2903+ Bichadne Ki Shayari In Hindi | अपनों से बिछड़ने की शायरी

Bichadne Ki Shayari In Hindi , अपनों से बिछड़ने की शायरी
Author: Quotes And Status Post Published at: September 11, 2023 Post Updated at: April 7, 2024

Bichadne Ki Shayari In Hindi : बिखरी नहीं हु में हमेशा निखरी हूँ,जब भी किसी से बिछ्ड़ी हु. वो कहता था तुम्हारी कसम,कभी न छोडूंगा तुम्हे,आज देखे हम अभी तक ज़िंदा है वाह,यार क्या झूठी कसम खाई थी तूने.

पत्थर को भी संभाल कर रखता हूँ मैं किसी का बुरा क्या करूँगा मैंने उसे छोड़ दिया उसके हाल पर अब उसकी यादों का भी क्या करूँगा

अपनी खुशियों का घोट कर गला तुमने,जमाने की हर रीत तुमने निभाई,दुआ है रब से अब कोई गम ना आए,तेरी जिंदगी में बहना।

उम्र ए रवानी फिर ना मुस्कराई बचपन की तरह, हमने बड़ों के खिलौने भी ख़ूब खरीद के देख लिए **********************************

मुझे तो तोफे में अपनों का वक़्त पसंद है मगर आज कल इतने महंगे तोफे देता कौन है

मैंने सलीका न सीखा बगीचे की बागवानी का ~ फ़ूल हो या कांटे इश्क बराबर करता हूं मैं!!!

बहुत दिनों से थी ये आसमान की साजिश,आज पूरी हुई उनकी ख्वाहिश,भीग लो अपनों को याद कर के,मुबारक हो आपको साल की ये पहली बारिश।

साथ बारिश में लिए फिरते हो उस को ‘अंजुम’तुम ने इस शहर में क्या आग लगानी है कोई

एक लफ्ज उनको सुनने के लिए कितने, आल़्फा़ज लिखे हमने, जमाने के लिए उनका मिलना ही मुकद्दर में ना था, वरना क्या कुछ नहीं किया उसको पाने के लिए,

जाते जाते मुड़ कर देखा ही नहीं उसने अपने कदमों को रोका ही नहीं यादें तो सताएगी ज़िन्दगी भर पर उसने मेरे बारे 2 पल सोचा ही नहीं

दोस्त दवा से भी ज्यादा,अच्छे होते है क्योंकि।अच्छी दोस्ती की कोई,एक्सपायरी डेट नहीं होती।

इक शख्स.. कुछ लम्हे.. कई यादें बतौर इनाम मिलेइक सफर पर निकले और तजुर्बे तमाम मिले।

कभी वापस जुड़ेगा भी दिल को ऐसे तो कर गया है, कहीं एक पल भी उसे भुला ना दूँ यादों को पास मेरे छोड़ कर गया है।

उसे अभी पाया भी नहीं था ठीक से, कि भूलाने के दिन आ गए।

रोता देखकर वो ये कह के चल दिए कि रोता तो हर कोई है क्या हम सब के हो जाएँ!!!

ए बादल इतना बरस की नफ़रतें धुल जायें,इंसानियत तरस गयी है प्यार पाने के लिये..!!

_*तेरा नाम था आज किसी अजनबी की जुबान पे… बात तो जरा सी थी पर दिल ने बुरा मान लिया…*_

ऐ दोस्त यूँ तो हम तेरी हसरत को क्या कहें,लेकिन ये ज़िंदगी भी कोई ज़िंदगी नहीं।

लंबी है मंजिल दूर है किनाराये दोस्त क्यों नहीं अता आज कलSMS तुम्हारा। ……भूल गए हमे या मिल गएतुम्हे कोई हमसे भी कोई प्यारा

तुम कहाँ उनकी उम्मीद लगाए बैठे हो,वो कहीं और दिल लगा बैठे है..!

