Confused Shayari In Hindi : कोई मुझ से पूछ बैठा बदलना किसे कहते है,सोच में पड़ गया हूँ मिसाल किस की दू मौसम की या अपनो की. आग लगाने की नई तरकीब बताते है,कुछ लोगो को हम मुस्कुराकर भी जलाते है.
राम नाम में आलसी भोजन में होशियार. भगवान का नाम लेने में आलस आता है पर खाने पीने में सबसे आगे हैं.
दुश्मन हो कितने भी पापीउसके लिए सिर्फ हम दो भाई ही काफी
गाल कट जाए पर चावल न उगले. बहुत कंजूस या बेशर्म आदमी के लिए.
जिस का नहीं साला, उसके घर में ताला. कुछ कहावतें केवल आपसी हंसी मजाक के लिए बनाई गई हैं.
घनी सीघी छिपकली चुन –चुन कीड़े खाय. ऊपर से सीधा-सादा दिखलाई पड़ने वाला भी कभी-कभी भीतर से बड़ा घातक होता है.
दुश्मन बोला महंगी पड़ेगी तुझे ये दुश्मनी, मैंने बोला सस्ती तो मैं शराब भी नहीं पीता।
अगर भूले से कभी हमारी याद आती हो और तन बदन में एक सिरहन सी दौड़ जाती हो तो मेरे सनम तुम मेरे पास चले आना अगर सूनी सूनी राते तुम्हें बहुत सताती हो।।
लेनदेन में लाज कैसी. लेन देन के मामले में औपचारिकता नहीं करनी चाहिए, लिखत पढ़त पूरी करनी चाहिए.
कौए को सोने के पिंजरे में मोती चुगाओ तो भी राजहंस नहीं हो सकता. अर्थ स्पष्ट है.
लालच बस परलोक नसाया. लालच में पड़ कर आदमी गलत काम करता है और अपने परलोक का सत्यानाश कर लेता है.
बच्चे तो पेट में भी लातें मारते हैं. बच्चों की शैतानियों पर कही गई कहावत.
जितने के बबुआ नाहीं, उतने के झुनझुना. (भोजपुरी कहावत) मूल वस्तु की कीमत कम, रख रखाव का खर्च अधिक.
अन्न दान महा दान. किसी भूखे को खिलाना सबसे बड़ा पुण्य है.
न गदहे को दूजा मालिक, न धोबी को जानवर दूजा. जहाँ दो व्यक्ति मजबूरी में एक दूसरे से गठबंधन किए हों और निभा रहे हों.
एक दर बंद, हजार दर खुले. यदि किसी को सहायता देने का एक रास्ता बंद कर दिया जाए तो उसके लिए अन्य बहुत सी संभावनाओं के द्वार खुल जाते हैं.
कलजुग के लइका करै कचहरी, बुढ़वा जोतै हल. कलियुग में लड़का संपत्ति के लिए कचहरी के चक्कर लगाता है और बूढ़े बाप को खेत मे हल चलाना पड़ता है.
पेट में न रोटी तो सारी बातें खोटी. मनुष्य भूख से व्याकुल हो तो उसे ज्ञान और आदर्श की सारी बातें बेमानी लगती हैं.
ऐसा रूम, जिसकी खिड़की ना दरवाजा तो बताओ क्या ?उत्तर – मशरूम
हार की परवाह करता, तो मैं जीतना छोङ देता,लेकिन ”जीत” मेरी जिद हैं,और जिद का मैं बादशाह हूँ।
जिस घर में नहिं बूढा, वो घर जानो बूड़ा. बूढ़ा – वृद्ध, बुजुर्ग, बूड़ा – डूबा. जिस घर में बुजुर्ग लोग न हों वह ड़ूब जाता है.
कछु दिन जदपि लुभत संसार, सदा न निभे कपट व्यौहार. कपट पूर्ण व्यवहार कर के कुछ दिन आप संसार को लुभा सकते हैं लेकिन अंत में भेद खुल ही जाता है.
दूध का उफान ठन्डे जल के छींटे से दबे. कोई व्यक्ति बहुत क्रोध में हो तो बदले में क्रोध करने से नहीं बल्कि शांत व्यवहार करने से वह शांत होता है.
घर की फूट, लोक की हांसी (घर की हान लोक की हांसी). घर के लोग आपस में लड़ते हैं तो दुनिया तमाशा देखती है.
