Bichadne Ki Shayari In Hindi : बिखरी नहीं हु में हमेशा निखरी हूँ,जब भी किसी से बिछ्ड़ी हु. वो कहता था तुम्हारी कसम,कभी न छोडूंगा तुम्हे,आज देखे हम अभी तक ज़िंदा है वाह,यार क्या झूठी कसम खाई थी तूने.
दोस्ती दर्द नहीं खुशियों कि सौगात है,किसी अपने का ज़िन्दगी भर का साथ है,ये दिलो का वो खूबसूरत एहसास है,जिसके दम से रोशन ये सारी कायनात है।
मेरी जेब में जरा सा छेद क्या हो गया ~ सिक्कों से ज़्यादा तो रिश्ते गिर गये…
फैसला जो कुछ भी हो, हमें मंजूर होना चाहिए जंग हो या इश्क हो, भरपूर होना चाहिए
छोटी सी एक ज़िंदगी थी, ~ वो भी किसी की नफ़रत में गुज़र गई…
नफ़रत हो जाएगीखुद से अगरमेरे जैसे पागलोंकी तरह चाहने पर भीआखिर में इंकार ही मिले।
उम्र गुज़री दवाएँ करते ‘मीर’ ~ दर्द-ए-दिल का हुआ न चारा हनूज़
बदलो को कह दो थोड़ाधीरे बरसेअगर उनकी याद आतो फिरसोच लेना हमसे मुकबलाएक तरफ़ा होगा।
ना मांग कुछ ज़माने से ये देकर फिर सुनाते है किया एहसान जो एक बार वो लाख बार जताते है
नमकीन-सी मेरी ज़िंदगी मेंमिठास घोल देते हो ,बिन सुने मुझेमेरे दिल की बात बोल देते हो।
हमें भी सीखा दो यूँ भूल जाने का हुनर अब हमसे रातों को उठ उठ कर रोया नहीं जाता
खुद से भी रूबरू कभी करा दे मेरे मालिक मुझको; कब तक यूँ परायों में अपने होने के निशाँ ढूँढता फिरू
हमें हमारी जान भले ही प्यारी है पर एक दोस्त जान से भी प्यारा है !
नासमझ तो ये दिल है जो उस वक़्त तेरे साथ जब तू मायूस ~ थी और आज भी जब तू मेरा दिल दुखाकर खुश है।
तेरे पास आने को जी चाहता है ~ नये ज़ख्म खाने को जी चाहता है
तुम कुछ ना कर सकोगे मेरा मुझसे दुश्मनी करके ~ मोहब्बत कर लो मुझसे अगर मिटाना ही चाहते हो!!
बस अपना ही गम देखा है… तुने कितना कम देखा है…
तेरे ख्याल में जब भी बे-ख्याल होता हूँ… कुछ देर के लिए ही सही बे-मिसाल हो जाता हूँ…!
तुम बिन गुजारा नहींतुम्हारे बिन जीना गवारा नहींमोहब्बत है सिर्फ तुमसेक्योंकि इस दुनिया मेंतुम्हारे सिवा हमारा कोईसहारा नहीं।
मेरे इश्क ने तुझे इतना मुश्किल तो कर ही दिया है, कि हासिल करने वाला भी तुझे पूरा नहीं पा सकेगा।।
ये रात हम से बहुत प्यार करती हैंसब को सुलाकर हम से अकेले मे बात करती है.!
खुशबू में एहसास होता है,दोस्ती का रिश्ता कुछ ख़ास होता है,हर बात जुबान से कहना मुमकिन नही,इसलिए तो दोस्ती का नाम विशवास होता है!!
ना जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर, तेरे सामने आने से ज़्यादा तुझे छुपकर देखना अच्छा लगता हैं.
हक् से दो तो नफ़रत भी सर आँखों पर, ~ ख़ैरात में तो मुहब्बत भी मंजूर नहीं…
पापा के बाद जिन्होंने घर कीकुल जिम्मेदारी निभाई हैं,तेज इरादों से भरा हैं जोंओर कोई नही मेरा बड़ा भाई हैं
काश मेरा प्यार भी तुम्हारे जैसा हो जाएदिल को दीदार हर किसी से हो जाए ।हम भी तुमको खुद की तरह रुला पाएज़िन्दगी में ऐसा चमत्कार भी हो जाए ।
शर्तें लगाई जाती नहीं दोस्ती के साथ,कीजे मुझे क़ुबूल मिरी हर कमी के साथ।
ना जाने क्यों तुझसे मिलकर तेरा बिछड़ना याद आता है, जब भी पुरानी बाते यादें आती है तो रोना आता है।
कभी कभी अधूरी मोहब्बतइंसान को पूरा खा जाती हैं।
हम अपने पर गुरुर नहीं करते, याद करने के लिए किसी को मजबूर नहीं करते, मगर जब एक बार किसी को दोस्त बना ले, तो उसे अपने दिल से कभी दूर नहीं करते ।
यदि आप बारिश में भीगने का मजा नही ले रहे हैंतो बारिश की शायरी पढ़ने का मजा लीजिए.
