870+ Chod Ke Chale Gaye Shayari In Hindi | छोड़कर दूर जाने वाली शायरी

Chod Ke Chale Gaye Shayari In Hindi , छोड़कर दूर जाने वाली शायरी
Author: Quotes And Status Post Published at: July 20, 2023 Post Updated at: April 11, 2025

Chod Ke Chale Gaye Shayari In Hindi : इतना जो दर्द दिया है तुमने,क्या उसे भर पाओगे,या पहले की तरह,फिर से छोड़ कर चले जाओगे। वो जा रहा है छोड़कर जनाब,बताओ रास्ता दू या वास्ता दू।

अब खुद ही तुझको चलना होगा खुद ही तुझे संभलना होगा मैं कब तक तेरे साथ रहूँगा तुझे खुद ही वक़्त से लड़ना होगा

“नफरत करके क्यों किसी की एहमियत बढ़ानी, माफ़ करके उसको शर्मिंदा कर देना भी बुरा नहीं।”

नफरत है मुझे उस मोहब्बत से,जो मैंने कभी तुमसे की थी।

ऐ मोहब्बत तिरे अंजाम पे रोना आया,जाने क्यूँ आज तिरे नाम पे रोना आया।“शकील बदायुनी”

तुमसे भी तो गलतियां हो सकती है ना हर बार मुझपे इलज़ाम ज़रूरी है क्या

क्या बेमिसाल प्यार था, मेरे यार का,वादे किए मुझसे, निभाए किसी और के साथ।

बिन बात के ही रूठने की आदत है,किसी अपने का साथ पाने की चाहत है।आप खुश रहें, मेरा क्या है मैं तो आईना हूँ,मुझे तो टूटने की आदत है।

कोई किसी का खास नहीं होता,लोग तभी याद करते हैं।जब उसका टाइम पास नहीं होता।

रोये कुछ इस तरह से मेरे जिस्म से लग के वो,ऐसा लगा कि जैसे कभी बेवफा न थे वो।

“वापसी का सफर अब मुमकिन ना होगा। हम तो निकल चुके हैं, आंख से आंसू की तरह।”

आज खुद को मैं देख कर हैरान हो गया मैं रिश्ते बचाकर भी बदनाम हो गया मेरे अपने छीन लिए अब खुश होगा खुदा मैं खुद ज़ख्म औरों का इलाज हो गया

चलो अब जाने भी दो क्या करोगे दास्ताँ सुनकर,ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं और बयाँ हमसे होगा नहीं।

बहुत मुस्कुराते हैं वो लोग साहेब जो अंदर से टूटे होते हैं

टूटा दिल और धड़कन को एहसास ना हुआ,पास होकर भी वो दिल के पास न रहा।जब दूर थी तो,जान थी मेरी,आज जब हम क़रीब आये तो वो एहसास ना रहा।

तुम भी जान जाओगे इश्क का अंजाम ऐ दोस्त,मौत किस्तो मे जब आती है तो बहुत दर्द होता है।

ये मेरी महोब्बत और उसकी नफरत का मामला है,ऐ मेरे नसीब तू बीच में दखल-अंदाज़ी मत कर।

पहले उसने अपनी सारी हसरत पूरी की देखते ही देखते सारा मंज़र बदला जिसने मुझे कहा था तुम बदलोगे तो नहीं उसने पहले नीयत बदली फिर नंबर बदला

“नाराज हमसे खुशियां ही होती हैं। गमों के इतने नखरे नहीं होते।”

दिल से निकाल सको को निकाल देनाफिर हमसे दूर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

जख़्म इतना गहरा हैं इज़हार क्या करें,हम ख़ुद निशां बन गये ओरो का क्या करें।मर गए हम मगर खुली रही आँखे हमरी,क्योंकि हमारी आँखों को उनका इंतेज़ार हैं।

बहुत दर्द देती हैं तेरी यादें,सो जाऊं तो जगा देती हैं,,जग जाऊं तो रुला देती हैं।

हमारे बिन अधूरे तुम रहोगे,कभी चाहा किसी ने खुद तुम कहोगे।हम ना होंगे तो ये आलम ना होगा,मिलेंगे बहुत से पर हम सा कोई पागल ना होगा।

