Bichadne Ki Shayari In Hindi : बिखरी नहीं हु में हमेशा निखरी हूँ,जब भी किसी से बिछ्ड़ी हु. वो कहता था तुम्हारी कसम,कभी न छोडूंगा तुम्हे,आज देखे हम अभी तक ज़िंदा है वाह,यार क्या झूठी कसम खाई थी तूने.
खून किसी का भी गिरे यहां , नस्ल-ए-आदम का खून है आखिर बच्चे सरहद पार के ही सही , किसी की छाती का सुकून है आखिर
जिन दोस्तों के बिना एक एक लम्हा नहीं कटता थाआज उन्हीं Dosto के बिना जिंदगी बीत रहीं हैं।
अब रातभर ये उधम मचाएंगी, ख्वाहिशे दिन में खूब सोयीं हैं..!!
दुआ उस ने भेजी है कुछ इस अदा से, ~ सदा ख़ुश रहो तुम हमारी बला से **************************************
शाम खामोश खड़ी है घर की दहलीज़ पर, वक्त हो चला है उनकी यादों के आने का
खामोशियों में धीमी सी आवाज़ है,तन्हाईयों में भी एक गहरा राज़ है,मिलते नही हैं सबको अच्छे दोस्त यहाँ,आप जो मिले हो हमें खुद पर नाज़ है।
तुम्हारा तुम कहकर रोज़ झगड़ना मुझसे,तुम्हारा आप कहकर बिछड़ने से अच्छा था.
ऐ फलक* चाहिए जी भर के नजारा हमको जाके आना नहीं दुनिया में दोबारा हमको
जिस्म की दरारों से रूह नज़र आने लगी है, बहुत अंदर तक तोड़ गया है इश्क़ तुम्हारा !
बारिश और चाय शायरीक्या मस्त मौसम आया है,हर तरफ पानी ही पानी लाया है,तुम घर से बाहर मत निकलना,वरना लोग कहेंगे बरसात हुई नहीं,और मेंढक निकल आया है।
टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख करवो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए
मिलना ही है तोखुशी से मिलोये दुनिया की रीततो सब निभाते हैं।
भूलूँगा अगर तुझे, तो जी ना पाउँगा याद भी रखा अगर तो मर जाऊंगा ♥♥♥
तेरा चले जाना एक ख़्वाब सा लगता हैतुझे आज भी हम दिल से मोहब्बत करते हैं।
ज़िंदगी से यही गिला है मुझेतू बहुत देर से मिला है मुझे।
ज़रा ठहरो, बारिश थम जाए तो फिर चले जानाकिसी का तुझ को छू लेना मुझे अच्छा नहीं लगता !!
कही धूप है तो कही छाय भी होगी,मेरी हर ख़ुशी यार तुम्हारें नाम होगी।कबही माग कर तो देख मुझसें ऐ दोस्त,होठो पे हसी हथेली पे मेरी जान हाजिर होगी।
पूछा जो हमने किसी और की होने लगी हो क्या,वो मुस्कराकर बोली पहले तुम्हारी थी क्या ….
वो दर्द बहुत अलग होता है,जिस दर्द को बाटने के लिए कोई भी ना हो…
उसने मेरी हथेली पे नाजुक सी ऊँगली से लिखा ” मुझे प्यार है तुझसे ” जाने कैसी स्याही थी वो लफ्ज मिटे भी नही और आज तक दिखे भी नही!!!
हम अपने पर गुरुर नहीं करते,याद करने के लिए किसी को मजबूर नहीं करते।मगर जब एक बार किसी को दोस्त बना ले,तो उससे अपने दिल से दूर नहीं करते।
तुमसे इज़हार ना कर पाने की इतनी सी वजह है ~ मैं तुम्हारे सामने आते ही होश में नहीं रहता
हम नादान थे जो उन्हें हमसफर समझ बैठे थे, जो चलते थे हमारे साथ पर किसी और की तलाश में।
मुहब्बत का इम्तिहान आसान नहीं! प्यार सिर्फ पाने का नाम नहीं! मुद्दतें बीत जाती हैं किसी के इंतज़ार में! ये सिर्फ पल-दो-पल का काम नही
लम्हें ये सुहाने साथ हो ना हो, कल मे आज जैसी बात हो ना हो, दोस्ती रहेगी हमेशा दिल में, चाहे पूरी उम्र मुलाकात हो ना हो ।
ज़रूरत’ दिन निकलते ही निकल पड़ती है ‘डयूटी’ पर, ~ ‘बदन’ हर शाम कहता है कि अब ‘हड़ताल’ हो जाए ।।
हुई मोहब्बत तो यू जीने लगा ।चाय का शौकीन सिगरेट पीने लगा….!
मकान बन जाते है कुछ दिनों में, ये पैसा कुछ ऐसा है, और घर टूट जाते है चंद पलों में, ये पैसा ही कुछ ऐसा है…!!! 167
तुम कुछ ना कर सकोगे मेरा मुझसे दुश्मनी करके ~ मोहब्बत कर लो मुझसे अगर मिटाना ही चाहते हो…
जरूरी नहीं की कोई बात ही चुभेबात ना होना भी चुभता है बहुत
यादों में उनके यह शाम भी खो दी एक दिन रूबरू होकर सब पाने के वास्ते ♥♥♥
भूल कर भी अपने दिल की बात किसी से मत कहना, ~ यहाँ कागज भी जरा सी देर मे अखबार बन जाता है॥
ज़िन्दगी के तूफानों का साहिल है दोस्ती,दिल के अरमानों की मंज़िल है दोस्ती,ज़िन्दगी भी बन जाएगी अपनी तो जन्नत,अगर मौत आने तक साथ दे दोस्ती।
जादू है या तिलिस्म* है तुम्हारी जुबान में तुम झूठ कह रहे थे, मुझे एतिबार था
तुम्हे देखकर कुछ बोल नही पाता हूं, तुझे देखे बिना मैं चैन से रह नही पाता हूं.
