1429+ Chaand Shayari In Hindi | चाँद शायरी

Chaand Shayari In Hindi , चाँद शायरी
Author: Quotes And Status Post Published at: September 20, 2023 Post Updated at: October 11, 2023

Chaand Shayari In Hindi : मत कर गुरूर तू ऐ चाँद अपनी इस खूबसूरती पर, देख,आज भी तू अकेला है इतनी ऊंचाईयो पर। मैं बादल बन जाऊँ, तुम चाँद बन जाना, तुम्हारा नूर कोई चुरा ना ले, तुम मुझमें कहीं छुप जाना।

चाँद में नज़र कैसे आए तेरी सूरत मुझकोआँधियों से आसमाँ का रंग मैला हो गया !

बात वो आधी रात की रात वो पूरे चाँद की चाँद भी ऐन चैत का उसपे तिरा जमाल भी

चाँद को देखूँ तो तेरा चेहरा नजर आता है,मैं इश्क में हूँ इतना तो मुझे समझ में आता है !

“ चाँदनी रात बड़ी देर के बाद आई है,लब पे इक बात बड़ी देर के बाद आई है,झूम कर आज ये शब-रंग लटें बिखरा दे,देख बरसात बड़ी देर के बाद आई है…!!

चांद कह कर गया था के रौशनी देगा मेरे घर में, इसलिए बिन जलाए चिराग घर में बैठा हूं आज मैं.,

⭐बिखरे हुए लम्हें अब हम ना समेट पाएंगे,⭐चाँद🌙 चला गया आसमां से,सितारें कब तक ठहर पाएंगे।

अफजल मिनहास लिखते हैं... चांद में कैसे नजर आए तिरी सूरत मुझे  आंधियों से आसमां का रंग मैला हो गया

देखा चांद आज जो मेरे छत की तरफ, शर्मा के डूब गया मगरिब की तरफ, बुला रखा हूं मैं जो अपने महबूब को,तारे चमकने लगे हैं आसमां की तरफ.,

तेरी आँखों में हमे जाने क्या नजर आया… तेरी यादों का दिल पर सुरुर है छाया… अब हमने चाँद को देखना छोड़ दिया और… तेरी तस्वीर को हमने दिल में छुपा लिया…

चाँद में नज़र कैसे आए तेरी सूरत मुझकोआँधियों से आसमाँ का रंग मैला हो गया !

एक प्यारी सी दिल को चुराने की, एक इरादा रगों में बस जाने की, चांद सा हुस्न और तारे सा चमक,दिल में है हसरत तुम्हे पाने की.,

ऐ चाँद तू भूल जायेगा अपने आप को,जब सुनेगा दास्तान मेरे प्यार की,क्यूँ करता है तू गुरूर अपने आप पे इतनातू तो सिर्फ़ परछाई है मेरे यार की.

“ न चाहकर भी मेरे लब परये फरियाद आ जाती है,ऐ चाँद सामने न आ किसीकी याद आ जाती है….!!

मुन्तजिर हूं कि तारों को जरा आंख लगे, चांद को बुलालूंगा आंगन में इशारा कर के.,

इक अदा आपकी दिल चुराने की, इक अदा आपकी दिल में बस जाने की, चेहरा आपका चाँद सा और एक हसरत हमारी उस चाँद को पाने की।

तस्वीर बनाकर तेरी आसमान पर टांग आया हूँ… और लोग पूछते हैं आज चाँद इतना बेदाग कैसे है…

चाँद से प्यारी चाँदनी, चाँदनी से प्यारी रात, रात से प्यारी ज़िन्दगी, ज़िन्दगी से प्यारे आप.,

दुनिया से अपना हर दर्द छुपा लेना, ख़ुशी न मिले तो गम गले लगा लेना, कोई अगर कहे मोहब्बत आसान होती है, तो उसे मेरा टूटा हुआ दिल दिखा देना।

“ देखा चांद आज जो मेरे छत की तरफ,शर्मा के डूब गया मगरिब की तरफ,बुला रखा हूं मैं जो अपने महबूब को,तारे चमकने लगे हैं आसमां की तरफ….!!

