Bichadne Ki Shayari In Hindi : बिखरी नहीं हु में हमेशा निखरी हूँ,जब भी किसी से बिछ्ड़ी हु. वो कहता था तुम्हारी कसम,कभी न छोडूंगा तुम्हे,आज देखे हम अभी तक ज़िंदा है वाह,यार क्या झूठी कसम खाई थी तूने.
वो कहते हैं हम उन्हें याद नहीं करते, उन्हें कैसे बताए, याद उन्हें किया जाता है जिन्हे भूल चुके हों !!
सुकून ऐ दिल के लिए कभी हाल तो पूँछ ही लिया करो, मालूम ~ तो हमें भी है कि हम आपके कुछ नहीं लगते…
दिल लगी दोस्तो के नाम होती है,दिल दारी दोस्तों की शान होती है।रहोगे दिल में जो मेरे हमसा तुम,यही सच्ची दोस्ती की पहचान होती है।
आँसू गिरने की आहट नही होती दिल के टूटने की आवाज नहीं होती, गर होता उन्हें एहसास दर्द का तो दर्द देने की उन्हें आदत नहीं होती।।
लोग खेलतें दिल के साथ हैं,लेकिन तमासा जिंदगी का बन जाता है।
हर किसी कै किसमत मै ऐसा लिखा नही हौता,हर मंजिल मै तैरै जैसा दौस्त का पाता नही मिलता।मैरी तकादीर हौगी कुछ खास,वरना तैरै जैसा यार मुझै कहा मिलता।
तमाम उम्र ताल्लुक़ का बोझ कौन सहे ~ उसे कहो के चुका ले हिसाब कितने हैं…
एक दुरिया ही है जो हमें सिखाती हैकी नज़दीकिया क्या होती है।
मेरी दहलीज़ पे आ रुकी है दस्तक ऐ मुहब्बत ~ मेहमान नवाज़ी का शौक़ भी है और उजड़ जाने का खौफ़ भी!!!
जीने की उसने हमें नयी अदा दी है,खुश रहने की उसने हमें दुआ दी है,ऐ खुदा उसको खुशियाँ तमाम देना,जिसने अपने दिल में हमें जगह दी है।
तुझ से मिलने को बे-क़रार था दिल,तुझ से मिल कर भी बे-क़रार रहा.
मरने का तेरे इश्क में इरादा भी नहीं है है इश्क मगर इतना ज्यादा भी नहीं है!!!
किसी भी मौसम में खरीद लीजिये जनाब, मोहब्बत के ज़ख़्म हर मौसम में ताज़ा मिलेंगे
थोड़ी मोहब्बत तो उसे भीहुई होगी मुझसे वरनादिल तोड़ने के लिएकोई इतना वक्त बरबादनहीं करता।
सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें
ये तो तुम ही जानते हो कितुम्हें कितने मौके मिलेपर तुम ये न जानते कीवो मौके सिर्फ तुम्हें मिले।
पुरी रात करी है बाततिरे बिना तेरे तस्वीर के साथ।
दिल से निकाले जाने वाले यादों को भी अपने साथ ले जाना
जवान आँखों के जुगनू चमक रहे होंगे अब अपने गाँव में अमरुद पक रहे होंगे
दोस्ती दर्द नहीं खुशियों कि सौगात है, किसी अपने का ज़िन्दगी भर का साथ है, ये दिलो का वो खूबसूरत एहसास है, जिसके दम से रोशन ये सारी कायनात है।
बेमतलब की जिन्दगी का अब सिलसिला खत्म…अब जिस तरह की दुनिया उसी तरह के हम…
आपको बारिश पसंद हेमुझे बारिश में तुमतुम्हे हसना पसंद हेमुझे हसते हुए तुमतुम्हे बोलना पसंद हेमुझे बोलते हुए तुमतुम्हे सब कुछ पसंद हेऔर मुझे बस तुम।
है होंठ तेरे किताबों में लिखी तहरीरों जैसे, ऊँगली रखो तो आगे पढने को जी करता है…
किसी में मिल कर पूरा होना नहीं है मुमकिन,जिससे बाँट सको अपना अधूरापन वहाँ ठहर जाना।
लोगो को हद से जयादा इज़्ज़त और भरोसा दोगे वो उठाकर आपके मुँह पर बेइज़्ज़ती और धोखा ही मरेगा
कितनी छोटी सी दुनिया है मेरी, एक मैं हूँ और, एक मेरा पागल दोस्त!
कहते हैं दिल की बात हर किसी को बताई नहीं जाती पर दोस्त तो आईने होते हैं और आईने से कोई बात छुपाई नहीं जाती ।
उनसे मिलने को दिल चाहता है,कुछ सुनने सुनाने को दिल चाहता है,था किसी के मनाने का अंदाज़ ऐसा,फिर रूठ जाने को दिल चाहता है.
दिन भर भटकते रहते हैं अरमान तुझसे मिलने के,न ये दिल ठहरता है न तेरा इंतज़ार रुकता है।
बरिश हो अगर उसमे तुम ना होतो फिर बरिश का मजा नहीं आता।
बड़ी मुददत से मिलता है बड़ी शिददत से चाहने वाला
ख़ुशी मेरी तलाश में दिन रात यूँ ही भटकती रही.., कभी उसे मेरा घर ना मिला कभी उसे हम घर ना मिले
लफ्ज़ो से कहा लिखी जाती है ये बेचैनियां मोहब्बत की, मैंने तो हर बार तुम्हे दिल की गहराइयों से पुकारा है.
