1960+ Character Shayari In Hindi | चरित्र पर सुविचार

Character Shayari In Hindi , चरित्र पर सुविचार
Author: Quotes And Status Post Published at: September 23, 2023 Post Updated at: March 24, 2024

Character Shayari In Hindi : ऐसा कार्य खराब नहीं जिनसे कपड़ों पर दाग लग जाए परन्तु ऐसा कार्य सबसे अधिक खराब है जिससे चरित्र पर दाग लग जाए। एक भव्य मकान का निर्माण उतना कठिन कार्य नहीं है जितना कठिन कार्य एक भव्य चरित्र का निर्माण करना है।

चाह कर भी जुदा ना रह सकोगे रूठकर भी खफा ना रह सकोगे हम रिश्ते ही कुछ ऐसे निभायेंगे की आप हमारे बिना एक पल भी ना रह सकोगे

मेरे मुँह लगोगे तो जल जाओगे क्योकि,लोगों कि नज़र में बहुत बदनाम हुं मैं.

हम अपनी attitude भी वही दिखाते हैं जहां लोग अपनी औकात दिखाने लगते हैं !

मनुष्य का चरित्र वह वस्त्र हैजो विचारों के धागों से बनता है.जेम्स एलन

चरित्र के दर्पण में छोटी-छोटी बातें शोभा पाती है और लम्बी चौड़ी बातें विकृत नजर आती है।-सैमुएल स्माइल्स (Samuel Smiles)

खुद पर इतना भरोसा है हमें, कि जो हमें खोएगा येकीनन रोएगा .. !

“जिनके उपर जिम्मेदारियों का बोझ होता है उनके पास रूठने और टूटने का वक्त नहीं होता है।”

समाज के प्रचलित विधि विधानों का उल्लंघन केवल चरित्र बल पर ही सहन किया जा सकता है।-शरतचंद्र (Sarat Chandra)

इसी बात से लगा लेना मेरी शोहरत का अंदाजा,वह मुझे सलाम करते हैं, जिन्हें तू सलाम करता है.

“जब मैं और तुम मिलें, तो किसी और की बात क्यों करें #Success ।”

मैं खिलाड़ी था मजा हुआ क्रिकेट का, लेकिन कोई मेरे दिल के साथ भी यूं खेल जायेगा ये ”मालुम” ना था…!!

जाती नहीं आँखों से सूरत तेरी ना जाती है दिल से मोहब्बत तेरी तेरे जाने के बाद होता है महसूस यूँ हमें और भी ज्यादा जरुरत है तेरी

पाने को ही प्रेम कहे जग की ये है रीत,प्रेम का अर्थ समझायेगी राधा-कृष्णा की प्रीत।

“ दुनिया की कई समस्याओं काकारण चरित्र निर्माण परध्यान नहीं देना होता है….!!

शॉट धोनी का हवाई,और पांड्या की पिटाई, क्रिकेट देखने का मजा बढ़ा देती है…!!

कैसे भरोसा करू गैरों के प्यार पर,यहाँ अपने ही मजा लेते हैं अपनों की हार पर।

घटिया लोगों से ज्यादा घटिया वो शरीफ लोग लगते हैं,जो घटिया लोगों का साथ देते हैं।

आसान नहीं होती एक लड़की की जिंदगी जिसे घरवालों की बाते भी सुननी पड़े और बाहरवालों के ताने भी ।

जो दूसरों की नकल करता है, वह व्यक्ति कभी भी अपनी पर्सनैलिटी डेवलप नहीं कर पाता है।

एक दिन हर आदमी को मरना है,जीते जी ही यहां सब कर गुजरना है।मतलब के लिए नहीं रिश्तों के लिए सब करना है,याद रख मतलबी एक दिन तुझे भी तो मरना है।

सफलता के कपड़े तैयार नहीं मिलते,उसे सिलने के लिए मेहनत का धागा जरूरी होता हैं…

लालच, मतलबी दिमाग़, ओछी सोच इंसान को ,संवेदनहीन बनाने में अपनी सक्रिय भूमिका निभा जाते हैं।

“असफलता का मतलब यह नहीं कि आप असफल हैं, इसका मतलब सिर्फ इतना है कि आप अब तक सफल नहीं हो पाए हैं।” –  रॉबर्ट शुलर

मेरे जख्मों को वो भरने की बात करता था,पर वो ज़ख्म मेरे कभी ना भरता था।पहले अच्छी बातें कर भरोसा जीतता था,और फिर अपना घटियापन दिखाता था।

जब सिर पर जिम्मेदारियाँ बढ़ जाती हैं तो ख्वाहिशें अपने आप ख़ुदकुशी कर लेती हैं।

अगर किसी को कुछ देना चाहते हो, तो सबसे पहले उनको इज़्ज़त दो.!

