Chand Par Shayari In Hindi : एक अदा आपकी दिल चुराने कीएक अदा आपकी दिल में बस जाने कीचांद है आपका चेहराऔर हमें ज़िद है चांद को पाने की। इतना खूबसूरत इतफ़ाक़ हैअमावस की रात है और चाँद मेरे पास है।
“ सुबह हुई कि छेडने लगता हैसूरज मुझको कहता हैबडा नाज़ था अपने चाँद पर अब बोलो…!!
मुझे तो रोक लिया उसे कैसे रोकोगी तुम वो जब चांद तुम्हें देखेगा उसे कैसे टोकोगी तुम
खोया हुआ है आजकल सितारों की महफिल में, मेरा चाँद मुझसे बेवफाई कर बैठा है।
चाँद की चांदनी पर एक पहरा दिख रहा है, आज मुझे आसमान पर तुम्हारा चेहरा दिख रहा है !!!
“ देखा चांद आज जो मेरे छत की तरफ,शर्मा के डूब गया मगरिब की तरफ,बुला रखा हूं मैं जो अपने महबूब को,तारे चमकने लगे हैं आसमां की तरफ….!!
चाँद ने भी आज संगीत का दामन थामा है, यकीनन आज उसका भी दिल टूटा होगा।
आज चाँद बैठा है पहलु में,और क़तरा क़तरा मैं पिघल रहा हूँ।
ऐ काश हमारी क़िस्मत में ऐसी भी कोई शाम आ जाए,एक चाँद फ़लक पर निकला हो एक छत पर आ जाए।
बेसबब मुस्कुरा रहा है चाँद, कोई साजिश छुपा रहा है चाँद.,
“ रात को रोज़ डूब जाता हैचाँद को तैरना सिखाना है मुझे…!!
“ रात्रि का वक़्त औरआकाश में लालिमा है,क्या तुम्हें पता हैआज शरद पूर्णिमा है….!!
रात गुमसुम हैं मगर चाँद ख़ामोश नहीं, कैसे कह दूँ फिर आज मुझे होश नहीं, ऐसे डूबा तेरी आँखों की गहराई में आज, हाथ में जाम हैं, मगर पीने का होश नहीं.,
कितना भी कर ले, चाँद से इश्क़, रात के मुक़द्दर मे, अँधियारे ही लिखे हैं.,
प्यार में झुकना कोई गलत बात नहीं, सूरज भी झुकता है चाँद को देखने के लिए !!!
“ रात में एक टूटता तारादेखा बिलकुल मेरे जैसा थाचाँद को कोई फर्क नहींपड़ा बिलकुल तेरे जैसा था…!!
तुम सुबह की चाँद बन जाओ, मैं शाम का ढलता सूरज बन जायूँगा, मिलेंगे हम तभी जब, तुम मुझमे ढल जाओ, मैं तुममें ढल जाऊ !!!
चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकली, कुछ पल ठहरी और फिर चल निकली, उन से क्या कहे वो तो सच्चे थे शायद, हमारी तक़दीर ही हमसे खफा निकली…
उम्मीदें कहीं पालकर हमने संभाला था हमारा दिल।पर तेरा चाँद सा मुख हाय बना गया ही कातिल।।
देखा चांद आज जो मेरे छत की तरफ, शर्मा के डूब गया मगरिब की तरफ, बुला रखा हूं मैं जो अपने महबूब को,तारे चमकने लगे हैं आसमां की तरफ.,
रात में एक टूटता तारा देखा बिलकुल मेरे जैसा था…चाँद को कोई फर्क नहीं पड़ा बिलकुल तेरे जैसा था !
