Book Shayari In Hindi : किताबों सी हो गई है जिंदगी मेरी, पढ़ हर कोई रहा है, जिन्दगी मेरी. पढ़ने का शौक़ीन वो, उसे शोर पसंद नहीं, किताबों के सिवाय उसे कोई और पसंद नहीं.
दूसरों की गोदी में जाता हूँ रो अन्जान हो जाता हूँमाँ नहीं होती है तब अपने ही घर में मेहमान होजाता हूँ।
मैंने दबी आवाज़ में पूछा? मुहब्बत करने लगी हो?नज़रें झुका कर वो बोली! बहुत।
लोग वक्त वक्त पे दिल तोड़ देते हैं, सोच रहे हैं हम कि, दिल रखना ही छोड़ देते हैं ! 💔
एक सरकारी दफ्तर के बोर्ड पर लिखा था,कृपया शोर ना करें,किसी ने उसके नीचे लिख दिया,“वरना हम जाग जायेंगे “
दौलत नहीं, शोहरत नहीं, न वाह वाह चाहिए, कैसे हो..? बस दो लफ्ज़ों की परवाह चाहिए !
हमारी दोस्ती इतनी खास हो,लोग कहे काश ऐसा दोस्त मेरे पास भी हो..Hamari dosti itni khas ho,Log kahe kaash aisa dost mere paas bhi ho…
आज कल की लड़कियां अंग्रेजी की किताब हो जाती है, पसंद तो बहुत आती है, पर समझ में नहीं आती हैKitab Shayari
लकी होते है वो लोग, जिनके पार्टनर मुश्किल हालातों में, भी उनका साथ नहीं छोड़ते हैं !
हमको दीवाना कर दिया एक नजर देख कर,हम कुछ भी न कर सके बार बार देख कर।
जरा सी बात है लेकिन हवा को कौन समझाए,कि मेरी माँ दीये से मेरे लिए काजल बनाती है।
मैं अभी भी अक्सर रास्ता भटक जाता हूँ, किताब के उस पहले पन्ने पर ही अटक जाता हूँ.
कितनी वाकिफ़ थी वो मेरी मोहब्बत सेवो रो देती थी और मैं हार जाता था।
जब भी दिल करे मेरे दिल की धड़कने सुन सकती हो, ये नादान हर पल तुझसे प्यार करने की ज़िद्द करता है।
चेहरा खुली किताब है उनवान जो भी दोजिस रुख़ से भी पढ़ोगे मुझे जान जाओगे
किताबों सी हो गई है जिन्दगी हमारी,पढ़ हर कोई रहा है समझ कोई नहीं रहा.
आपका सच्चादोस्त वहीहै जो आपकी गर्लफ्रेंडको दीदी बोलेक्योंकि भाभीबोलने वाले तो आजकलगेम खेल जाते हैं
मेरे ख्यालो में सिर्फ तुम हो तुम्हे कैसे भुला दूँ,इस दिल की धड़कन हो सिर्फ तुम,तुम्हे कैसे निकाल दूँ।
बिखरा हुआ हूँ बरसो से इसी इंतजार में, कोई तो होगा जो समेटने आएगा मुझे !
दोस्त हमेशा सच्चे होने चाहिए,पक्के तो सड़क हुआ करते हैं..Dost hamesha sacche hone chahiye,Pakke toh sadak hua karte hain..
दिल की धड़कन बन कर दिल मे रहोगे तुमजब तक सांस है तब तक मेरे साथ रहोगे तुम।
दिल की धड़कन बनकर दिल में रहोगे तुम, जब तक सांस है मेरे साथ रहोगे तुम।
काग़ज़ में दब के मर गए कीड़े किताब केदीवाना बेपढ़े, लिखे मशहूर हो गया
❤️मेरी नमकीन सी जिंदगी की मिठास हो तुम ❤️
मुस्कुराना तो हर लड़की की अदा है,मुस्कुराना तो हर लड़की की अदा है,उसे जो मोहब्बत समझे,वो सबसे बड़ा गधा है।😁😁😛😛😂😂😂
सारी वादी उदास बैठी है मौसम गुल ने खुदखुशी कर ली किसने बारूद बोया बागों में
जिंदगी का असली मजा तोलाइन मारने में हैये प्यार व्यार करके किसकाभला हुआ है बे..!
कैसे रोने दे सकता हूं उस इंसान कोजिसे मैंने खुद रो रो कर माँगा हो
गोलगप्पे खाने के बाद एक एक्स्ट्रापपड़ी मांग तो लोससुरी ऐसे घूरते हैं जैसेपपड़ी नहीं, बेटी का हांथ मांग लिया हो.
वफ़ा नजर नहीं आती कहीं ज़माने में,वफा का जिक्र किताबों में देख लेते हैं.
हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उनको,क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया?
अब ना अदब ना लिहाज़ में यह ज़िन्दगी गुजार पाएंगे,अगर मिले तेरा साथ तो ही लगता है साँसों को और चला पाएंगे.
इश्क की एक दास्ताँ लिखी जायेगी,कॉलेज में किसी ने फिर किताब माँगा है.
सच्चे प्यार वालों को हमेशा लोग गलत ही समझते हैजबकि टाइम पास वालो से लोग खुश रहते है आज कल
अच्छी किताबें और सच्चे दोस्त तुरंत समझ में नहीं आते
टूटे हुए काँच की तरह चकनाचूर हो गए, किसी को लग ना जाए, इसलिए सबसे दूर हो गए !!