सोच बदली जा सकती है लेकिन संस्कार नही, संस्कार दिए नही जा सकते है केवल परिवार से सीखे जाते है।

इतना अमीर नहीं हूँ कि सब कुछ खरीद लूँ , लेकिन इतना गरीब भी नहीं हूँ कि खुद बिक जाऊं !!

माना की तू चाँद हैं, तुझे देखने को लोग तरसते हैं मगर हम भी सूरज जैसे हैं, लोग हमे देखकर अपना सर झुकाते हैं।

अपनी समस्याओं को बगैर मदद के हल करना ही आपकी पर्सनैलिटी है।

चरित्र बगैर सफलता के भी रह सकता है।-इमर्सन (Emerson)

चरित्रवान बनो, संसार स्वयं तुम पर मुग्ध होगा। फूल खिलने दोगे तो मधुमक्खियां स्वतः ही चली आएँगी।-रामकृष्ण परमहंस (Ramakrishna Paramahansa)

सुन बेटा तुम्हारे खून में सिर्फ जलना लिखा हैऔर हमारे खून में सिर्फ जलाना.

हर बॉल पवेलियन के बाहर होगा, स्कोर बोर्ड दौड़ेगा घोड़े की चाल, गेंद भी रोने लगेगा अपनी किस्मत पर, बॉलर भी भूल जाएगा अपनी चाल…!!

चारों तरफ फैल रही हैं,इनके प्यार की खुशबू थोड़ी-थोड़ीकितनी प्यारी लग रही हैं,साँवरे-गोरी की यह जोड़ी।।

“ हमारी बुद्धिमत्ता का अंत स्वतंत्रता है,संस्कृति का अंत पूर्णता है, ज्ञान का अंतप्रेम है और शिक्षा का अंत चरित्र है….!!

अपनी जिंदगी की लड़ाई खुद ही लड़नी होगी, लोग ज्ञान देने आयेंगे साथ देने नहीं।

जो मैदान में जी-जान  लगाते  है और किस्मत के धनी होते है

घर के लोगो द्वारा दिए गए संस्कार से व्यक्तित्व का निर्माण होता है, इसके लिए किसी क्लास की जरूरत नहीं पड़ती।

कमियाँ तो बहुत हैं मुझमेंसाला कोई निकाल के तो देखे.

कैसे करू भरोसा गैरो के प्यार पर,अपने ही मजा लेते अपनो की हार पर।

फिर वही दिन होगी  फिर वही  रात  होगी लेकिन अब ना जाने कब मुलाकात होगी मगर करते रहना एस मेस तभी तो दिल की दिल से बात  होगी

वक़्त तो वक़्त पर ही बदलता हैं,लेकिन इंसान कभी भी बदल सकता हैं…Waqt toh waqt par hi badalta hain,Lekin insaan kabhi bhi badal sakta hain…

मैं वर्षों से चरित्र में सुधार कर रहा हूं लेकिन … कुछ लोगों ने इस बात को फैलाया।

मेरी ज़िंदगी तो गुजरी तेरे हिज्र के सहारे, मेरी मौत को भी कोई बहाना चाहिए।

संतुलित मन के समान कोई तपस्या नहीं है, और संतोष के समान कोई सुख नहीं है; लोभ जैसा कोई रोग नहीं, और दया जैसा कोई पुण्य नहीं।

क्या कहे कुछ कहा नहीं जाता दर्द मिलता है पर सहा नहीं जाता प्यार हो गया है इस कदर आपसे की बिना डिस्ट्रब किये मुझसे रहा नहीं जाता

हम वो हैं जो अपने नसें में चूर रहते हैं इस दुनिया का हमने ठेका थोड़ी ना ले रखा है ।

