1960+ Character Shayari In Hindi | चरित्र पर सुविचार

Character Shayari In Hindi , चरित्र पर सुविचार
Author: Quotes And Status Post Published at: September 23, 2023 Post Updated at: March 24, 2024

Character Shayari In Hindi : ऐसा कार्य खराब नहीं जिनसे कपड़ों पर दाग लग जाए परन्तु ऐसा कार्य सबसे अधिक खराब है जिससे चरित्र पर दाग लग जाए। एक भव्य मकान का निर्माण उतना कठिन कार्य नहीं है जितना कठिन कार्य एक भव्य चरित्र का निर्माण करना है।

“ नफ़रत हो जायेगीतुझे अपने ही किरदार पेअगर में तेरे हिअंदाज मे तुझसे बात करुं…!!

हम मरेगें भी तो उस अंदाज में जिस अंदाज में लोग जीने को भी तरस जाते है ।

“आप जिंदगी में जितने अच्छे बनोगे उतने ही घटिया लोग मिलेंगे।”

उस घटिया इंसान ने मुझे नफरत करना सीखा दिया,उस बेवफा ने मुझे अपने जैसा बना दिया।

मीठी सी याद देकर चले गए दिल हमारा साथ लेकर चले गए सारी महफ़िल देखती रह गयी वो मस्त आँखों से पिलाकर चले गए

जिंदगी Football है Goal तक पहुंचने के लिए किक तो पड़ेगी

चरित्र वही है जो कि आप जानते है कि आप है, वह नहीं है जो दूसरे लोग सोचते है कि आप है।-कॉलिन्स (Collins)

शेर को सवा शेर कहीं ना कहीं ज़रूर मिलता हैं और रही बात हमारी तो हम तो बचपन से ही सवा शेर हैं

“उदास होने के लिए जिंदगी पड़ी है, सामने देखो मंजिल खड़ी है।”

संयम और श्रम मानव के दो सर्वोत्तम चिकित्सक हैं।-रूसो (Rousseau)

बुद्धिमानी की किताब में ईमानदारी पहला अध्याय है

एटीट्यूड में उसे ही दिखाती हूं जिसे मेरी तमीज समझ नहीं आती ।

तेरी ईगो तो 2 दिन की कहानी है,लेकिन मेरी अक्कड़ तो खानदानी है.

चरित्र निर्माण के तीन आधार स्तम्भ है, अधिक निरीक्षण करना, अधिक अनुभव करना एवं अधिक अध्ययन करना।-कैथराल (Kathral)

घटिया आदमी के शरीफ आदमी हमेशा एक शिकार होता है।

सोच इतनी घटिया हो गई है ज़माने की ,लड़कियां मुंह खोलते ही भईया बोलती है।वो समझती है कि वो ज्यादा भोली बन रही,असल में वो अपनी घटिया सोच को दिखाती है।

अगर आप मूर्ख नहीं हैं तो “ईमानदार” होना खतरनाक है.

तुम कुलीन हो या अकुलीन, वीर हो या कायर, पवित्र हो या अपवित्र यह आपके चरित्र से ज्ञात हो जाएगा।-वाल्मीकि (Valmiki)

“ यूँ तो फिर कई किरदार हैं मेरेपर तू जो समझे बस वही हूँ मैं…!!

“एक समर्थ व्यक्ति के पिछे कई समर्थ साथी भी होते है। अकेला कोई कुछ नहीं होता।”

उसकी हरकतों से जग उसे जान जायेगा,घटिया आदमी कब तक अपनी पहचान छिपायेगा।

मुझे आसमानो में उड़ने का शौक हैं, परिंदो के बीच खेलने का शौक हैं, अगर मुझे जानना हो तो जरा दूर से ही जानना मैं परवाना हूँ, मुझे आग में जलने का शौक हैं।

टूटा हुआ विश्वास और छुटा हुआ बचपन दोबारा नहीं लौटता…

हम अपनी ही दुनिया में मशरूफ रहते हैं जनाब छेड़ना तभी जब झेलने का दम हो ।

एक भव्य मकान का निर्माण उतना कठिन कार्य नहीं है जितना कठिन कार्य एक भव्य चरित्र का निर्माण करना है।

नीम के पत्ते कड़वे ही सही, पर खून तो साफ़ करते हैं।

चारित्रिक गठन इंसान कीप्रथम आवश्यकता है.स्वामी विवेकानन्द

“ वह एक महान चरित्र है, वह उन पात्रोंका होना चाहिए, जो दूसरों के लिए दर्दसहन करने के लिए मजबूत, मरीजऔर शक्तिशाली होंगे…!!

इतनी ठोकरे देने के लिए शुक्रिया ऐ जिंदगी , चलने का ना सही लेकिन संभलने का हुनर तो आ गया !

जीवन एक बार ही मिला है, क्यों ना इसे खुलकर जिया जाए…

दोस्तों से बड़ी कोई विरासत नही होती है और संस्कारों से बड़ी कोई वसीयत नही होती है।

ये दुनिया घटिया नहीं बस अच्छे लोगों की,मुलाक़ात अक्सर बुरे लोगों से होती है।

सुनो कान्हा,जिस पल कोई आस न हो,उस पल भी तुझसे आस बाकि हो !मुझमे तेरी एक साँस बाकि हो !

जो निरंतर मेहनत करते है उनके रिजल्ट की चिंता स्वंय ईश्वर करते है

जिंदगी हर रोज सूर्य की पहलीकिरण के साथ नई उम्मीद देती है,यही इंसान के लिए जीने की वजह देती है.!

