Bina Galti Ki Saza Shayari In Hindi : खुदा ने पूछा क्या सजा दूँउस बेफ़वा को,दिल से आवाज़ आई मोहब्बत हो जाये उसे भी। इश्क़ के खुदा से पूछो उसकी रजा क्या है,इश्क़ अगर गुनाह है तो इसकी सजा क्या है।
जिस जान की खातिर जान क़ुर्बान की, उस बेवफा ने क्या खूब सजा दी, हम उस के शुक्र गुजार है कि उस ने कुछ पल के लिए हमें दिल में पनाह दी.
प्यार करते हो तुम या सजा देते हो,जब हँसने का वक़्त होता है रुला देते हो।
ऐ खुदा मोहब्बत को इतनी अता दे,जिसका दिल सच्चा हो उसे सजा न दे।
हर इनायत हर खुशी आपकी हो,महक उठे वो महफ़िल जिसमे हँसी आपकी हो।कोई भी लम्हा आप उदास ना हो,खुदा करे ज़न्नत जैसी ज़िंदगी आपकी हो।
जो दे रहे हो हमें ये तड़पने की सज़ा तुम,हमारे लिए ये सज़ा ऐ मौत से भी बदतर है।
बिना कसूर के सजा क्यों देते हो,मोहब्बत नहीं है तो बता क्यों नहीं देते हो।
बिना गलती की सजा भी,किसी गलती की सजा से कम थोड़ी है।
.मेरा दर्द.कोई नहीं.समझ पाया, .क्यूंकि.मेरी आदत.थी मुस्कुराने.की.
सजा तो बहुत दी है ज़िंदगी तूने,पर कसूर क्या था मेरा ,ये नहीं बताया।
मोहब्बत नशा है… ये कैसी सजा है, दिल के तड़पने का भी अपना मजा है.
कैसे भूल जाऊं तेरा यह मासूम सा चेहरा,इस चेहरे के आगे मुझे कुछ नज़र नहीं आया,कितना प्यार है तुमसे दुनिया समझ गई,बस एक तुझे ही समझ नहीं आया।।
साफ मन का पता किया तो पता चला वो तो दूसरों की गलतियों को हंस कर माफ़ कर देते है
आखिर देता मुझे ये केसी सजा भी तू है,गलती भी तेरी खफा भी तू है।
अविनाश ने उस से पूछा कैसी हो?, वो बोली ठीक हूं, अविनाश ने उसके पति के बारे में पूछा कि वो कैसा है तुम्हारा ध्यान रखता है ना।
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खुद की हिम्मत पर भरोसा रखगलत लोगों की संगति मत कर,किस्मत तेरी भी बदल जाएगीअगर तू समझ गया सही वक़्त पर।*
ले लो वापस ये आँसू ये तड़प और ये यादें सारी,नहीं हो तुम अगर मेरे तो फिर ये सज़ाएं कैसी।
मिट गए न जाने कितने ख़ुदा की तलाश में,मगर अब तो हर तरफ हम,, ख़ुदा ही ख़ुदा देखते हैं।
ऐसे भी मोहब्बत की सजा देती है दुनिया,मर जाए तो जीने की दुआ देती है दुनिया।
प्यार अगर गुनाह है, तो सजा हमें मंजूर है,प्यार हीं मेरा आधार, प्यार हीं मेरा गुरुर है।
जीते जी हर कोई सताता है,मरने पर वफादारी के गुण बताता है,सच्ची मोहब्बत कर लो किसी सेतो यह मनुष्य बेवजह सजा सुनाता है।
लौटा जब वो बिना जुर्म की सजा काटकर,सारे परिन्दें रिहा कर दिए उसने घर आकर।
तुझे सरप्राइज देना चाहता थापर तू तो यूं हो गई है खफा,गलत मत मानना मुझे प्रियदिल कर गया है यह वफा।
कोने में बैठकर अकेला रो लूंगालेकिन किसी के लिए कुछ बुरा नहीं करूंगा।
यह मेरा सच्चा दिल ही हैजो सिर्फ आपके लिए रोता है,यहां तो रिश्तो का मतलब हीमतलब का रिश्ता होता है।
सब गुनाहो की सजा तुझको मेरा रब देगा,तू भी मेरी तरह नाकाम-ए-मोहब्बत होगा।