बुद्धि के विकास के लिए किताबे पढ़ना बहुत आवश्यक हैं।
❤️ख़ुशियाँ क्या होती हमें नहीं पता, में तो तुम्हें “online” देखकर भी पगलों की तरह “Smile” करने लगता हु,❤️
तुमने कैसे उसके जिस्म की खुशबू से इन्कार किया उस पर पानी फेंक के देखो कच्ची मिट्टी जैसा है
इस दिल में आग सी लग गई जब वो खफा हुए,फर्क तो तब पड़ा जब वो जुदा हुए,हमे वो वफ़ा करके तो कुछ दे न सके,लेकिन दे गये वो बहुत कुछ जब वो वेबफा हुए।
रात की नींद में एक ख्वाब उनका थाहै कितना प्यार हमसे जब यह हमने पूछ लियामर जायेंगे बिन तेरे यह जवाब उनका था।
क्या खूब रंग दिखाती है जिंदगी क्या इक्तेफ़ाक होता है,प्यार में ऊम्र नही होती पर…. हर ऊम्र में प्यार होता है |
उस वेबफा को अपना समझा,जिसे हमने इतना प्यार किया,उसने किया हमसे सिर्फ धोखा,हमने फिर भी एतवार किया।
किताबें जलाने से भी बदतर अपराध हैं। उनमें से एक उन्हें नही पढना.
एक परवाह ही बताती है कि ख़्याल कितना है,वरना कोई तराजू नहीं होता रिश्तो में
कितना खूबसूरत चेहरा है तुम्हारा, ये दिल तो बस दीवाना है तुम्हारा, लोग कहते है चाँद का टुकड़ा तुम्हें, पर मैं कहता हूँ चाँद भी टुकड़ा है तुम्हारा।
इतना याद नाआया करो कि रात भरसो ना सकूसुबह 12 बजेआँख खुलती है, घरवालेनाश्ता नहीं देते 12..
अब इन जले हुए जिस्मों पे खुद ही साया करो तुम्हें कहा था बता कर करीब आया करो मैं उसके बाद महीनों उदास रहता हूँ मज़ाक में भी मुझे हाथ मत लगाया करो
कर दे नजर-ए-करम मुझपर मैं तुझ पर एतबार कर लूँ,दीवाना हूं मैं तेरा ऐसा कि दीवानगी की हद पार कर लूं।
बारूद के बदले हाथों में आ जाए किताब तो अच्छा होऐ काश हमारी आँखों का इक्कीसवाँ ख़्वाब तो अच्छा हो
गिन लेती है दिन बगैर मेरे गुजारें हैं कितने,भला कैसे कह दूं कि माँ अनपढ़ है मेरी।
“किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकान आई ,मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई..”
इसलिए ये महीना ही नहीं शामिल उम्र की जंतरी में हमारी उसने एक दिन कहा था की शादी है इस फरवरी में हमारी
इस मोहब्बत की किताब के दो ही सबक याद हुए,कुछ तुम जैसे आबाद हुए, कुछ हम जैसे बर्बाद हुए.
सच्ची मोहब्बत कभी खत्म नहीं होतीवक़्त के साथ खामोश हो जाती है
मैं किताबों के बगैर जिंदा नहीं रह सकता.
आप के बाद हर घड़ी हम नेआप के साथ ही गुज़ारी हैAap ke bad Har Ghadi HumneAapke sath hi Gujari hai
जिसे पा नहीं सकते जरूरी नहीं ,कि उसे प्यार करना भी छोड़ दिया जाए।।
❤️तुम मेरी वो स्माइल हो,जिसे देखकर, सब घर वाले मुझ पर शक करते हैं…..!❤️
कितनी खूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी, बना दीजिये इनको किस्मत हमारी, इस ज़िंदगी में हमें और क्या चाहिए, अगर मिल जाए मोहब्बत तुम्हारी।
ज़िन्दगी तुम मेरी बन जाओ रब से और क्या माँगू, जीने की वजह बन जाओ बस ये ही दुआ माँगू।
तुम्हारे इश्क़ के रंग ओढ़कर ही मैं ख़ुशनुमा हूँ, तुम ही तो हो मुझमे मैं खुद में कहाँ हूँ।
ये जो मेरे अलावा तुम पर मरते हैवो मर क्यों नहीं जाते !
मेरे दोस्त तुम भी लिखा करो शायरी,तुम्हारा भी मेरी तरह नाम हो जायेगा,जब तुम पर भी पड़ेंगे अंडे और टमाटर,तो शाम की सब्जी का इंतजाम हो जायेगा।
माँ तेरे दूध का हक मुझसे अदा क्या होगा,तू नाराज है तो खुश मुझसे खुदा क्या होगा।
दोस्ती और मोहब्बत में फर्क सिर्फ इतना है बरसों बाद मिलने पर मोहब्बत नजर चुरा लेती और दोस्ती सीने से लगा लेती है
एक दुनिया है जो समझाने से भी नहीं समझती,एक माँ थी बिन बोले सब समझ जाती थी– अज्ञात
करने लगे जब शिकवा उससे उसकी बेवफाई कारख कर होंट को होंट से खामोश कर दिया
कोई पुछ रहा हैं मुझसे मेरी जिंदगी की कीमत,मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना।
रोते-रोते थककर जैसे कोई बच्चा सो जाता हैहाल हमारे दिल का अक्सर कुछ ऐसा ही हो जाता है
कुछ लोगों की मोहब्बत भी सरकारी होती है, न तो फाइल आगे बढती है, न ही मामला बंद होता है.Book Shayari
मोहब्बत ही तो है लोग भूल जाते हैंदिल लगा के बड़े आराम से,अक्सर हमने देखा हैसूखे गुलाब को गिरते हुए किताब से।
क्या ख़बर कौन था वो और मेरा क्या लगता था जिससे मिलकर मुझे हर शख़्स बुरा लगता था