⭐तुझको देखा तो फिर उसको ना देखा मैंने,⭐चाँद कहता रह गया मैं चाँद🌙 हूँ मैं चाँद हूँ।

तेरा चेहरा कितना सुहाना लगता है तेरे आगे चाँद पुराना लगता है

मिठास ज्यादा हो तो मुँह लग जाता है, मे तेरे करीब आती हूँ तो ये चाँद रूठ सा जाता है..!!!

इन लव शायरियों को Vanshika Navlani इनकी आवाज़ में सुनकर चांद को ही आप अपना दिलबर बनाना चाहोगे!

“ आज मुद्दतों बाद मुझे मेरे चांद का दीदार तो हुआ,बेशक एक दूसरे से हम गले लगकर न मिले,पर दो घड़ी ही सही उसका दीदार तो हुआ…!!

इश्क करना होतो रात की तरह करो,जिसे चाँद भी पसंद हो और दाग भी कबूल ना हो..!!

तुम कहो तो चाँद तोड़कर रख दू हथेली पर,दिल करें तो आओ कभी हवेली पर..!!

ढूँढता हूँ मैं जब अपनी ही खामोशी को !!मुझे कुछ काम नहीं दुनिया की बातों से !!आसमाँ दे न सका चाँद अपने दामन का !!माँगती रह गई धरती कई रातों से !!

अगर चिराग से अँधेरा दूर होता तो चाँद किस काम आता, अगर ज़िन्दगी अकेले ही गुजार पते तो क्यों तुम्हारे नाम आता !!!

बदल जाये तो बदले ये ज़माना !!हम तो हमेशा आपके दीवाने रहेंगे !!

ढूँढता हूँ मैं जब अपनी ही खामोशी को, मुझे कुछ काम नहीं दुनिया की बातों से, आसमाँ दे न सका चाँद अपने दामन का, माँगती रह गई धरती कई रातों से।

चाँद से बाते तो किया करता हूँ मैं आज भी लेकिन उसकी खूबसूरती की नहीं आपके चाँद से मुखड़े की।

महफ़िल ना होती नज़ारे ना होते,यु चांद के पहलू में सितारे ना होते,हम इसलिए रहते है बेचैन आपके लिए,क्योकि दिल के करीब सारे नहीं होते..!!

बे-सबब मुस्कुरा रहा है चाँद कोई साज़िश छुपा रहा है चाँद

चाँद भी तुम्हे देखकर कहता है की तुझे देखकर मेरे भी दिल में कुछ-कुछ होता है।

आज चाँद बैठा है पहलु में,और क़तरा क़तरा मैं पिघल रहा हूँ।

उस चाँद को बहुत गुरूर हैं कि उसके पास नूर हैं, मगर वो क्या जाने कि मेरा यार भी कोहिनूर हैं.,

आज तस्वीर तेरी बनाकर आसमान पर टांग आया हूँ… और अब लोग पूछते हैं आज चाँद इतना बेदाग कैसे है…

परवीन शाकिर ने लिखा है... इतने घने बादल के पीछे  कितना तन्हा होगा चांद.

हमारी आरज़ू बचपन से चाँद देखने की थी !!और फिर हमारी आप से मुलाक़ात हो गयी !!

अगर चांद होता न आसमान पर हम किसे आप सा हसीन कहते Agar chand hota na asmaan me ham kise aap sa hasin kahate

रातों में टूटी छतों से टपकता है चाँद !!बारिशों सी हरकतें भी करता है चाँद !!

वैसे तो कई दोस्त है हमारे जैसे आसमान में है कई तारे पर आप दोस्ती के आसमान के वो चाँद है जिसके सामने फीके पड़ते हैं सारे सितारे!

चलो चाँद का किरदार अपना लें हम दोस्तोदाग अपने पास रखें और रौशनी बाँट दें.

न चाहकर भी मेरे लब परये फरियाद आ जाती हैऐ चाँद सामने न आकिसी की याद आ जाती है।

इन आँखों को जब तेरे चाँद जैसे चेहरे का, दीदार हो जाता है, सच कहू ,वो दिन कोई सा भी हो लेकिन त्यौहार हो जाता है….

