Chaand Shayari In Hindi : मत कर गुरूर तू ऐ चाँद अपनी इस खूबसूरती पर, देख,आज भी तू अकेला है इतनी ऊंचाईयो पर। मैं बादल बन जाऊँ, तुम चाँद बन जाना, तुम्हारा नूर कोई चुरा ना ले, तुम मुझमें कहीं छुप जाना।
कितना हसीन चाँद सा चेहरा है, उसपे शबाब का रंग गहरा है, खुदा को यकीन न था वफ़ा पे, तभी चाँद पे तारों का पहरा है।
मुझे ये ज़िद है कभी चाँद को असीर करूँसो अब के झील में इक दाएरा बनाना है- शहबाज़ ख़्वाजा
तुम आ गये हो तो फिर चाँदनी सी बातें हों, ज़मीं पे चाँद कहाँ रोज़ रोज़ उतरता है.,
तू अपनी निगाहों से न देख खुद को,चमकता हीरा भी तुझे पत्थर लगेगा,सब कहते होंगे चाँद का टुकड़ा है तू,मेरी नजर से चांद तेरा टुकड़ा लगेगा..!!
चाँद के दीदार में तुम छत पर क्या चली आई, शहर में ईद की तारीख मुक्कमल हो गयी….
रुसवाई का डर है या अंधेरों से मुहब्बत खुदा जाने, अब मैं चाँद को अपने आँगन में उतरने नहीं देता.,
बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर, पलकों से लिख रहा था तेरा नाम चाँद पर.,
“ नजर में आपकी नज़ारे रहेंगे,पलकों पर चाँद सितारे रहेंगे,बदल जाये तो बदले ये ज़माना,हम तो हमेशा आपके दीवाने रहेंगे…!!
चाँद की चांदनी पर एक पहरा दिख रहा है, आज मुझे आसमान पर तुम्हारा चेहरा दिख रहा है !!!
तेरा सुंदर मुखड़ा है चाँद,मेरे दिल का टुकड़ा है चाँद।
जिस दिन उतरेगा आसमान से ये चाँद, उस दिन लगाएंगे हम तुम्हारे नाम का एक जाम !!!
रात भर करता रहा तेरी तारीफ़ चाँद से, चाँद इतना जला की सुबह तक सूरज हो गया.,
“ देखा चांद आज जो मेरे छत की तरफ,शर्मा के डूब गया मगरिब की तरफ,बुला रखा हूं मैं जो अपने महबूब को,तारे चमकने लगे हैं आसमां की तरफ…!!!
सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगी तुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी
वो चाँद कह के गया था कि आज निकलेगा, तो इंतिज़ार में बैठा हुआ हूँ शाम से ही मैं!
ये दिल न जाने क्या कर बैठा, मुझसे बिना पूछे ही फैसला कर बैठा, इस ज़मीन पर टूटा सितारा भी नहीं गिरता, और ये पागल चाँद से मोहब्बत कर बैठा..
चाँद तो अपनी चाँदनी को ही निहारता है, उसे कहाँ खबर कोई चकोर प्यासा रह जाता है.,
ना दिन का होश रहता है और ना रात का, सच में नशा सा हो गया हैं हमें आपका।
मेरा और उस चाँद का मुकद्दर एक जैसा हैं,वो तारों में तन्हा हैं और मैं हजारों में तन्हा…
वो चाँद है तो अक्स भी पानी में आएगा,किरदार खुद उभर के कहानी में आएगा।
कुछ वो कोरे से हैं, कुछ मैं सादा सा, जैसे एक ही आसमां में दो चांद हों आधा-आधा सा।
⭐दिन में चैन नहीं ना होश है रात में⭐खो गया है चाँद🌙 भी देखो बादल के आगोश में
चाँद से प्यारी चादनी, चादनी से प्यारी रात, रात से प्यारी ज़िन्दगी, ज़िन्दगी से प्यारे आप.,
बंद रखते है जुबान लब नहीं खोला करते, चाँद के सामने तारे नहीं बोला करते !!
