368+ Bina Galti Ki Saza Shayari In Hindi | बिना गलती की सजा शायरी स्टेटस कोट्स इन हिंदी

Bina Galti Ki Saza Shayari In Hindi , बिना गलती की सजा शायरी स्टेटस कोट्स इन हिंदी
Author: Quotes And Status Post Published at: July 20, 2023 Post Updated at: February 6, 2025

Bina Galti Ki Saza Shayari In Hindi : खुदा ने पूछा क्या सजा दूँउस बेफ़वा को,दिल से आवाज़ आई मोहब्बत हो जाये उसे भी। इश्क़ के खुदा से पूछो उसकी रजा क्या है,इश्क़ अगर गुनाह है तो इसकी सजा क्या है।

लगती और इश्क़ किया नहीं जाता हो जाता है,मलाल इस बात का है।गलती से इश्क़ और इश्क़ में गलती हो ही जाती है।

मेरी गलती होगी तो मुझे बताओगे,किसी तीसरे को हमारे बिच में नहीं लाओगे।यही वादे थे मेरे जो उनसे निभाए नहीं गए,अगर यह गलत है तो, सही क्या है बताओ मुझे ।।

मैंने भी दुखाया है बहुत दिल कभी, इसलिए मुझे इश्क़ में सजा मिली है अभी.

नज़र अंदाज़ करने की सजा देनी थी तुमको,तुम्हारे दिल में उतर जाना ज़रूरी हो गया था।

रिश्तों की फिक्र में हम गलत लोगों का साथ देते गए,यह गलत सोच थी हमारी जो गलत लोगों से जुड़ते गए।

सोच हमारी गलत नहीं थीआपने इसे गलत समझ लिया,अब तो आ जाओ पासहमारा दिल भी आपके लिए धड़क लिया।

कुछ लोगो की मोहब्बत सजा सी होती है, ज़ख़्म देकर मरहम लगाना उनकी अदा सी होती हैं.

.हमने सिर्फ छेड़ा.दिल की चाह से, .बे वजह तुम.हमसे खफा हो गए.

.काश इस.दर्द को ज़ुबान.होती तो बता.देते, .पर वो.जख्म के निशान.कैसे बताये.जो दीखते.नहीं.

जो जुर्म करते हैं इतने बुरे नहीं होते,सज़ा न देके अदालत बिगाड़ देती है। – राहत इंदौरी

मुझसे खफा होना, पर दूर मत होना, मुझे सजा देना पर छोड़ने को मजबूर मत होना।

मिट गए न जाने कितने ख़ुदा की तलाश में,मगर अब तो हर तरफ हम,,ख़ुदा ही ख़ुदा देखते हैं।

ऐ खुदा मोहब्बत को इतनी अता दे, जिसका दिल सच्चा हो उसे सजा न दे.

सजा भी अब अदा बन गई है,लगता है उनसे मोहब्बत हो गई है।

मेरे आँखों में आज आँसू न होती, कुछ गलतियों की माफ़ी नहीं होती, काश ऐसी गलतियाँ मैंने की न होती, तो जिंदगी भर किसी के इश्क़ में जलने की सजा न होती।

हमें गलत समझने की गलती मत करनाहम गलत लोग नहीं है,हर वक्त आपके साथ खड़े हैंगए कहीं नहीं है।

कोई मिला ही नही जिससे वफ़ा करते ,हर इक ने धोखा दिया किस-किस को सज़ा देते।

बिना गलती के ना कहानियां बनती हैन ही बन पाता है किस्सा,गलतियाँ तो होती हैहमारी इंसानी जिंदगी का हिस्सा।

अपनी गलती की सजा सिर्फ माफ़ी नहीं।हर रोज़ खुद में टूटना, क्या इतना काफी नहीं।।

मैंने भी दुखाया है बहुत दिल कभी,इसलिए मुझे इश्क़ में सजा मिली है अभी।

खता हुई हो कोई तो सजा दिजिये, और बस अपने इश्क़ से रिहा कीजिये।

गलतियों को नज़र अंदाज कर बार बार जिसे अपना बनाया था न जाने क्यों रूठ गया वो यार जिसे दिल से लगाया था।

जिंदगी तू ही बता तेरी रजा क्या है, तू हर वक्त देती है सजा, तेरी वजह क्या है.

