5798+ Dada Dadi Shayari In Hindi | दादा दादी शायरी हिंदी में

Dada Dadi Shayari In Hindi , दादा दादी शायरी हिंदी में
Author: Quotes And Status Post Published at: September 16, 2023 Post Updated at: October 10, 2023

Dada Dadi Shayari In Hindi : अपनी चीज़ें वो भूल जाते है, कहीं रख कर !!पर मेरा बीता हुआ बचपन, उन्हें अभी भी याद है !!मेरे दादा जी की याददाश्त में, अभी भी कुछ बात है !! याद आता है,मेरे बचपन का वो सुहाना पल !दादा के साथ खेलना औरदादी के हाथों से खाना !!

ऊंट घी देने पर भी बलाबलाए और फिटकरी देने पर भी बलबलाए. जिन की असंतुष्ट रहने की आदत है वे कैसे भी संतुष्ट नहीं होते.

मुरदे पर सौ मन मिट्टी तो एक मन और सही. जहाँ किसी पर बहुत सारी मुसीबतें टूट पड़ी हों वहाँ एक और आ जाएगी तो क्या फर्क पड़ेगा.

लेनदेन में लाज कैसी. लेन देन के मामले में औपचारिकता नहीं करनी चाहिए, लिखत पढ़त पूरी करनी चाहिए.

प्यासे को पिलाओ पानी, चाहे हो जाए कुछ हानी. प्यासे को पानी अवश्य पिलाना चाहिए, चाहे इसमें कुछ हानि क्यों न उठानी पड़े.

तकदीर बड़ी के तदबीर. भाग्य बड़ा है या परिश्रम. सत्य यह है कि दोनों का महत्व है.

घर की दाही वन गयी, वन में लागी आग. अभागा और प्रताड़ित व्यक्ति कहीं भी जाए दुर्भाग्य उस का साथ नहीं छोड़ता. दाही – जली.

मधुर वचन है औषधी, कटुक वचन है तीर. मधुर वचन घाव को भर सकते हैं जबकि कड़वे वचन घाव कर सकते हैं.

काले कौए खा कर नहीं आया है. एक पुराना विश्वास है कि काले कौए खाने से आदमी अमर हो सकता है.

एक पूत को पूत और एक आँख को आँख नहीं कहा जाता. एक पुत्र होना और एक ही आँख पर्याप्त नहीं होते.

आँखों देखी प्रीत और मुँह देखा व्यवहार. जो लोग केवल सामने पड़ जाने पर प्रेम दिखाते हैं उन के लिए.

ब्याह नहीं किया तो क्या, बारात तो गए हैं. कोई कार्य हमें स्वयं करने का अनुभव नहीं है तो क्या हुआ हमने औरों को करते देख कर ही सीख लिया है.

जो सेर से मरे उसे पसेरी क्या मारना. जब छोटे साधन से काम चल सकता हो तो बड़े की क्या जरूरत है.

गाँव जले, नंगे को क्या. यहाँ नंगे से तात्पर्य बेशर्म आदमी से भी हो सकता है और अत्यधिक गरीब से भी. गाँव के जलने का इन दोनों पर कोई फर्क नहीं पड़ता.

फूहड़ करे सिंगार, मांग ईंटों से फोड़े. फूहड़ स्त्री कुछ भी कर सकती है, माँग में सिंदूर लगाने के लिए ईंट से सर भी फोड़ सकती है.

टेंटी बेर काल के मीत, खाएँ किसान और गावें गीत. टेंटी और बेर जैसे फल अकाल के दिनों में ग़रीबों के काम आते हैं.

दिल्ली की गद्दी लई, सुरा सुन्दरी राग. दिल्ली की गद्दी पर बैठने वाले सुरा, सुंदरी और संगीत के चक्कर में पड़ कर गद्दी की रक्षा नहीं कर पाए.

दूध की मलाई, रखवाली में बिल्ली बिठाई. मूर्खतापूर्ण कार्य. बिल्ली मौका मिलते ही मलाई को चट कर जाएगी.

मेरे दादा और दादी की बड़ी प्यारी हैजोड़ी दादा ना मानेंकोई बात तो दादीरूठ जाती है थोड़ी थोड़ी!

जंह जंह पाँव पड़े सन्तन के, तंह तंह बंटाढार. किसी व्यक्ति के आने से काम बिगड़ जाए तो मज़ाक में ऐसा कहते हैं. कलियुगी संतों के लिए भी कह सकते हैं.

कन कन जोड़े मन जुड़े. एक एक कण जोड़ने से एक मन (चालीस सेर) इकठ्ठा हो सकता है. थोड़ा थोड़ा जोड़ने से बड़ी राशि इकठ्ठी की जा सकती है.

