रमी और ईमानदार व्यक्ति का स्वागत सब लोग करते हैं.
“ दादी तेरी ममता की छाँव में नाजाने मैं कब बड़ी हो गयीलेकिन आपका प्यार और दुलारआज भी बहुत याद आ रहा है…!!!
खाद पड़े तो खेत, नहीं तो कूड़ा रेत. खाद से ही खेत फलता फूलता है.
उधार प्रेम की कैंची है. ऊपर वाली कहावत के समान.
कसम और तरकारी खाने के लिए ही बने हैं. कसम खा कर मुकर जाने वाला बेशर्म आदमी इस प्रकार बोलता है.
घर में नहीं दाने, शादी चले रचाने. घर मे कुछ न होते हुए भी बड़े बड़े आयोजन करने की सोचना.
घर कपड़ा और रोटी, और सब बात खोटी. मनुष्य की तीन मूलभूत आवश्यकताएँ हैं, रोटी कपड़ा और मकान.
खाओ पकोड़ी पेलो दंड. जीवन को बिंदास जीने का संदेश.
हँसना ठाकुर, खंसना चोर, अनपढ़ कायस्थ, कुल का बोर. ऊपर वाली कहावत की भांति. इसमें यह और जोड़ दिया गया है कि कायस्थ अगर पढ़ा लिखा नहीं होगा तो बेकार है.
मरता क्या न करता. जब मजबूरी में कोई ऐसा काम करना पड़े जो आप सामान्य परिस्थितियों में करना पसंद नहीं करते.
भूत जान न मारे, सता मारे. भूत किसी को जान से कैसे मार सकता है, भूत तो कुछ होता ही नहीं है. आदमी केवल उसका डर लोगों को सताता है.
बिन बुलाए अहमक, ले दौड़े सहनक. सहनक – भोजन का थाल. बिना बुलाए दूसरे के यहाँ जा कर भोजन करना.
पतली देह अन्न की खान. जो आदमी दुबला पतला हो पर खाता अधिक हो.
पगले आग मत लगा देना, भली याद दिलाई. उल्टी खोपड़ी के आदमी से जिस काम के लिए मना करो वही करता है.
तू डाल मेरे मुँह में उँगली, मैं डालूँ तेरी आँख में. तू मेरा कुछ नुकसान करेगा तो मैं तेरा उससे बड़ा नुकसान करूंगा.
पढे सो पंडित होय. जो पढ़े लिखेगा वही विद्वान बनेगा.
खोटा खाओ और खरा कमाओ. खाना कितना भी रूखा सूखा मिले, कमाई ईमानदारी से ही करनी चाहिए.
गंगा बही जाय, कलारिन छाती पीटे. कलारिन – शराब बनाने वाली. कलारिन को इस बात की चिंता हो रही है कि सारा पानी बह गया तो शराब कैसे बनाएगी.
इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है,माँ बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है।
दादी जी जब हमारे साथ थी तो लगता था, खुशियों का संसार हमारे साथ था अब जब दादी जी दुनिया छोड़ चली गई, तो लगता है हमारा सब कुछ खो सा गया है
बरसात बर के साथ. वर्षा का आनंद पति के साथ ही आता है.
कौड़ी कौड़ी जोड़ के निधन होत धनवान, अक्षर अक्षर के पढ़े मूरख होत सुजान. अर्थ स्पष्ट है.
गधा गिरा पहाड़ से और मुर्गी के टूटे कान. किसी बिलकुल अनजान व्यक्ति की परेशानी से यदि कोई अत्यधिक दुखी हो रहा हो तो.
खन में तत्ते खन में सीरे. खन – क्षण, तत्ता – गरम, सीरा – ठंडा. घड़ी घड़ी मिजाज़ बदलना.
एक चुप हजार सुख. कोई कितना भी क्रोध दिलाने की कोशिश करे यदि आप उस समय चुप रहते हैं तो बहुत सुखी रहते हैं. इंग्लिश में कहावत है – Silence is golden.
चूल्हा चक्की, सबहि काम पक्की. ऐसी स्त्री जो खाना पकाने में भी होशियार हो और चक्की भी खूब चला ले. ऐसा व्यक्ति जो हर काम में होशियार हो.
जोगी का बेटा खेलेगा तो साँप से. बच्चा अपने घर परिवेश में जो देखता है वही करता है. संपेरे को जोगी भी बोलते हैं.
नंगे से तो गंगा भी हारी है. 1.निर्लज्ज व्यक्ति से सब हार मान लेते हैं. 2.महापापी लोगों के पाप गंगा मैया भी नहीं धो सकतीं.
दादी माँ के प्यार और आशीर्वाद से ही, घर की बढ़ती है रौनक और तरक्की दादी माँ की बातों को ध्यान से सुना करो, उसमें होती है अनुभव चासनी पक्की
जुगल जोड़ी सलामत रहे. पति पत्नी को एक साथ दिया जाने वाला आशीवाद.
मेरी दादी माँ लाखों में एक है,इनके बारे में भला क्या कहना है,मेरी दादी का प्यार है सबसे कीमतीइनका प्यार ही मेरा असली गहना है !
एक लिखा और सौ वाचा. सौ बार कही हुई बात का इतना मूल्य नहीं है जितना एक लिखी हुई बात का.
गधा घोड़ा एक भाव. जहाँ योग्य व्यक्ति की पूछ न हो.
जोगी की प्रीत क्या. जोगी से दिल लगाना ठीक नहीं (क्योंकि वह आज यहाँ तो कल और कहीं).