रातों रोई एक न मरा. बहुत कोसा पर किसी का कुछ नहीं बिगड़ा.
किसी का घर जले कोई हाथ सेंके. नीच स्वार्थी लोगों के लिए जो दूसरों के कष्ट में अपना लाभ ढूँढ़ते हैं.
बेलज्जी बहुरिया पर घर नाचे. निर्लज्ज बहू दूसरों के घरों पर घूमती फिरती है.
हमारी भाईगिरी लोगोको हमेशा याद रहेगीचेहरे पे हमेशा खौफ औरलोगो को उनकी औकात याद रहेगी।
जिस की खातिर नाक कटाई, वो ही कहे नकटा. जिस को लाभ पहुंचाने के लिए कोई गलत काम किया, वही आप को गलत ठहरा रहा हो तो यह कहावत कही जाती है.
दिल्ली की कमाई, दिल्ली में ही गंवाई. पैसा कमाने के लिएघर से बाहर तो रहे पर जो भी कमाया वहीँ खर्च आये.
बिना माँगे सलाह देने से बाज आइए. बिना मांगे किसी को सलाह नहीं देना चाहिए (ऐसी सलाह का कोई मोल नहीं होता).
कागज हो तो हर कोई बांचे, भाग न बांचा जाए. कागज पर लिखा हर कोई पढ़ सकता है पर भाग्य में क्या लिखा है यह कोई नहीं पढ़ सकता.
पतुरिया का डेरा, जैसे ठगों का घेरा. पतुरिया – चरित्रहीन स्त्री. ऐसी स्त्री अपने मोहजाल में फंसा कर व्यक्ति का धन सम्मान सब ठग लेती है.
बकरी के मुँह में काशीफल. किसी को ऐसी चीज़ देना जिस का वह उपयोग ही न कर सके.
एक सवाल मेरे दिमाग में बहुत दिनों से खुजली कर रहा था,तो सोचा मैंने आज पूछ ही लू,,दिल्ली अगर दिल वालों की है तो लंदन किसका है।😛😛
ठाड़े के धन को जोखिम नहीं होता. जो आदमी जबर होता है उसकी संपत्ति को हाथ लगाने की कोई हिम्मत नहीं करता.
करनी न करतूत, लड़ने को मजबूत. जो व्यक्ति काम तो कुछ न करे पर लड़ने- झगड़ने में तेज हो.
का बर्षा जब कृषी सुखानी, (समय चूकि पुनि का पछितानी). खेती के सूखने के बाद वर्षा हो तो उससे क्या फायदा. समय पर कोई काम नहीं किया तो अब क्यों पछताते हो.
खलक का हलक किसने बंद किया है. जनता की आवाज़ को कोई नहीं दबा सकता.
मुफ्त का चंदन घिस रे लाला, तू भी घिस, घरवालों को भी बुला ला. कोई चीज मुफ्त में मिल रही हो तो सब उस का दुरूपयोग करते हैं.
लालच बुरी बलाए. बला माने कोई मुसीबत, दैवी आपदा. लालच सबसे बुरी बला है.
ब्याह पीछे बरात, बरात पीछे धौंसा. जो काम पहले करना चाहिए वह बाद में करना. विवाह के बाद बारात निकालना और बारात निकलने के बाद बैंड बाजा बजाना.
प्यार हम उनको करते हैं। जो हमारी फ़िकर करते हैं। कदर हम उनकी करते हैं। जो हमारी इज्ज़त करतें हैं। जीते हैं हम उनके लिए। जो हम पर मरते हैं।
मापा, कनिया और पटवारी, भेंट लिए बिन करें न यारी. (मापा – भूमि नापने वाला अमीन, कनिया – कानूनगो). ये सभी सरकारी कर्मचारी बिना भेंट लिए काम नहीं करते.
आँख सुख कलेजे ठंडक. जिन चीजों को देखने से आँखों को सुख मिलता है उनसे हृदय को भी शान्ति मिलती है.
कबिरा यह संसार है, जैसो सेमल फूल, दिन दस के व्यवहार में, झूठे रंग न भूल. यह संसार सेमल के फूल की भांति रंग बिरंगा परन्तु क्षण भंगुर है.
क्या उल्लू और क्या उल्लू का पट्ठा. किसी मूर्ख व्यक्ति और उसकी मूर्ख संतान के लिए हिकारत भरे शब्द.