वो आसमा ही है जो रह लेता होगा,एक दिन चांद के बगैर,हमें तो एक दिन भी कबूल नहीं,तुझे याद किये बगैर..!!

सुनो मेरी जान चांदको जगह दिखानी होगीबस तुम्हे माथे पर एकदिन बिंदिया लगानी होगी..!

“ ना चाँद चाहिए ना फलक चाहिए,मुझे बस तेरी की एक झलक चाहिए….!!

ये चाँद रोज आता है, और मेरी यादो की जख्मो को खुरेदकर चला जाता है।

वो चाँद कह के गया था कि आज निकलेगा, तो इंतिज़ार में बैठा हुआ हूँ आज शाम से मैं.,

मुझको यक़ीं है सच कहती थीं जो भी अम्मी कहती थीं जब मेरे बचपन के दिन थे चाँद में परियाँ रहती थीं

तुझको देखा तो फिर उसको ना देखा मैंने, चाँद कहता रह गया मैं चाँद हूँ मैं चाँद हूँ.,

ऐ सनम जिसने तुझे चाँद सी सूरत दी है, उस ही मालिक ने मुझे भी तो मोहब्बत दी है.,

भीड़ में रह कर अपना भी कब रह पाता चाँद अकेला है तो सब का लगता है

“ मेरी और चाँद कीकिस्मत मिलती जुलती है,वो सितारों में अकेला,मैं हजारों में अकेला…!!

ना छत पर है कभी आताना घर से कभी निकलता हैमेरा महबूब जैसे चांद साघटाओ में छिपता है..!

आजा मेरे चाँद इस तारे पर करे दे थोड़ा रहमताकि होके आशिक़ी में मशगूल भूल जाए सारे गम

देते हो क्यू ये दर्द बस हमी कोक्या समझोगे तुम इन आंखो की नमी कोयू तो होंगे लाखो दीवाने इस चांद केचांद क्या समझेगा एक तारे की कमी को।

एक अदा आपकी दिल चुराने की, एक अदा आपकी दिल में बस जाने की, चेहरा आपका चाँद सा और एक, हसरत हमारी उस चाँद को पाने की.,

मुझमे और चाँद में एक बात सामान है,

चलो चाँद का किरदार अपना लें हम, दाग अपने पास रखें और रौशनी बाँट दें.,

रात सारी गुजारी हमने इसी इन्तजार में,की अब तो निकलेगा चाँद आधी रात में…

कल चौदहवी की रात थी रात भर रहा चर्चा तेरा !!कुछ ने कहा ये चाँद है !!कुछ ने कहा चेहरा तेरा !!

मुझे इस ख़्वाब ने इक अर्से तक बे-ताब रक्खा हैइक ऊँची छत है और छत पर कोई महताब रक्खा है- ख़ावर एजाज़ (साभार-रेख़्ता)

रात्रि का वक़्त और आकाश में लालिमा है,क्या तुम्हें पता है आज शरद पूर्णिमा है.

आज टूटेगा गुरूर चाँद का तुम देखना यारो,आज मैंने उन्हें छत पर बुला रखा है।

है चाँद का मुहं भी उतरा- उतरा, तारो ने चमकना छोड़ दिया, जिस दिन से जुदा वो हमसे हुए, इस दिल ने धड़कना छोड़ दिया.,

जिंदगी में जब अकेलापन ज्यादा बढ़ जाएँ,तो किसी रोज शाम के वक़्त छत पर जाकरचाँद के साथ थोड़ा वक़्त जरूर बिताना।

“ जिंदगी में जब अकेलापन ज्यादा बढ़ जाएँ,तो किसी रोज शाम के वक़्त छत पर जाकरचाँद के साथ थोड़ा वक़्त जरूर बिताना…!!

तेरे बाद हमने दिल का दरवाजा खोला ही नहीं… वरना बहुत से चाँद आए इस घर को सजाने के लिए…

चाँद भी झांकता हैं पर्दों से… मेरी तन्हाई का चर्चा अब आसमानों में है…

चाँद” को देख कर पता_चलता है खूबसूरत ‘चीज़’ को पाना कितना मुश्किल है

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