मै ख़त्म रो रही हूं तुझको आबाद करके,तू भी रोएगा एक दिन मुझको बर्बाद करके…!!!
तेरे वादे पर सितमगर* अभी और सब्र करते अगर अपनी जिन्दगी पर हमें एतबार होता
एक रोज़ पूरा छोड़ दिया मैंने उसको,वो रोज़ मुझे थोड़ा थोड़ा छोड़ता था ।
जान लेने पे तुले है दोनों, मेरा इश्क हार नही मानता, दिल बात नही मानता.
चलो..तलाशते है..कोई तरीका ऐसा… मंद “हवा” भी चले… और “चिराग” भी जले…!!!
किसे यकीन की तुम देखने को आओगे, ~ आखिरी वक़्त मगर इंतज़ार और सही.
रिश्ते संजोने के लिए मैं हमेशा झुकता ही रहा ~ और लोग इसे मेरी औकात समझ बैठे…
जब भी दुआ मांगते हैं रब सेतेरा ज़िक्र आ ही जाता है फिरचाहो आरसे हो गए हो हमें बिछड़े।
दोस्ती इम्तिहान नहीं एतबार मांगते है नजरें कुछ और नहीं बस दोस्त की खुशी मांगते है ।
उम्र भर का गम हमने खुद ही कमाया है, उस बेवफा शख्स को दिल से लगाया है।
तु याद करे या ना करे मेरी खुशी। हम तो तुम्हें याद करते रहते हैं। तुझे देखने को दिल तरसता हैं। हम तो इंतजार करते रहते हैं।
तू चेहरे की बढ़ती सलवटों की परवाह ना कर, हम लिखेंगे अपनी शायरी में हमेशा जवाँ तुझको..! **********************************
हम तो आँखों में संवरते हैं वहीं संवरेंगे हम नहीं जानते आईने कहाँ रखें हैं!!
तेरे गली में आके बदनाम हुए, निगाहे जमाना में बेनाम हुए, तुने वादा किया था भिछड़ेंगे ना हम, तेरे ही इश्क में हम नीलाम हुए।
हैरत से तकता है सहरा बारिश के नज़राने कोकितनी दूर से आई है ये रेत से हाथ मिलाने को
सच्चा हमसफ़र चेहरे का नहींदिल का दीवाना होता है
हम खुद अफ़साने के बाहर आ गए, ~ मर ही जाते ऐसे किरदारों के बीच…
है खबर अच्छी कि आजा मुंह तेरा मीठा करें ~ नफरतें तेरी हुई हैं बाखुशी दिल को कुबूल!!!
एक जरूरत छुपी होती है, ~ जब कोई कहता है ‘मुझे एकेला छोड़ दो…
की नही होता अफसोस अब तुझे खोने में जब तुम्हे ही शौक था किसी और का होने में।
एक तुम ही ना मिल सके वरना, ~ मिलने वाले बिछड़ बिछड़ के मिले
खामोशिया बोल देती हैं 🌿जिनकी बाटे नहीं होती ,इश्क़ तो वो करते हैं 🌿जिनकी मुलाकते नहीं होती ! 🍁
जिंदा रहा तो तुम्हारा साथ निभाऊंगा दोस्तो,अगर कभी भूल गया तो समझ लेना कि शादी हो गयी।
बीती रात की उदासियाँ अभी भी मौजूद ही थी… बहला ही रहा था दिल को, कि फिर रात हो गयी…
बुत भी रक्खे हैं नमाज़ें भी अदा होती हैं, ~ दिल मेरा दिल नहीं अल्लाह का घर लगता है
दोस्ती बहुत ही खास रिश्ता है जिसके कारण जीवन का गुजारा स्वस्थ और सुन्दर होता है
तेरी महफ़िल और मेरी आँखें दोनों सदा ही भरी-भरी रहती हैं
जिंदगी में कुछ दोस्त बन गये,कोई दिल में तो कोई आँखों में बस गये।कुछ दोस्त अहिस्ता से बिछड़ते चले गये,पर जो दिल से ना गये वो आप बन गये।
बहुत जी चुके उनके लिये जो मेरे लिये सब कुछ थे, ~ अब जीना है उनके लिये जिनके लिये मैं सब कुछ हूँ
सिखाई है कुछ बाते जिंदगी ने, के हम उनके लिए सबसे ज्यादा जरूरी थे, मगर हर वक्त नही।
मोहब्बत नही, शायद दिल्लगी रही होगी“वरना” मेरा पल भर का बिछड़ना भी उनके लिए कयामत होता
हमने कहा उनसे हम बहुत रोते हैं तुम्हारे लिए, वो बोले रोते तो सब हैं तो हम क्या सबके हो जाए
अपने वो होते हैं जो समझते भी हैंऔर समझाते भी हैं.।
जाहीर हो जाए वो दर्द कैसाखामोशी ना समझ पाए वो हमदर्द कैसा ।
Athar:दोस्त बहुत जरूरी है इस सफर-ए-जिंदगी में,रात में साथ चाय पीने महबूब नहीं आते…
“थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगीमुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे…!!”
जब जब लोग परेशान हो जाते हैं ~ तो काफी हद तक इंसान हो जाते हैं!!!