आंखों को सुकून मिलता हैजब तुम सामने होती होतुम्हारे दूर चले जाने सेआँखों में नमी रहती है।

हम इतने भी दिलेर नहीं हैं साहेबमोहब्बत के बाद फ़िर मोहब्बत करें.!

आया ही था ख्याल के आँखें छलक पड़ी, आंसू तुम्हारी याद के कितने करीब थे।

थोड़ी सी तो जिंदगी थी,कयां तेरा बिछड़ना जरूरी था ।

हम उम्मीदो कि दुनिया बसाते रहे , वो भी पल पल हमे अजमाते रहे, जब मुहब्बत में मरने का वक्त आया, हम मर गए और वो मुस्कराते रहे,

हम जानते हैं आप रूठे हो हमसे इस लिए इतना दूर होमगर लौट आओ हम बेताब है आपको मनाने के लिए।

वो जिंदगी भी मौत से कम नहीं हैं,अगर दिल में रहनेवाले जिंदगी मेंनही हैं !

काश वो पल ही न आये ~ जिस पल तू जाये

जब उमर सफेद हो जाएगी, मुझे तब भी तेरा साथ चाहिए

मुझे छूकर एक फकीर ने कहाअजीब लाश है सांस भी लेती है।

एक शाम आती है तुम्हारी याद लेकर, एक शाम जाती है तुम्हारी याद देकर,

दुनियादारी में हम थोड़े कच्चे हैं, पर दोस्ती के मामले में सच्चे हैं, हमारी सच्चाई बस इस बात पर कायम है, कि हमारे दोस्त हमसे भी अच्छे हैं।

मोहब्बत वो चीज़ है मेरे दोस्त,जो हस्ते हुए को भी रुला देती है।

दोस्ती का तोफ़ा हर किसी को नहीं मिलताये वो फूल है जो हर बाघ में नहीं खिलताइस फूल को कभी टूटने मत देना क्यू केटूटा हुवा फूल किसी के काम नहीं आता..!

जिंदगी में बार बार सहारा नहीं मिलता,बार बार कोई प्यार से प्यारा नहीं मिला।है जो पास इस्तेमाल करें संभल कर रखें,खोकर वो यार फिर दोबारा नहीं मिलता।

ऐ दोस्त जब भी तू उदास होगा,मेरा ख्याल तेरे आस-पास होगा।दिल की गहराईयों से जब भी करोगे याद हमें,तुम्हें.. हमारे करीब होने का एहसास होगा।

ज़रा गौर करो उन बातोंपरजो सालों से वो कहता हैतुम्हारी ही फिक्र मेंहर पल वो रहता है।

दिल की तकलीफ़ कम नही करते,अब कोई शिकवा हम नही करते….

गलतियां गिनवाने ज़माना आएगारिश्तों में दी गई कुर्बानी कौन याद रखेगा

बारिश की बूंदो में झलकती हेउसकी तस्वीरआज फिर भीग बैठे उसेपाने की चाहत में

.फलक* देता है जिनको ऐश उनको गम भी होते हैं जहां बजते हैं नक्कारे, वहां मातम भी होते हैं

तुझे मांगते तो सब है पर हमने तेरी खुशी मांगी थी, और उसने पहली बार मेरी दुआ कबुल की.

😉 अगर दोस्त बनाना तुम्हारी कमज़ोरी हैतो तुम दुनिया के सबसे ताकतवर इंसान हो | 🤝

वो बारिश की बूंदों को बाहें फैला कर समेट लेता है,वो जानता है कि हर बूंद उसकी ही तरह तन्हा है।

अंधेरों के लिए कुछ आफताब माँगे हैं, अपने लिए हमने दोस्त कुछ ख़ास माँगे हैं,

कुछ इख़्तियार किसी का नहीं तबीअत पर ये जिस पे आती है बे-इख़्तियार आती है -jaleel-manikpuri

मेरे दोस्तों की पहचान इतनी मुशिकल नहीं वो हँसना भूल जाते हैं मुझे रोता देखकर!!!