कोढ़ मिट जाए पर दाग न जाए. एक बार इज्जत चली जाए तो वह बात दोबारा नहीं आती.

नटे सो नाक कटाय. नटना – अपनी बात से मुकर जाना, नाक कटाना – बेइज्जती कराना. जो अपनी बात से मुकर जाए उसका कोई सम्मान नहीं करता.

मारे घुटना, फूटे ललाट. किसी और की गलती की सजा किसी और को मिलना. लात से किसी को मारोगे तो दूसरा आप का सर फोड़ेगा (घुटने की गलती की सजा सर को मिलना).

अंधों में काना राजा. जहाँ सभी लोग मूर्ख हों वहाँ थोड़ी सी अक्ल रखने वाले व्यक्ति की पूछ हो जाती है

माँ मर गई नंगी, बेटी का नाम चंगी. जहाँ माँ बाप कुछ न हों, बेटी कुछ बन जाए और घमंड करने लगे तो लोग व्यंग्य में ऐसा कहते हैं.

शांति में लक्ष्मी बसती है. जिस घर, समाज और देश में शांति होती है वहीं अर्थ व्यवस्था का विकास होता है.

मुंह लगाई डोमनी, बाल बच्चों समेत आए. छोटे आदमी को थोड़ी सी तवज्जो दे दो तो सर चढ़ जाता है.

टके की मुर्गी छै टके महसूल. माल बहुत सस्ता पर टैक्स बहुत अधिक. महसूल – टैक्स.

घर में एक बुजुर्ग का होना जरूरी होता है !!घर में दादी माँ की,सबसे प्यारी होती है मुस्कुराहट !!

दादा दादी की आंखों में अनंत खुशियां छाई है,पोते के रूप में घर में बहुत-बहुत खुशियां आई है,हमारी तरफ से लाख करोड़ बधाई है।

जहां शहद वहां माखी. जो लाभ का स्थान होगा वहाँ बहुत से लोभी लोगों का जुटना स्वाभाविक ही है.

बिना माँगे सलाह देने से बाज आइए. बिना मांगे किसी को सलाह नहीं देना चाहिए (ऐसी सलाह का कोई मोल नहीं होता).

जेते जग में मनुज हैं तेते अहैं विचार. संसार में सभी मनुष्यों की प्रकृति, प्रवृत्ति तथा अभिरुचि भिन्न-भिन्न हुआ करती है.

दिवाले में डेढ़ हिस्सा. जिसे हर काम में घाटा ही घाटा होता हो.

सवेरे का टहलना, दिन भर की खुशी. सुबह उठ कर टहलने से व्यक्ति दिन भर प्रसन्नचित्त रहता है.

खेत में बुरी नाली और घर में बुरी साली. खेत में नाली का होना नुकसान की बात है और घर में साली का स्थायी रूप से रहना अच्छा नहीं है.

घी तो निकल गया, छाछ ही बची है. किसी संगठन में से श्रेष्ठ व्यक्तियों के निकल जाने पर यह कहावत बोली जाएगी.

पाँचों पांडव छठे नारायण. 1. जो समूह भगवान् की प्रेरणा से कार्य करे. 2. व्यंग्य में – ये पांच पांडव क्या कम थे जो इन के गुरु घंटाल छठे नारायण और आ गए.

कडवी बेल की तूमड़ी उस से भी कड़वी. किसी निम्न श्रेणी के परिवार का कोई व्यक्ति और अधिक ओछी हरकत करे तो.

पेट में पड़ गई रोटी तो फड़के बोटी बोटी. अर्थ स्पष्ट है. आमतौर पर बहुत छोटे बच्चों के लिए प्रयोग करते हैं जो दूध पीने के बाद हाथ पैर चलाने लगते हैं.

मैं ये कभी नहीं समझ सकता कि आप पर अभी किस कदर गुज़र रही है, लेकिन मैं अपनी प्रार्थना और संवेदना आपको देना चाहता हूँ।

कमाऊ खसम कौन न चाहे. सभी स्त्रियाँ चाहती हैं कि उन्हें अच्छा कमाने वाला पति मिले. लाभ के पद पर बैठे व्यक्ति से सब दोस्ती करना चाहते हैं.

कौड़ी बिना दो कौड़ी का. जिस के पास पैसा न हो उसे कोई नहीं पूछता.

पैरों से लंगड़ी, नाम फुदकी. नाम के विपरीत गुण.

भूखा खाए तो पतियाए. भूखे को कितने भी आश्वासन देते रहो, उसे विश्वास तभी होगा जब भर पेट खाने को मिल जाएगा.

करि कुचाल अंतहि पछतानी. कुचाल – नीच कार्य. निम्न श्रेणी के कार्य करोगे तो अंत में पछताना पड़ेगा.

