Bina Galti Ki Saza Shayari In Hindi : खुदा ने पूछा क्या सजा दूँउस बेफ़वा को,दिल से आवाज़ आई मोहब्बत हो जाये उसे भी। इश्क़ के खुदा से पूछो उसकी रजा क्या है,इश्क़ अगर गुनाह है तो इसकी सजा क्या है।
जिंदगी से बड़ी सजा ही नहीं, और क्या जुर्म है पता ही नहीं।
एक बात का ध्यान रखनाबदला लेने की नहीं थी मेरी नियत,काम तो मैंने सही किया थालेकिन किसी के लिए हो सकता है गलत।
जिसमें बसी इश्क की बेकरारी है,उसकी जिंदगी बड़ी भारी है।
एक महीने बाद उनके परिवार ने उनकी शादी करवा दी।
चलो बाट लेते हैं अपनी सज़ाऐं,ना तुम याद आओ ना हम याद आए।
गलत इरादा नहीं रखते हमकभी-कभार गलती हो जाती है,पर यह मतलब की दुनिया हैजो गलती करने पर सिर चढ़ जाती है।
सही लोगों पर मत करो शकगलत लोगों से मत रखा करो अपेक्षाएं,खुशियां आएगी जीवन मेंबहने लगेगी आनंद की धाराएं।
इश्क़ के खुदा से पूछो उसकी रजा क्या है,इश्क़ अगर गुनाह है तो इसकी सजा क्या है।
चलो हम गलत थेइस बात को मान लिया,अब तो हमें माफ कर दोबताओ हमने क्या बिगाड़ दिया।
जिसे दूर जाना हो, वो बस गलतियों का इंतजार करता है,फिर एक से दूर जाकर, किसी दूसरे से प्यार करता है।
कुछ लोगो की मोहब्बत सजा सी होती है,ज़ख़्म देकर मरहम लगाना उनकी अदा सी होती हैं।
गलतियां भी होंगी और गलत भी समझा जायगा,यह ज़िन्दगी है जनाब, यहाँ तारीफें भी होंगी और कोसा भी जायगा।
तुझे चाहना जैसे एक सजा है, पर दुआ है कि मुझे इसमें उम्र कैद मिले।
मैं अपनी जिंदगी को तबाह कर आई,इश्क़ की और उम्र भर की सजा पाई।
मेरा गुनाह था जो मैंने उनसे प्यार किया, सजा काट रहे है क्योंकि कभी इजहार नहीं किया।
उनकी खामोशी ही मेरी सजा है, जानबूझकर दर्द देना उनकी अदा है.
अविनाश उस से पूछे जा रहा था, उसने बोला कुछ बोलो।
रिश्ते अब शीशे की तरह हो गये हैं,छोटी-छोटी बातों पर रूठ जाते हैं,,एक हीं गलती पर अब ये टूट जाते हैं।
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कोई अच्छी सी सज़ा दो मुझको,चलो ऐसा करो भुला दो मुझको !
ऐसे भी मोहब्बत की सजा देती है दुनिया, मर जाएँ तो जीने की दुआ देती है दुनिया।
आपकी अच्छाई के लिए हमनेहमारा कोई काम ना किया,बड़ा दर्द दिया है आपनेजो बेवजह दिल से निकाल दिया।
गलतियों का हवाला देकर कोई भी, किसी को भी छोड़ जाता है,अब तो बेवफाई का यही अंदाज, हर ओर नजर आता है।
जिस जान की खातिर जान क़ुर्बान की,उस बेवफा ने क्या खूब सजा दी।हम उस के शुक्र गुजार है कि उस ने,कुछ पल के लिए हमें दिल में पनाह दी।
हर किसी की यही कहानी है,अपनी गलती ढूंढे नहीं मिलनी है,,दूसरे की गलती यूँ हीं नजर आनी है।
जब कभी गलतियाँ करो तो मान भी लिया करो,क्योंकि गलती मान लेने से कोई छोटा नहीं होता।
अब टूट गया है दिल तो सवाल क्या करे,खुद ही पसंद किया था, तो बवाल क्या करे।
हर इनायत हर खुशी आपकी हो,महक उठे वो महफ़िल जिसमे हँसी आपकी हो।कोई भी लम्हा आप उदास ना हो,खुदा करे ज़न्नत जैसी ज़िंदगी आपकी हो।
सब गुनाहो की सजा तुझको मेरा रब देगा, तू भी मेरी तरह नाकाम-ए-मोहब्बत होगा।
अगर प्यार सच्चा हो, तो लोग बिछड़ कर भी मिल जाते है।
बड़ी सब्र से सहने की कोशिश कर रहा हु,खुद से की गई गलतियों की सजा को।
इश्क़ करने की सजा काट रहा हूँ,मुझसे दूर रहना क्योंकि मैं दर्द बाँट रहा हूँ।
खुलकर दिल से मिलो तो सजा देते है लोग,इश्क़ की छाँव में बैठे दो परिंदों को भी उड़ा देते है लोग।
इश्क़ के खुदा से पूछो उसकी रजा क्या है, इश्क़ अगर गुनाह है तो इसकी सजा क्या है.
इस कदर मत भूलो हमेंकभी पूछ लिया करो हालचाल,हम भी दोस्त हैं आपकेहमें भी समझ लो कमाल।
क्या पता उसको कि वो मुझ को सज़ा देता है,वो तो मासूम है जीने की दुआ देता हैं।
मैं अपनी जिंदगी को तबाह कर आई, इश्क़ की और उम्र भर की सजा पाई.