गाँव की धुल की याद आती है शहर की इमारतों में सुकून नहीं मिलता

रात आ कर गुज़र भी जाती है,इक हमारी सहर नहीं होती।

सच जान लो अलग होने से पहले,सुन लो मेरी भी अपनी सुनने से पहले।सोच लेना मुझे भुलने से पहले,रोई है बहुत ये आंखे मुस्कुराने से पहले।

चाहा था मुक्कमल हो मेरे गम की कहानी,मैं लिख ना सका कुछ भी तेरे नाम से आगे।

कोई नहीं था कोई नहीं होगा ,तुमसे ज़्यादा मेरे दिल के करीब।

जिंदगी तो कट ही जाती है,बस यही एक जिंदगी भर,,गम रहेगा की हम उसे ना पा सके।

“वो जा रही थी और मैं खामोश खड़ा देखता रहा, क्योंकि सुना था कि पीछे से आवाज़ नहीं देते।”

तुझसे यूँ थोड़ा खुल गया हूँ मैंयूँ तेरी आँखों में घुल गया हूँ मैंपीछे नही बल्कि तुम्हारे करीब आ गया हूँ मैं

फिर से एक उम्मीद पाल बैठी हूँ,फिर से तेरे पते पर चिट्टी डाल बैठी हूँ।

ये ज़िन्दगी सिर्फ पल दो पल है जिसमें ना तो आज ना कल है जी लो ज़िंदगी का हर पल इस तरह जैसे ये ज़िन्दगी का आखरी पल है

हमने भी किसी से प्यार किया था,हाथो मे फूल लेकर इंतेज़ार किया था।भूल उनकी नही भूल तो हमारी थी,क्यों की उन्होने नही, हमने उनसे प्यार किया था।

पाने से खोने का मज़ा कुछ और है,बंद आँखों से सोने का मज़ा कुछ और है।आँसू बने लफ़ज़ और लफ़ज़ बनी जुबा,इस ग़ज़ल में किसी के होने का मज़ा कुछ और है।

दूरियों की ना परवाह कीजिये दिल जब भी पुकारे बुला लीजिये कहीं दूर नहीं हैं हम आपसे बस अपनी पलकों को आँखों से मिला लीजिये.

बुरे वक़्त की ये भी एक निशानी है हर अच्छा इंसान बुरा हो जाता है

चेहरे अजनबी हो जाये तो कोई बात नहीं,मोहब्बत अजनबी होकर बड़ी तकलीफ देती है।

परेशान क्या हुए हम,वो अनजान समझ छोड़ गए।

“हमारे बाद नहीं आये गा उसे चाहत का ऐसा मज़ा, वो आरों से खुद कहेता फिरेगा मुझे चाहो उसकी तरह।”

“आज खुदा ने फिर पूछा तेरा हंसता चेहरा उदास क्यों है, तेरी आंखों में प्यास क्यों है? जिसके पास तेरे लिए वक्त नहीं, वही तेरे लिए खास क्यों है।”

उनकी मोहब्बतें हर जगह वो जो कहते थे हम इकलौते हैं

नफरतें लाख मिलीं पर मोहब्बत न मिली,ज़िन्दगी बीत गयी मगर राहत न मिली।तेरी महफ़िल में हर एक को हँसता देखा,एक मैं था जिसे हँसने की इजाज़त न मिली।

वक्त ने हमको चुप रहना सिखा दिया,और हालातों ने सब कुछ सहना सिखा दिया।अब किसी की आस नहीं ज़िन्दगी में,इन तन्हाइयों ने हमे अकेले रहना सिखा दिया।

ऐसा भी क्या हुआ, भरोसा ही था… टूट गया..!!

मैं कितना पागल था के भटका बादल था मैं गरजा भी नहीं मैं बरसा भी नहीं

किसी को मिला कोई किसी को ढूंढता ही रह गया मुझमें एक मुझसे गूंजता ही रह गया

बातों में आकर किसी की मुझे छोड़ तो रहे हो तुम, लेकिन याद रखना मैं याद आऊंगा बहुत !!