होती है बड़ी ज़ालिम एक तरफ़ा मोहब्बत ~ वो याद तो आते हैं मगर अफसोस हमें याद नहीं करते…

पकड़ कर आसरा दीवार के एक कोने का, सोचता हूँ क्या तुझे भी फ़र्क़ पड़ता होगा मेरे होने ना होने का।

तुम नही आओगे मुझे मालुम है,पर तुम्हारी यादें… इन्हें कौन रोक सकता है।

खामखा जाया किया वक़्त मेरा, चाहता ही नहीं था मुझे दिल तेरा।

ये मोहब्बत का नया दौर हैजहा हम थे वहां कोई और है!

आज एक तलाश मै हूं, ज़िन्दगी के सबसे खूसूरत सुकून की, और ये सुकून माँ की गोद से शुरू होकर मेरी नींद आने तक रहता हैं।

दोस्ती हर चहरे की मीठी मुस्कान होती है,दोस्ती ही सुख दुख की पहचान होती है।रूठ भी गऐ हम तो दिल पर मत लेना,क्योकि दोस्ती जरा सी नादान होती है।

किनारों से मुझे ऐ नाख़ुदा दूर ही रखना.. ~ वहाँ ले कर चलो, तूफ़ान जहां से उठने वाला हैं।

जो तू मेरा हो गया अब और क्या कहूं, मुझे मेरी दुनियां मेरा रब मिल गया

माँ मेरे जीवन का हर एहसास हो तुम बेशक पास नहीं पर, आज भी सबसे खास हो तुम।

इस दौर के लोगो में वफ़ा ढूंढ रहे हो बड़े नादान हो साहब ज़हर की शीशी में दवा ढूंढ रहे हो

न जाने कौन सी दौलत है, कुछ दोस्तों के लफ्जों में, बात करते है तो दिल ही खरीद लेते हैं ।

सख्त राहों में भी आसान सफ़र लगता है, ये मेरी माँ की दुआओं का असर लगता है।

तेरे शहर में आये बरसात हो गई !!फिर एक अजनबी से मुलाक़ात हो गई !!

मिलना था इत्तेफाक, बिछड़ना नसीब थावो उतनी ही दूर गया, जितना करीब था ।

प्यार को जो तूने मतलब का नाम दिया,हमने भी तेरे साथ के सपने सजाएं है।

बिखरी नहीं हु में हमेशा निखरी हूँ, जब भी में किसी अपने प्यारे से बिछ्ड़ी हूँ।

दिल से निकली ही नहीं शाम जुदाई वाली, तुम तो कहते थे बुरा वक्त गुजर जाता है !

दिन में मसरूफ़ होते हैं इंतजार में कि रात हो तो आपसे बात हो

मेरी हैसीयत का अंदाज़ा ये सोंच के लगा लो ~ हम उसके नहीं होते जो हर किसी के हो जाते हैं

बरसात की भीगी रातों में फिर कोई सुहानीयाद आई कुछ अपना ज़माना याद आयाकुछ उनकी जवानी याद आई,

नींदे बिछड़ गई आँखों से फिर आंसुओं का इनसे याराना हुआ, तेरे संग था तो ठीक था तेरे जाने के बाद देख क्या हुआ।

धूप मायूस लौट जाती है ~ छत पे कपडे सुखाने आया कर ….

ए सुदामामुझे भी सिखा दें,कोई हुनर तेरे जैसा।मुझे भी मिल जायेगा,फिर कोई दोस्त कृष्ण जैसा।

ज़मीन का टुकड़ा फलक को प्यारा मर रहा एक झलक को प्यारा सांसें लेना याद नहीं पर हमको उसपर मरना प्यारा

तुझे चाहा तो बहुत इजहार न कर सके,कट गई उम्र किसी से प्यार न कर सके,तूने माँगा भी तो अपनी जुदाई माँगी,और हम थे कि तुझे इंकार न कर सके।

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