अगर मोहब्बत में हदें ना पार करता, तो मैं दर्द ना पाता,तुमसे प्यार करना मेरी गलती थी, यह बात न जान पाता।
माँ बाप ही हमारी सब गलतियों को भुला देते हैं,ज़माने वाले तो जरा सी बात का तमाशा बना देते हैं।
इश्क में कभी कोई ऐसी खता न हो,मिले तो बिछड़ने की सजा न हो।
खुशमिजाजी मशहूर थी हमारी,सादगी भी कमाल की थी।हम शरारती भी इंतेहा के थे,अब तन्हा भी बेमिसाल हैं।
जिन्दगी में अक्सर दूसरे लोग ही गलतियाँ दिखाते हैं,पर ये मत समझ लेना कि वो आपका दिल दुखाते हैं।
एक सड़ा सेब होने परटोकरी में रखा हर सेब सड़ता है,किसी के लिए कितना भी करोलोगों को फर्क नहीं पड़ता है।
कभी किसी गलत इंसान काकभी भी साथी मत बन जाना,उसकी एक गलती से तय हैआपकी जिंदगी का बिगड़ जाना।
मुझसे मोहब्बत करती, तो मेरी गलती माफ़ कर जाती,एक छोटी सी बात पर, यूँ रिश्ता नहीं तोड़ जाती।
गुस्से और नासमझी में अक्सर इंसान कुछ ऐसा कुछ कर देता है,जंहा वो गलत ना हो वंहा भी खुद को गलत कर लेता है।
इश्क में बड़े अदब से सजा दिया जाता है, पहले बड़े प्यार से मिलने बुलाया जाता है, फिर बहाना बना कर भुलाया जाता हैं, फिर अपनी मजबूरियों को दिखाया जाता है.
वो जिंदगी मेरे लिए सजा होगी, अगर तू मेरे साथ नहीं होगी।
आपके लिए बहुत कुछ कियाआपने दे दिया हमें धोखा,यह दुनिया हम पर हंस रही हैआप भी हंस लो, किसने रोका। 😢
गलत लोगों से दूर रहा करोअच्छे लोगों की किया करो संगत,कामयाबी आपके कदमों में आएगीजब आप अपना लोगे यह रंगत।
तेरी चाहत में पागल हुआतुझे कराने चाहता था मजा,वक्त ने बदल दी किस्मतआज भुगत रहा हूंबिना गलती की सजा।
लोग कहते हैंखुद-ब-खुद मिल जाते हैं दिलना पूछी जाती किसी की रजा,गुनाह बन गया इश्क हमारे लिएरो रो कर दिल भुगत रहा है सजा।
किस अनजान गलती की सजा दे गयी वो हमें पता चलेगा तो देखना वो खूब रोयेगी।
शादी ब्याह करने की सोच रहा थातुमने तो नाता ही तोड़ दिया,ऐसे तड़पाने की सजा देनी थीफिर बेवजह यह रिश्ता क्यों जोड़ लिया।
अगर आपका मन गलत नहीं हैतो गलत लोग आपका कुछ नहीं कर पाएंगे,हां यह जरूर है किवो आपकी जिंदगी में आएंगे,थोड़ा-थोड़ा रुलाएंगेलेकिन एक दिन निकल जाएंगे।
उनकी खामोशी ही मेरी सजा है,जानबूझकर दर्द देना उनकी अदा है।
बिना कसूर के सजा क्यों देते हो, मोहब्बत नहीं है तो बता क्यों नहीं देते हो.
अब टूट गया है दिल तो सवाल क्या करे,खुद ही पसंद किया था, तो बवाल क्या करे।
अगर मैं किसी बात से नाराज़ हूँ तो कृपया मुझे माफ़ कर देना .shayari sad shayari
इक मुद्ददत के बाद, जब मैं ख़ुद ढूढ़ने निकला,तब मैं अपनी गलतियों से मिलने लगा।कब और कहाँ किसका दिल दुखाया,यह अहसास होने लगा।
एक सप्ताह बाद नित्या अपनी मीटिंग ख़तम कर के लौट आई थी।
रिश्तें निभाते-निभाते हम ख़ुद के ही गुनाहगार हो गए, बिना खता के ही हम सजा के हकदार हो गए.