जब जंगल जावे, तभी लोटा याद आवे. जंगल जाना – शौच के लिए खुले में जाना. आवश्यकता होने पर ही कोई चीज़ याद आती है यह कहने का हास्यप्रद तरीका.

घोड़े का गिरा संभल सकता है, नजरों का गिरा नहीं. एक बार किसी का विश्वास खो देने पर दोबारा लौट कर नहीं आ सकता.

डींग हांकनी है तो हल्की फुल्की क्यों. अर्थ स्पष्ट है.डींग हांकना – अपनी झूठी प्रशंसा करना.

मंगलवार परै दीवारी, हँसे किसान मरे व्यापारी. यदि दीपावली मंगलवार को पड़े तो फसल अच्छी होती है.

आओ मेरी हाट में, देऊं तेरी टाट में. लालची बनिया इस फ़िराक में रहता है कि कोई ग्राहक उसकी दूकान में आए और वह उसे ठगे.

तीन में न तेरह में, मृदंग बजाएं डेरे में. उपेक्षित होते हुए भी डींग हांकना.

बड़ा निवाला खाइए, बड़ा बोल न बोलिए. यदि आप धन धान्य से सम्पन्न हैं तो अच्छा खाइये पर अहंकार मत करिए.

बकरी जान से गई, राजा कहें नमक कम है. किसी गरीब का बहुत बड़ा नुकसान कर के यदि बड़ा आदमी कहे कि उसका मतलब हल नहीं हुआ तो यह कहावत कही जाती है.

बन्दर कभी गुलाटी मारना नहीं भूलता. धूर्त व्यक्ति कभी धूर्तता करने से बाज नहीं आता.

ताली दोउ कर बाजे (ताली दोनों हाथसे बजती है). ऊपर वाली कहावत की भांति.

धन, जोबन और माया, तीन दिनां की छाया. धन, यौवन और माया अधिक समय तक नहीं ठहरते (इसलिए इनके होने पर अभिमान नहीं करना चाहिए).

लुगाई से उसकी उमर न पूछो. स्त्री से उसकी आयु पूछना बहुत असभ्यता की निशानी है.

अंधा देखे आरसी, कानी काजल देय. अपात्र को कोई वस्तु मिल जाना. अंधे के लिए आरसी (छोटा दर्पण) और कानी के लिए काजल की कोई उपयोगिता नहीं है.

इसके बाद उन्होंने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया. मां ने भी बेटी का समर्थन किया. इस पर बेटे ने विरोध किया और कहा कि पूरी प्रॉपर्टी उसे ही मिलनी चाहिए.

“ दादी माँ के प्यार और आशीर्वाद से ही,घर की बढ़ती है रौनक और तरक्कीदादी माँ की बातों को ध्यान से सुना करो,उसमें होती है अनुभव चासनी पक्की…!!

पाव की हंडिया में सेर नहीं समाता. छोटे आदमी की बुद्धि में बड़ी बात नहीं समा सकती. छोटी मानसिकता वाले व्यक्ति से किसी बड़े काम की आशा नहीं की जा सकती.

बाप मरिहैं, तब पूत राज करिहैं. बाप के मरने के बाद ही बेटा राजा बनेगा. कोई बाधा दूर होने तक प्रतीक्षा करनी ही पड़ेगी.

धी पराई, आँख लजाई. कोई व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो, कितना भी अहंकारी क्यों न हो, बेटी की शादी के बाद उसे विनम्र होना पड़ता है.

कुछ लोहा खोटा, कुछ लोहार खोटा. सामान भी घटिया हो और बनाने वाला भी अयोग्य हो तो माल कैसे बनेगा.

मारा चोर उपासा पाहुन लौटता नहीं. मार खाया हुआ चोर और भूखे लौटाया हुआ अतिथि दोबारा नहीं आते. उपासा – उपवास कराया हुआ.

तीतर जाने तीतर की, मैं जानूँ तेरे भीतर की. बच्चों की कहावत.

दमड़ी की उगाही में दस चक्कर. थोड़े से लाभ के लिए बहुत अधिक परिश्रम करना पड़े तो.

नाई पुराना घोबी नया. नाई पुराना और अनुभवी अच्छा होता है जबकि धोबी नया अच्छा होता है क्योंकि उस के हाथों में ताकत और काम का उत्साह अधिक होता है.

मोहिनी देख मुनिवर चले. ढोंगी मुनि के लिए जो सुंदर स्त्री को देख कर तपस्या छोड़ कर उसकी ओर चल देते हैं.

सोने का निवाला खिलाइए और शेर की निगाह से देखिये. खिलाने पिलाने में बच्चे का खूब लाड़ प्यार करें पर उस पर कड़ी नज़र भी रखें.

जोगी को बैल बला. जोगी को बैल दान में दे दिया जाए तो वह उस के लिए मुसीबत ही होगा.

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