जब भी हम हर रात चाँद देखते हैंदिल से तुम को हम सलाम भेजते हैं,आ जाओ ना जल्दी लौट कर तुमकबसे हम तुम्हारी राह देखते हैं..।
ये पूरा चांद बिल्कुल तुम सा खूबसूरत होता है, लेकिन ऐसा सिर्फ कभी-कभी ही होता है।
इन आँखों को जब तेरे चाँद जैसे चेहरे का, दीदार हो जाता है, सच कहू ,वो दिन कोई सा भी हो लेकिन त्यौहार हो जाता है….
“ क्यूँ मेरी तरह रातोंको रहता है परेशाँ,ऐ चाँद बता किस सेतेरी आँख लड़ी है…!!
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बताओ जान क्या चाहती हो आप मुझसे, चाँद तारे लाकर रख दू मै आपके कदमो पे ?
चलो चाँद का किरदार अपना लें हम, दाग अपने पास रखें और रौशनी बाँट दें.,
कितना हसीन चाँद सा चेहरा है !! उस पर शबाब !!का रंग गहरा है !! खुदा को यकीन न था वफा पर !!तभी चाँद पर तारों का पहरा है !!
“ जिस प्रकार चाँद हमेशाघटता और बढ़ता रहता है,ठीक उसी प्रकार इंसान काप्रेम भी घटता और बढ़तामहसूस होता है….!!
चाहते तो हम भी तुम्हे एक जमाने से थेमगर ये चांद कब मोहब्बतकरने वालो का हुआ है.!!
कभी तो आसमाँ से चाँद उतरे जाम हो जाए,तुम्हारे नाम की इक ख़ूब सूरत शाम हो जाए..!!
तुम आए तो थे एक कहानी बनकरलेकिन बस गए मेरे जिंदगी में रात की चाँदनी बनकर
बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर पलकों से लिख रहा था तेरा नाम चाँद पर।
रात में एक टूटता तारा देखा बिलकुल मेरे जैसा था,चाँद को कोई फ़र्क नही पड़ा बिल्कुल तेरे जैसा था.
अहसान अगर करो तो किसी को खबर न हो !!सूरज का जैसे जिक्र नहीं चाँदनी क साथ !!
एक अदा आपकी दिल चुराने की, एक अदा आपकी दिल में बस जाने की, चेहरा आपका चाँद सा और एक… हसरत हमारी उस चाँद को पाने की।
पलके झुकाके कुछ नज़ाकत के साथ यूं शरमाते हैं, जब वो प्यार से हमें अपना चाँद बुलाते हैं।
रात भर करता रहा तेरी तारीफ़ चाँद से,चाँद इतना जला की सुबह तक सूरज हो गया…
ख्वाबो की बातें वो जाने जिनका नींद से रिश्ता हो, मैं तो रात गुजारती हुँ चाँद को देखने में.,
अब चाँद हमसे रूठा-रूठा रहने लगा हैं क्योंकि अब रात में हम उसे कम तुम्हे ज्यादा देखते है।
कौन कहता है क़ि चाँद तारे तोड़ लाना ज़रूरी है, दिल को छू जाए प्यार से दो लफ्ज़, वही काफ़ी है…
हो मेरे दिल का नूर तुमतुम्हीं से मोहब्बत भी है,चाँद की चाँदनी सी प्यारीतुम्हारी भोली सूरत भी है।
तुझको देखा तो फिर उसको ना देखा मैं,चाँद कहता रह गया मैं चाँद हूँ मैं चाँद हूँ।
तेरी बेवफाई के किस्से सुन ये चांद भी हर रात घटता गया, जब हो गई इंतहा, तो वो भी अमावस को मुझे तन्हा कर गया।
ऐ चाँद चला जा क्यों आया है तू मेरी चौखट पर, छोड़ गया वो शख्स जिसके धोखे में तुझे देखते थे।
जागता रह गया रात भर इसी उम्मीद में की, चांद चल रहा है तो आएगा मेरे छत पर भी.,
“ तू अपनी निगाहों से न देख खुद को,चमकता हीरा भी तुझे पत्थर लगेगा,सब कहते होंगे चाँद का टुकड़ा है तू,मेरी नजर से देख, चांद तेरा टुकड़ा लगेगा…!!