चाँदनी सी रात मेंतुम और हम साथ हैटूटेगा ना ये दिल मेराजब तेरा प्यार मेरे साथ है
अपनी ही तेग़-ए-अदा से आप घायल हो गया चाँद ने पानी में देखा और पागल हो गया
आज भीगी हें पलके तुम्हारी याद में !!आकाश भी सिमट गया अपने आप में !!औंस की बूँद ऐसे गिरी ज़मीन परमानो चाँद भी रोया हो तेरी की याद मे !!
चाँद से तुझ को जो दे निस्बत सो बे-इंसाफ़ है चाँद के मुँह पर हैं छाईं तेरा मुखड़ा साफ़ है
चाँद आज कोई पैग़ाम लाया है,तेरी यादें समेट के, अपने साथ लाया है।
ए चांद बता तू क्यों जगा करता है, क्यों आसमानों की चक्कर लगाया करता है, में तो दीवाना हूं उनके इश्क़ में मगर, क्या तभी किसी से बेपनाह मोहब्बत करता है.,
वो चाँद है तो क्या हुआ जनाब, हम भी दरिया की तरह उनके अक्स को जहन में उतार लेंगे।
मत पूछ मेरे जागने की वजह ऐ चाँद, तेरा ही हमशकल है जो सोने नहीं देता.
“ चिराग से अंधेरे दूर हो जाते,तो चाँद की चाहत किसे होती,काट सकती अकेले ये ज़िन्दगी,तो दोस्ती नाम की ये चीज़ ही क्यों होती…!!
हर रंग है तेरे आगे फीकामहताब है फूल चाँदनी का- जलील मानिकपूरी
भूक चेहरों पे लिए चाँद से प्यारे बच्चे बेचते फिरते हैं गलियों में ग़ुबारे बच्चे
इश्क करना होतो रात की तरह करोजिसे चाँद भी पसंद हो और दाग भी कबूल ना हो।
कितना हसीन चाँद सा चेहरा है, उसपे शबाब का रंग गहरा है, खुदा को यकीन न था वफ़ा पे, तभी चाँद पे तारों का पहरा है.,
तू अपनी निगाहों से न देख खुद को !!चमकता हीरा भी तुझे पत्थर लगेगा !!सब कहते होंगे चाँद का टुकड़ा है तू !!मेरी नजर से चाँद तेरा टुकड़ा लगेगा !!
ढूँढता हूँ मैं जब अपनी ही खामोशी को, मुझे कुछ काम नहीं दुनिया की बातों से, आसमाँ दे न सका चाँद अपने दामन का, माँगती रह गई धरती कई रातों से।
तू अपनी निगाहों से न देख खुद को !!चमकता हीरा भी तुझे पत्थर लगेगा !!सब कहते होंगे चाँद का टुकड़ा है तू !!मेरी नजर से चांद तेरा टुकड़ा लगेगा !!
मुझको देखा तो फिर चाँद को ना देखा उसने !!फिर चाँद कहता रह गया की मैं चाँद हूँ !!
मुन्तज़िर हूँ कि सितारों की जरा आँख लगे, चाँद को छत पे बुला लूँगा इशारा करके.,
टूटे हुए दिल ने भी उसके लिए दुआ मांगी, मेरी हर साँस ने उसके लिए ख़ुशी मांगी, न जाने कैसी दिल्लगी थी उस बेवफा से, आखिरी ख्वाहिश में उसकी ही वफ़ा मांगी।
टूटे खुवाब की तस्वीर कब पूरी होती हैचांद तारों के बीच भी दूरी होती हैदेना तो खुदा हमें सब कुछ चाहता हैपर उसकी भी कुछ मजबूरी होती है।
मुन्तज़िर हूँ कि सितारों की जरा आँख लगे,चाँद को छत पे बुला लूँगा इशारा करके।
कभी तो आसमाँ से चाँद उतरे जाम हो जाए, तुम्हारे नाम की इक ख़ूब-सूरत शाम हो जाए.,
लोगो के लिए चाँद का जल्दी निकल आना बस आज जरुरी है, मेरे लिए चाँद जल्दी निकल आना रोज जरुरी है !