कत्ल तुम्हारी नशीली आँखों ने किया, सजा-ए-इश्क़ के जख़्म पर मरहम लगा रहा हूँ.
बिना गलती के यह जिंदगीमुझे सजा दिए जा रही हैपर गलती क्या हैयह चिंता मुझे जताई जा रही है।
मोहब्बत नशा है ये कैसी सजा है,दिल के तड़पने का भी अपना मजा है।
प्यार में गलती गलतियों पर विचार गलती शायरी २ लाइन्स प्यार करने की सजा शायरी किसी के लिए कितना भी करो शायरी
अविनाश ने अपना खुद का एक बिजनेस स्टार्ट किया था तो अब नित्या उसके साथ उसके बिजनेस में हाथ बटाती थी, और वो दोनों खुशी खुशी हमेशा के लिए एक साथ हो गए।
मुझसे क्या गलती हुई मैं समझ नहीं पाया,बिछड़ के तुझसे इन आँखों में आंसू आया,तेरे बिना एक पल भी जी ना पाया ।।
मुझे अब माफ़ कर दो , अब तुम मुझे आज़ाद कर दो, मैं अभी भी उलझन में हूँ, उन्हीं पलों में तुमने अपनी आत्मा खो दी । sorry shayari
इश्क में बड़े अदब से सजा दिया जाता है,पहले बड़े प्यार से मिलने बुलाया जाता है।फिर बहाना बना कर भुलाया जाता हैं,फिर अपनी मजबूरियों को दिखाया जाता है।
रिश्ते निभाने के लिए हम झुके थे,आप से प्यार था हमेंइसलिए हम रुके थे,बड़े बेमतलब में गई आपहमें छोड़कर आप निकल चुके थे।
रिश्तो में तकरार ख़तम करनी पड़ती है,कभी बिना गलती के गलती की सजा भुगतनी पड़ती है।
.मुड़के.देखोगे तो.तन्हाई.होगी..अगर.महसूस.करोगे.तो.हमें.पाओगे
मेरी गलती होगी तो मुझे बताओगे,किसी तीसरे को हमारे बिच में नहीं लाओगे,यही वादे थे मेरे जो उनसे निभाए नहीं गए,अगर यह गलत है तो, सही क्या है बताओ मुझे ।।
अगर सजा दे चुके हो तो किसी से मेरा जिक्र मत करना, अगर मैं बेगुनाह निकला तो तुम्हे जिदंगी भर अफ़सोस होगा।
ना ज़िद है ना कोई गुरुर है हमें,बस तुम्हे पाने का सुरूर है हमें,इश्क़ गुनाह है तो गलती की हमने,सज़ा जो भी हो मंजूर है हमें।
तू साथ है तो फिर कोई गम नहीं, पर तेरा रूठना भी किसी सजा से कम नहीं।
कई सपने ऐसे होते है, जो दीखते तो सुहाने है,पर हक़ीक़त का राज़ होता है छुपा हुआ,प्यार का जोश भी कुछ ऐसा ही है,मंज़िल तो हसीं होती है, पर मुकाम दर्द भरा।
कभी कभी बड़ा गलत कर देता हु,बिन मांगे ही गलत कर देता हु।
इश्क़ कोई गुनाह नहीं होता,फिर क्यों ये दिल है रोता।ये कैसी मोहब्बत करने की सजा पाई है,मेरे अंदर ये कैसी बेबसी और तन्हाई है।
जुदाई में दर्द सहने की सजा सीख ली,तेरी मोहब्बत में हमने वफ़ा सीख ली।
दोस्तों मेरा इरादा गलत नहीं थाअनजाने में गलती हो गई,अब तो माफ कर दो मुझेयह मेरी आप सब से विनती हो गई।
चाहे कुछ भी हो जाये,गुस्से में कभी भी गलत मत बोलना।मुंड तो सही हो जाता है,लेकिन बोली हुई बातें वापस नहीं आती।