याद रखें कि जहाँ भी_आपका दिल है, वहाँ आपको अपना #खजाना मिलेगा।

“ जिंदगी में बड़ी शिद्दतसे निभाओ अपना किरदारकि परदा गिरने के बादभी तालीयाँ बजती रहे…!!

एक तरफ साँवले कृष्ण, दूसरी तरफ राधिका गोरीजैसे एक-दूसरे से मिल गए हों चाँद-चकोरी

क्या फर्क होता खुदा और पीर में क्या फर्क होता किस्मत और तक़दीर में अगर कुछ चाहो और ना मिले ज़माने से तो समझना कुछ और अच्छा  लिखा हाथ की लकीर में

घटिया लोग और घटिया सोच कभी,इंसान कभी आगे नहीं लेके जाती।

शिक्षा हमें धन दौलत और प्रसिद्धि दिला सकती है पर उन्हें संभाल कर रखना संस्कार ही सिखा सकते है।

हम अपना एटीट्यूड भी उसे ही दिखाते हैं जिन्हें मेरा तमीज समझ नहीं आता।

👆हम बाजीराव 👳नहीं__जो मस्तानी👸_के लीऐ दोस्ती 👬छोड़_दे__! अरे पगली👸 हम_तो दोस्ती 👬के लीऐ तो हजारो__मस्तानी 👸छोड़_देगे..

शक करना ग़लत था मगर शक बिल्कुल सही था।

पाकिस्तान के बॉलर जब भी पीटते है, तभी भारतीयों के चहेरे खिलते है…!!

“जिन्दगी हमें खुश रहने का दूसरा मौका अवश्य देती है , जिसे “कल” कहते हैं।”

आजकल के इंसान दिलों से नही जरूरतों से रिश्ता बनाते हैं।

होते घटिया लोग हैं, आस्तीन के सांप,राम-राम जपते रहें, करते रहते पाप।

अपने अंदर आत्मविश्वाश जगाइए, जिससे खुद की पर्सनैलिटी को ऊंचाइयों तक ले जा सकें।

जिसे प्रभु ने सबसे श्रेष्ठ समझा ,वही यब से घठिया निकला।।

चरित्र जब गिरता है तब मिट्टी के बर्तन की भाँति चकनाचूर हो जाता है।-माघ (Magha)

ना समझ सके ना समझा सके ख़ुद की ही बाते ना दोहरा सके,कहानी ही बत्तर थी घटिया थी के ख़ुद की कहानी ना बता सके।

“जीत निश्चित हो तो कायर भी लड़ सकते है। बहादुर वो कहलाते है जो हार निश्चित हो, फिर भी मैदान नहीं छोड़ते।”

चरित्र निर्माण हो गयातो बाकी निर्माण स्वतः हो जायेंगे.स्वामी विवेकानन्द

चरित्र की शुद्धि ही सारे ज्ञान का ध्येय होनी चाहिए।-महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi)

क्यों ना कहूँ इन दुनिया वालों को घटिया,इन दुनिया वालों को हर कोई घटिया नज़र आता है।

मन की दुर्बलता से अधिक भयंकर और कोई पाप नहीं है -स्वामी विवेकानंद

कौशल को छुपा हुआ खजाना कहा जाता है क्योंकि वो परदेस में एक माँ की तरह बचत करते हैं।

जब से मैं आज में रहने लगा हूँ, कल की फ़िक्र नहीं रहती अब!

ये दिल ना जाने  क्या कर बैठा बिना पूछे ही फैसला कर बैठा ज़मीन पर कभी टूटे तारे नहीं गिरते और ये पागल दिल चाँद से प्यार कर बैठा

दोस्त बनकर जो धोखा दे,उससे बड़ा कोई दुश्मन नहीं हो सकता।

जिंदगी में कभी निराशा मत होना ,क्या पता कल वो दिन हो जिसका तुम्हें सालों से इंतजार था

वक्त ही तो है बदल जाएगा,आज तेरा है कल मेरा होगा.

अपनी लाइफ में विचारों से आजाद रहें, लेकिन अपने संस्कार में बंधे रहें।

अगर किसी व्यक्ति की पर्सनालिटी सकारात्मक है तो उससे ज्यादा आकर्षक और कुछ नहीं हो सकता।

ये वक्त है बदलेगा जरूर, आज तेरा है तो कल मेरा भी आएगा जरूर।

पहनने वाले कपडे का निर्माण दर्जी करता है,लेकिन चरित्र का निर्माण स्वयं करना पड़ता है.

हमारी बुद्धिमत्ता का अंत स्वतंत्रता है,संस्कृति का अंत पूर्णता है, ज्ञान का अंतप्रेम है और शिक्षा का अंत चरित्र है.सत्य साईं बाबा

किसी की मजबूरी का कभी मज़ाक न बनाओ दोस्तों, जिंदगी अगर मौका देती है, तो वही जिंदगी धोखा भी देती है.!

“जैसे आपके अभ्यस्त विचार हैं, वैसे ही आपके मन का चरित्र भी होगा, क्योंकि आत्मा विचारों से रंगी हुई है।” – मार्कस ऑरेलियस

चरित्र का पता जो आप के लिए कुछ नहीं कर सकते उनके प्रति आपके व्यवहार से चलता है।– अज्ञात (Unknown)

मुझे हराकर कोई मेरी जान भी ले जाये तो मुझे मंजूर है, लेकिन धोखा देने वाले को मैं दोबारा मौका नहीं देता।

Recent Posts