सितारों की पहचान “चाँद” से होती है, फूलों की पहचान उसकी #खुशबू से होती, ऐ दोस्त अपनी पहचान “तुम्हारी” दोस्ती से होती है
चाँद का ख़्वाब उजालों की नज़र लगता है तू जिधर हो के गुज़र जाए ख़बर लगता है
वो रातें चाँद के साथ गईं वो बातें चाँद के साथ गईं अब सुख के सपने क्या देखें जब दुख का सूरज सर पर हो
⭐पत्थर की दुनिया जज़्बात नहीं समझती,⭐दिल में क्या है वो बात नहीं समझती,तनहा तो चाँद🌙 भी सितारों के बीच में है,पर चाँद का दर्द वो रात नहीं समझती।
रात भर आसमां में हम चाँद ढूढ़ते रहे,चाँद चुपके से मेरे आँगन में उतर आया।
वैसे तो कई दोस्त है हमारे जैसे आसमान में है कई तारे पर आप दोस्ती के आसमान के वो चाँद है जिसके सामने फीके पड़ते हैं सारे सितारे.
मै उसको चाँद कह दू ये मुमकिन तो है, मगर लोग उसे रात भर देखें ये मुझे गवारा नहीं….
“ मोहब्बत भी चाँदकी तरह दिखता हैं,जब पूरा होता हैंतो फिर घटने लगता हैं….!!
अब चाँद हमसे रूठा-रूठा रहने लगा हैं क्योंकि अब रात में हम उसे कम तुम्हे ज्यादा देखते है।
कोशिश बहुत की राज ऐ मोहब्बत बयां ना हो… पर मुमकिन कहाँ था कि इस चाँद के आगे दिल में आग ना लगे…
चांद को देख कर पता चलता है खूबसूरत चीज पाना कितना मुस्किल है Chand ko dekh kar pata chalta hai khu Surat chij pana Kitana muskil hai
⭐बेसबब मुस्कुरा रहा है चाँद⭐कोई साजिश छुपा रहा है चाँद🌙
भीड़ में रह कर अपना भी कब रह पाता,चाँद अकेला है तो सब का लगता है..!!
⭐ये चाँद रोज आता है,⭐और मेरी यादो की जख्मो कोखुरेदकर चला जाता है🌙।
एक चाँद ही तो था गवाह मेरी बेगुनाही का… मुंशिफ ने पेशी मेरी अमावस के दिन रख दी…
चंद लम्हें बिता दो इस चाँदनी मेंअक्सर हम तुम्हें याद किया करते हैं
देख ये चाँद, नदी, फूल, न जा…. रुत में रस, शब में नशा बाक़ी है….
इतने घने बादल के पीछे कितना तन्हा होगा चाँद
तलब सबको है चाँद निहारने की, जरुरते कहती है सुबह बनी रहे।
साथ साथ घूमते है रात भर लोग मुझे तारा और उन्हें चाँद कहते है।
तुम भी बिलकुल चांद की तरह हो नूर भी गुरुर भी और दूर भी Tum bhi bilkul chand ki tarah ho noor bhi gurur bhi aur door bhi
ज़माने को हसरत, शोहरत और धन चाहिए, मुझे तो चांद सा चमकता तेरा बदन चाहिए.,
जिस चाँद के हजारों हो चाहने वाले दोस्त, वो क्या समझेगा एक सितारे कि कमी को.,
देख सुर्ख काजल की लकीरें तेरी आँखों पर,पहली दफ़ा हमने जाना की,चाँद की ख़ूबसूरती आप से ही है।
आज टूटेगा गुरूर चाँद का देखना दोस्तो,आज मैंने उन्हें छत पर बुला रखा है..!!