ज़िन्दगी अहसास है इसे अहसास रहने दो,वो अगर मेरे पास है तो मेरे पास रहने दो।आज है मेरी कल नहीं,जब तक साथ है साथ रहने दो।

बड़ी उदासी सी है, ग़मों की प्यास सी है।दिल है तनहा मिलने की आस सी है।

तुम मेरी ज़िन्दगी की वो कमी हो जो कोई भी आकर पूरी नहीं कर सकता

टूटे दिल को रोने की जगह नहीं मिली,इसके दर्द की कही कोई दवा नहीं मिली।सब को मिली थी अपनी सच्ची मोहब्बत तो क्यों,मेरी ही मोहब्बत की मुझे वफ़ा नही मिली।

सांसो का पिंजरा किसी दिन टूट जायेगा,ये मुसाफिर किसी राह में छूट जायेगा।अभी जिन्दा हु तो बात कर लिया करो,क्याब पता कब हम से खुदा रूठ जायेगा।

बनती गयी कहानी जहाँ जहाँ गया वो हर मोहल्ले में उसने किस्से बनाये हैं

“बात ये नहीं थी, कुछ कहना था तुम्हें.. तकलीफ़ ये है, कि तुम ख़ामोश क्यूँ रहे।”

महफिल लगी थी बद-दुआओं की, हमने भी दिल से कहा,उसे इश्क़ हो, उसे इश्क़ हो, उसे इश्क़ हो।

जो ताउम्र किसी एक के होकर रहें ऐसा महबूब अब कहां मिलता है

खुदा जाने आपसे कितने दूर हैं हमबस अकेले रहने को मजबूर है हमसजा ऐसी की मिल नहीं सकते आपसेबस इतना जान लो बेकसूर है हम।

क्या कोई बता सकता है ये इश्क़ में क्यों होता है दिल जिसको अपना कहता है वही बेवफ़ा होता है

रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे,बरसात में काग़ज़ की तरह भीग गयी हूँ।

क्या बात है, बड़े चुपचाप से बैठे हो,कोई बात दिल पे लगी है या दिल कही लगा बैठे हो।

उदास कर देती है हर रोज ये शाम मुझे,लगता है तू भूल रहा है मुझे धीर-धीरे।

स्कूल का वो बस्ता फिर से थमा दे माँ ये ज़िन्दगी का बोझ अब उठाया नहीं जा रहा

दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता,रोता है दिल जब वो पास नहीं होता।बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में,और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता।

मेहँदी जब लगे उसमें नाम मेरा हो,तेरी हर कहानियों में जिक्र मेरा हो।तू याद करे जब तो,तेरे आंसुओं में नाम मेरा हो।

जिनकी आँखे आँसू से नम नहीं क्या,समझते हो उसे कोई गम नहीं।तुम तड़प कर रो दिये तो क्या हुआ,गम छुपा के हंसने वाले भी इस दुनिया मे कम नहीं।

आज कल उनके दिल में कोई और रहने लगा हैक्योकि उनको हमसे दूर रहना अच्छा लगने लगा है।

तूने मोहब्बत का खेल खेला है अब दिल में ज़ख्मों का मेला है कभी हज़ारों थे साथ मेरे आज देखो दिल कितना अकेला है

“छोड़ दो बहाने जो तुम करते हो, हमे अच्छे से पता है, मजबुरियां तब ही आती है जब दिल भर जाता है।”

“हकीकत कुछ और ही होती है, हर गुमसुम इंसान पागल नही होता।”

बुला रहा है कौन मुझको उस तरफ,मेरे लिए भी क्या कोई उदास बेक़रार है।

जिसे मेरे नाम से मोहब्बत हुआ करती थी उसे मेरा नाम अब ज़हर सा लगता है

उलझी हुयी निगाहोन से मुजे देखता रहा,आयने में खादा शख्श परेशन था बोहत।

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