मुझसे नाराज़ मत हो, मेरे पास तुम्हारे सिवा कोई नहीं है

सुनो ना तुम बार बार गलती करती हो,तुम इश्क़ करती हो या नर्सरी में पड़ती हो।

ज़िन्दगी ने दिखाया हमें कुछ ऐसा मुखाम,जहां गलती नहीं थी हमारी,वहा भी आया हमारा नाम।

दर्द तो तब हुआ जब उस गलती की सजा मिली हमें,जो हमने कभी की ही नहीं।

अब जाकर समझ में आयाअसली दुनिया का कैसा है रंग,बाहर से अच्छे दिख सकते हैंपर मन से होते हैं अपंग।

ऐसी क्या गलती कर दी हमने की तुम खफा हो गए,उम्र भर साथ निभाने का वादा करने वाले बेवफा हो गए।

मुझसे क्या गलती हुई मैं समझ नहीं पाया,बिछड़ के तुझसे इन आँखों में आंसू आया,,तेरे बिना एक पल भी जी ना पाया ।।

सच्चे प्यार की खूबसूरती गलतियों को माफ़ करने से बढ़ती है गर प्यार में गलतियों को ढूंढ़ते रहोगे तो देखना अकेले ही रह जाओगे।

कई बार गलत फैसले भीजिंदगी के सही रास्ते दिखा देते हैं,मुझे गलत मत समझना मेरे यारोंकई बार हम सब गलती कर जाते हैं।

खुदा ने पूछा क्या सजा दूँउस बेफ़वा को,दिल से आवाज़ आई मोहब्बत हो जाये उसे भी।

गलतियां भी होंगी और गलत भी समझा जायगा,यह ज़िन्दगी है जनाब, यहाँ तारीफें भी होंगी और कोसा भी जायगा।

बहुत दर्द देती है वो सजा,इश्क़ में वफ़ा करने के बाद जो मिलती है।

गलतफहमियां मत पाला करोइससे रिश्ते बिगड़ जाते हैं,प्रेम और मोहब्बत से बोला करोजिंदगी में प्यार के रंग छा जाते हैं।

जिसमें बसी इश्क की बेकरारी है, उसकी जिंदगी बड़ी भारी है.

लौटा जब वो बिना जुर्म की सजा काटकर, सारे परिन्दें रिहा कर दिए उसने घर आकर.

मुझे आपकी रातों की नींद हराम करने के लिए खेद है मुझे हर लड़ाई के लिए खेद है मुझे आपके दर्द और पीड़ा के लिए खेद है मुझे सद्भाव खोने के लिए खेद है।

किसी के साथ गलत करके अपनी,बारी का इंतज़ार जरूर करना।

लोग कहते है मोहब्बत में क्यों सिर्फ लोग दगा देते है, जरा नजदीक से देखों यारों वो खुद को सजा देते है.

गलतियां तेरी चलो माफ़ी है मगर ....... धोखा तेरा ना कबीले माफ़ी है।

किसी के साथ गलत करके अपनी बारी का इंतज़ार जरूर करना.

मुझे गलत मत समझनागलती करता यह दिल नहीं है,बेवफा तेरा मासूम चेहराभूल जाने के काबिल नहीं है।

जीना चाहा तो ज़िंदगी से दूर थे हम,मरना चाहा तो जीने से दूर थे हम।सर झुका कर कबूल कर ली हर सजा,बस कसूर इतना था की बेकसूर थे हम।

सजा मिली उन गुनाहों की जो मेरे हरगिज न थे,मैं वो आँसू भी रोया जो खान साहब के नसीब में न थे।

जिन्दगी में अक्सर दूसरे लोग ही गलतियाँ दिखाते हैं,पर ये मत समझ लेना कि वो आपका दिल दुखाते हैं।