कितने कमाल की होती है ना दोस्ती,वजन होता है लेकिन बोझ नही होती।
कुछ पेड़ भी बे-फ़ैज हैं इस राह-गुज़र के ~ कुछ धूप भी ऐसी है के साया नहीं होता
मोहब्बत पर लगे इल्जाम से पहचानते हैं !अब तो लोग भी मुझे तेरे नाम से ही जानते हैं !!
कुछ ख़ास नहीं अब बस खामोश हूँ इस दिन की अब कहीं रात नहीं होगी यादें तो उम्र भर साथ चलेंगी पर उस बेवफा की अब कहीं बात नहीं होगी
हम जागते रहे दुनिया सोती रही,इक बारिश ही थी, जो मेरे साथ रोती रही.
ले चलो फिर मुझको पहाड़ों पे यारों,ये शहरों की हवाएं अब चुभने सी लगी हैं।
दर्द को छोड़ कर हार में तू राज़ी है भूल रहा तेरे हाथो में अभी बाज़ी है
तुम बात नहीं करते तो बस अच्छा नहीं लगता
बेसक लड़ाई किया करो नराज रहा करोज़िन्दगी है इसका भरोसा नहीं साथ रहा करो।
गुनगुनाना तो तकदीर में लिखा कर लाए थे,खिलखिलाना दोस्तों से तोहफ़े में मिल गया।
जहाँ धूप है, वहाँ छांव भी होगी, मेरी हर खुशी, तेरी कामयाबी से होगी, कभी आजमा के देख लेना, तेरे लिए मेरे दोस्त, हर खुशी कुर्बान होगी।
ज़ख्म देकर ना पुछा करो, दर्द दर्द होता है थोड़ा क्या ज्यादा क्या।
दिल में अनजाना सा एहसास,जैसे बारिश चुपके से कुछ कह रही है,न जाने कौन सी कशिश है इस बारिश में,जो साथ में यादें भी ले आई है।
सोचा तो यही था की याद नहीं करेंगे पर ये दिल कहाँ किसी की सुनता है
तेरी नफरतों ने आज मेरा जीना आसाँ कर दिया ~ तेरी मोहब्बत में तो जीना दुश्वार ही था मेरा,.,!!
मोहब्बत का शौक यहां किसे था, तुम पास आते गए और मोहब्बत होती गई.
इस दो पल की ज़िन्दगी मेंहज़ार बार मर चुका हूँ मै।
कुछ अहसासों का कर्जदार हूँ,कुछ उधार मुझ पर अभी बाकी है।मिल जाएँ कहीं बिछड़े यार,तो मैं उनका हिसाब चुकता करूँ।
नाम तुम्हारा लबो पर आयाकमबख्त ये लब्ज भी ज़ज़्बात समझते है
ताल्लुकात बढ़ाने हैं तो कुछ आदतें बुरी सीख लो.. ऐब न हों..तो लोग महफ़िलों में नहीं बैठाते..
जुदा भी हो के वो एक पल कभी जुदा न हुआ, ये और बात है कि देखे उसे ज़माना हुआ। !
कहा जाऊंगा मैं तुम्हे छोड़कर ,कि तुम्हारे बिना जब रात नहीं गुज़रती –तो ज़िंदगी कैसे गुज़रेगी।
पी ली दारू, चलेगी अब विस्की, घर ना जाना मेरे दोस्त पी के, क्युकी, वाइफ बहुत हैं रिस्की।
पहले जो अकेला नहीं छोड़ता था आज अकेला कर गया है, सवेरे सी थी मेरी ज़िन्दगी आज उसमे तू अँधेरा कर गया है।
कभी हो मुखातिब तो कहूँ क्या मर्ज़ है मेरा, ~ अब तुम दूर से पूछोगे तो ख़ैरियत ही कहेंगे…
जिंदगी के वो पल,मुझे अक्सर रुला जाते हैं।बिछड़े हुए दोस्त,जब यादों में लौट आते हैं।
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आँखों में आंसू और थे सूखे हुए गुलाब तुम्हारे नशे से उतरे और हाथों में शराब
सवाल पानी का नही प्यास का है सवाल मौत का नही साँसो का है दोस्त तो बहुत है दुनिया में मगर सवाल दोस्ती का नही विश्वास का है।
“दौड़ने दो खुले मैदानों में , इन नन्हें कदमों को साहब .!
छोटे से दिल में गम बहुत है,जिन्दगी में मिले जख्म बहुत हैं।मार ही डालती कब की ये दुनियाँ हमें,कम्बखत दोस्तों की दुआओं में दम बहुत है।
पलट कर जवाब देना बेशक गलत बात है लेकिन सुनते रहो तो लोग बोलने की हदें भूल जाते है
बस इन्सान ही है जो किसी से मिलता जुलता नहीं, … वरना ज़माना तो भरपूर मिलावट का चल रहा है……
पी लो दोस्तो, आज हैं रात सुहानी, टेंशन ना लो बेटा, आ गया हमारा दोस्त अंबानी।
…..जरा शिद्दत से चाहो. तभी होगी आरज़ू पूरी हम वो नहीं जो तुम्हें खैरात में मिल जायें ..
जरा पढ़कर देखो मेरी कहानीहर पन्ना दर्द से भरा पड़ा है।
चेहरों से होती है खूबसूरती जनाब, दिल की इस दुनिया में औकात कुछ नहीं
ज़रा भी नहीं आती याद उन्हें वो जो कहते थे तुम्हारे बिना मर जायेंगे
तू अपनी रफ्तार पे इतना ना ईतरा,ऐ जिंदगीअगर मैंने रोक ली साँसे तो,तू भी चल नही पायेगीs