तीतर की बोली बटेर क्या जाने. किसी समुदाय की भाषा उसी समुदाय के लोग समझ सकते हैं.
अपना मरण, जगत की हँसी. अर्थ है कि हम मुसीबत में पड़े हैं और लोग हँस रहे हैं.
फूँक मार कर धूल उड़ाएँ, हम ऐसे बलवान. कायर लोगों का मजाक उड़ाने के लिए.
कौन से जनम का कर्म कौन से जनम में उघड़ आवे. कोई नहीं जानता कि किस जन्म में किया पाप या पुण्य किस जन्म में अपना फल दिखाएगा.
छठी के राजा. जो छठी के दिन ही राजा बन गए. (जैसे किसी बड़े नेता या राजा का बेटा). इंग्लिश में कहते हैं – born with silver spoon in mouth.
बुढ़ापा दूसरा लड़कपन है. बुढापे में व्यक्ति बच्चों के समान जिद्दी और खाने पीने का लालची हो जाता है.
गाँव जले, डोम त्यौहारी मांगे. किसी का कितना भी नुकसान हो रहा हो क्षुद्र लोगों को केवल अपने स्वार्थ से मतलब होता है.
छोटी सी गौरैया, बाघन से नज़ारा मारे. नज़ारा मारे – मुकाबला करे, बाघन से – बाघों से. कोई बहुत छोटा आदमी बड़े आदमी से दुश्मनी मोल ले तो.
अशर्फियाँ लुटें, कोयलों पर मुहर. महत्वपूर्ण चीजों को लुटाना और महत्वहीन चीजों को संभाल कर रखना. इंग्लिश में कहावत है Penny wise pound foolish.
काम को काम सिखाता है. अनुभव से ही काम करना आता है. इस को इस प्रकार भी कह सकते हैं कि एक व्यक्ति के अनुभव से बहुत से लोग सीखते हैं.
दिल्ली की गद्दी लई, सुरा सुन्दरी राग. दिल्ली की गद्दी पर बैठने वाले सुरा, सुंदरी और संगीत के चक्कर में पड़ कर गद्दी की रक्षा नहीं कर पाए.
अंधा बगुला कीचड़ खाय. मजबूरी में इंसान को बहुत कुछ सहन करना पड़ता है. अंधा बगुला मछली नहीं पकड़ सकता इसलिए बेचारा कीचड़ खाने पर मजबूर हो जाता है.
जो चाहे हो जाए वह दर्द कैसा और जो दर्द को महसूस ना कर सके वो हमदर्द कैसा
पत्थर से पत्थर टकराता है तो चिंगारियां निकलती हैं. जब दो विकट योद्धा लड़ते हैं तो लड़ाई भीषण होती है.
चाँद देखे चंद्रमुखी याद आए. परदेस में रहने वाले व्यक्ति को चाँद देख कर अपनी पत्नी/प्रेयसी की याद आती है.
झूठ तितौंही बोलिए, ज्यों आटे में नोन. झूठ उतना ही बोलना चाहिए जितना आटे में नमक डाला जाता है.
गई सोभा दरबार की सब बीरबल के संग. बीरबल से ही अकबर के दरबार की शोभा थी. बीरबल की मृत्यु के बाद अकबर के दरबार में वह बात नहीं रही.
चले तो अगाड़ी, ध्यान रहे पिछाड़ी. आगे को चलो लेकिन पीछे का भी ध्यान रखो.
मौके का घूँसा तलवार से बढ़ कर. सटीक मौके पर दी गई छोटी चोट भी बड़ा काम कर देती है.
आपके साथ बिताया गया मेरा हर पल सुहाना हैअगले जनम में भी मुझे आपको दादी के रूप में पाना
नंगा नाचे खोवे क्या. जो निर्लज्ज है वह कुछ भी बेहयाई कर सकता है, उसका कोई नुकसान तो होना नहीं है.
टुकड़ा डालने पर कुत्ता भी पूँछ हिलाता है. घटिया किस्म के रिश्वतखोर सरकारी मुलाजिमों पर व्यंग्य.
बाई खा लें तो बामनों को दें. स्वार्थी लोगों के लिए कहा गया है. कायदे में तो पहले ब्राह्मणों को दान दे कर या भोजन करा के तब स्वयं खाना चाहिए.
जाके घर में माई, ताकी राम बनाई. जिस घर में माँ होती है वह स्वर्ग हो जाता है.
चूहे के बिल में ऊंट नहीं समा सकता. किसी बहुत बड़े आयोजन के लिए बहुत छोटी जगह हो तो मजाक में ऐसा कहते हैं.
आप डुबन्ता पंडित, ले डूबे जजमान. भ्रष्ट पंडित यजमान को भी ले डूबता है.
“ घर के बुजुर्गों के संगवक़्त गुजारा करो,जो बड़े खुशनसीब होते हैउन्हीं की दादी माँ होती है….!!!
डायन मरे न मांचा छोड़े. मांचा – खाट. कोई अधिक आयु का व्यक्ति बीमार हो कर खाट पर पड़ा हो तो उससे परेशान परिजन ऐसा कहते हैं (विशेषकर बहू सास के लिए).
इंतजार का फल मीठा. प्रतीक्षा करने के बाद जो चीज़ मिलती है वह अधिक अच्छी लगती है.
भैस पूछ उठाएगी तो गाना नहीं गाएगी गोबर करेगी. कोई मूर्ख या निकृष्ट आदमी मुँह खोलेगा तो निकृष्ट बात ही बोलेगा.