तुझे चाहना मेरी गलती थी,और तेरी यादों में जीना मेरी सजा.
यह गलती थी मेरीजो मैं कर बैठा तुमसे प्यार,दिल रो रहा है आजरब जाने कैसी आई है तकरार।
प्यार भरी शायरी प्यार भरी शायरी [ pyar wali shayari] :- ढूंढने वाले हर girlfriend ,…
.कह कर.दिल जलाती हो, .बेक़रार है.आतिश-इ-नज़र
मोहब्बत की मिसाल में, बस इतना ही कहूँगा,बेमिसाल सज़ा है, किसी बेगुनाह के लिए।
मतलब की दुनिया मेंकोई किसी का नहीं होता है,बहुत कुछ किया आपके लिए लेकिनआपने ही दिया हमें धोखा है।
नित्या विदेश जाने की बात से बहुत खुश थी।
.हम से तू.नाराज़.हैं किस.लिये बता जरा, .हमने.कभी तुझे.खफा.तो नहीं किया।
समाज में कुछ लोग खुद कठघरे में खड़े है,और हमें हमारी गलती की सजा सुनाया करते है।
वो एक दोस्त जो खुदा सा लगता है, बहुत पास ज दिल के फिर भी जुड़ा सा लगता ज बहुत दिनो से आया नहीं एसएमएस उसका, शायद किसी बात पे खाफा सा लगता है।
माफी दे दो हमेंअपने दिल में रख दो,प्यार की भाषा अपना लोमुझे गलत मत समझो।
मेरे आँखों में आज आँसू न होती,कुछ गलतियों की माफ़ी नहीं होती।काश ऐसी गलतियाँ मैंने की न होती,तो जिंदगी भर किसी के इश्क़ में,,जलने की सजा न होती।
आप पर किया था सबसे ज्यादा भरोसाआपने दिया है सबसे पहले धोखा,अच्छे लोग दिखते थे आप लेकिनआप हो गलत सोच का झरोखा।
कुरेद कर जख्म को खुद को सजा देता हूँ,जब दर्द कुछ कम रहता है दर्द को जगा देता हूँ।
बहुत रो रहा हूँ, ज़िंदा हूँ तुझे ज़िंदा ढूँढ़ने के लिए , कहा अब तो रोज़ मारती हूँ, सुनो अब माफ़ कर दो फिर कार्लो से मिलो
प्रमोशन के एक महीने बाद उसे उसकी कंपनी के तरफ से एक मीटिंग अटेंड करने के लिए विदेश जाने का अवसर मिला।
हद चाहिए सज़ा में उक़ूबत के वास्ते,आख़िर गुनाहगार हूँ काफ़र नहीं हूँ मैं।
सजा मिली उन गुनाहों की जो मेरे हरगिज न थे,मैं वो आँसू भी रोया जो खान साहब के नसीब में न थे।
क्यों ना मिलती हमे मोहब्बत में सजा आखिर,हमने भी बहुत दिल तोड़े थे उस सख्स की खातिर।
बहुत दर्द देती है वो सजा, इश्क़ में वफ़ा करने के बाद जो मिलती है.
गलती करके भी ख़फ़ा हो जाते हो सच बताओ असल में तुम मुझसे क्या चाहते हो।
वहीं दूसरों की गलतियों को माफ़ करते हैं,जो लोग अपना दिल हमेशा साफ़ रखते हैं।
.तेरी दोस्ती हम.इस तरह.निभाएंगे, .तुम रोज़.खफा.होना.हम रोज़.मनायेंगे,
तू गलतियां किया कर ये तुझे कुछ नया सिखायेंगी जीवन के तेरे तजुर्बे को समय से पहले ....... और ज्यादा बढ़ाएंगी।
चलो बाट लेते हैं अपनी सज़ाऐं,ना तुम याद आओ ना हम याद आए।
मैंने आजाद किया अपनी वफाओ से तुझे,बेवफाई की सजा मुझको सुनाई जाए।
तेरी नज़र अंदाजगी से पता चलता है कोई ........ गलती हुई है हमसे।
क्या पता उसको कि वो मुझ को सज़ा देता है,वो तो मासूम है जीने की दुआ देता हैं।
तेरी याद में इस दिल को ही है तड़पना,पर एक याद रखनामुझे कभी गलत मत समझना।
.फिर वही.फ़साना.अफ़साना.सुनाती हो, .दिल के.पास हूँ.
हमें भी कुछ करना हैहमारे भी कुछ सपने हैं,क्यों भूल रहे हो हमेंहम भी तुम्हारे अपने है।
क्यों ना मिलती हमे मोहब्बत में सजा आखिर,हमने भी बहुत दिल तोड़े थे उस सख्स की खातिर।
ऐसे भी कहां खोए होजो ना कर पाते हो हमें कभी भी याद,आपके साथ जीवन बिताने का था लक्ष्यहमें छोड़कर पूरी करने लगे हो अपनी फरियाद।
खता हुई हो कोई तो सजा दिजिये,और बस अपने इश्क़ से रिहा कीजिये।
जिस गलती की तुम मुझे दे रहे हो सजा उस गलती की मुझे अब दे भी दो बजाह