उसे बारिश पसंद हे और मुझेबारिश में वो
मैं खुली किताब हूंलेकिन तुम मुझे पड़ ही नहीं पाएंमेरा इश्क सच्चा थाशायद तुम समझ ही नहीं पाएं।
हर ख्वाहिश तेरी पूरी हो जाए,जो हो कुछ अधूरी तो वह मेरी हो जाए,दुआ है रब से बहना तेरा हर पल,खुशियों की बारिश से भीग जाए।
हर्ज ही क्या है दूसरी मोहब्बत में, पहली मोहब्बत अगर मोहब्बत ही ना हो
घुसा तो रोज आता है एक गलती पर प्यार भी करे हम, इंतज़ार भी करे हम, जताए भी हु, और उनके लिए रोए भी बेहद हम।
रात क्या होती है हमसे पूछिए, ~ आप तो सोये, सवेरा हो गया…
एक तो हुस्न बला, उस पे बनावट आफत घर बिगाड़ेंगे हजारों के, संवरने वाले
मुझे बिछड़ने के बाद अच्छे से जी रहे हो, मुझे भी तुम्हारी ख़ुशी अच्छी लगती है।
सच्ची दोस्ती वो नही होती है,जो हर किसी से हो जाती है।सच्ची दोस्ती वो होती है,जिसके होने से अपना सा महसूस हो।
घर का अँधेरा देख तू , आकाश के तारे न देख..!
सबसे अलग सबसे न्यारे हो आप,तारीफ कभी पुरी ना हो इतने प्यारे हो आप।आज पता चला कि जमाना क्यों जलता है हमसे,क्यों कि दोस्त तो आखिर हमारे हो आप।
जिन्दगी आप की ही नवाजिश है,वरना ऐ दोस्त हम मर गये होते।
जो शख्स हर दर्द को बर्दाश्त करके जीना जानता है, ~ वो शख्स जिंदगी में कभी हार नहीं सकता !!
बहुत मशरूफ हो शायद जो हम को भूल बैठे हो, न ये पूछा कहाँ पे हो न यह जाना कि कैसे हो
तुमसे दूर होकर भी इतना प्यार कर लेते हैंजब करीब आयगे तो कयामत आ जाएगी।
कुछ याद आया तो लिखेगें फिर कभीफिलहाल तो रूह बेचैन है तुम्हे देखने को.
बस इतना पता है किएक दिन में बहुत दूरचला जाऊंगा परतब तक अपने हिस्सेके सारे रिश्ते शिद्दतसे निभाऊंगा।
बहुत कुछ बदल गया मेरी ज़िंदगी में, एक तेरे आने के बाद फिर जाने के बाद !
तेरे ही इख़्तियार में हैं उम्र भर से हम बिस्मिल सईदी
बिछड़ते वक़्त मेरे सारे ऐब गिनाये उसने सोचता हूँ जब मिला था तब कोन सा हुनर था मुझमे
यहाँ हर किसी को दरारों में झाँकने की आदत है दरवाज़े खोल दो कोई पूछने तक नहीं आएगा
देखूं जब भी मैं उसको गौर से, उसमे मुझको मेरी एक दुनिया दिखती हैं
धागे बड़े कमज़ोर चुन लेते है हम, और फिर पूरी उम्र गांठ बांधने में निकल जाती है
मुम्किन है मेरे किरदार में बहुत सी खामिया होंगी पर शुकर है किसी के जज़्बात से खेलने का हुनर नहीं आया
तुम्हारे बाद किसी को दिल में बसाया नहीं हमने तुम चले गए तो क्या यादों को मिटाया नहीं हमने
दे के दिल हम जो हो गए मजबूर इस में क्या इख़्तियार है अपना
सच्ची मोहब्बत वादों से नहीं,परवाह से जाहिर होता हैं..Sacchi mohabbat wado se nahi,Parwah se jahir hota hain…
तेरे साथ सारे गम सहूंगा मैं, जिंदगी में हर पल तेरे संग रहूंगा मैं
मेरी हैसीयत से ज्यादामेरी थाली मे तूने परोसा हैतू लाख मुश्किलें भी दे देमालिक, मुझे तुझपे भरोसा है
तकदीर में कौन है पता नहींदिल में अक्सर अधूरा प्यार रहता है
ये बारिशों की घड़ी दोहरे इम्तिहान की है ~ कि मेरी भी वो ही हालत है, जो मकान की हैं
थोड़ा खुद में खो जाओतुम्हें तुम मिल जाओगे।
सफाइयां देना तो दूर की बात हैमैंने तो अपने हक में बोलना ही छोड़ दिया है
माँ दिल से तेरी याद ना जाये, सुबह रुलाये शाम रुलाये, दर्द-ए-दिल किसको सुनाऊ, घुट-घुटकर मैं जीना ना चाहूँ।
अपनी तकदीर में तो कुछ ऐसे ही सिलसिले लिखे हैं, किसी ने वक़्त गुजारने के लिए अपना बनाया तो किसी ने अपना बनाकर ‘वक़्त’ गुजार लिया,
तेरे गली में आके बदनाम हुए, पुरे जमाना में गुमनाम हुए, तुने वादा किया था बिछड़गे ना हम, तेरे ही प्यार में हम नीलाम हुए।
आँखें हैं बंद क्या इशारा देखूं तेरा हो नज़ारा तो दोबारा देखूं बहुत बची है दुनियां अभी यार तेरी याद से निकलूं तो ज़माना देखूं
कौन कहता है कि नेचर और सिग्नेचरबदलता नहीं, चोट अगर हाथ पर लगेतो सिग्नेचर बदल जाता है औरअगर दिल पर लगे तो नेचर।
ये शीशे ये सपने ये धागे किसे क्या खबर है कहाँ टूट जाये मोहब्बत के दरिया में तिनके वफ़ा के ना जाने किस मोड़ पर डूब जाये!
एक शौक बेमिसाल रखो। हालात जो भी हो…, होंठो पर मुस्कान रखो।
सुनो, तुम भी तो कभी आओ… हर रोज़ अपनी याद भेज देते हो बस.
दुसरो को इतनी जल्दी माफ़ कर दिया करो जितनी जल्दी आप उपरवाले से अपने लिए माफ़ी की उम्मीद रखते हो