आँखों के इशारे समझ नहीं पाते होंठों से दिल की बात कह नहीं पाते अपनी बेबसी हम किस तरह कहे कोई है जिसके बिना हम रह नहीं पाते

जो अपने चरित्र को मज़बूत बना लेता है उसे कोई परेशानी या मजबूरी अपने आगे झुका नहीं सकती।

इन्सान घटिया या चरित्रवान,अपने कपड़ों से नहीं अपने कर्मों से बनता है।

कभी किसी को गालियां मत देना,बेज़्जती उसकी नहीं चीजो़ की होगी।जो गिरा था वो गिरा सही,घटिया होना उसकी फितरत होगी।

चरित्रवान बनो, संसार स्वयं तुम पर मुग्ध होगा। फूल खिलने दोगे तो मधुमक्खियां स्वतः ही चली आएँगी।-रामकृष्ण परमहंस (Ramakrishna Paramahansa)

जब से देखा है नजरो ने आपको इनको और कुछ भी नजर नहीं आता ना जाने कैसा  किया है  जादू आपने कोई और चेहरा इसको नहीं भाता

कभी मतलब के लिए,तो कभी बस दिल्लगी के लिए।हर कोई मोहब्बत ढूंढ रहा है,यहाँ ज़िन्दगी के लिये।

हम सिंगल ही सही,जिसकी Girlfriend है,उसने कौन सी लंका जीत ली है.

शब्द नहीं जो मिट जाये उम्र नहीं जो ढल जाये सफर नहीं जो मंजिल पाये ये तो वो एहसास है जिसके लिए अगर जिया जाये तो ज़िंदगी कम पड़ जाये

सर झुकाने की आदत नहीं आंसू बहाने की आदत नहीं,हम बिछड़ गए तो रोओगे,क्योंकि हमारी लौट के आने की आदत नहीं.

अहंकार और संस्कार में फर्क है, अहंकार दूसरों को झुकाकर खुश होता है और संस्कार स्वयं झूलकर खुश होता है।

अपनी औकात में रहना सीख बेटा, वरना जो हमारी आँखों में खटकते है, वो श्मशान में भटकते है ।

हमारी तो दुआ है कोई गिला नहीं वो गुलाब जो आज तक खिला नहीं आज के दिन वो सब कुछ मिले जो आज तक किसी को मिला नहीं

अगर आपका व्यक्तित्व ही बदसूरत है तो यह आपके चेहरे की सुंदरता को भी नष्ट कर देगा।

“चरित्र स्थायी नहीं होता, यह दिन पर दिन निर्माण होता है।” – जॉश बिलिंग्स

इस दुनिया में किसी की बात मत सुनो वो करो जो तुम्हारा दिल कहे क्योंकि ये जिंदगी तुम्हारी है किसी के बाप की नहीं ।

जो व्यवहार अपने लिए ना पसन्द हो वो दुसरो के साथ कभी नहीं करना चाहिए।

हम खुद अपनी तकदीर लिखते हैं खुद की लिखावट को बदलना तो हमारी फितरत है हार को जीत में बदलकर हाथों की लकीर बदलते हैं

“जिंदगी खुशियां बटोरते बटोरते पता नहीं कब निकल गयी अब पता चला कि खुश तो वो थे जो खुशियां बाँट रहे थे।”

“ना आवाज हुई ना तामाशा हुआ, बड़ी खामोशी से टूट गया एक भरोसा जो किसी पर था हमें।”

कृष्णा के कदमो पे कदम बढाते चलो,अब मुरली नही तो सीटी बजाते चलोराधा तो घर वाले दिलाएंगे ही,मगर तब तक गोपियाँ पटाते चलो।

उस व्यक्ति को कोई नहीं हरा सकता है, जिसकी जीतने की भूख काफी बड़ी हो।

हमारी शराफत का फायदा उठाना बंद कर दो,जिस दिन हम बदमाश हो गए क़यामत आ जायेगी !

किसी ने क्या खूब पूछा जब भगवान हर जग़ह है तो मन्दिर क्यों जाते हो? ख़ूबसूरत जवाब जब सब कुछ किताबों में है तो स्कूल क्यों जाते हो?

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