आज टूटेगा गुरूर चाँद का तुम देखना यारों आज मैंने उन्हें छत पर बुला रखा है…!
चाँद तो अपनी चाँदनी को ही निहारता है, उसे कहाँ खबर कोई चकोर प्यासा रह जाता है…
ना दिन में चैन है ना रात में नींद, खो गया मेरा चाँद आसमा के बीच !!!
काश मैं उनका अंबरवो मेरी चांद बन जाएकुछ इस तरह हम दोनोंएक दूजे के हो जाए..!
आप कुछ यूँ मेरे आइना-ए-दिल में आए, जिस तरह चाँद उतर आया हो पैमाने में.,
क्यों मेरी तरह रातों को रहता है परेशान, ऐ चाँद बता किस से तेरी आँख लड़ी है.,
आसमान में सितारों से चमकाई रोशनीचाँदनी जैसे चाँद के लिये ही बनाई हो चमकनेके लिए
ना जाने किस रैन बसेरो की तलाश है इस चाँद को, रात भर बिना कम्बल भटकता रहता है इन सर्द रातो में.,
“ मेरी और चाँद कीकिस्मत मिलती जुलती है,वो सितारों में अकेला,मैं हजारों में अकेला…!!
तुम आ गये हो तो फिर चाँदनी सी बातें हों, ज़मीं पे चाँद कहाँ रोज़ रोज़ उतरता है.,
“ जिंदगी में जब अकेलापन ज्यादा बढ़ जाएँ,तो किसी रोज शाम के वक़्त छत पर जाकरचाँद के साथ थोड़ा वक़्त जरूर बिताना…!!
काश कि तु चाँद और मैं सितारा होता, आसमान में एक आशियाना हमारा होता, लोग तुम्हे दूर से देखते, नज़दीक़ से देखने का हक़ बस हमारा होता….
चाँद की चाँदनी सी है आप की सूरतजैसे किसी परी सी है आप की मूरत,सम्हाले नहीं सम्हलती है मेरी नज़रेंइतनी प्यारी है जान लो आपकी सूरत..।
चांद गवाह है मेरे प्यार कावो चांद के सामने प्यार की बाते करते थे।
वो थका हुआ मेरी बाहों में ज़रा सो गया था तो क्या हुआ,अभी मैं ने देखा है चाँद भी किसी शाख़-ए-गुल पे झुका हुआ !
चांद पर थोड़ा गुरूर हम भी कर लें, पर मेरी नजरें पहले महबूब से तो हटें।
बुझ गये ग़म की हवा से, प्यार के जलते चराग,बेवफ़ाई चाँद ने की, पड़ गया इसमें भी दाग…
कुछ तुम कोरे कोरे से, कुछ हम सादे सादे से, एक आसमां पर जैसे, दो चाँद आधे आधे से.,
एक बोसा ही दिया था रात ने चाँद तू तो रात ही का हो गया….
इजाजत हो तो मैं भी तुम्हारे पास आ जाऊँ, देखों ना चाँद के पास भी तो एक सितारा है.,
उस चाँद को बहुत गुरूर हैं कि उसके पास नूर हैं,मगर वो क्या जाने कि मेरा यार भी कोहिनूर हैं.
ए आसमां अगर गुरूर है तुझे उस चांद पे, तो देख आज चांद मेरे घर तशरीफ़ लाए हैं.,
है चाँद सितारों में चमक तेरे प्यार की… हर फूल से आती है महक तेरे प्यार की…
इक अदा आपकी दिल चुराने की, इक अदा आपकी दिल में बस जाने की, चेहरा आपका चाँद सा और एक, हसरत हमारी उस चाँद को पाने की.,
चाँद है ज़ेरे-क़दम सूरज खिलौना हो गया, हाँ, मगर इस दौर में क़िरदार बौना हो गया.,