लाइफ समझदारी का नाम नहीं उसमे,गलतियां भी करनी भी जरुरी है।क्युकी अक्सर गलतियों से अपनों की पहचान,हो जाया करती है।

गलतफहमी चाहे कितनी भी छोटी हो मगर वो बर्बाद अक्सर बड़े से बड़े रिश्ते को कर देती है।

माँ-बाप हीं हमारी सब गलतियों को भूला देते हैं,जमाने वाले तो जरा सी बात का तमाशा बना देते हैं।

मेरी गलती होगी तो मुझे बताओगे,किसी तीसरे को हमारे बिच में नहीं लाओगे।यही वादे थे मेरे जो उनसे निभाए नहीं गए,अगर यह गलत है तो, सही क्या है बताओ मुझे ।।

जितनी शिद्दद से तुम मेरी गलतियां याद रखते हो,सुनो वक़्त निकल कर मेरी मोहब्बत याद कर लेना।

किसी की मुस्कुराहट को प्यार मत समझना क्यूंकि तुम्हारी एक गलती ....... पूरी जिंदगी को तभाह कर सकती है।

.दूर जब चालू.किसी के साथ.तो फिर. .तनहा लौट के.आना.कितना.मुश्किल होता है

आजकल तुम मुझे बेवजह नजरअंदाज करने लगे हो,सच बताओ।कोई गलती हुई मुझसे या किसी और,से प्यार करने लगे हो।

सही लोगों ने मौन रहना शुरू कर दियागलत लोग तय करने लगे जीत हार,दुनिया रहने के लिए अच्छी जगह होतीअगर इंसान ना करता है इंसान से तकरार।

इश्क ना करने की वजह पूछी तो बोल पड़ी गलतियां बहोत करते हो तुम अरे नासमझ प्यार में गलतियों को नहीं देखा जाता बस उन्हें हंस कर भुला दिया जाता है।

कुरेद कर जख्म को खुद को सजा देता हूँ, जब दर्द कुछ कम रहता है दर्द को जगा देता हूँ.

.दुआ.मांगी थी.आशियाने की, .चल.पड़ी आंधियां.ज़माने की,

तू साथ है तो फिर कोई गम नहीं,पर तेरा रूठना भी किसी सजा से कम नहीं।

ज़िन्दगी ने दिखाया हमें कुछ ऐसा मुखाम,जहां गलती नही थी हमारी,,वहा भी आया हमारा नाम।

इश्क़ वो खता है,जो अपने आप हो जाती है।गलती दिल करता है,और सजा आँखों को दी जाती है।

मुझसे खफा होना,पर दूर मत होना,मुझे सजा देना पर छोड़ने को मजबूर मत होना।

कैदी तेरी जुल्फों का है आजाद जहां से,मुझको रिहाई तो सजाओ ने दिलाई।

क्यों ना मिलती हमे मोहब्बत में आखिर, हमने भी बहुत दिल तोड़े थे उस सख्स की खातिर।

किसी का कभी इतना भी दिल ना दुखाओ,के खुदा के सामने वो तुम्हारा नाम लेके रो पड़े।

ज़िंदा हु मगर ज़िंदगी से दूर हु मैं,आज क्यों इस कदर मजबूर हूँ मैं।बिना गलती की सजा मिलती है मुझे,किस से कहूं की आखिर बेक़सूर हु मैं।

किस बात की सजा दे रहे हो,प्यार किया इसलिए या,तुमसे ज्यादा प्यार किया इसलिए।

तुझे चाहना मेरी गलती थी,और तेरी यादों में जीना मेरी सजा।

आपके साथ आया था तोलगा कि अब जिंदगी बदल जाएगी,लेकिन यह नहीं जानता था कियहां भी गलत सोच आ आएगी।

औरों से थोड़ा अलग हूँ मैं,इसलिए दिखता गलत हूँ मैं।

औरों से थोड़ा अलग हूँ मैं,इसलिए दिखता गलत हूँ मैं।

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