रोती हुई आँखों में इंतज़ार होता है, ना चाहते हुए भी प्यार होता है!! क्यूँ देखते है हम वो सपने, जिनके टूटने पर भी उनके सच होने का इंतज़ार होता है!!
बानिये की बान न जाए, कुत्ता मूते टांग उठाए. जिस व्यक्ति की जो आदत होती है वह जाती नहीं है. बान – आदत, बानिया – आदत से मजबूर आदमी.
बड़न को बड़ो पेट. बड़े आदमियों का पेट भी बड़ा होता है. जो जितना बड़ा हाकिम होगा वह उतनी ही बड़ी रिश्वत मांगेगा.
पराए पूतन सपूती होए. दूसरे की संपत्ति से अपने को धनवान समझने की मूर्खता. पराए पूतन – दूसरे के पुत्रों से, सपूती – पुत्रवती.
आधे माघे, कंबली कांधे. आधा माघ बीत गया जाड़ा कम हो गया, अब कंबली ओढ़ो मत कंधे पर रख लो.
ओढ़नी की बतास लगी. स्त्री की गुलामी करने लगा. (ऐसे कहते हैं – फलाने को ओढ़नी की हवा लग गई है). बतास – हवा.
मां बाप से बढ़कर कोई दौलत नहींऔर मेरे भाई से बढ़कर कोई दोस्त नहीं
वकीलों का हाथ पराई जेब में. वकील हर समय अपने मुवक्किलों (clients) की जेब से पैसा निकालने की फिराक में रहते हैं.
गए को सबने सराहा है. व्यक्ति के मरने के बाद सब उसकी सराहना करते हैं.
जितना अधिक धन उतनी अधिक चिंता. धन आने के साथ उसको संभालने की चिंता भी बढ़ती जाती है.
एक टका दहेज, नौ टका दक्षिणा. विवाह में जितना दहेज दिया गया उससे कई गुना अधिक पंडित जी दक्षिणा मांग रहे हैं.
विश्वासघातकी महापातकी (विश्वासघाती महापापी). विश्वासघात करने वाला महापापी होता है.
अमीर की बकरी मरी गाँव भर रोया, गरीब की बेटी मरी कोई न आया. अर्थ स्पष्ट है.
रूठना मनाना तो चलता रहता हैलेकिन सच बताऊभाई से मिलने को हर पल मन मचलता रहता है
घोड़ा भेज के वैद बुलाए, मर्ज घटा तो पैदल पठाए. काम निकल जाने के बाद कोई नहीं पूछता.
बिल्ली गई चूहों की बन आयी. बिल्ली चली जाए तो चूहों की मौज हो जाती है. इंग्लिश में कहावत है – When the cat is away, the mice are at play.
पहले बो, पहले काट. खेती में जो पहले बोता है वह पहले फसल भी काटता है. पहले काम करने वाला हमेशा लाभ में रहता है.
एक से दो भले. कहीं जाना हो या कोई काम करना हो तो एक आदमी के मुकाबले दो अच्छे रहते हैं.
आ बे पत्थर पड़ मेरे गाँव. जबरदस्ती मुसीबत मोल लेना.
राज हंस बिन को करे, नीर छीर को दोय. राज हंस ही दूध और पानी को अलग कर सकता है. विवेकी व्यक्ति ही गलत सही का उचित मूल्यांकन कर सकता है.
झोपड़ी में रहें, महलों के ख्वाब देखें. जो अपनी वास्तविकता भूल कर बड़े बड़े सपने देखता है.
हाथ पसारने से पैर पसारना अच्छा. पैर पसारने से यहाँ अर्थ है मर जाना. किसी से कुछ माँगना पड़े इससे मौत अच्छी.
जबरदस्त के बीसों बिस्वे. जो जबरदस्त है वह सारा हिस्सा खुद लेना चाहता है. एक बीघे में बीस बिस्वे होते हैं. (देखिये परिशिष्ट)
मेढ़ा जब पीछे हटे, बैरी जब मीठा बोले. मेढ़ा जब पीछे हटे तो समझ लो कि टक्कर मारने वाला है, शत्रु जब मीठा बोले तो समझ लो कि नुकसान पहुँचाने वाला है.
दर्द के पीछे की हंसी,ख़ुशी के पीछे का गम,भीड़ की वो तन्हाईक्यों सबको नजर नही आती.
नज़ाकत है आंखों में या सीरत है ये तुम्हारी,मुस्कराके क़त्ल करते हो या बस आदत है ये तुम्हारी।